माउंट आबू सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ आशà¥à¤°à¤® की और से जब पांच दिन की कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में à¤à¤¾à¤— लेने का निमंतà¥à¤°à¤£ मिला व वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त आगà¥à¤°à¤¹ à¤à¥€ किया गया तो मैंने अपनी सà¥à¤µà¥€à¤•ृति पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर दी. इसके बावजूद à¤à¥€ संशय बना हà¥à¤† था कि कà¥à¤¯à¤¾ वासà¥à¤¤à¤µ में इस बार à¤à¥€ जाना हो पायेगा या पिछले वरà¥à¤· की à¤à¤¾à¤‚ति इसॠबार à¤à¥€ मेरी अनà¥à¤¯ सरकारी वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤à¤¤à¤¾à¤“ं के कारण फिर मेरा जाना टल जाà¤à¤—ा। अà¤à¥€ लगà¤à¤— तीन सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ बाकी थे और मैं हर दिन यह दà¥à¤† मनाता था कि किनà¥à¤¹à¥€ कारणों से इस बार टलने का कोई कारण ना बने कà¥à¤¯à¥‚ंकि मेरी à¤à¥€ दिली इचà¥à¤›à¤¾ थी कि मैं आशà¥à¤°à¤® के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में जाकर उनके दरà¥à¤¶à¤¨, कारà¥à¤¯à¤•लापों और रहन-सहन का निकट से अवलोकन कर सकूं. दूसरा कारण राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ जैसे रेगिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में पहाड़ी इलाके का विचरण à¤à¥€ रोमांच कर देने वाला विचार था.

आगरा से माउंट आबू जाने के लिये आगरा-अहमदाबाद à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ à¤à¥€ à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ विकलà¥à¤ª है
अंततः १० सितमà¥à¤¬à¤° की रातà¥à¤°à¤¿ को पतà¥à¤¨à¥€ के साथ जब आगरा फोरà¥à¤Ÿ रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ से बनकर चलने वाली आबू रोड जाने वाली टà¥à¤°à¥‡à¤¨ के लिठअहमदाबाद à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ के बी-१ कोच में सीट पर अपना बिछोना तैयार किया और टà¥à¤°à¥‡à¤¨ ने रेंगना शà¥à¤°à¥‚ किया तो यह तय हो गया कि इस बार कोई बाधा आड़े नहीं आ रही है और या तो बà¥à¤²à¤¾à¤µà¤¾ आया है या ईशà¥à¤µà¤° ने मेरी इचà¥à¤›à¤¾ जान ली है. टà¥à¤°à¥‡à¤¨ में ही सामने à¤à¤• गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€ परिवार बैठा था और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बातचीत होते ही à¤à¤• लोअर सीट उनकी मिडिल बरà¥à¤¥ से à¤à¤•à¥à¤¸à¤šà¥‡à¤‚ज करने का à¤à¤• अनà¥à¤°à¥‹à¤§ ठोंक दिया था. पतà¥à¤¨à¥€ तो वैसे ही लोअर सीट की आदी हैं; उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने तà¥à¤°à¤‚त गेंद मेरे पाले में डालते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मà¥à¤à¤¸à¥‡ अनà¥à¤°à¥‹à¤§ करने का इशारा इस पà¥à¤°à¤•ार किया कि मैं उकà¥à¤¤ महिला के निवेदन को असà¥à¤µà¥€à¤•ार नहीं कर कर पाया.
