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केदारताल यात्रा – दिल्ली से गंगोत्री

केदारताल यात्रा – दिल्ली से गंगोत्री

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जिस नंबर पर आप संपर्क करना कहते हैं वो अभी स्विच ऑफ है या नेटवर्क छेत्र से बहार है… ऋषिकेश में शुबह के 4:30 बज रहे थे और मेरी इस यात्रा के साथी प्रशांत ने मुझे यहीं मिलना था लेकिन उसका फ़ोन स्विच ऑफ आ रहा था। मै दिल्ली से 16 जून की रात को चला था और प्रशांत देहरादून से आकर रात बिताने के लिए ऋषिकेश में किसी होटल में ठहरा हुआ था और सुबह हम दोनों को मिलकर उत्तरकाशी की ओर रवाना होना था। प्रशांत ने मुझे रात को ही बता दिया था की वो किस होटल में ठहरा है लेकिन मुझे होटल का नाम याद नहीं था, बस इतना याद था की होटल त्रिवेणी घाट के पास है। अब समझ में नहीं आ रहा था की क्या किया जाए। सुबह सुबह सड़क पर एकदम सन्नाटा था और मै इधर उधर टहल कर टाइम पास करने लगा की तक़रीबन बीस मिनट बाद मेरे फ़ोन की घंटी बजी, देखा की प्रशांत का ही फ़ोन है। मै प्रशांत के बताये हुए रस्ते पे चल पड़ा और कुछ ही मिनटों में उसके होटल के कमरे में पहुँच गया।

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Bull’s Retreat – OUTTA THIS WORLD!

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Driving through Rishikesh in darkness, we could not see much except the twinkling diyas after Arti on the banks of Ganga. Though it was pitch dark, it was impossible to miss well lit billboard of the Bull’s Retreat ahead of Shivpuri village and we were warmly greeted by courteous Mohinder and staff of Retreat who shifted quickly our baggage to two rooms alloted to us.

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ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग

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‘जय गंगा मैया’ की ध्वनि के साथ हम लोग राफ्ट लेकर चल पड़े | राफ्टिंग में सर्वाधिक आनंद पर्वतों के बीच से बहती तेज नदी के बीच एक छोटे से राफ्ट से बड़े बड़े हरे-हरे पर्वतों को देख कर होता है | ऐसा लगता है मानो मनुष्य न जाने क्यों गर्व करता है प्रकृति के सामने उसकी कोई सत्ता नहीं है | बड़े बड़े खड़े पर्वत किसी साधना में लीन साधु की तरह लग रहे थे | उनके ऊपर उगे पेड़ झाड़ियाँ उनके बढ़ी हुई दाढ़ी की तरह और चोटियाँ सर के चोटी की तरह प्रतीत हो रही थी | यही शांत, सुखमय वातावरण मानसिक और आतंरिक रूप से संतुष्टि प्रदान करता है | अक्सर चारों ओर देखने में, मैं एक दो पल के लिए भूल भी जाता था; की राफ्टिंग कर रहा हूँ | होश तब आता जब हमारे कमांडर आगे आने वाले रैपिड के लिए आगाह करते | शिवपुरी से राम झुला तक लगभग 16km की राफ्टिंग में कुल नौ रैपिड आते हैं जिन्हें एक से लेकर 5 डिग्री तक चिन्हित किया गया है | आगे आने वाले रैपिड का नाम रोलर कोस्टर था जो 5 डिग्री का था इसमे राफ्ट बाहर से घूमकर अन्दर की ओर तेजी से आती है | हम सभी लोग तेज से चिल्लाये | उत्साह दिखाने के लिए सबके अपने अपने चिल्लाने के तरीके होते हैं | वैसे कमांडर ने रैपिड के बीच में शोर से मना किया था ताकि उसके द्वारा दिए गये कमांड को हम लोग सुन सके |

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