Dev Bhoomi Uttarakhand : Devprayag
बदà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¾à¤¥ में साढे गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ बजे बैरियर खà¥à¤²à¤¨à¥‡ के इंतजार में दो घणà¥à¤Ÿà¥‡ लाइन में लगे रहना पड़ा। रà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— में रातà¥à¤°à¥€ विशà¥à¤°à¤¾à¤® लेने का विचार किया था परंतॠइचà¥à¤›à¤¿à¤¤ धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ जाने का रासà¥à¤¤à¤¾ निकल जाने से किसी दà¥à¤•ान पर सà¥à¤à¤¾à¤µ मिला कि मैं समय रहते शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र पहà¥à¤à¤š सकता हूं और मà¥à¤à¥‡ वहाठरातà¥à¤°à¥€ विशà¥à¤°à¤¾à¤® लेना चाहिये। मैं चल पड़ा। शीघà¥à¤°à¤¤à¤¾ से चलते हà¥à¤¯à¥‡ किसी जगह पर पाà¤à¤š-छ गाड़ीयों को खड़े देख मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ रà¥à¤•ना पड़ा। à¤à¥‚-सà¥à¤–लन के कारण खराब रासà¥à¤¤à¥‡ में कोई आती हà¥à¤ˆ छोटी कॉमरà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤² गाड़ी फंसी हà¥à¤ˆ थी। 15-20 मिनट के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ वह आती दिखाई दी। डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤µà¤° बदहवास सा तेजी से चलाते हà¥à¤¯à¥‡ ले गया। उसके पीछे à¤à¤• अनà¥à¤¯ गाड़ी अटक गई। अनà¥à¤§à¥‡à¤°à¤¾ हो गया था। मेरे पीछे à¤à¤• अनà¥à¤¯ अलà¥à¤Ÿà¥‹ में 4-5 नवयà¥à¤µà¤• थे। उनमें से कà¥à¤› ने आगे जा माजरा लिया कि सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ ठीक नही है। कà¥à¤› आवाज सà¥à¤¨ उनमें से à¤à¤• ने कहा कि पहाड़ से पतà¥à¤¥à¤° गिर रहे हैं। पानी की बहती आवाज के मधà¥à¤¯ कà¥à¤› सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ के चेषà¥à¤Ÿà¤¾ करते हà¥à¤¯à¥‡, पहाड़ों पर à¤à¥‚-सà¥à¤–लन कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ से अनà¤à¤¿à¤œà¥à¤ž, मैने कार से टॉरà¥à¤š निकाल देखने की कोशिश की तो जैसे पहाड़ टॉरà¥à¤š-लाइट से छेड़े जाने का ही इंतजार कर रहा हो और à¤à¤°à¤à¤°à¤¾à¤•र नीचे गिरने लगा। टॉरà¥à¤š की रोशनी में धूल नजर आ रही थी। नीचे गिरते पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ के आपस में टकराने से चमक हो रही थी और अटके वाहन पर पड़ते पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ की तड़-तड़ आवाज से निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ हो गया कि गाड़ी तो खतà¥à¤® हो चà¥à¤•ी होगी।
अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगाया कि डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤µà¤° व अनà¥à¤¯ पहले ही वाहन छोड़ निकल जाने के कारण बच गये होंगे। नवयà¥à¤µà¤•ों में से à¤à¤• ने जानकारी दी कि कà¥à¤› कि.मी.पहले à¤à¤• वैकलà¥à¤ªà¤¿à¤• रासà¥à¤¤à¤¾ है जो करीब 40 कि.मी.लमà¥à¤¬à¤¾ है। अचà¥à¤›à¥‡ बà¥à¤°à¥‡ रासà¥à¤¤à¥‡ का à¤à¤• ही जवाब था कि सड़क है। इस बीच अनà¥à¤¯ कई वाहन लौट गये और वे à¤à¥€ चले गये। मैनें विचार किया कि सà¥à¤¬à¤¹ 12 à¤à¤• बजे से पहले तो रासà¥à¤¤à¤¾ खà¥à¤²à¥‡à¤—ा नही, संà¤à¤µà¤¤à¤¯à¤¾ और देरी होने से मैं समय पर जयपà¥à¤° पहà¥à¤à¤š नहीं पाऊंगा इसकारण 40 कि.मी.