नमसà¥à¤•ार दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚,
लीजिये हाजिर हूठइस बार की मेरी à¤à¤• धारà¥à¤®à¤¿à¤• यातà¥à¤°à¤¾ का वृतांत लेकर जिसमे की महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ 5 जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚गों में से 4 जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग शामिल है , अचà¥à¤›à¥‡ लेखको वाले गà¥à¤£ की कमी होने के कारण बहà¥à¤¤ हिमà¥à¤®à¤¤ जà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥€ पड़ी घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ पर पोसà¥à¤Ÿ डालने के लिठफिर सोचा जैसा à¤à¥€ हो जो à¤à¥€ हो पोसà¥à¤Ÿ डाल ही देता हूठकà¥à¤¯à¤¾ पता किसी को कà¥à¤› उपयोगी लग जाये मेरे पोसà¥à¤Ÿ में ।
मेरी यातà¥à¤°à¤¾à¤“ में अधिकतर धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤² ही शामिल होते है और तकरीबन 8-9 महीनो में à¤à¤• टूर मैं लगा ही लेता हूà¤, जनवरी 15 में साउथ (तिरà¥à¤ªà¤¤à¤¿, कनà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ à¤à¤µà¤‚ रामेशà¥à¤µà¤°,मदà¥à¤°à¤¾à¤ˆ ) और फिर नवंबर 15 में वेसà¥à¤Ÿ बेंगोल (कोलकाता) की यातà¥à¤°à¤¾ के बाद अब फिर से मन हो चला था कही घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी करने का तो इस बार मन में महाराषà¥à¤Ÿà¥ घूमने का विचार आया, हमारे गà¥à¤°à¥à¤ª में अकà¥à¤¸à¤° कम से कम दो फैमिली यानी की 6-7 लोग शामिल रहते है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अकेले घूमने का शौक फितरत में नही है। फ़िलहाल बारमेर राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में जॉब कर रहा हूठतो पà¥à¤²à¤¾à¤¨ बनाया की जोधपà¥à¤° जो की पास में ही है से टà¥à¤°à¥‡à¤¨ लेकर सीधे मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ पहà¥à¤‚चा जाये और फिर वहां से दूसरी फैमिली के साथ मिलकर आगे यातà¥à¤°à¤¾ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की जाये, तो जून 19 का टिकिट कनà¥à¤«à¤°à¥à¤® हो गया मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ जाने का, मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ इसलिठकी जो दूसरी फॅमिली थी वो लोग हमें मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ में ही मिलने वाले थे जिनकी टà¥à¤°à¥‡à¤¨ कोलकाता से मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ की थी।
जोधपà¥à¤° से दोपहर की टà¥à¤°à¥‡à¤¨ पकड़ कर हम लोग पहà¥à¤‚चे मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ बांदà¥à¤°à¤¾ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ 20 जून तकरीबन सà¥à¤¬à¤¹ 10 बजे और वहां से लोकल टà¥à¤°à¥‡à¤¨ से फिर हमे जाना था मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ सी à¤à¤¸ टी सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ जहाठहमारा इनà¥à¤¤à¤œà¤¾à¤° अनà¥à¤¯ लोग पहले से ही कर रहे थे। बांदà¥à¤°à¤¾ से सीधी लोकल टà¥à¤°à¥‡à¤¨ पकड़ कर हम पहà¥à¤‚चे मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ सी à¤à¤¸ टी और वही से उसी शाम 9:15PM पे हमारी आगे परà¤à¤£à¥€ के लिठटà¥à¤°à¥‡à¤¨ थी। हमारे पास पूरा आधा दिन का समय था तो सोचा कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ के कà¥à¤› दरà¥à¤¶à¤¨à¥€à¤¯ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ का à¤à¥à¤°à¤®à¤£ कर लिया जाये। मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ टूरिसà¥à¤Ÿ पà¥à¤²à¥‡à¤¸ घूमने के लिठसà¥à¤Ÿà¥‡à¤¸à¤¨ के बाहर से काफी बसे à¤à¥€ चलती है जो सà¥à¤¬à¤¹ से शाम तक चà¥à¤¨à¤¿à¤‚दा जगहों पर घà¥à¤®à¤¾à¤•र शाम को वही डà¥à¤°à¤¾à¤ª कर देती है जिसका पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ किराया तकरीबन 150 से लेकर 250 तक है , और इसके अलावा पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ वà¥à¤¹à¥€à¤•ल à¤à¥€ बà¥à¤• कर सकते है|
हमने मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ घूमने के लिठकैब बà¥à¤• की जिसका चारà¥à¤œ उसने 800 रà¥à¤ªà¤ तय किया और इसमें उसने हमें हमारे कहे अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मà¥à¤®à¥à¤¬à¤¾ देवी , महालकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° , बाबà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर , हाजी अली दरगाह , सिदà¥à¤§à¤¿ विनायक गणेश , और जà¥à¤¹à¥‚ बिच घà¥à¤®à¤¾à¤¯à¤¾, इन सà¤à¥€ जगहों के बारे में हमें घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ वेबसाइट से मà¥à¤•ेश à¤à¤¾à¤²à¤¸à¥‡ जी की पोसà¥à¤Ÿ से मालूम चला था , और फिर कई सेलिबà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥€à¤œ के घरो को दिखाते हà¥à¤ जिनमे की अमिताठजी , शतà¥à¤°à¥à¤§à¤¨ सिनà¥à¤¹à¤¾, अमà¥à¤¬à¤¾à¤¨à¥€ , आशा à¤à¥‹à¤‚सले, और कई अनà¥à¤¯ शामिल थे अंत में उसने अà¤à¤§à¥‡à¤°à¥€ लोकल रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ डà¥à¤°à¤¾à¤ª किया, जहाठसे हमें मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ सी à¤à¤¸ टी सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ आना था अपने अगले पड़ाव के लिà¤à¥¤

