मेरी माठउन दिनों मà¥à¤‚बई में मेरे घर पर आई हà¥à¤ˆà¤‚ थीं. उनके मà¥à¤‚बई पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸ के दौरान हमलोग मà¥à¤‚बई-सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ विशà¥à¤µ-पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ महालकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ मंदिर, सिदà¥à¤§à¤¿ विनायक मंदिर इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ घूम ही चà¥à¤•े थे. मैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वहाठके कà¥à¤› और पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ का दरà¥à¤¶à¤¨ कराना चाहता था. उस दिन 4 जून २०१६ को शनिवार के छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ का दिन à¤à¥€ था. इसीलिठहमारे मन में अपनी माताजी को “विशà¥à¤µ विपासना पैगोडा†दिखाने का ख़याल आया. तब दोपहर के à¤à¥‹à¤œà¤¨ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ मैं और माताजी अपनी गाडी पर सवार हो कर बोरीवली जेटà¥à¤Ÿà¥€ के लिठचल पड़े. बोरीवली जेटà¥à¤Ÿà¥€ के सामने खाड़ी से पकड़ी गयी मछलियों के विकà¥à¤°à¤¯ हेतॠà¤à¤• मछली-बाज़ार à¤à¥€ बना हà¥à¤† है. पास ही में कई सारे होटल-रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट हैं, जिनमें लोग मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤ƒ समà¥à¤¦à¥à¤°à¥€-मछली से बने पकवानों का सà¥à¤µà¤¾à¤¦ लेने जाते हैं. उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ में से à¤à¤• होटल के पारà¥à¤•िंग सà¥à¤¥à¤² पर हमने गाडी पारà¥à¤• कर दी. ८०/- रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ की पारà¥à¤•िंग टिकेट देख कर मैं चकित हो गया. पर गाडी सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ जान कर हमलोग पैदल मारà¥à¤— से जेटी की और चल पड़े.

बोरीवली जेटà¥à¤Ÿà¥€ पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ टिकट-घर
वैसे तो पैगोडा तक कार à¤à¥€ चली जा सकती है और वहां पारà¥à¤•िंग सà¥à¤¥à¤² à¤à¥€ है. परनà¥à¤¤à¥ मैं जेटà¥à¤Ÿà¥€ से छोटी नाव पर बैठकर खाड़ी की जल-यातà¥à¤°à¤¾ करने का अनà¥à¤à¤µ à¤à¥€ लेना चाहता था. मà¥à¤–à¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤° पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ जल-यातà¥à¤°à¤¾ के लिठटिकट-खिड़की से ५०/- रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ पà¥à¤°à¤¤à¤¿-वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की दर से मैंने टिकट ले लिया. इस टिकट में बोरीवली-जेटà¥à¤Ÿà¥€ से à¤à¤¸à¥à¤¸à¥‡à¤² वरà¥à¤²à¥à¤¡-जेटà¥à¤Ÿà¥€ तक जाना और वापस लौटना, दोनों यातà¥à¤°à¤¾à¤à¤ समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ थी. अà¤à¥€ तक मà¥à¤‚बई में २०१६ के मानसून ने दसà¥à¤¤à¤• नहीं दी थी. खाड़ी में जलसà¥à¤¤à¤° कम था और सीमेंट से बनी जेटà¥à¤Ÿà¥€ दूर तक साफ़ दिखाई दे रही थी. नाव तक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के लिठकाफी दूर तक चल कर जाना था. जलसà¥à¤¤à¤° कम होने से खाड़ी की दलदली जमीन साफ़-साफ़ दिखाई दे रही थी. इस तरह के सूखी खाड़ी को देख कर महसूस हो रहा था कि अगले कà¥à¤› ही दशकों में वह à¤à¥€ पूरी तरह से पट जाà¤à¤—ी और फिर उस पर à¤à¥€ निरà¥à¤®à¤¾à¤£à¥€-कारà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥‚ हो जायेगा. और तब नावें नहीं चला करेंगी. पर अà¤à¥€ तो नावें चल ही रहीं थीं.