लमà¥à¤¬à¥‡ रासà¥à¤¤à¥‡ को अपनाना उचित रहेगा जिसके लिये 2-3 घणà¥à¤Ÿà¥‡ की और डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤¿à¤‚ग करनी पड़ेगी। मैंने à¤à¥€ कार वापिस घूमा ली। à¤à¤• ढाबे-होटल में कà¥à¤› वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को तेज सà¥à¤µà¤° बातें करते देख रà¥à¤•ा रासà¥à¤¤à¥‡ की जानकारी के लिये। किसी का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ न पाकर बोतल में पीने का पानी à¤à¤° इंतजार में था कि किसी से पूछूं तो à¤à¤• लौटती गाड़ी के रà¥à¤•ने पर डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° ने बताया कि वह जो 500 मीटर दूर पà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ है उससे दांई ओर रासà¥à¤¤à¤¾ फटता है परंतॠआप अकेले हैं, इस रात में जायेंगे ? नहीं-नहीं कोई बात नही, परंतॠधà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखियेगा ठीक 28 कि.मी.पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ दाईं तरफ के रासà¥à¤¤à¥‡ पर मà¥à¤¡à¤¼à¤¨à¤¾ है, कहीं आगे मत चले जाइयेगा। मैं पà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ पार कर मà¥à¤¡à¤¼ गया उस पतà¥à¤¥à¤° बिछे रासà¥à¤¤à¥‡ पर। चानà¥à¤¦à¤¨à¥€ रात में दà¥à¤°à¥à¤—म पहाड़ी रासà¥à¤¤à¥‡ का ‘आननà¥à¤¦â€™ लेते हà¥à¤¯à¥‡à¥¤ कà¥à¤› कि.मी.बाद सड़क किनारे ‘à¤à¤‚गल’ पर जरà¥à¤œà¤° अवसà¥à¤¥à¤¾ में मà¥à¤¡à¤¼à¤¾-टेढा बोरà¥à¤¡ नजर आया, नीचे उतर टॉरà¥à¤š से देखने पढने की कोशिश की परंतॠघिसे मिटे अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ से कà¥à¤› समठनहीं आया। दांई ओर घाटी पार दूर कहीं टिमटिमाती रोशनी कà¤à¥€-कà¤à¤¾à¤° दिख जाती थी वरना निसà¥à¤¤à¤¬à¥à¤§ पà¥à¤°à¤•ृति की गोद थी। रिसते पानी की धारा से बने नालों को अतिरिकà¥à¤¤ सावधानी से पार करता जा रहा था। à¤à¤• जगह पानी के कारण 25-30 मीटर लमà¥à¤¬à¤¾ दलदली रासà¥à¤¤à¤¾ मिला जिसके पार पà¥à¤°à¤¥à¤® बार मà¥à¤à¥‡ किसी वाहन की रोशनी दिखी। मेरी कार की लाईट देख वह गाड़ी उस पार रà¥à¤• गई। ‘गà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤£à¥à¤¡-कà¥à¤²à¥€à¤¯à¤°à¥‡à¤‚स’ कम होने के कारण अलà¥à¤Ÿà¥‹ को à¤à¤¸à¥‡ रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ पर लीक से हटकर चलाना पड़ता है। गीली मिटà¥à¤Ÿà¥€ में धीमे होकर फंसती कार को देख मैने कà¥à¤› रेस बढाई तो सà¥à¤²à¤¿à¤ª होकर दाईं ओर मà¥à¤¡à¤¼à¥€, चार-पाà¤à¤š फà¥à¤Ÿ पर ही हजारों फिट गहरी घाटी, पर मैं निकल गया। अब महसूस करता हूठकि फंस जाने की à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में सहायता के लिये ईशà¥à¤µà¤° ने ही उस गाड़ी को à¤à¥‡à¤œà¤¾ था, अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ इस साढे पाà¤à¤š घणà¥à¤Ÿà¥‡ की यातà¥à¤°à¤¾ में मà¥à¤à¥‡ कà¥à¤² तीन ही वाहन मिले थे। कार से, मेरे जीवन की यह सबसे दà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¸ पूरà¥à¤£ यातà¥à¤°à¤¾ साबित हà¥à¤ˆà¥¤ इस चालीस कि.मी.यातà¥à¤°à¤¾ में सही मायनों में पतली सड़क कà¥à¤² चार पाà¤à¤š कि.मी.ही रही होगी। गहरे सूखे व बहते नालों à¤à¤°à¤¾, जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° गोल पतà¥à¤¥à¤° बिछा, बड़ी गाड़ीयों के कारण चिकनी मिटà¥à¤Ÿà¥€ में गहरी सूखी व गीली लीकों à¤à¤°à¤¾, दिशाहीन, अनजान रासà¥à¤¤à¤¾ था। रातà¥à¤°à¥€ डेढ बजे शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र पहà¥à¤à¤šà¤¾, सूनी सड़क व जन-विहीन से मकान-दà¥à¤•ान थे। किसी पारà¥à¤• के पास लेमà¥à¤ª-पोसà¥à¤Ÿ के नीचे कार पारà¥à¤• की और सीट लमà¥à¤¬à¥€ कर कमà¥à¤¬à¤² ओढ सोने की कोशिश में आराम करने लगा।