शà¥à¤°à¥€ महालकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° मà¥à¤‚बई दरà¥à¤¶à¤¨ हेतॠलगी à¤à¥€à¤¡à¤¼ की कतार

मà¥à¤‚बई जà¥à¤¹à¥‚ बिच

जà¥à¤¹à¥‚ बिच पर उमड़ी à¤à¥€à¤¡à¤¼
करीब 7:30pm का समय था और मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ में ठीक हमारे घूम फिरने के बाद बारिश शà¥à¤°à¥‚ हो गयी थी। मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ घूमने के बाद फिर हमें जाना था परà¤à¤£à¥€ के लिठजहाठसे औंधा नागनाथ और परली वाजिनाथ महादेव के दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठजाना था।
इन सà¤à¥€ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚गों के बारे में जानकारी हमने घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ से ही ली थी। टà¥à¤°à¥‡à¤¨ ने हमें करीबन सà¥à¤¬à¤¹ 7:30 पर परà¤à¤£à¥€ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ उतारा और वहां से फिर हमें बस दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पहले औंधा नागनाथ जी के दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठजाना था, परà¤à¤£à¥€ बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड बिलकà¥à¤² रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के पास ही है और महज 5 मिनिट का रासà¥à¤¤à¤¾ है, वहां जैसे ही पहà¥à¤‚चे रासà¥à¤¤à¥‡ में ही हमें हिंगोली जाने वाली बस मिल गयी जोकि औंधा नागनाथ होते हà¥à¤ ही हिंगोली तक जाती है, करीबन 1 घणà¥à¤Ÿà¥‡ 30 मिनिट में बस ने हमें मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के सामने उतार दिया, महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° परिवहन की बसों के बारे में à¤à¤• बात कहना पड़ेगी की ये बसे तीवà¥à¤° गति से चलती है और अधिक समय न लेते हà¥à¤ जलà¥à¤¦à¥€ ही अपने गनà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर पहà¥à¤‚चा देती है, परà¤à¤£à¥€ से औंधा नागनाथ का किराया करीबन 50 रà¥à¤ªà¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ है।

