Ghrishneshwar Jyotirling / घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग: आस्था का सैलाब
मेरी पिछली पोस्ट में मैंने आपको अवगत कराया था औरंगाबाद तथा आसपास के दर्शनीय स्थलों से, और आइये अब मैं आपको लिए चलता हूँ…
Read Moreमेरी पिछली पोस्ट में मैंने आपको अवगत कराया था औरंगाबाद तथा आसपास के दर्शनीय स्थलों से, और आइये अब मैं आपको लिए चलता हूँ…
Read Moreऔरंगाबाद में बिताये पहले दिन का यात्रा-संस्मरण आप इस कड़ी के पहले भाग में पढ़ चुके हैं. एल्लोरा की विश्वप्रसिद्ध गुफाएँ तथा कई अन्य पर्यटन स्थल हम देख चुके थे. अब दूसरे दिन की यात्रा “अजंता की गुफ़ाओं” को समर्पित थी. औरंगाबाद शहर से अजंता की गुफाएँ लगभग १०० किलोमीटर दूर हैं. यदि गाड़ी संतुलित और उसका ड्राईवर कुशल हो, यह दूरी लगभग २ घंटे में पूरी की जा सकती है. चूँकि गुफाएँ प्रातः ९ बजे खुलतीं हैं, इसीलिए औरंगाबाद से हमलोग
Read Moreऔरंगाबाद (महाराष्ट्र) में, अगर आपका सिर्फ दो दिनों का प्रवास हो, तो आप वो दो दिन कैसे बिताएंगे? यदि घुमक्कड़ी पसंद हो, तो आपके लिए मैं अपने अनुभव प्रस्तुत करता हूँ. उस समय मार्च-अप्रैल का महीना चल रहा था. गर्मी के महीने अभी पूरी तरह शुरू भी नहीं हुए होंगे कि औरंगाबाद में गर्मी बढ चली थी. टोपी और सन-स्क्रीन फायदेमंद थे. लगता है कि यहाँ बरसात के मौसम में आना चाहिए. शायद बरसात में गीले और हरे हो चुके वनस्पतियों के बीच यह शहर और यहाँ की वादियाँ और भी सुन्दर लगतीं. यात्रा-मार्ग की दिशा व दूरी और गंतव्य पर पहुचने की सुविधा के ख्याल से प्रथम दिवस को हमलोगों ने “ग्रिश्नेश्वरमंदिर – एल्लोरा गुफा”, “भद्र मारुती मंदिर – औरंगजेब का मक़बरा” तथा “पनचक्की – बीबी का मकबरा” देखने का निश्चय किया. आप चाहें तो इसी यात्रा मार्ग पर “दौलताबाद का किला” भी जा सकते हैं.
Read MoreThe train was on time and I reached Aurangabad around 10 am. I took breakfast near bus stand and then caught a straight bus to Ajanta. Ajanta is around 90 kms from Aurangabad and situated en-route Aurangabad-Jalgaon. Bus services are very frequent on this route.
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