29 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर 2010 की सà¥à¤¬à¤¹ सड़क पार रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट में होती खटपट से चेतना आने पर कमà¥à¤¬à¤² व सीट वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ कर रवाना होकर रासà¥à¤¤à¥‡ में किसी बहती जलधारा के पास जंगल में निवृत हो देवपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— में रसà¥à¤¤à¥‡ किनारे कार पारà¥à¤• कर संगम में नहाने के लिये उतरा। यहाठà¤à¤—ीरथी व अलकननà¥à¤¦à¤¾ का मिलन है। इस संगम से इसे जो गंगा नाम मिला, समà¥à¤¦à¥à¤° मे मिलने तक इसके इस नाम में कोई परिवरà¥à¤¤à¤¨ नहीं है जबकि इससे पहले यह अनेकों नामों से जानी जाती रही है। यहां शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤®à¤šà¤¨à¥à¤¦à¥à¤°à¤œà¥€ ने बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ रावण को मारने की बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ के पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ सà¥à¤µà¤°à¥‚प तप-पूजन-अरà¥à¤šà¤¨ किया था। दोनों नदियों की वेगवती धारा संगम पर सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ की तैयारी में à¤à¤• पणà¥à¤¡à¤¾ आया और मेरे मानसिक धà¥à¤¯à¤¾à¤¨-पूजन में अपने कà¥à¤› फूल-पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚, रोली-चावल व मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का सहयोग कर मà¥à¤à¥‡ आशीरà¥à¤µà¤šà¤¨ कहे। चारधाम यातà¥à¤°à¤¾ में हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°-ऋषिकेश के निकट होने व इचà¥à¤›à¤¿à¤¤ रातà¥à¤°à¥€-विशà¥à¤°à¤¾à¤® सà¥à¤¥à¤² पर पहूà¤à¤šà¤¨à¥‡ की जलà¥à¤¦à¥€ तथा संगम का सड़क से कà¥à¤› दूर होने के कारण यातà¥à¤°à¤¾-बसें यहाठकम ही रà¥à¤•तीं हैं। यहाठरà¥à¤•ने का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® बनाकर कर नीजी वाहन वाले ही अधिकतर यहाठरà¥à¤•ते हैं।  चौड़े पाट में यहाठका संगम बड़ा ही मनोरम दिखता है। संगम पर आने के लिये à¤à¤¾à¤—ीरथी पर बने à¤à¤• पैदल पà¥à¤² को पार करना पड़ता है। इस पर बरबस रà¥à¤•ने की इचà¥à¤›à¤¾ करती है दोनों ओर पहाड़ों के बीच गरजती वेगवान à¤à¤¾à¤—ीरथी को देखने के लिये और मन रोमांचित हो उठता है तेज हवा बीच रसà¥à¤¸à¥‡ से बने पà¥à¤² के थरथराने से। यहाठसे रवाना हो शिवपà¥à¤°à¥€ में चाय पी और हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° पहà¥à¤à¤š शांतीकà¥à¤‚ज में खाना खाया तथा मिठाईयाठआदि खरीदीं। कà¥à¤› देर विशà¥à¤°à¤¾à¤® किया, किसी हॉल में रकà¥à¤–ी दरी को बिछा लेटकर। ICICI Bank के HP सहयोग से जारी कà¥à¤°à¥‡à¤¡à¤¿à¤Ÿ-कारà¥à¤¡ से HP पेटà¥à¤°à¥‹à¤² पमà¥à¤ª से पेटà¥à¤°à¥‹à¤² लिया जिसपर कोई चारà¥à¤œ नहीं लगना चाहिये। परंतॠ‘सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿà¤®à¥‡à¤£à¥à¤Ÿâ€™ में लगे चारà¥à¤œ के बारे में जानकारी मिली कि HP पमà¥à¤ª दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ICICI बैंक की मशीन पर ‘सà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤ªâ€™ करने पर ही यह सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ है और यह कसà¥à¤Ÿà¤®à¤° की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है कि समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¤ पमà¥à¤ª दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उसकी मशीन पर ही कारà¥à¤¡ सà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤ª किया जाये। HP पमà¥à¤ª वाले इससे बचने के लिये अनà¥à¤¯ बैंकों की मशीनें à¤à¥€ रखते हैं। कà¥à¤¯à¤¾ ही नायाब तरीका है, ईमानदार धोखाधड़ी का। पाशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥à¤¯ à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•वाद का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ ? दिलà¥à¤²à¥€ पार करते हà¥à¤¯à¥‡ मà¥à¤à¥‡ रातà¥à¤°à¥€ के नौ बज गये। à¤à¤ªà¤•ती आà¤à¤–ों के कारण किसी रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤£à¥à¤Ÿ के सामने कार रोक, सीट पर ही à¤à¤ªà¤•ी लेने व चाय पीकर चलने का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® जयपà¥à¤° पहूà¤à¤šà¤¨à¥‡ तक मैने तीन बार अपनाया। तेज आवाज में चलती महामृतà¥à¤¯à¥à¤‚जय की कैसेट मन को बाà¤à¤§à¥‡ रही। आमेर से निकल जयपà¥à¤° पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करते à¤à¥‹à¤° की लाली दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤—ोचर होने लग गई। à¤à¥‹à¤Ÿà¤µà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾ पहà¥à¤à¤š घर के सामने हॉरà¥à¤¨ बजाते ही संगीता व सà¥à¤¨à¥€à¤¤à¤¾ दोनों बेटियाठउलà¥à¤²à¤¸à¤¿à¤¤ हो शीघà¥à¤°à¤¤à¤¾ से नीचे आ दरवाजा खोलने लगीं। अकसà¥à¤®à¤¾à¤¤ पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के खà¥à¤¯à¤¾à¤² से मैनें फोन पर आने की सूचना नहीं दी थी। हमारा रहना उपर तल पर है और नीचे का हिसà¥à¤¸à¤¾ किराये पर दे रकà¥à¤–ा है। पड़ौस की बहà¥à¤à¤ तीरà¥à¤¥-यातà¥à¤°à¤¾ से आने के कारण पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® करने आने लगीं। शाम को सà¥à¤¨à¥€à¤¤à¤¾ को रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर रवाना करते वकà¥à¤¤ बदà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¾à¤¥ से बिना रà¥à¤•े कार डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µ करने के परिशà¥à¤°à¤® की सारà¥à¤¥à¤•ता का अनà¥à¤à¤µ हà¥à¤†à¥¤ यह हमारी सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾-संसà¥à¤•ृति है कि बेटी को विदा करते वकà¥à¤¤ आंतरिक घनीà¤à¥‚त पीड़ा मिशà¥à¤°à¤¿à¤¤, उसके खà¥à¤¶ व सà¥à¤–ी दामà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¯ जीवन से आपà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¤ मन, अनेकों आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ के साथ निरà¥à¤®à¤¿à¤®à¥‡à¤· हो वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करने लगता है।
शर्मा जी,