अब मैं मधà¥à¤¯ बरà¥à¤¥ पर था और पतà¥à¤¨à¥€ लोअर बरà¥à¤¥ पर. वह महिला जिससे बरà¥à¤¥ à¤à¤•à¥à¤¸à¤šà¥‡à¤‚ज की थी वह टà¥à¤°à¥‡à¤¨ चलते ही à¤à¤¸à¥€ निंदà¥à¤°à¤¾ में लीं हà¥à¤ˆ कि सवेरे चाय- नाशà¥à¤¤à¤¾ की आवाजों के कोलाहल और चलकदमी से ही जागी. जैसी मà¥à¤à¥‡ चिंता रहती है मिडिल या अपर बरà¥à¤¥ की à¤à¤¸à¥€ कोई दिकà¥à¤•त तो नहीं हà¥à¤ˆ कà¥à¤¯à¥‚ंकि à¤à¤• बार सोने के लिठबेड पर जाने के बाद फिर तो मैं सवेरे ही उठता हूठचाहे नींद न à¤à¥€ आये. बस बरà¥à¤¥ में शरीर को घà¥à¤¸à¤¾à¤¨à¤¾ और फिर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को समेटना– इन दो कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं के खतरों के कारण मैं लोअर बरà¥à¤¥ को बेहतर मानता हूं। यदि पतà¥à¤¨à¥€ के सहमति नहीं होती तो मैं उन महिला को उपकृत करने वाला नहीं थ. लगà¤à¤— à¤à¤• महीना पहले बà¥à¤•िंग कराओ, लोअर सीट के लिà¤, और à¤à¤• कà¥à¤·à¤£ में à¤à¤• आगà¥à¤°à¤¹ पर वह बरà¥à¤¥ आप किसी और को सौंप दें, यह तो कोई बात नहीं हà¥à¤ˆ. हालांकि पतà¥à¤¨à¥€ का सोचना इसके विपरीत है, चूà¤à¤•ि वह à¤à¥€ समय-समय पर अपनी यातà¥à¤°à¤¾ में लोअर बरà¥à¤¥ को हथियाने में निपà¥à¤£ है, तो उसके लॉजिक के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° उस बरà¥à¤¥ पर किसी महिला को सोने देने में कà¥à¤› à¤à¥€ असहजता नहीं है. और यह कि लोअर बरà¥à¤¥ पर महिलाओं का पहला अधिकार नैसरà¥à¤—िक रूप से बनता है (रेलवे के नियम चाहे जो कà¥à¤› हों).
मैंने यह à¤à¥€ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं दिया था कि टà¥à¤°à¥‡à¤¨ आबू रोड सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर किस समय पहà¥à¤à¤šà¥‡à¤—ी और किस रूट से जायेगी. पता नहीं किस लॉजिक से, पर मà¥à¤à¥‡ लगता था कि लगà¤à¤— सात बजे पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒà¤•ाल हम लोग आबू रोड पहà¥à¤à¤š जाà¤à¤‚गे. टà¥à¤°à¥‡à¤¨ में लोगों ने बताया कि टà¥à¤°à¥‡à¤¨ का आबू रोड सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ का शेडूल टाइम ९.३० बजे का है. अà¤à¥€ लगà¤à¤— साढ़े छः ही बजे थे. यह à¤à¥€ पता चला कि टà¥à¤°à¥‡à¤¨ देर रात जयपà¥à¤° और अजमेर से पास होती आई है.

आबू रोड सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर आशà¥à¤°à¤® की और से बस की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की गई थी
ठीक ९.२० बजे, जो कि टà¥à¤°à¥‡à¤¨ का वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• आगमन समय था, टà¥à¤°à¥‡à¤¨ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर हालà¥à¤Ÿ ले चà¥à¤•ी थी. उसके पहले ही अपना सामन समेत लिया था और à¤à¤• नज़र इधर उधर à¤à¥€ दौड़ा ली थी कि कà¥à¤› छूटा तो नहीं? बाहर निकल कर à¤à¤• देखा तो बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ आशà¥à¤°à¤® की à¤à¤• बस खड़ी थी जो हम जैसे लोगों को गंतवà¥à¤¯ तक ले जाने के लिठलगाई गई थी. बस के साथ ही सफ़ेद पैंट-शरà¥à¤Ÿ की वेशà¤à¥‚षा पहने कà¥à¤› लोग खड़े थे जो सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿà¤¤à¤ƒ आशà¥à¤°à¤® से समà¥à¤¬à¤‚धित थे. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पास पहà¥à¤‚चकर जैसे ही मैंने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपना परिचय दिया, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मेरा लगेज समà¥à¤à¤²à¤µà¤¾à¤•र बस के बूट सà¥à¤ªà¥‡à¤¸ में à¤à¤²à¥€ à¤à¤¾à¤‚ति रखवा दिल और यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को जà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‡ के उपरांत आशà¥à¤°à¤® की और चल दिà¤. लगà¤à¤— सात किलोमीटर की यातà¥à¤°à¤¾ के बाद नगर के à¤à¤• छोर पर दिख रही पहाड़ी पर ओम शांति के शà¥à¤µà¥‡à¤¤ पेंट से लिखे विशालकाय शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ से कà¥à¤›-कà¥à¤› समठमें आ रहा था कि हम बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ आशà¥à¤°à¤® के निकट पहà¥à¤à¤š चà¥à¤•े हैं. मेरा अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ सही था. कà¥à¤› ही सेकणà¥à¤¡à¥à¤¸ में बस à¤à¤• विशाल गेट के वृहद परिसर में पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤·à¥à¤Ÿ हà¥à¤ˆ और पारà¥à¤•िंग में जाकर अनà¥à¤¯ वाहनों के साथ रà¥à¤• गयी. साथ आये वालंटियरà¥à¤¸ ने सादर हम लोगों को सà¥à¤µà¤¾à¤—त ककà¥à¤· की ओर संकेत किया. इसी बीच मà¥à¤à¥‡ अमर à¤à¤¾à¤ˆ दिखाई दिà¤, जिनके वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त निमंतà¥à¤°à¤£ पर मैं यहाठआया था . उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने तà¥à¤°à¤‚त सहजता से मेरी पतà¥à¤¨à¥€ के सूटकेस को सà¤à¤à¤¾à¤²à¤¤à¥‡ हà¥à¤ à¤à¤• बड़ी सी कार में मेरे सामन वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ कंपà¥à¤¯à¥‚टर से पà¥à¤°à¤¿à¤‚ट हà¥à¤ˆ à¤à¤• सà¥à¤²à¤¿à¤ª थम दी जो मेरे गेसà¥à¤Ÿ हाउस के विवरण से समà¥à¤¬à¤‚धित थी. डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° ने हमें डायमंड हाउस नामक गेसà¥à¤Ÿ हाउस के सà¥à¤µà¤¾à¤—त ककà¥à¤· पर छोड़ दिया. यह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ मà¥à¤–à¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤° से लगà¤à¤— आधा किलोमीटर दूरी पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ था.
हमें आवंटित सà¥à¤ˆà¤Ÿ संखà¥à¤¯à¤¾ à¥à¥¦à¥® दूसरी मंजिल पर था. सà¥à¤µà¤¾à¤—ती के रजिसà¥à¤Ÿà¤° में पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ के उपरांत उनका सहायक हमारे सामान को लेकर सà¥à¤ˆà¤Ÿ तक पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤¨à¥‡ आया. यह गेसà¥à¤Ÿ हाउस सà¥à¤µà¤›, सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°, सà¥à¤¸à¤œà¥à¤œà¤¿à¤¤ तथा रमणीय दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के अवलोकन का बेहतरीन केंदà¥à¤° बिंदॠपà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ हो रहा था, विशेषतः मेरे बैडरूम की बालकनी से जो दृशà¥à¤¯ दीखते थे,उनसे माउंट आबू की पहाड़ियां, आशà¥à¤°à¤® के मà¥à¤–à¥à¤¯ मारà¥à¤—, और महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤®à¤¾à¤°à¤•ों के आसानी से दरà¥à¤¶à¤¨ हो रहे थे. चारों ओर पà¥à¤°à¤šà¥à¤°à¤¤à¤¾ से हरियाली तथा फूलों की सà¥à¤—ंध मनà¤à¤¾à¤µà¤¨ थी. लगà¤à¤— ५० à¤à¤•ड़ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में फैले विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ परिसर के इस हिसà¥à¤¸à¥‡ में यह सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° तीन मंजिला गेसà¥à¤Ÿ हाउस सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ था। इसके ठीक सामने गेसà¥à¤Ÿ हाउस के नठविसà¥à¤¤à¤¾à¤° के रूप में नà¥à¤¯à¥‚ डायमंड हाउस नाम से हाल ही में निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ à¤à¤• अनà¥à¤¯ गेसà¥à¤Ÿ हाउस है. बगल में à¤à¤• ओर समारोह और समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨à¥‹à¤‚ के आयोजन के लिठवृहद कांफà¥à¤°à¥‡à¤‚स हॉल बना हà¥à¤† है, जिसके ठीक सामने या कहिये कि हमारे गेसà¥à¤Ÿ हाउस के ४५ अंश के सापेकà¥à¤· डायमंड हॉल है जिसमे बड़े आयोजनो तथा सांसà¥à¤•ृतिक कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ के लिठहजारों लोगों को समायोजित करने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ है. गेसà¥à¤Ÿ हाउस के दाहिने हाथ की जगह पर à¤à¤• अनà¥à¤¯ गेसà¥à¤Ÿ हाउस के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ à¤à¥€ तेजी से चल रहा है और लगता है कि सन २०१६ के आरमà¥à¤ में वह à¤à¥€ कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ हो जाà¤à¤—ा.

