दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚, पिछली पोसà¥à¤Ÿ में मैंने आपको मà¥à¤‚बई के महालकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ मंदिर तथा उससे लगे हà¥à¤ à¤à¤• अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मंदिर धाकलेशà¥à¤µà¤° महादेव मंदिर के बारे में बताया था, आइये अब इस पोसà¥à¤Ÿ में चलते हैं मà¥à¤‚बई के कà¥à¤› और परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ की सैर करने के लिअ…………….
20 मारà¥à¤š 2012 मंगलवार शाम करीब 5 बजे करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• के कà¥à¤®à¤¤à¤¾ से हमारी मà¥à¤‚बई के लिठटà¥à¤°à¥‡à¤¨ थी मेंगलोर मà¥à¤‚बई SF à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ जिसने हमें सà¥à¤¬à¤¹ लगà¤à¤— 6 बजे मà¥à¤‚बई पहà¥à¤‚चा दिया.
करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• की चार दिवसीय यादगार यातà¥à¤°à¤¾ से लौटने के बाद अब हमें अगले 3 दिन मà¥à¤‚बई में विशाल के घर पर रà¥à¤• कर मà¥à¤‚बई घूमना था. करीब आठबजे हम विशाल के घर पहà¥à¤à¤š गठतथा नहा धोकर अब हम आराम कर रहे थे. विशाल ने हमारे नाशà¥à¤¤à¥‡ के लिठमिसल और पाव का इंतजाम किया, जो हमने कà¤à¥€ नहीं खाया था, विशाल चाहता à¤à¥€ यही था की हमें वो सब खिलाये जो हमने अब तक नहीं खाया था और सचमà¥à¤š मà¥à¤‚बई में हमने कà¥à¤› à¤à¤¸à¥€ चीजें खाई जो हमने पहले कà¤à¥€ नहीं खाई थीं.
यहाठमैं आपलोगों को बताना चाहूà¤à¤—ा की करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान जब हम मà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° के बिच पर समà¥à¤¦à¥à¤° में नहाने का आनंद ले रहे थे, मैं यह जानते हà¥à¤ à¤à¥€ की केमेरा को पानी से नà¥à¤•सान पहà¥à¤à¤š सकता है, अपने आप को समà¥à¤¦à¥à¤° सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ के फोटो लेने से रोक नहीं पाया और अंत में वही हà¥à¤† जो होना था यानि à¤à¤• बेरहम लहर जोरदार तरीके से आई और हमारे ओलिमà¥à¤ªà¤¸ के डिजिटल केमरा को à¤à¤¿à¤—ोती हà¥à¤ˆ चली गई.
मà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° तथा उडà¥à¤ªà¥€ में बहà¥à¤¤ जगह केमरा को दà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤¤ करने की कोशिशों के बाद à¤à¥€ हमें निराशा ही हाथ लगी और हमने यह सोचकर की मà¥à¤‚बई पहà¥à¤à¤š कर ओलिमà¥à¤ªà¤¸ के सरà¥à¤µà¤¿à¤¸ सेंटर पर हमारा केमरा जरà¥à¤° ठीक हो जायेगा, केमरा बेग में रख लिया और आगे के बाकि सफ़र के फ़ोटोज़ विशाल के केमरा से खींचे.
अब मà¥à¤‚बई पहà¥à¤‚चकर सबलोग आराम कर रहे थे लेकिन मेरा कहीं à¤à¥€ मन नहीं लग रहा था और मैं जलà¥à¤¦à¥€ से जलà¥à¤¦à¥€ अपना केमरा ठीक करा लेना चाहता था अतः मैंने विशाल से कहा की à¤à¤¾à¤ˆ बाकि लोगों को आराम करने दो और तà¥à¤® मà¥à¤à¥‡ केमरा के सरà¥à¤µà¤¿à¤¸ सेंटर पर लेकर चलो, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि केमरा ख़राब होने के बाद से मेरा कहीं घà¥à¤®à¤¨à¥‡ में à¤à¥€ मन नहीं लग रहा था.
थोडा सरà¥à¤š करने के बाद विशाल को पता चला की ओलिमà¥à¤ªà¤¸ का सरà¥à¤µà¤¿à¤¸ सेंटर CST (छतà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शिवाजी टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¸) के करीब ही है अतः गोरेगांव से लोकल पकड़ कर हम दोनों चल पड़े अपना केमरा ठीक कराने, लेकिन बदकिसà¥à¤®à¤¤à¥€ ने यहाठà¤à¥€ हमारा साथ नहीं छोड़ा और सरà¥à¤µà¤¿à¤¸ सेंटर पर जा कर पता चला की हमारा केमरा अब कà¤à¥€ ठीक नहीं हो पायेगा.