ओंधा नागनाथ मनà¥à¤¦à¤¿à¤°

ओंधा नागनाथ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°
औंधा नागनाथ में हमें सिरà¥à¤« दरà¥à¤¶à¤¨ ही करने थे इसलिठहमने वहां धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ के बारे में पूछताछ नहीं की परनà¥à¤¤à¥ ये है की यदि कोई सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ करना चाहे तो वहां धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ आदि उपलबà¥à¤§ है। उस दिन सोमवार था तो थोड़ी à¤à¥€à¤¡à¤¼ हमें मंदिर में दिखी परनà¥à¤¤à¥ फिर à¤à¥€ 30 मिनिट में दरà¥à¤¶à¤¨ हमें हो गà¤à¥¤ गरà¥à¤à¤—ृह में दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठजाने हेतॠमनà¥à¤¦à¤¿à¤° में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ का à¤à¤• संकरा सा रासà¥à¤¤à¤¾ है जिसमे से à¤à¤• समय में à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अंदर जा पाता है और उसी समय अंदर से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ उसी रसà¥à¤¤à¥‡ बाहर आ पाता है, परनà¥à¤¤à¥ à¤à¤¸à¤¾ à¤à¥€ नही है की आने जाने में किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•ार की कोई असà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ होती हो , हाठसावधानी जरà¥à¤°à¥€ है।

