मानसून का आनंद चायल के जंगलो मे..
अगले सà¥à¤¬à¤¹ नींद खà¥à¤²à¥€ तो याद आया की अरे हम तो पहाड़ो के बीच आठहै और सो कर अपना टाइम खराब कर रहे है,बस फिर कà¥à¤¯à¤¾ था रोज़ के कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤•लाप निबटा कर पà¥à¤²à¤¾à¤¨ बनाने लगे की की किधर का रà¥à¤–़ किया जाà¤,तो सबसे पहले दिमाग़ मे फिर रसोइगिरी करने करने का à¤à¥‚त सवार हो गया ..पर बाहर देखने पर पता चला की बरसा रानी अपने पूरे अपने चरम पर है ,पर मन मे आया उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ कम ही नही हो रहा था
Read More