मैंने सोचा चलो केमरा गया तो गया दूसरा à¤à¥€ ख़रीदा जा सकता है, कम से कम मेमोरी कारà¥à¤¡ तो सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ होगा जिसमें हमारे मà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° के सारे फोटो थे. लेकिन मà¥à¤à¥‡ सबसे बड़ा शॉक तब लगा जब मà¥à¤à¥‡ सरà¥à¤µà¤¿à¤¸ सेंटर के टेकà¥à¤¨à¥€à¤¶à¤¿à¤¯à¤¨ से पता चला की मेमोरी कारà¥à¤¡ à¤à¥€ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ नहीं है और आपके सारे फ़ोटोज़ करपà¥à¤Ÿ हो गठहैं.
जैसे ही मैंने यह सà¥à¤¨à¤¾ मेरी आà¤à¤–ों के आगे अà¤à¤§à¥‡à¤°à¤¾ छाने लगा कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अब उन फ़ोटोज़ को बचाने का कोई चारा नहीं नज़र आ रहा था. मà¥à¤à¥‡ बहà¥à¤¤ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ परेशान देखकर सरà¥à¤µà¤¿à¤¸ सेंटर वाली महिला ने मà¥à¤à¤¸à¥‡ कहा की आपके मेमोरी कारà¥à¤¡ से फोटो बचाने का à¤à¤• तरीका है, à¤à¤• सोफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤¯à¤° है जिसकी सहायता से फोटो बचाठजा सकते हैं लेकिन उसके लिठआपको 300 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ चारà¥à¤œ लगेगा, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह सोफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤¯à¤° बहà¥à¤¤ महंगा होता है.
मà¥à¤à¥‡ उमà¥à¤®à¥€à¤¦ की कà¥à¤› किरण नज़र आई तो मैंने बिना कà¥à¤› सोचे समà¤à¥‡ à¤à¤• सेकणà¥à¤¡ में उसे हाठकह दिया, और अंततः à¤à¤—वान की कृपा से हमारे सारे फोटो बच गà¤. बाद में सरà¥à¤µà¤¿à¤¸ सेंटर वाले ने वो सारे फोटो मà¥à¤à¥‡ à¤à¤• सी. डी. में डाल कर दे दिà¤.
सरà¥à¤µà¤¿à¤¸ सेंटर वाले का कहना था की यदि इस केमेरा में सादा पानी चला गया होता तो इसे ठीक किया जा सकता है, लेकिन समà¥à¤¦à¥à¤° के पानी में लवण की अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• मातà¥à¤° होने से अनà¥à¤¦à¤° के पारà¥à¤Ÿà¥à¤¸ में बहà¥à¤¤ जलà¥à¤¦à¥€ जंग लग गया जिससे यह केमरा बेकार हो गया.
खैर उस दिन के बाद से मैंने कसम खा ली की कà¤à¥€ à¤à¥€ बीच पर नहाने के दौरान केमरा साथ में नहीं रखूà¤à¤—ा और आप सà¤à¥€ को à¤à¥€ यही सलाह देना चाहूà¤à¤—ा. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि केमरा तो फिर à¤à¥€ ख़रीदा जा सकता है लेकिन खींचे हà¥à¤ फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥à¤¸ को बचाना बहà¥à¤¤ मà¥à¤¶à¥à¤•िल होता है. फोटो सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ बच जाने की खबर से संतà¥à¤·à¥à¤Ÿ होने के बाद मैंने उसी सरà¥à¤µà¤¿à¤¸ सेंटर से ओलिमà¥à¤ªà¤¸ का ही नया सिलà¥à¤µà¤° कलर का आधà¥à¤¨à¤¿à¤• फीचरà¥à¤¸ वाला केमेरा खरीद लिया.
चूà¤à¤•ि CST हमने वैसे à¤à¥€ घà¥à¤®à¤¨à¥‡ आना था अतः केमरा खरीदने के बाद बचे समय का उपयोग करते हà¥à¤ हमने CST रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ को करीब से देखा और उसके बारे में जानकारी ली.