ओंधा नागनाथ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° का रासà¥à¤¤à¤¾
औंधा नागनाथ à¤à¤—वान के दरà¥à¤¶à¤¨ पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ हमने पता किया की कà¥à¤¯à¤¾ कोई बस यहाठसे डायरेकà¥à¤Ÿ परली वजिनाथ के लिठहै तो पता चला की à¤à¤• बस 11 बजे यहाठसे सीधी परली जाती है और दूसरी 2 बजे है, अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ फिर परली जाने के लिठपहले परà¤à¤£à¥€ जाना होता है और फिर वहां से परली जाने के बहà¥à¤¤ साधन है। हमें सीधी बस मिल गयी थी और परली हमें बस ने करीब 3 घणà¥à¤Ÿà¥‡ में पहà¥à¤‚चा दिया।
परली बैदà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड से करीबन 2km होगा और ऑटो मातà¥à¤° 10 मिनिट में मनà¥à¤¦à¤¿à¤° पहà¥à¤‚चा देता है। परली बैदà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ में रà¥à¤•ने हेतॠकई धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾à¤ और मनà¥à¤¦à¤¿à¤° की खà¥à¤¦ की टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ की धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ à¤à¥€ है। परली से हमारी टà¥à¤°à¥‡à¤¨ रात 11:30 बजे की थी तो सोचा यही कही सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के आसपास रूम ले लिया जाये ताकि रातà¥à¤°à¤¿ में सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ आसानी से पहà¥à¤‚च सके। खैर, जब रूम के लिठपता करने निकले तो पता चला की आसपास तो रूम बहà¥à¤¤ महंगे है और सिरà¥à¤« 6-7 घणà¥à¤Ÿà¥‡ रà¥à¤•ने के लिठ800-1000 रà¥à¤ªà¤ देने होंगे तो मन नही माना लेने को, फिर मन बनाया की चलो मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के आसपास ही कही धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में रà¥à¤•ते है वही दरà¥à¤¶à¤¨ कर थोडा जलà¥à¤¦à¥€ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के लिठनिकल लेंगे। मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के लिठऑटो किया और जैसे ही वहां पहà¥à¤‚चे हलà¥à¤•ी बारिश ने फिर हमारा सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया।
धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में रूम का पता किया तो कोई 700 कोई 500 मांग रहा था, हालांकि वहां मनà¥à¤¦à¤¿à¤° टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ का धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ à¤à¥€ है वो मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के पीछे की और है और किसी पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ ने बताया की वहां सिरà¥à¤« 100 रà¥à¤ªà¤ ही रà¥à¤•ने का किराया है, उनà¥à¤¹à¥€ पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ जी से हमने अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• करवाने के लिठबात की तो वो à¤à¥€ हमारे साथ हो लिठकी चलिठपहले आपको रूम की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ करवाता हूठफिर आराम से अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• और पूजा के लिठचलना कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सोमवार होने की वजह से बाबा का पूजा अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• 7 बजे तक करने की इजाजत मनà¥à¤¦à¤¿à¤° पà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¨ देता है, पंडित जी के साथ धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ पहà¥à¤‚चे तो पता चला दरबान सोया हà¥à¤† है और काफी आवाज देने पर à¤à¥€ वह उठा नही सोता ही रहा बेचारे पंडित जी ने उसे काफी आवाजे लगायी पर खिड़की में से दीखते हà¥à¤ वह à¤à¤¸à¤¾ लग लग रहा था जैसे की रूम देने का उसका कतई मूड नही है और मानो सोने की à¤à¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग कर रहा हो,खैर रूम तो लेना ही था सो कैसे तैसे बारगेनिंग करके पहले देखे हà¥à¤ धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में ही 300 में हमने à¤à¤• रूम बà¥à¤• कर लिया।
मैं थोडा बजट कॉनà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤¸ तो हूठही साथ ही फिजूल खरà¥à¤šà¥€ में थोडा कम यकीन करता हूठऔर ये बात इसलिठबता रहा हूठताकि यदि कोई परली बैदà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ दरà¥à¤¶à¤¨ को जाये तो उसे इस बात का पता रहे की वहां कोई खास मैनेजमेंट टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ की धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾à¤“ में नही है, जिससे जो मरà¥à¤œà¥€ मांग लिया मांग लिया और रूम दिया तो दिया वरना नही दिया।खैर, हमको कौनसी रात गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¨à¥€ थी थोडा विशà¥à¤°à¤¾à¤® कर दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठमनà¥à¤¦à¤¿à¤° में गठदरà¥à¤¶à¤¨ किये ,यहाठपरली में शिवलिंग को पूरा चांदी के खोल से कवर किया हà¥à¤† है और यही औंधा नागनाथ मंदिर में à¤à¥€ हमें देखने को मिला।
परली बैदà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ के मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के बारे में à¤à¤• बात बताना चाहूà¤à¤—ा की इस मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में शांति बहà¥à¤¤ है , मन à¤à¤•दम पà¥à¤°à¤¶à¤¨à¥à¤¨à¤šà¥€à¤¤ हो जाता है, शाम के समय मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के बाहर का वातावरण à¤à¥€ बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ हो जाता है, और वहां से वापिस जाने का मन ही नहीं करता।पंडित जी ने बताया की मनà¥à¤¦à¤¿à¤° संसà¥à¤¥à¤¾ की और से शाम को रà¥à¤•ने वालो को पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¥€ यहाठहै और इसके लिठटोकन लेना होता है जो मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के अंदर ही ऑफिस में मिलता है, टोकन लेकर यथा शकà¥à¤¤à¤¿ रशीद à¤à¥€ कटवाई जा सकती है। हमारी टà¥à¤°à¥‡à¤¨ चूà¤à¤•ि मधà¥à¤¯à¤°à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥€ में थी तो सोचा कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦ पा लिया जाये कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦ वितरण करीबन 8:30-9:00 के बीच में होता है और टोकन देते वकà¥à¤¤ कारà¥à¤¯à¤•रà¥à¤¤à¤¾ ये बात आपको बता à¤à¥€ देता है, पंडितजी ने तो यहाठतक कहा था की टोकन टà¥à¤°à¥‡à¤¨ का टिकेट और यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ देख कर दिया जाता है परनà¥à¤¤à¥ à¤à¤¸à¤¾ हमारे साथ नही हà¥à¤† था।
खैर, जब पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦ वितरण का समय हà¥à¤† तो टोकन देकर हमने पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦ पाया, जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¥€à¤¡à¤¼ नही थी और मोसà¥à¤Ÿà¤²à¥€ वहां के कारà¥à¤¯à¤•रà¥à¤¤à¤¾ और मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में काम करने वाले लोग ही वहां मौजूद थे। पंडितजी ने आरती की फिर à¤à¥‹à¤— लगाया और फिर सबको पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦ सरà¥à¤µ किया, हमने पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦ गà¥à¤°à¤¹à¤£ किया और यकीन मानिये लाजवाब पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦ रूपी à¤à¥‹à¤œà¤¨ हमने पाया।