आपकी बडी हिम्मत रही, जो रात में भी ऐसे इलाके से निकल आये जिस का कोई अता-पता नहीं था।
संदीप भाई ने ठीक ही कहा, आप सच में बड़े हिम्मत वाले हैं. आपके इतने सुन्दर लेखन को देखकर लगता है की आपकी लेखन में काफी रूचि है.
आपका लेख मैंने पूरा पढ़ा, जबकि घुमाक्कर पे किसी लेखन में चित्र न हो तो मैं मुश्किल से पढता हूँ, परन्तु आपका लेख किसी चित्र पर निर्भर नहीं करता.
मैंने आपकी यात्रा काफी पसंद की. जल्दी ही और लिखियेगा. प्रणाम!
I do not have any words to make a meaningful comment. But It would be impolite for me to not make one.
You are a Hero Sir.
Where are you taking us next ?
My ambition is to spent some weeks wandering around BrijBhoomi.
I try to express my feelings of Journey not just about the details and it is a matter of satisfaction that you liked it.
https://www.ghumakkar.com/2008/03/10/vrindavan-–-jai-shri-radhe/
Might be useful for planning a trip.
I am eagerly awaiting your next adventure..many thanks for sharing this one.
Thanks Rajeshwari for your interest.
Sir,
A very different and personal style of narration coupled with amazing level of detail makes this a truly special travelogue. You are indeed blessed to cover so many holy places alone. Eagerly awaiting your next story.
Tarun
sharmaji, very interesting & lively account of your char dham yatra. I really enjoyed reading this & salute your will power to start such a long journey all alone. This account will be a ready recokner for all those wishing to undertake this yatra in near future. Can you provide me your experience of staying at shanti niketan ashram in haridwar, the exact location of this ashram, any contact number and procedure of booking for staying there
regards
vks
Shanti Niketan in Haridwar is on main Haridwar-Rishikesh Highway, entrance is from a side Road and for 4-wheeler a narrow entrance road from the Highway, famous place, can have guidance from any local person. The individual rooms may not be available because of rush but you would get enough space to sleep/relax. Staying at ShantiKunj provides one to experience the glory of spiritual activities of ब्रह्ममुहूर्त suggested by our Sages. I do not know about advance reservation facility in ShantiKunj. Wish you a happy Journey.
Super interesting posts and even without a single photograph. Hats off to your courage and determination. I read about you and your tough life in your details page -https://www.ghumakkar.com/author/sharmajaipur/. Correctly said by Nandan YOU ARE A HERO SIR.
Thanks for your comments.
शर्माजी, आपकी चारों पोस्ट पढ़ी, मजा आया…कौन कहता है, घुम्मकड़ी केवल जवान बच्चों का काम है… आपकी हिम्मत देख कर हमारा हौसला भी बढ़ गया
Respected Sharma Ji,I read all four posts, really your good self has defined entire visit effectively n by the Grace of God you visited all Dhams without any trouble.I appreciate your courage n salute you.Thanks a lot.