छतà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शिवाजी टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¸ – à¤à¤• विशà¥à¤µ धरोहर सà¥à¤¥à¤²Â / CST – A UNESCO World Heritage Site :Â
छतà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शिवाजी टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¸ मà¥à¤‚बई के बोरीबंदर इलाके में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤• यूनेसà¥à¤•ो विशà¥à¤µ धरोहर सà¥à¤¥à¤² तथा à¤à¤• à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ है जो की सेनà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤² रेलवे का मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ à¤à¥€ है. यह बोरी बनà¥à¤¦à¤° रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर à¤à¤• नठरेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के रूप में सन 1887 में विकà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¸ के नाम से महारानी विकà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ की सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ जयंती के सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª बनाया गया था. यह à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सबसे वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ है और दोनों बाहर की टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥‹à¤‚ तथा मà¥à¤‚बई उपनगरीय टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥‹à¤‚ (मà¥à¤‚बई लोकल) के सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के रूप में उपयोग किया जाता है.
à¤à¤• रोचक बात यह है की यह वही सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ है जहाठसे 16 अपà¥à¤°à¥‡à¤², 1853 को à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पहली टà¥à¤°à¥‡à¤¨ ने मà¥à¤‚बई से ठाणे के बिच 35 किलोमीटर की दà¥à¤°à¥€ तय की थी और उस समय इस सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ का नाम था बोरी बनà¥à¤¦à¤° सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨, औपचारिक तौर पर कहा जा सकता है की यही सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ रेलवे का जनà¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ है. इस सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ को बाद में विकà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¸ के नाम से पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤®à¤¿à¤¤ किया गया था और इसका नाम उस समय की शासक महारानी विकà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के नाम पर रखा गया था.
बाद में सन 1996 में उस समय के रेलवे मिनिसà¥à¤Ÿà¤° शà¥à¤°à¥€ सà¥à¤°à¥‡à¤¶ कलमाड़ी ने इसका नाम बदल कर महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° तथा à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· के शासक छतà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शिवाजी के नाम पर छतà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शिवाजी टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¸ कर दिया गया. हालाà¤à¤•ि इसका संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ नाम CST है फिर à¤à¥€ लोग आज à¤à¥€ इसे VT (विकà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¸) के नाम से ही पà¥à¤•ारते हैं.
इस ख़ूबसूरत ईमारत का डिजाइन बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ आरà¥à¤•िटेकà¥à¤Ÿ फà¥à¤°à¥‡à¤¡à¤°à¤¿à¤• विलियम सà¥à¤Ÿà¥€à¤µà¤¨à¥à¤¸ ने किया था. निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कारà¥à¤¯ सन 1878 में शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤† था. यह ईमारत लनà¥à¤¦à¤¨ के सेंट पेंकà¥à¤°à¤¸ रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ तथा बरà¥à¤²à¤¿à¤¨ के पारà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤¾à¤®à¥‡à¤‚ट बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग से मिलती जà¥à¤²à¤¤à¥€ है.
इस ईमारत को बनने में 10 साल लगे थे तथा इसका शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ सन 1887 में महारानी विकà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के गोलà¥à¤¡à¤¨ जà¥à¤¬à¤²à¥€ के दिन किया गया. इसके निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में कà¥à¤² लागत आई थी 260,000 पौणà¥à¤¡ यह राशि मà¥à¤‚बई में उस समय के किसी à¤à¥€ अनà¥à¤¯ à¤à¤µà¤¨ की निरà¥à¤®à¤¾à¤£ राशी से कहीं अधिक थी.
बॉलीवà¥à¤¡ की कई फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में इस रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ को फिलà¥à¤®à¤¾à¤¯à¤¾ गया है, 1956 में फिलà¥à¤® CID का गाना “ये है मà¥à¤‚बई में जान” यहीं पर फिलà¥à¤®à¤¾à¤¯à¤¾ गया है. सन 2008 की आसà¥à¤•र अवारà¥à¤¡ विजेता फिलà¥à¤® “सà¥à¤²à¤®à¤¡à¤¾à¤— मिलियेनियर” में à¤à¥€ इस ईमारत को पà¥à¤°à¤®à¥à¤–ता से फिलà¥à¤®à¤¾à¤¯à¤¾ गया है.