शांतिवन परिसर, आबू रोड का à¤à¤• दृशà¥à¤¯

परिसर का à¤à¤• अनà¥à¤¯ कोण
हमारा सà¥à¤ˆà¤Ÿ à¤à¤• सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ पूरà¥à¤£ इकाई की à¤à¤¾à¤‚ति था जिसमें दो सिंगल बेड, à¤à¤• मेज, दो चेयर, à¤à¤• सà¥à¤Ÿà¥€à¤² की वारà¥à¤¡à¤°à¥‹à¤¬, दोनों बेड के बीच à¤à¤• छोटे सà¥à¤Ÿà¥‚ल, दो गिलास की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ थी. अटैचà¥à¤¡ बाथरूम à¤à¥€ परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ रूप से सजà¥à¤œà¤¿à¤¤ था. बालकनी में धà¥à¤²à¥‡ कपड़ों को सà¥à¤–ाने के लिठसà¥à¤Ÿà¥‡à¤£à¥à¤¡ à¤à¥€ उपलबà¥à¤§ था. ऊपर के तलों पर आने-जाने के लिठà¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ तरह की लिफà¥à¤Ÿ à¤à¥€ कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ थी जिसका à¤à¤• सामानà¥à¤¯ तथा दूसरा चैनेल गेट होता है. लिफà¥à¤Ÿ के बाहर साफ़ साफ़ निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ लिखे थे कि कृपया बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— व बीमार लोग ही लिफà¥à¤Ÿ का उपयोग करें. हमारे फà¥à¤²à¥‹à¤° पर à¤à¤• वाटर कूलर, कपडे पà¥à¤°à¥‡à¤¸ करने के लिये सजà¥à¤œà¤¿à¤¤ टेबल तथा इसà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ à¤à¥€ उपलबà¥à¤§ थी. बाद में देखा कि à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• तल पर पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की गई थी. सà¥à¤ˆà¤Ÿ में इणà¥à¤Ÿà¤°à¤•ॉम की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ नहीं थी हालाà¤à¤•ि à¤à¥‚तल सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सà¥à¤µà¤¾à¤—त ककà¥à¤· से अनà¥à¤¯ à¤à¤µà¤¨à¥‹à¤‚ आदि के इणà¥à¤Ÿà¤°à¤•ॉम की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ सà¥à¤šà¤¾à¤°à¥‚ रूप से कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ थी.

बालकनी से लिया गया à¤à¤• चितà¥à¤°
आगंतà¥à¤•ों के लिठसà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ नाशà¥à¤¤à¥‡, लंच तथा डिनर की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ थी. शà¥à¤¦à¥à¤§ वॠगà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ à¤à¥‹à¤œà¥à¤¯ सामगà¥à¤°à¥€ à¤à¤• ही केंदà¥à¤°à¥€à¤•ृत à¤à¥‹à¤œà¤¨à¤¾à¤²à¤¯ में बनता है जिसे à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨-à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ डाइनिंग हॉल में सरà¥à¤µ किया जाता है. बà¥à¤°à¥‡à¤•फासà¥à¤Ÿ के लिठ८ बजे पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ से ९.३० बजे तक तथा लंच वॠडिनर के लिठà¤à¥€ इसी पà¥à¤°à¤•ार दोपहर और रातà¥à¤°à¤¿ में डेढ़ घंटे की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ उपलबà¥à¤§ है. चाय à¤à¥€ à¤à¤• निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ समय पर ही मिलती है लेकिन à¤à¤• अनà¥à¤¯ बेहतरीन वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ वहां देखने को मिली. सà¤à¥€ गेसà¥à¤Ÿ हाउस के पà¥à¤°à¤¥à¤® तल पर पैंटà¥à¤°à¥€ रूम है जिसमे गैस का चूलà¥à¤¹à¤¾, फà¥à¤°à¤¿à¤œ, चाय की पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚, टी बैगà¥à¤¸, अदरख, चीनी, कॉफ़ी, बिसà¥à¤•िट के साथ ही सà¤à¥€ बरà¥à¤¤à¤¨ वॠकà¥à¤°à¤¾à¤•री à¤à¥€ उपलबà¥à¤§ है. फà¥à¤°à¤¿à¤œ में शà¥à¤¦à¥à¤§ दूध की केन रखी है. आप आवशà¥à¤¯à¤•तानà¥à¤¸à¤¾à¤° अपने लिठकà¤à¥€ à¤à¥€ आकर चाय-कॉफ़ी बनाकर पी सकते हैं. बस इतनी अपेकà¥à¤·à¤¾ आपसे अवशà¥à¤¯ की जाती है की रसोई को बाद में अपने बरà¥à¤¤à¤¨à¥‹à¤‚ और कà¥à¤°à¤¾à¤•री से उसी तरह से धोकर सजà¥à¤œà¤¿à¤¤ कर दें जैसी आपको मिली थी. उचित à¤à¥€ है ताकि अनà¥à¤¯ लोग à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ का सà¥à¤—मतापूरà¥à¤µà¤• लाठउठा सकें.