परली वाजीनाथ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के बाहर का मारà¥à¤•ेट
बैदà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ महादेव में à¤à¥€ औंधा नागनाथ जी के जैसे लिंग को चांदी के à¤à¤• खोल जैसे कवर से ढक कर रखा जाता है, परनà¥à¤¤à¥ हमने लाइव टीवी से देखा की पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ ने पूरा चांदी का खोल हटाकर à¤à¤—वान की सफाई की फिर करीबन 1 घणà¥à¤Ÿà¥‡ तक पूरा मनà¥à¤¦à¤¿à¤° और शिवलिंग धोकर उसने बड़ी शिदà¥à¤¦à¤¤ से सफाई की, हमारे पूछने पर à¤à¤• कारà¥à¤¯à¤•रà¥à¤¤à¤¾ ने बताया की यहाठरोज इसी समय à¤à¤¸à¥‡ ही à¤à¤—वान की सफाई की जाती है और इस समय चांदी का खोल हटाया जाता है और इस समय किसी को à¤à¥€ गरà¥à¤à¤—ृह में आने की इजाजत नही होती। खैर, दरà¥à¤¶à¤¨ कर हम धनà¥à¤¯ हà¥à¤ और थोडा समय वहां रà¥à¤• कर हम निकले रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ की और जहाठसे टà¥à¤°à¥‡à¤¨ पकड़ कर हमें जाना था अपने अगले गनà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¥à¤°à¤²à¤¿à¤‚ग की और।

परली वजिनाथ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤°
परली से ओरंगाबाद के लिठहमारी टà¥à¤°à¥‡à¤¨ रात 11:30 की थी और टà¥à¤°à¥‡à¤¨ ने हमें सà¥à¤¬à¤¹ जलà¥à¤¦à¥€ 5 बजे औरंगाबाद उतारा, वहां उतर कर सबसे पहले हमें सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ आदि कर दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठजाना था , हमें औरंगाबाद में रà¥à¤•ना नहीं था इसलिठनहाने के लिठहोटल का कमरा न देख कर हमने पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¥‰à¤°à¥à¤® पर ही वेटिंग रूम में ही सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने का फैसला किया। अनà¥à¤¯ रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ की जगह औरंगाबाद में à¤à¥€ वेटिंग रूम है परनà¥à¤¤à¥ बिलकà¥à¤² साफ सà¥à¤¥à¤°à¤¾ और काफी बड़ा , नहाने की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ à¤à¥€ बेहतरीन है मातà¥à¤° 25 रà¥à¤ªà¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के हिसाब से ये सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ का लà¥à¤«à¥à¤¤ आप उठा सकते है और आराम से फवà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ के निचे नहा सकते है, जी हां बिलकà¥à¤² सही सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ है ये यहाठपे। नहाने के बाद हमारी डà¥à¤¯à¥‚टी घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° जाने का साधन ढूंढने की थी तो हालांकि इसके लिठऑटो बस और पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ साधन उपलबà¥à¤§ है परनà¥à¤¤à¥ लगेज की अधिकता की वजह से हमने अपना निजि वाहन बà¥à¤• करने की सोची।
700 रà¥à¤ªà¤ में घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° और अनà¥à¤¯ आसपास के साइट सीन जिनमे की औरंगाबाद के दरà¥à¤¶à¤¨à¥€à¤¯ सà¥à¤¥à¤² à¤à¥€ शामिल थे जैसे की à¤à¤¦à¥à¤° मारà¥à¤¤à¥€ मनà¥à¤¦à¤¿à¤°, दौलताबाद किला, ओरंगजेब की मजार, पण चकà¥à¤•ी इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿, à¤à¤²à¥‹à¤°à¤¾ की गà¥à¤«à¤¾à¤à¤‚ उस दिन बनà¥à¤¦ थी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उस दिन मंगलवार था और मंगलवार को à¤à¤²à¥‹à¤°à¤¾ बंद होता है। घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठनिकलने पर सबसे पहले आता है दौलताबाद का किला जिसका टिकेट à¤à¥€ लगता है 15 रà¥à¤ªà¤ का, परनà¥à¤¤à¥ इस किले में चढ़ाई होने के कारन हमारे दल के बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— लोगो ने तो साफ मना कर दिया की हमें तो नहीं देखना किला और फिर किले को देखकर आने जाने में कम से कम 3 घणà¥à¤Ÿà¥‡ तो लगते है तो निचे से ही फ़ोटो सैसैन करके हमने आगे की और पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ किया।
हमारा अगला पॉइंट घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° महादेव ही थे । इस मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के बारे में कहना चाहूà¤à¤—ा की पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° है और इसमें उतना à¤à¥€à¤¡à¤¼ à¤à¥€ देखने को नही मिला। आराम से अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• à¤à¥€ पंडित लोग करने देते है बिना किसी रोक टोक के बस à¤à¤• शरà¥à¤¤ ये की पà¥à¤°à¥à¤· को अपनी कमीज या शरà¥à¤Ÿ उतारने के बाद ही मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने दिया जाता है। घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° महादेव के आसानी से और सà¥à¤—मता से दरà¥à¤¶à¤¨ उपरांत हम लोग चले वापिस औरंगाबाद की और, रासà¥à¤¤à¥‡ में à¤à¤¦à¥à¤° मारà¥à¤¤à¥€ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी के दरà¥à¤¶à¤¨ करते हà¥à¤ जो की खà¥à¤²à¤¤à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ में है।
उसके बाद हमारा गाड़ीवाला हमें ले गया ओरंगजेब की कबà¥à¤° पे, रोड से ही वह दरगाह दिखती है सो वही दूर से ही देखी और कहा की à¤à¥ˆà¤¯à¤¾ आगे ले चलो दूसरे पॉइंट पे, उसके बाद हम गठबीवी का मकबरा की और जिसे लोग ताजमहल की कॉपी à¤à¥€ कहते है, यहाठà¤à¥€ 15 रà¥à¤ªà¤ का टिकिट लगता है, जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¤¾à¤µà¤¸ हमने à¤à¥€ टिकेट ले लिया सोचा लोग कहते है ताजमहल तो सिरà¥à¤« à¤à¤• ही है इंडिया में फिर इसकी कॉपी à¤à¥€ आज देख ही लेते है। बीवी के मकबरे के बारे में कही पे पढ़ा था की इसको बनाने में पैसे की लागत कम लगवायी थी ओरंगजेब ने तो इसे देखकर वो बात साफ à¤à¥€ हो जाती है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इसमें इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया हà¥à¤† मेटेरियल और पतà¥à¤¥à¤° उस कà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤Ÿà¥€ के नही है जो ताजमहल में लगाये गठहै, वैसे à¤à¥€ किसी ने सही तो कहा है की “जितनी चीनी डालोगे उतना ही मीठा होगा” तो वही बात यहाठसाबित हो जाती है |
कà¥à¤› देर बीवी का मकबरा देखने के बाद हम निकले पनचकà¥à¤•ी के लिठपर पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ पर निराशा ही हाथ लगी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अब कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं पनचकà¥à¤•ी में देखने के लिठपानी तक सà¥à¤– चूका है।