सन 2008 का आतंकवादी हमला और CST सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨:
26 नवमà¥à¤¬à¤° 2008 को दो आतंकवादी CST के यातà¥à¤°à¥€ ककà¥à¤· में घà¥à¤¸à¥‡, शसà¥à¤¤à¥à¤° निकाले और यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर गà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥‡à¤¡à¥à¤¸ फेंके. आतंकवादी AK – 47 रायफलों से लैस थे. बाद में उनमें से à¤à¤• आतंकवादी अजमल कसाब पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जिनà¥à¤¦à¤¾ पकड लिया गया. इस हमले में 58 लोग मरे गठतथा अनà¥à¤¯ 104 लोग घायल हो गà¤.
सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के बाहर कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤à¤‚ लगी हैं जो वाणिजà¥à¤¯, कृषि तथा पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी के विकास को पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ करती हैं. à¤à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ महारानी विकà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ की à¤à¥€ लगी थी जिसे बाद में हटा दिया गया. CST पर कà¥à¤² 17 पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¥‹à¤°à¥à¤®à¥à¤¸ हैं जिनमें से 7 लोकल टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठतथा 11 बाहर से आनेवाली टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठहैं.
बà¥à¤°à¤¹à¤¨à¤®à¥à¤‚बई मà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¤¿à¤ªà¤² कारपोरेशन (BMC) :
CST के ठीक सामने मà¥à¤‚बई BMC ( बà¥à¤°à¤¹à¤¨à¤®à¥à¤‚बई मà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤¸à¤¿à¤ªà¤² कारपोरेशन) का à¤à¤µà¤¨ है, यह à¤à¥€ à¤à¤• बहà¥à¤¤ ही ख़ूबसूरत à¤à¤µà¤¨ है तथा देखने लायक है. BMC मà¥à¤‚बई के नगरीय पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ संसà¥à¤¥à¤¾ है तथा à¤à¤¾à¤°à¤¤ की सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• धनी (Richest) महानगर पालिका हैं. इसका वारà¥à¤·à¤¿à¤• बजट à¤à¤¾à¤°à¤¤ के कà¥à¤› छोटे राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से à¤à¥€ अधिक है.
इन सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° तथा à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• ईमारत के दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के तथा कà¥à¤› आवशà¥à¤¯à¤• फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€ के बाद हम लोग घर पहà¥à¤à¤š गà¤. थके होने की वजह से रात को जलà¥à¤¦à¥€ ही निंदà¥à¤°à¤¾ रानी ने हमें घेर लिया.
अगले दिन सà¥à¤¬à¤¹ जलà¥à¤¦à¥€ उठकर हम सब चल पड़े à¤à¤• बार फिर मà¥à¤‚बई की सैर पर. विशाल के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° हमें आज सबसे पहले बांदà¥à¤°à¤¾ बेंडसà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ड घूमना था.
बांदà¥à¤°à¤¾ बेंडसà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ड:
बांदà¥à¤°à¤¾ बेंडसà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ड पà¥à¤°à¥‹à¤®à¥‡à¤¨à¥‡à¤¡ मà¥à¤‚बई के à¤à¤• उपनगर बांदà¥à¤°à¤¾ के पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ छोर पर समà¥à¤¦à¥à¤° के किनारे लगà¤à¤— à¤à¤• से डेढ़ किलोमीटर लमà¥à¤¬à¤¾ पैदल रासà¥à¤¤à¤¾ है जो की आगे चलकर बांदà¥à¤°à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ पर जाकर ख़तम होता है.यह चहलकदमी तथा विशà¥à¤°à¤¾à¤® करने के लिठबहà¥à¤¤ ही अचà¥à¤›à¥€ जगह है. इसे मà¥à¤‚बई का लवरà¥à¤¸ पॉइंट à¤à¥€ कहते हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यहाठपर हर समय पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ जोड़ों (लव बरà¥à¤¡à¥à¤¸) का मेला लगा रहता है.
बेंड सà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ड के रहवासियों ने इस पà¥à¤°à¥‹à¤®à¥‡à¤¨à¥‡à¤¡ (चहलकदमी करने के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨) को विकसित करने में बहà¥à¤¤ समय तथा पैसा लगाया है. अब यह पà¥à¤°à¥‹à¤®à¥‡à¤¨à¥‡à¤¡ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤ƒ जोगिंग, तथा पैदल चलने के लिठइसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया जाता है.

बांदà¥à¤°à¤¾ बेनà¥à¤¡à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ड और सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤Ÿ लाईट के पीछे दिखाई देता शाहरà¥à¤–़ खान का घर

सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤Ÿ लाईट के पीछे दिखाई देता शाहरà¥à¤–़ खान का घर
शाहरà¥à¤–़ खान के घर मनà¥à¤¨à¤¤ के ठीक सामने जहाठलोग किंग खान की à¤à¤• à¤à¤²à¤• पाने के लिठघंटों बैठे रहते हैं.