à¤à¥‹à¤œà¤¨ की थाली

डाइनिंग हॉल
बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ आशà¥à¤°à¤® का यह परिसर माउंट आबू में नहीं बलà¥à¤•ि तलहटी में आबू रोड में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है जिसे शांतिवन के नाम से जाना जाता है. माउंट आबू वहां से लगà¤à¤— ३५ किलोमीटर ऊपर पहाड़ी इलाके में है जहाठजà¥à¤žà¤¾à¤¨ सरोवर, मधà¥à¤¬à¤¨ और पीस पारà¥à¤• आदि परिसरों के रूप में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ आशà¥à¤°à¤® का अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ संचालित होता है. पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤ªà¤¤à¤¿ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ विशà¥à¤µ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के मूल नाम से विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ यह संसà¥à¤¥à¤¾ वासà¥à¤¤à¤µ में à¤à¤• गैर-सरकारी सामाजिक सनà¥à¤¸à¥à¤¥ के रूप में पंजीकृत है जो मनà¥à¤·à¥à¤¯ की आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• अनà¥à¤à¥‚तियों को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ योग व अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•ार से जागृत कर उनके जीवन मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में मूलà¤à¥‚त परिवरà¥à¤¤à¤¨ लाकर समाज के उतà¥à¤¤à¥à¤¥à¤¾à¤¨ में लगाने का कारà¥à¤¯ करता है. संसà¥à¤¥à¤¾ समय-समय पर समाज के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ वरà¥à¤—ों वॠवà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ के लोगों को जागृत करने के लिठसेमिनार, कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ और कांफà¥à¤°à¥‡à¤‚स का आयोजन करता रहता है. जिस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मà¥à¤à¥‡ सममित होने का अवसर मिला वह à¤à¤• चार दिवसीय कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ थी जिसका विषय था–“Value-Based Media for Healthy and Happy Society”. इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में à¤à¤¾à¤— लेने के लिठदेश के कोने-कोने तथा निकटवरà¥à¤¤à¥€ देशों के लगà¤à¤— १५०० पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हो रहे थे.
सà¤à¤¾à¤—ार तथा शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾
पहला दिन परिचयातà¥à¤®à¤• था जिसमे आशà¥à¤°à¤® का परिचय देने के साथ ही नैतà¥à¤¯à¤¿à¤• जीवन में राजयोग धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ और मानवीय जीवन में आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•ता की आवशà¥à¤¯à¤•ता पर केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¤ था. बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ की यह पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ है. उनका मानना है कि राजयोग धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ मनà¥à¤·à¥à¤¯ की मानसिक और à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• ऊरà¥à¤œà¤¾ को सà¥à¤¸à¤‚चालित कर उसे जीवन के हर पहलू पर बेहतर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ देने तथा अरà¥à¤¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ ढंग से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—िता के लिठतैयार होने का सबसे अचà¥à¤›à¤¾ तरीका है. इससे उनकी सà¥à¤µà¤¯à¤‚के समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में समठतथा सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š सतà¥à¤¤à¤¾ से समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने में à¤à¥€ मदद मिलती है. आशà¥à¤°à¤® दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ राजयोग धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ के माधà¥à¤¯à¤® से लोगों के जीवन में तनाव, संबंधों में वà¥à¤¯à¤µà¤§à¤¾à¤¨ तथा दिनचरà¥à¤¯à¤¾ वॠकारà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•ृति में बेहतर समनà¥à¤µà¤¯ के लिठà¤à¥€ तैयार किया जाता है. विशेष बात यह है कि किसी à¤à¥€ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ होने के लिठकोई शà¥à¤²à¥à¤• नहीं लिया जाता.
