
à¤à¤• दिन की लैंसडाउन यातà¥à¤°à¤¾
पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® तय हà¥à¤† की बाइक से लैंसडाउन चला जाà¤, कà¥à¤¯à¥‹à¤•ि मà¥à¤œà¤¼à¤«à¥à¤«à¤° नगर से ये सबसे नजदीक का हिल सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पड़ता हैं, सà¥à¤¬à¤¹ ठीक ६ बजे हम लोग निकल पड़े, पहला पड़ाव हà¥à¤† कोटदà¥à¤µà¤¾à¤° में, à¤à¤• चाय की दà¥à¤•ान पर जाकर रà¥à¤•े, à¤à¤• – à¤à¤• कप चाय और à¤à¤• – à¤à¤• मठरी खाकर आगे चल पड़े, दूर से सिधà¥à¤¬à¤²à¥€ बाबा के दरà¥à¤¶à¤¨ हà¥à¤, मनोहर कहने लगा पहले दरà¥à¤¶à¤¨ करते हैं, मैं बोला वापिस आते हà¥à¤ करेगे, ये तो à¤à¤• टोक लगनी थी, माफ़ कीजियेगा अपनी मà¥à¤œà¤¼à¤«à¥à¤«à¤°à¤¨à¤—र वाली बोली बोल रहा हूà¤, पहाड़ पर अपनी चढ़ाई शà¥à¤°à¥‚ हो चà¥à¤•ी थी, हमारी बजाज पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤¨à¤¾ धीरे धीरे चढ़ रही थी.Â
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