ये हवा, ये नदी का किनारा, ख़ूबसूरत ये रंगीं नज़ारा.................
पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ जोड़ों के लिà¤Â यहाठसमà¥à¤¦à¥à¤° के किनारे अपने साथी के पहलॠमें बैठकर वक़à¥à¤¤ बिताना किसी जनà¥à¤¨à¤¤ से कम नहीं है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वे नहीं चाहते की कोई उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ डिसà¥à¤Ÿà¤°à¥à¤¬ करे. कà¥à¤› जोड़े तो समà¥à¤¦à¥à¤° से à¤à¤•दम सटी चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ तक पहà¥à¤à¤š जाते है तथा वहां गलबहियां डाले घंटों बैठे रहते हैं , दिन दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से बेखबर अपनी ही मसà¥à¤¤à¥€ में मसà¥à¤¤ ये जोड़े किसी की à¤à¥€ परवाह नहीं करते.

आके तेरी बाहों में हर शाम लगे सिनà¥à¤¦à¥‚री.......................देखीये à¤à¥à¤£à¥à¤¡ के à¤à¥à¤£à¥à¤¡
शà¥à¤°à¥‚ में विशाल ने हमें ये जगह दिखने में थोड़ी आनाकानी की, इसकी वजह थी हमारी टीनà¤à¤œà¤° गà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾ संसà¥à¤•ृति का साथ होना, लेकिन मैंने ही जिद की और कहा की कोई बात नहीं हम थोड़ी देर में ही वापस आ जायेंगे, लेकिन हम जैसे ही बेंड सà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ड पà¥à¤°à¥‹à¤®à¥‡à¤¨à¥‡à¤¡ से होते हà¥à¤ बांदà¥à¤°à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ पहà¥à¤‚चे, वहां का माहौल देखकर मà¥à¤à¥‡ घबराहट होने लगी. हर तरफ जहाठà¤à¥€ निगाह जा रही थी यà¥à¤µà¤¾ जोड़े à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ की बाà¤à¤¹à¥‹à¤‚ में बाहें डाले रोमांस में मशगà¥à¤² थे. मैंने तथा मेरे परिवार ने à¤à¤¸à¤¾ माहौल पहली बार देखा था अतः हमारे लिठवहां कà¥à¤› देर ठहरना à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¥€ पड़ रहा था.
शाम के समय जब कॉलेज के यà¥à¤µà¤¾à¤“ं की à¤à¥€à¤¡à¤¼ यहाठआती है तब यहाठका माहौल देखने लायक होता है, हर तरफ रौनक ही रौनक. यहाठपर à¤à¥‡à¤² पूरी, सेव पूरी तथा अनà¥à¤¯ खादà¥à¤¯ पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ के सà¥à¤Ÿà¤¾à¤²à¥à¤¸ लगे होते हैं जिनका मज़ा लेते हà¥à¤ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• तथा सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोग अपनी शाम को और सà¥à¤¹à¤¾à¤¨à¥€ करते हैं.
बांदà¥à¤°à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ:
यह किला बेंडसà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ड के आखरी छोर पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है तथा इसे पà¥à¤°à¥à¤¤à¤—ालियों ने सन 1640 में बनवाया था. बांदà¥à¤°à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ (बांदà¥à¤°à¤¾ किला) पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ जोड़ों जो अपने पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ / पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤•ा के साथ तनà¥à¤¹à¤¾à¤ˆ में ख़ूबसूरत पल बिताना चाहते हैं के मिलन के लिठà¤à¤• आदरà¥à¤¶ जगह है . बांदà¥à¤°à¤¾ किले को कई बॉलीवà¥à¤¡ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ फिलà¥à¤®à¤¾à¤¯à¤¾ गया है जिनमें पà¥à¤°à¤®à¥à¤– हैं दिल चाहता है, बà¥à¤¡à¥à¤¢à¤¾ मिल गया, जाने तू या जाने ना और रोबोट.