आधी सूखी हà¥à¤ˆ खाड़ी
“à¤à¤®. अल. हरिशà¥à¤šà¤‚दà¥à¤°â€ नामक à¤à¤• नाव यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ कर रही थी. करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€-गण à¤à¤¸à¥à¤¸à¥‡à¤² वरà¥à¤²à¥à¤¡ की रंग-बिरंगे यूनिफारà¥à¤® पहने हà¥à¤ थे और उसका कपà¥à¤¤à¤¾à¤¨ सफ़ेद यूनिफारà¥à¤® पहने था. करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ सà¤à¥€ यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का टिकट चेक करते हà¥à¤ नाव पर चढ़ने और बैठने में सहायता कर रहे थे. हमलोग à¤à¥€ नाव पर चढ़ कर बैठगà¤. यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के à¤à¤° जाने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ हमारी नाव चल पड़ी. नाव को जेटà¥à¤Ÿà¥€ से बाà¤à¤‚ जाना था. पर जेटà¥à¤Ÿà¥€ के ठीक सामने का दृशà¥à¤¯ à¤à¥€ बड़ा मनोहारी था. कई नौकाà¤à¤‚ पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• के तिरपाल से ढकीं हà¥à¤ˆ दà¥à¤¸à¤°à¥‡ किनारे पर खड़ी थीं. पूछने पर पता चला कि मानसून के उपरांत खाड़ी में जल के à¤à¤°à¤¨à¥‡ पर यह नौकाà¤à¤‚ à¤à¤• बार फिर निकल पड़ेंगी.

पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• से ढकीं नौकाà¤à¤‚
नाव का सफ़र करीबन १५ मिनट का था. बेंचों पर बैठकर हमलोग खाड़ी के बीच में चलती नाव की खिडकियों से आती हà¥à¤ˆ ठंडी हवा का आनंद लेते हà¥à¤ बाहर का नज़ारा ले रहे थे. जब à¤à¤• नाव बोरीवली जेटà¥à¤Ÿà¥€ से निकलती थी, तो दूसरी नाव à¤à¤¸à¥‡à¤² वरà¥à¤²à¥à¤¡ जेटà¥à¤Ÿà¥€ से चलती थी. इस पà¥à¤°à¤•ार खाड़ी के बीच में à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ को पार करती हà¥à¤ˆ नौकाà¤à¤‚ यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को हरेक जेटà¥à¤Ÿà¥€ पर उपलबà¥à¤§ हो जाती थीं. तà¥à¤°à¤‚त ही नाव की खिड़की से पैगोडा का सà¥à¤¨à¤¹à¤°à¤¾ शिखर दिखाई देने लगा. माठतो बेंच पर बैठकर ही देखती रहीं, पर मैं उठकर खिड़की के पास आ गया और खड़े हो कर पैगोडा का फोटो लेने लगा. उस समय à¤à¤¸à¤¾ लग रहा था मानो वह सफ़र कà¤à¥€ ख़तà¥à¤® ही ना हो.