दौलताबाद किला इतिहास

घà¥à¤°à¤¿à¤¶à¥à¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° महादेव मनà¥à¤¦à¤¿à¤° पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤°

à¤à¤¦à¥à¤° मारà¥à¤¤à¥€ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° खà¥à¤²à¤¤à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦

बीवी का मकबरा उरà¥à¤«à¤¼ मिनी ताजमहल

सेलà¥à¤«à¥€
ओरंगाबाद की सà¤à¥€ जगहों पर घà¥à¤®à¤¨à¥‡ के बाद ऑटो ने हमें बस सà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ड डà¥à¤°à¤¾à¤ª कर दिया जहा से हमें जाना था अपने अगले पड़ाव “शà¥à¤°à¥€ शनि शिगनापà¥à¤°” की और तो शनि शिगनापà¥à¤° का दरà¥à¤¶à¤¨ अगली कड़ी में लेकर जलà¥à¤¦ ही हाजिर होता हूठ…….
नमस्कार हेमंत जी
बहुत बढ़िया पोस्ट.
धन्यवाद
पोस्ट को पढ़ते हुए ऐसा लग रहा है जैसे आप एक ही सांस में उन सभी स्थानों का भ्रमण कर लेना चाहते थे जो आपने घुमक्कड़ पर पढ़े और देखे थे। मानना पड़ेगा आपकी घुमक्कड़ स्पिरिट को जिसके फलस्वरूप आपने खुद भी दर्शन किये और हम सभी को भी करवा दिए। आपकी अगली कड़ी का इन्तेजार रहेगा। वैसे चित्र और पोस्ट दोनों ही बेहतरीन है।
धन्यवाद
Wha MAJJA aagaya …aap ke aur hamare vichar milte hai..Join me in FB Suraj L Mishra
I have similar thoughts as Arun. Kudos to your spirit.
Thanks travelling alone with my son. Pray to mahadev darshan.