बांदà¥à¤°à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ और सामने दिखाई देता बांदà¥à¤°à¤¾-वरली सी लिंक
बांदà¥à¤°à¤¾–वरली सी लिंक:
बांदà¥à¤°à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ से सामने समà¥à¤¦à¥à¤° की ओर देखने पर समà¥à¤¦à¥à¤° के ऊपर à¤à¤• बड़ा ही सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° लोहे के तारों से बना à¤à¥‚लता हà¥à¤† पूल दिखाई देता है जिसे बांदà¥à¤°à¤¾ वरली सी लिंक या राजीव गाà¤à¤§à¥€ सी लिंक कहा जाता है . यह पूल (बà¥à¤°à¤¿à¤œ) बांदà¥à¤°à¤¾ तथा मà¥à¤‚बई के पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ उपनगरों को वरली तथा सेंटà¥à¤°à¤² मà¥à¤‚बई से जोड़ने के लिठबनाया गया है.

बांदà¥à¤°à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ से दिखाई देता सी लिंक का ख़ूबसूरत नज़ारा
बांदà¥à¤°à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ से समà¥à¤¦à¥à¤° को कà¥à¤› देर निहारने तथा सी लिंक के ख़ूबसूरत नजारों को अपनी आà¤à¤–ों में बसाने के बाद हमने अपनी अगली मंजिल यानी बांदà¥à¤°à¤¾ बेनà¥à¤¡à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ड पर ही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कà¥à¤› नामचीन फ़िलà¥à¤®à¥€ सितारों के आशियानों की ओर रà¥à¤– किया. चलिठअब मैं विदा लेता हूठऔर अगली पोसà¥à¤Ÿ में मिलते हैं और देखते हैं कैसे हैं आशियाने शाहरà¥à¤–़ खान, सलमान खान और रेखा के.












मुकेश भाई कमाल का वर्णन किया है. लगता ही नहीं हम और कहीं है. सब सजीव लग रहा है. फोटो बहुत सुंदर हैं. बहुत अच्छा . बहुत बहुत धन्यवाद.
सुरिंदर शर्मा जी,
पोस्ट को पसंद करने तथा उत्साहवर्धन के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद. आप जैसे लोगों की मोटिवेशनल कमेंट्स की वजह से ही लेखक को और अच्छा लिखने की प्रेरणा मिलती है.
मुकेश के नए केमेरे से खिची गयी थी पहली मुंबई सी.एस.टी. के फोटो. आपके केमेरा के कुछ निश्चित निर्णय होने पर आपसे ज्यादा मुझे राहत मिली.
आप लोगो ने शायद जोड़ो के ऐसे नज़ारे पहली बार देखे थे. भालसे परिवार के चेहरे देखने लायक थे. एक दुसरे से ही शर्मा रहे थे.मेरी तो मुकेश के बहाने बेंडस्टेंड की सैर हो गयी. मेरा इंजीनियरिंग का कोल्लेज यही था. मैंने अपने जिनदगी के ४ चार वर्ष इन जोड़ो को देखते देखते ही बिताये.
मुकेश जी राम राम, बहुत अच्छा वर्णन किया हैं, आपके नए कैमरा से फोटो अच्छे आये हैं, कई बार जब कैमरा खराब हो जाता हैं और उसमे यादगार फोटो होते हैं तो जी दुखता हैं. ऐसा एक बार हमारी साथ नैनीताल में हुआ था, उस समय डिजिटल कैमरा नहीं होता था, हमारी पूरी कि पूरी २ रीले खराब हो गयी थी. खैर BMC building, or V.T. कि इमारते शानदार तो हैं ही, मुंबई कि शान भी हैं. मुंबई बैंड स्टैंड के फोटो अच्छे हैं. भाभी जी के साथ आपके फोटो का ज़वाब नहीं. धन्यवाद…
प्रवीण जी,
हौंसला अफजाई का शुक्रिया. प्रवीण जी एक बार मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ वाकया हुआ था जब हम ओखा से बेट द्वारका जा रहे थे, मेरे पास भी उस समय वही पुराना रोल वाला कोडक का केमरा था. मैंने गलती से उसका शटर खोल दिया था और मेरे एक रोल के सारे फोटो ख़राब हो गए थे.
हम दोनों का फोटो आपको अच्छा लगा, जानकार ख़ुशी हुई.
धन्यवाद.
बिना मुंबई गए बहुत कुछ देखा जा रहा है, आप दिखाते रहो जब भी अपुन यहाँ जायेंगे ये सीरिज बहुत काम आयेगी, आप का गाइड तो विशाल था हमें किसी guide की जरुरत भी नहीं होगी, अगले लेख में यदि आप फ़िल्मी सितारों का घर दिखाओ तो फ़िल्मी दुनिया के he man धर्मेन्द्र के घर के बारे में जरुर बताना, मैं एक बार उनसे मिल चूका हूँ मेरठ में, अब उनका घर देखने की, व् परिवार से मिलने की इच्छा है अगर संभव हुआ तो?