नाव से पैगोडा का फोटो
खैर यातà¥à¤°à¤¾ धीरे-धीरे ख़तà¥à¤® हो गयी और “à¤à¤®à¥. à¤à¤². हरिशà¥à¤šà¤‚दà¥à¤°â€ à¤à¤• हलकी “थड†की आवाज से à¤à¤¸à¥à¤¸à¥‡à¤² वरà¥à¤²à¥à¤¡ जेटà¥à¤Ÿà¥€ पर जा लगा. यहाठà¤à¥€ जलसà¥à¤¤à¤° काफी नीचे हो चूका था. इसीलिठनाव से उतर कर जेटà¥à¤Ÿà¥€ पर काफी दूर चलते हà¥à¤ हमलोग पार कर गà¤. उस पार जेटटी के मà¥à¤¹à¤¾à¤¨à¥‡ पर ही रंग-बिरंगी फूलों, जानवरों के सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° मॉडलà¥à¤¸ तथा बैठने की कà¥à¤°à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से सà¥à¤¸à¤œà¥à¤œà¤¿à¤¤ à¤à¤¸à¥à¤¸à¥‡à¤²-वरà¥à¤²à¥à¤¡ का पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° था. वहां जाने के लिठबस सीधे चलते जाना था, पर पैगोडा जाने के लिठउस पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤° के पहले ही à¤à¤• रासà¥à¤¤à¤¾ बायीं तरफ खà¥à¤² रहा था. इस पैदल रासà¥à¤¤à¥‡ पर धीमी चाल से चलने से पैगोडा करीब १५ मिनट की दूरी पर था. रासà¥à¤¤à¥‡ में टिकट-चेकिंग काउंटर, जल संरकà¥à¤·à¤£ हेतॠबनी तालाबें इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ थे, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देखते हà¥à¤ हमलोग पैगोडा के पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° पर आ गà¤. वहां आ कर पता चला कि पैगोडा मैनेजमेंट की तरफ से à¤à¤• वैन à¤à¥€ चलायी जाती है, जो थोड़ी-थोड़ी देर पर यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को जेटà¥à¤Ÿà¥€ से ले कर पैगोडा तक लाती और फिर वापस पहà¥à¤‚चाती है, हम à¤à¥€ अगर जेटà¥à¤Ÿà¥€ पर थोड़ी देर रà¥à¤•ते तो वह वैन मिल जाती.

à¤à¤¸à¥à¤¸à¥‡à¤²-वरà¥à¤²à¥à¤¡ पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° और पैगोडा का रासà¥à¤¤à¤¾
पर जल-यातà¥à¤°à¤¾ कर के हमलोग वैसे à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ थे और ऊपर से हमें अपने सामने पैगोडा का à¤à¤µà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° दिख रहा था. सà¥à¤¨à¤¹à¤°à¥‡ और गहरे लाल रंगों से चमकता हà¥à¤† पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° बरà¥à¤®à¤¾-शैली में बना पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ हो रहा था. उसका ॠसà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ वाला छत था और उस दà¥à¤µà¤¾à¤° के दोनों तरफ सफ़ेद रंग के à¤à¤•-à¤à¤• विशाल सिहं बने हà¥à¤ थे, जो दà¥à¤µà¤¾à¤° की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने का दà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤• थे. इस दà¥à¤µà¤¾à¤° का नाम “मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार गेट†था. गेट के अनà¥à¤¦à¤° के मंडप की छत पर सà¥à¤¨à¤¹à¤°à¥‡ रंगों से की गयी कारीगरी तो बेहद खूबसूरत थी. इस गेट से चल कर जब हमलोग अनà¥à¤¦à¤° आये तो आगे सीढियां मिलीं, जिस पर चढ़ कर हमलोग सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾-मंडप में आ गà¤.

मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार गेट
सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾-जाà¤à¤š वाले कमरे की छत से जो रौशनी की बलà¥à¤¬à¥à¤¸ लटक रहे थे, उनकी डिजाईन देखने योगà¥à¤¯ थी. जाà¤à¤š के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ पैगोडा की निचली मंजिल पर पहà¥à¤‚चे, जहाठदेखने के लिठकई सà¥à¤¥à¤² थे. सीढ़ी के दोनों तरफ कलातà¥à¤®à¤• चबूतरे थे. à¤à¤• चबूतरे पर बड़ा-सा घंटा लिठहà¥à¤ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤à¤‚ थीं और दà¥à¤¸à¤°à¥‡ चबूतरे पर घरियाल लिठहà¥à¤ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤à¤‚ थीं. इसलिठपहले को Bell-tower और दà¥à¤¸à¤°à¥‡ को Gong-tower कहा जाता था. यह दोनों सà¥à¤¥à¤² लोगों में बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ थे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इन पर चढ़ना मना नहीं था. लोग इन पर चढ़ कर अपनी सेलà¥à¤«à¥€ ले सकते थे और साथ ही इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बजा à¤à¥€ सकते थे.