अगले दिन ‘Exploring the Self’ विषय के अंतरà¥à¤—त इसी समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ चरà¥à¤šà¤¾ की गई. तदà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤‚त,सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤šà¤¿à¤¤ जीवन के लिठविशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ तथा अनà¥à¤à¤µà¥€ चिकितà¥à¤¸à¤•ों ने अपने टिपà¥à¤¸ दिà¤. अपराहà¥à¤¨ के सतà¥à¤° में मीडिया की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ इकाइयों–पà¥à¤°à¤¿à¤‚ट, इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¨à¤¿à¤•, फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€, जन संपरà¥à¤• वॠवीडियो आदि के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ियो ने आपस में चरà¥à¤šà¤¾ की.

तनाव मà¥à¤•à¥à¤¤ जीवन के गà¥à¤° बताते हà¥à¤ विशेषजà¥
तनावमà¥à¤•à¥à¤¤ तथा सà¥à¤–ी जीवन के रहसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की जानकारी के लिठजो लोग इस कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤— करने आये थे, उनके लिठसरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सतà¥à¤° वह थे जो पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• दिन पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ ५.३० से ८.०० बजे तथा शाम को ५.३० से ८.०० बजे आयोजित किये जाते थे. इन सतà¥à¤°à¥‹à¤‚ में आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•ता को पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ की जिनà¥à¤¦à¤—ी से कैसे जोड़ कर देखें तथा आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•ता के मानव से समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ को सरलता से समà¤à¤¾à¤¯à¤¾ गया. साथ ही डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥‹à¤œà¤¨, आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®, योग, तथा शारीरिक सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¤à¤¾ के समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में जागरूक किया गया. सà¥à¤–ी जीवन के लिठअनà¥à¤¯ बातों के अलावा आशावादी दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•ोण की महतà¥à¤¤à¤¾ को à¤à¥€ इंगित किया गया.
विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ सतà¥à¤°à¥‹à¤‚ में विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ ने सà¥à¤–ी और सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ जीवन के जो मनà¥à¤¤à¥à¤° दिठउनके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को हमेशा à¤à¥‚त और à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ काल की चिंता छोड़कर वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ को सारà¥à¤¥à¤• बनाने में पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¤°à¤¤ रहना चाहिà¤. शाकाहारी à¤à¥‹à¤œà¤¨, à¤à¥‹à¤° सवेरे उठकर टहलना तथा मौसमी फलों वॠसबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सेवन करना à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ जीवन की और बढ़ाये गठकदम माने जाते हैं.चिकितà¥à¤¸à¤•ों का कहना था कि खानपान की लापरवाहियों के कारन ही आज देश में मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ ने किलर रोग का दरà¥à¤œà¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर लिया है. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि यही हाल रहा तो कैंसर, हà¥à¤°à¤¦à¤¯ रोग तथा उचà¥à¤š रकà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤ª जैसी बीमारियाठà¤à¥€ तेजी से देश में महामारी का दरà¥à¤œà¤¼à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर लेंगी. बेहतर सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥ के लिठजंक फ़ूड और कृतà¥à¤°à¤¿à¤® पेय पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ से दूर रहना à¤à¥€ बेहतर रणनीति हो सकती है.
परिसर में ही à¤à¤• सà¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ चिकितà¥à¤¸à¤¾ केंदà¥à¤° तथा पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ों व साहितà¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤•ाशन तथा विकà¥à¤°à¤¯ के लिठकेंदà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किये हैं. इन केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ पर आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• दरà¥à¤¶à¤¨ से समà¥à¤¬à¤‚धित सà¤à¥€ साहितà¥à¤¯, तथा संगीत, वॠवीडियो सामगà¥à¤°à¥€ नाममातà¥à¤° के शà¥à¤²à¥à¤• पर मौजूद थी.