संदीप भाई,
इस सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद. और माफ़ी चाहूँगा की मैं आपको धर्मेन्द्र पाजी का घर नहीं दिखा पाऊंगा क्योंकि हम वहां नहीं जा पाए थे. मुंबई तो सेलिब्रिटिस से भरी पड़ी है किसका आशियाना देखो और किसका छोडो, अतः जो हमसे संभव हो सका वह देखा बाकी छोड़ दिया.
मुकेश जी ,
कुछ फोटो थोडे धुंधले दिखाई दे रहे हैं।
सर्वेश जी,
असुविधा के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ.
धन्यवाद.
मुकेश जी .. बहुत बढ़िया वर्णनं ..मैं मुंबई मैं ही रह रहा हूँ पिछले ९ सालों से और आपकी के दिखाई हुई लगभग सभी जगहों पर जा चूका हूँ .. लेकिन आपके वर्णन के साथ जो फोटोस लगाएँ हैं उससे ये सब जगह एक दम नए लग रहे हैं मेरे लिए … वैसे बैंड स्टैंड है तो जाने लायक जगह लेकिन सिर्फ पति और पत्नी ….बच्चो को ले जाना ठीक नहीं लगता …इस जगह पर लोग प्यार मैं इतने मशगुल हो जाते हैं की डूबने से कई बार लोग अपनी जान भी गवा चुके हैं …..
सुबोध जी,
इतनी अच्छी प्रतिक्रिया के लिए आपको ह्रदय से आभार. आपने बिलकुल सही फ़रमाया की यह जगह बच्चों को ले जाने लायक तो बिलकुल भी नहीं है. आपकी यह बात पढ़कर की यहाँ पर प्रेमी जोड़े कई बार अपनी जान तक गवां बैठते हैं, बहुत आश्चर्य हुआ. मुझे यह सब मालूम नहीं था, जानकारी के लिए धन्यवाद.
बहुत ही सुन्दर वर्णन , मुंबई तो करीब करीब हर दूसरे महीने जाना होता है| बैंड स्टैंड के अलावा सब देखा हुआ है , एक बार फिर से घूमने के लिए धन्यवाद|
नया कैमरा मुबारक हो |
महेश जी,
प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद. अगर आप बेन्ड स्टेंड नहीं गए हैं तो अगली बार ज़रूर जाइएगा, सचमुच सुरम्य जगह है. और केमेरा की मुबारकबाद के लिए शुक्रिया.
I’ve been 2 Mumbai as a child….the city is always bustling with life…the way u described it brought back all those memories….very nice.
Minakhee,
Thanks for reading and liking the post.
मुकेश जी बहुत ही रोचक विवरण ! ऐसे ही लिखते रहिये.
प्रयाग जी,
उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
मुकेश जी…
सपनो की नगरी (मायानगरी) मुंबई का आपने बड़े ही तल्लीनता और खूबसूरती से अति उत्तम वर्णन किया हैं…..|
वैसे कभी मुंबई जाना नहीं हुआ पर मुंबई जाने के तीव्र इच्छा भी हैं और सच पूछो तो आपका आलेख पढ़कर बहुत मन को शांति मिली….|
आज के लेख में आपके द्वारा घुमाई गयी सभी जगह मुझे बहुत पसंद आई ……छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (भारत का सबसे खूबसूरत और पुराना रेलवे स्टेशन) , ब्रहनमुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन, बांद्रा बेंडस्टेंड (वाकई में बेड स्टैंड हैं……प्रेमी जोड़े तो प्यार के पंक्षी हैं अक्सर जहाँ एकांत जगह मिली में गुटरगूँ करने बैठ ही जाते हैं ), बांद्रा फोर्ट (फोर्ट से सी लिंक अच्छा लगा) ……..बड़ा शहर हैं तो जगह भी बड़ी और खूबसूरत तो होगी ही…|
वैसे यह मिसल पाव हैं क्या …हमारे यहाँ तो इस तरह के पकवान को पाव-भाजी कहते हैं….और खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होती हैं |
आपके जानकारी पूर्ण लेख और खूबसूरत फोटोओ ने आज हमें खूब अच्छी सैर कराई मुंबई नगरी ……इसी पर मुझे एक गाना याद आ गया ……….” यह हैं मुंबई नगरिया तू देख बबुआ ”
धन्यवाद……..