घंटे का चबूतरा

घरियाल का चबूतरा
निचली मंजिल पर ही “गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ की à¤à¤• सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾â€ थी, जिसमें बà¥à¤¦à¥à¤§ को मननशील सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में दिखाया गया था. उसी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ के आधार पर अंकित शबà¥à¤¦ थे, “महामानव बà¥à¤¦à¥à¤§ : आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•â€. à¤à¤¸à¤¾ माना जाता है कि विपासना पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ का आविषà¥à¤•ार à¤à¤—वानॠबà¥à¤¦à¥à¤§ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही हà¥à¤† हो. बà¥à¤¦à¥à¤§-मूरà¥à¤¤à¤¿ के नजदीक इसी मंजिल पर खाने-पीने के लिठà¤à¤• कैफेतारिया à¤à¥€ था, जहाठà¤à¤¾à¤‚ति पà¥à¤°à¤•ार के वà¥à¤¯à¤‚जन उपलबà¥à¤§ थे. कà¥à¤› खाने और चाय पीने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ मैं दोनों चबूतरों के बीच बनी चौड़ी सीढ़ियों से ऊपर की मंजिल पर चला गया. जाते हà¥à¤ मैंने बà¥à¤¦à¥à¤§ को नमन करता हà¥à¤† हाथी का राजा, पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® करते हà¥à¤ à¤à¥Œà¤®à¤¿à¤¯à¤¾ देवता और à¤à¥Œà¤®à¤¿à¤¯à¤¾ देवी की मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ देखीं.

गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾

à¤à¥Œà¤®à¤¿à¤¯à¤¾ देवता और à¤à¥Œà¤®à¤¿à¤¯à¤¾ देवी
ऊपर जाते ही पैगोडा के वृहत आकार पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ जाता है. वहां लिखे सूचना पट के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, इस पैगोडा की ऊà¤à¤šà¤¾à¤ˆ ३२५ फीट है. इसके शिखर पर धातॠसे बनी ४० फीट ऊà¤à¤šà¥€ कैनोपी है, जिसमें घंटियाठलगी हà¥à¤ˆà¤‚ हैं. सबसे ऊपर शिखर पर ३ फीट का कà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¤² लगा हà¥à¤† है. और जो धरà¥à¤®-धà¥à¤µà¤œ है उसमें हीरे-जवाहरात जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ हà¥à¤ हैं. इस गà¥à¤®à¥à¤¬à¤¦ और पैगोडा को १००० वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ के लिठबनाया गया है. इसके लिठइनमें चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की अनà¥à¤¤à¤°-लॉकिंग पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ का उपयोग लिया गया है, जो à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¤¤à¤® मंदिरों में पाई जाती है. पैगोडा से सà¤à¥€ दरवाजे बरà¥à¤®à¤¾ टीक से बने थे और उनपर à¤à¤µà¥à¤¯ नकà¥à¤•ाशियां की गयीं थीं. इस पैगोडा के अनà¥à¤¦à¤° à¤à¤• बहà¥à¤¤ बड़ा मनन हाल है, जिसमें à¤à¤• बार में ८००० वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ बैठसकतें हैं. हाल के अनà¥à¤¦à¤° कोई à¤à¥€ खमà¥à¤¬à¤¾ नहीं है. उसका गà¥à¤®à¥à¤¬à¤¦ का वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ २८० फीट है. इसी गà¥à¤®à¥à¤¬à¤¦ के शिखर पर à¤à¤—वानॠबà¥à¤¦à¥à¤§ के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त अवशेष रखे गठहैं, जो इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• महतà¥à¤¤à¥à¤µ बढाते हैं. कहा जाता है की यह à¤à¤¾à¤°à¤¤ का समसे बड़ा गà¥à¤®à¥à¤¬à¤¦ है, जिसके वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ने बीजापà¥à¤° के गोल गà¥à¤®à¥à¤¬à¤¦ को मात दे दी है.