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के अंतिम दिन आयोजकों ने माउंट आबू के मà¥à¤–à¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ के à¤à¥à¤°à¤®à¤£ की à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¥à¤¾ कराई. इसी बहाने वहां की चरà¥à¤šà¤¿à¤¤ नकà¥à¤•ी à¤à¥€à¤², बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ के मà¥à¤–à¥à¤¯ कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, पीस पारà¥à¤•, दिलवारा जैन मंदिर आदि सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ का अवलोकन संà¤à¤µ हो पाया. हालांकि साईट सीइंग के लिठसमय अपेकà¥à¤·à¤¾à¤•ृत कम था.

माउंट आबू की विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ नकà¥à¤•ी à¤à¥€à¤² पर सेलà¥à¤«à¥€ लेता यà¥à¤—ल

à¤à¥€à¤² में बोटिंग का लà¥à¤¤à¥à¤«à¤¼
१५ सितमà¥à¤¬à¤° को हम उसी रूट से आगरा वापिस लौट आये. बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ आशà¥à¤°à¤® में बिताये पलों को संजोये. बेहतर तथा आशावादी ऊरà¥à¤œà¤¾ के संचयन के साथ.
प्रिय वर्मा जी
वर्णन सुखकर था. मध्य बर्थ की घटना पढ़ कर चेहरे पर मुस्कान छा गयी. अच्छा हुआ की आपने नीचे की बर्थ छोड़ दी, अन्यथा ०९.३० बजे तक लेटे रहना पड़ सकता था.
धन्यवाद..
प्रिय राज गोपाल सिंह वर्मा जी,
ब्रह्माकुमारीज़ मुख्यालय (माउंट आबू भी और शांति वन, आबू रोड भी) का सुखद अनुभव प्राप्त करने का मुझे भी तीन-चार बार सौभाग्य मिला है। आपका यात्रा संस्मरण आज संभवतः पहली बार ही पढ़ने का सौभाग्य मिला। विवरण जीवन्त और चित्र मनभावन हैं! जहां तक इस संस्था का संबंध है, मैं तो वहां हर किसी के स्नेहपूर्ण व्यवहार व कुशल व्यवस्था देख कर चमत्कृत होता रहता हूं ! टीचर बहनें (विशेषकर शीलू बहिन जी, ऊषा बहिन जी, शिवानी बहिन जी आदि) की वक्तृता शैली के बारे में तो जितना कहा जाए, कम ही है। मैने भी अपनी उदयपुर / माउंट आबू यात्रा के दौरान ज्ञान सरोवर में अपने प्रवास के बारे में घुमक्कड़ डॉट कॉम पर लिखा है। कभी समय मिले तो पढ़ सकते हैं !
वर्माजी
आपने अपनी आबु यात्रा का रोचक विवरण दिया है दिया है अच्छा होता थोड़ी जानकारी आप माउन्ट आबू स्थित मुख्यालय की सचित्र जानकारी देते
Have read about this place in Sushant’s log before and I could see a similar thing. Thank you Mr. Verma for sharing this. How does the membership work ? I am guessing that these organisation must be doing some on-the-ground social work as well. If you know of those then would further help to spread the good word. Thanks.
There is no membership as such but you need to enroll yourself at their local branch which are spread over almost in every city. They refer you to the specific orientation programmes. The Hq has a number of programmes which covers cross sections of the society. A programme for IT professionals is available there too. They are involved in a lot of community development programmes. The best part is that they incur each and every expenditure on your visit. They even dont expct any monetary support from you. For specific details you can browse their website.
Dear Raj Gopal Sir
Could you please share the website so that we can know more about the same ?
मैं आपको नहीं जानती पर आशà¥à¤°à¤® में सेवाकारà¥à¤¯ करने की इचà¥à¤›à¤¾ है। वहां के आशà¥à¤°à¤® में ही रहकर आशà¥à¤°à¤® के की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में कैसे जà¥à¤¡à¤¼ सकते हैं?
I want to do some work for this sansthan. How can I do it..
Pl help me
Didi main v Brahma Kumari banna chahti hooo
माउंट आबू के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ आशà¥à¤°à¤® में रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ की विधि कà¥à¤¯à¤¾ है?
माउंट आबू के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ आशà¥à¤°à¤® में रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ की विधि कà¥à¤¯à¤¾ है?
माउंट आबू के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ आशà¥à¤°à¤® में रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ की विधि कà¥à¤¯à¤¾ है?
Mai apni bachi hui gindagi ki bachi hui time ko sewa karke vyatit karna chahta hu