रितेश,
हमेशा की तरह ख़ूबसूरत, विस्तृत तथा हृदयस्पर्शी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद. रितेश, मिस्सल पाव, पाव भाजी नहीं है, पाव भाजी तो हमारे यहाँ इंदौर में भी जगह जगह मिलती है. दरअसल पाव भाजी की भाजी (सब्जी) थोड़ी गाढ़ी / semi solid होती है और मिस्सल थोडा तरल होता है जिसमें गठिया टाइप की मोटी सेंव मिला कर पाव के साथ खाते हैं. बाकी और अधिक जानकारी के लिए विशाल जी से संपर्क करें, या विशाल जी स्वयं भी इस विषय पर प्रकाश डाल सकते हैं.
I went to Bombay thrice but could see nothing but Juhu beach and around. Through your post it was good to see bombay.
I thought BEST buses are red, since when they became pink ?
Kavitaji is blushing like a teen aged girl in your caress..
nice post and great description
Sir,
Thank you very much for these encouraging words. Yes I could see the color of BEST buses is pink now, May be it has been changed but when even I am not aware of. Vishal can tell something about this.
Kavita must have been overwhelmed reading your quote……………..Teen aged girl. (Ssshhhhhhhhhh………I don’t know about kavita but I am very very happy )
Thanks.
Hi Mukesh,
One clarification/Confirmation, color of BEST buses are still red , in the photograph you can observe that Pink color is visible on the Side of the bus but not in the front portion . The reason for the same is the side of the bus is painted for LIC advertisement . So many Best buses are painted in different colors as they are a popular mode of advertising .
@ Vishal,
विशाल,
मुंबई CST और BMC के सारे फोटोग्राफ्स का श्रेय आपको ही देना चाहूँगा, क्योंकि केमेरा की वजह से मैं तो पूरी तरह से अपसेट ही था, आप ने ही जिद करके सारे फोटो खींचे थे.
दूसरी बात, हमने सचमुच इस तरह के नज़ारे प्रत्यक्ष रूप से पहली बार देखे थे. हमारी बेटी के साथ में होने की वजह से हम उस माहौल में अपने आप को बहुत असहज महसूस कर रहे थे.
कमेन्ट के लिए धन्यवाद.
बॉम्बे कई बार जाना हुआ पर बांद्रा-वरली लिंक बनने के बाद नहीं जा पाया हूँ | फोटोस साफ़ नहीं है , शायद मौसम ख़राब था , तो और इच्छा बढ़ गयी है :-)
नंदन,
प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद. हाँ उस समय धुप बहुत ज्यादा थी और सूर्य की रौशनी पीछे की तरफ से आ रही थी जिसकी वजह से फ़ोटोज़ साफ़ नहीं आ पाए.
धन्यवाद.
बढिया आलेख मुकेश जी ………..अच्छे ढंग से मुम्बई की सैर करा रहे हो उसके लिये धन्यवाद
Thoroughly enjoyed your post, Mukesh.
By the time I finished reading it, I was humming this song
एय दिल है मुश्किल जीना यहाँ
ज़रा हट के ज़रा बचके यह है मुंबई मेरी जान…..
Mumbai has changed a lot over the years, the names of places have changed, yet it remains the same.
DL,
Thank you very much for your lovely comment. You have reminded me one of the beautiful songs on Mumbai.
Thanks.
@ मनु,
सबसे पहले तो टिप्पणी के लिए धन्यवाद. दूसरा, आप घुमक्कड़ी पर होने के बावजूद भी हम सबसे कनेक्टेड हैं यह हमारे लिए बहुत ख़ुशी की बात है. ईश्वर से प्रार्थना है की आपका सफ़र सुखमय हो. अभी कहाँ पर हैं, कमेन्ट के माध्यम से अपडेट करते रहिएगा.
बहोत ही शानदार तरीके से आपने मुंबई की सैर करायी,
यूँ लगा की आप आगे – आगे चल रहे हैं और हम पीछे पीछे .
ई- यात्रा का भी अपने आप में अलग ही मजा है :)
एक बार पुनः धन्यवाद एवं निरंतर लेखन के लिए शुभकामनाएँ.
Mukesh ji bahot dino se main aapke post ka intazar kar raha tha. mujhe aapke tour mein dee jane wali baarik se baarik baaton ko post karte hai.