पैगोडा का वृहत रूप

पैगोडा का शिखर
जब मैं पैगोडा के अनà¥à¤¦à¤° जाना चाहते था, तो मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¸à¤¾ ही à¤à¤• à¤à¤µà¥à¤¯ दरवाजा दिखा, जिसके सामने वहां के करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€à¤—ण बैठे थे. वहीठजूते-चपà¥à¤ªà¤² रखने के लिठसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¥€ बना हà¥à¤† था. वहां फिर से à¤à¤• सामानà¥à¤¯ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾-जांच हो रही थी. उसी पूरा करने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ मैं पैगोडा के अनà¥à¤¦à¤° पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर गया. वहां à¤à¤• गलियारा था. साधारण दरà¥à¤¶à¤• मनन-दीरà¥à¤˜à¤¾ में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ नहीं कर सकते. उनको उस गलियारे में खड़ा हो कर शीशे से मनन-हाल को देखना पड़ता है. मैंने à¤à¥€ वैसा ही किया और फिर गलियारे से बाहर आ गया.

पैगोडा का गà¥à¤®à¥à¤¬à¤¦

पैगोडा का गà¥à¤®à¥à¤¬à¤¦ के ऊपर पीले मंडल में रखे बà¥à¤¦à¥à¤§ के अवशेष
बाहर निकलते ही सामने नज़र पड़ी, पञà¥à¤š मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर. यह पांच मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ आकाश-देवता और आकाश देवीयों की थीं. उनके निकट बैठने के लिया सीढ़ी बनी थी. यहाठपानी के à¤à¤°à¤¨à¥‡ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¥€ , परनà¥à¤¤à¥ वो उस समय चल नहीं रही थी. बैठने का मन नहीं था, अतः मैं आगे चला. वहां से कà¥à¤› दूर पर à¤à¤• वाटिका दिखी जिसमें à¤à¤• सà¥à¤¤à¤®à¥à¤ दूर से दिखाई दे रहा था. इस वाटिका में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के खेलने कूदने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ थी, जैसे की à¤à¥à¤²à¤¾ और ऊपर चढ़ कर फिसल जाने वाली सीढियां. वहीठजल-देवता और जल-देवी की à¤à¥€ मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ थीं. यातà¥à¤°à¥€ अगर चाहें तो यहाठपारà¥à¤• में बैठकर विशà¥à¤°à¤¾à¤® à¤à¥€ कर सकते थे. जो सà¥à¤¤à¤®à¥à¤ दूर से दिख रहा था, उसका नाम “अशोक सà¥à¤¤à¤®à¥à¤â€ था. बà¥à¤¦à¥à¤§-धरà¥à¤® और मौरà¥à¤¯-काल का इतिहास से तो सà¤à¥€ परिचित होंगे. लगता था कि उसी समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ से यहाठपर अशोक-सà¥à¤¤à¤®à¥à¤ की संरचना की गयी थी.

पञà¥à¤š मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤

अशोक सà¥à¤¤à¤®à¥à¤
मà¥à¤–à¥à¤¯ पैगोडा के दोनों और à¤à¤•-à¤à¤• छोटे-छोटे पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ सà¥à¤¥à¤² हैं. इनमें कोई à¤à¥€ जा सकता था और बैठकर पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ कर सकता था. इनको उतà¥à¤¤à¤° और दकà¥à¤·à¤¿à¤£ पैगोडा कहते हैं. इनका डिजाईन à¤à¥€ मà¥à¤–à¥à¤¯ पैगोडा जैसा ही है. आमतौर पर मैं à¤à¤¸à¥€ जगहों पर कà¥à¤› देर जरूर बैठता हूà¤, परनà¥à¤¤à¥ उस दिन मà¥à¤à¥‡ बैठने की इचà¥à¤›à¤¾ नहीं हà¥à¤ˆ और मैं अगले सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के लिठचलता गया. अब तक मैं पैगोडा की à¤à¤• परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ कर चूका था. इसीलिठअब मà¥à¤à¥‡ वहां से बाहर निकल जाना था. बाहर निकलने का à¤à¥€ à¤à¤• ही रासà¥à¤¤à¤¾ था, जिससे मैं उपरी मंजिल पर आया था. उसी रासà¥à¤¤à¥‡ से चल कर जब मैं पà¥à¤°à¤¥à¤® मंजिल पर आया तो वहाठà¤à¤• चलचितà¥à¤° à¤à¤µà¤¨, पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ालय और चितà¥à¤°-कला पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ दिखाई दी. पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ालय तो काफी बड़ा और समृदà¥à¤§ था. चितà¥à¤°à¤•ला पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ à¤à¥€ मोहक थी. पर मैं चल-चितà¥à¤° à¤à¤µà¤¨ में नहीं गया.

छोटा पैगोडा का नकà¥à¤•ाशीदार दरवाज़ा

पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ालय
बाहर आने के ठीक पहले à¤à¤• छोटा-सा सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° दूकान à¤à¥€ लगा था, जिसमें बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® से समà¥à¤¬à¤‚धित वसà¥à¤¤à¥à¤à¤‚ मिल रही थी. वहीठपर पैगोडा की यादगारी के लिà¤, चाà¤à¥€ का रिंग, तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‡à¤‚, अशोक-सà¥à¤¤à¤®à¥à¤ का मॉडल, पैगोडा का धातॠका बना मॉडल, à¤à¤—वानॠबà¥à¤¦à¥à¤§ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤à¤‚ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ विकà¥à¤°à¤¯ के लिठलगी थीं. à¤à¤¸à¤¾ लगता था की थाईलैंड की à¤à¤• दूकान वहां आ कर लग गयी हो. मà¥à¤à¥‡ वहां सबसे अचà¥à¤›à¤¾ लगा जापानी छाता, हालाà¤à¤•ि मà¥à¤à¥‡ छाते की कोई आवशà¥à¤¯à¤•ता नहीं थी.

विकà¥à¤°à¤¯ वसà¥à¤¤à¥à¤à¤‚

जापानी छाता
दूकान में फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€ वरà¥à¤œà¤¿à¤¤ थी. इसीलिठजब मैं फोटो लेने लगा तो मà¥à¤à¥‡ रोका गया. मà¥à¤à¥‡ बात समठमें नहीं आई कि दूकान में बिकने वाली वसà¥à¤¤à¥à¤“ं का फोटो लेना वरà¥à¤œà¤¿à¤¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚. मेरे अनà¥à¤¸à¤¾à¤° जितने लोग फोटो देखेंगे, उतने ही संखà¥à¤¯à¤¾ में दूकान में गà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤•ों की वृदà¥à¤§à¤¿ होगी. पर खैर, मैं सà¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ नियमों का पालन करने में ही उचित समà¤à¤¤à¤¾ हूà¤. वैसे à¤à¥€ अब शाम ढल चà¥à¤•ी थी और हमें खाड़ी के रासà¥à¤¤à¥‡ जल-यातà¥à¤°à¤¾ करनी थी. इसलिठफोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€ की उस मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ को वहीठछोड़ कर हमलोग à¤à¤¸à¥à¤¸à¥‡à¤²-वरà¥à¤²à¥à¤¡ जेटà¥à¤Ÿà¥€ पर आ गà¤, जहाठ“à¤à¤®à¥.à¤à¤². मयूर†यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के इंतज़ार में खड़ा था. धीरे-धीरे नाव à¤à¤° गयी और खाड़ी के रासà¥à¤¤à¥‡ हमलोग बोरीवली जेटà¥à¤Ÿà¥€ पर आ गये, जहाठहमारी कार लगी हà¥à¤ˆ थी.

à¤à¤®à¥. à¤à¤². मयूर
मà¥à¤‚बई के मशहूर पैगोडा की हमारी यातà¥à¤°à¤¾ तो इस पà¥à¤°à¤•ार समापà¥à¤¤ हो गयी. पर यदि आप वहां बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के साथ जाना चाहें तो à¤à¤¸à¥à¤¸à¥‡à¤²-वरà¥à¤²à¥à¤¡ à¤à¥€ जरूर जाà¤à¤, जो वहीठपर था और à¤à¤• दिन में यह दोनों सà¥à¤¥à¤² की यातà¥à¤°à¤¾ संà¤à¤µ à¤à¥€ है.
एक घुमक्कड़ की दृष्टि से देखा जाए तो आपकी यह पोस्ट अति सुन्दर प्रतीत होती है। नया स्थल, भरपूर जानकारी और नयनाभिराम चित्र…वाह वाह क्या बात है।
धन्यवाद अरुण
जान कर ख़ुशी हुई कि तुम्हे पोस्ट पसंद आया.
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