जमà¥à¤®à¥‚ शहर, उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° राजà¥à¤¯ की शीतकालीन राजधानी है। यह शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र के दकà¥à¤·à¤¿à¤£ में तवी नदी के किनारे सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है और इसके उतà¥à¤¤à¤° में शिवालिक परà¥à¤µà¤¤à¤¶à¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ है। अब यह रेलमारà¥à¤— से जà¥à¤¡à¤¼à¤¾ है और à¤à¤• निरà¥à¤®à¤¾à¤£ केनà¥à¤¦à¥à¤° है।जमà¥à¤®à¥‚ शहर, जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° राजà¥à¤¯ की शीतकालीन राजधानी है। जमà¥à¤®à¥‚ की पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक सà¥à¤‚दरता और बरà¥à¤«à¥€à¤²à¥€ पहाडियों का मनोरम दृशà¥à¤¯ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ अपनी ओर खीचता है जमà¥à¤®à¥‚ 305 मीटर की ऊंचाई पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है और जमà¥à¤®à¥‚ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है।
à¤à¤• समय डोगरा राजपूत वंश की राजधानी जमà¥à¤®à¥‚ 19वीं शताबà¥à¤¦à¥€ में रणजीत सिंह के राजà¥à¤¯ का हिसà¥à¤¸à¤¾ बन गया। जमà¥à¤®à¥‚ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ राजा जमà¥à¤¬à¥‚ लोचन ने की थी। माना जाता है कि राजा à¤à¤• बार शिकार करने यहाठआठथे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤• सरोवर पर à¤à¤• शेर और बकरी को पानी पीते हà¥à¤ à¤à¤• साथ देखा। राजा ने तà¤à¥€, उसी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर शहर का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करवाने का फैसला कर लिया। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इस बात का अहसास हà¥à¤† कि शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ व कमज़ोर दोनों ही शानà¥à¤¤à¤¿ और उदारता के साथ à¤à¥€ रह सकते हैं। राजा ने अपने नाम पर इस जगह का नाम जमà¥à¤¬à¥‚ रख दिया। धीरे-धीरे यह जमà¥â€à¤¬à¥‚ से परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ होकर जमà¥à¤®à¥‚ के नाम से जाने जाना लगा।
à¤à¤¸à¤¾ à¤à¥€ कहा जाता है कि रणजीत सिंह से पहले जमà¥à¤®à¥‚ सà¥à¤•रचकिया मिसल के अधीन था लेकिन कई वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से जमà¥à¤®à¥‚ के शासक ने ‘अधीनता कर’ (टैकà¥à¤¸) देना बंद कर दिया था। रणजीत सिंह ने जमà¥à¤®à¥‚ के राजा से ‘अधीनता कर’ देने को कहा तो उसके इंकार करने पर रणजीत सिंह ने वहाठकी जनता पर काफी अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° किये। परिणाम सà¥à¤µà¤°à¥‚प जमà¥à¤®à¥‚ के राजा ने बिना किसी विरोध के आतà¥à¤®à¤¸à¤®à¤°à¥à¤ªà¤£ कर दिया और हरजाने के रूप में बीस हज़ार रà¥à¤ªà¤¯à¥‡, हाथी और जेवरात दिà¤à¥¤ 1809 ई. में à¤à¤µà¤¾à¤¨à¥€à¤¦à¤¾à¤¸ ने जमà¥à¤®à¥‚ पर आकà¥à¤°à¤®à¤£ कर उसे रणजीत सिंह के राजà¥à¤¯ में शामिल कर लिया। जमादार खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤² सिंह जमà¥à¤®à¥‚ का पहला गवरà¥à¤¨à¤° बनाया गया। 1818 ई. में जमà¥à¤®à¥‚ गà¥à¤²à¤¾à¤¬à¤¸à¤¿à¤‚ह को चार लाख रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ ‘अधीनता कर’ के बदले में दे दिया। (साà¤à¤¾à¤° : à¤à¤¾à¤°à¤¤ डिसà¥à¤•वरी)
हम लोग जमà¥à¤®à¥‚ पहà¥à¤‚चकर रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ बाजार में, रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर के निकट सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ होटल रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥, जो कि à¤à¤• पतली गली में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं. पर  पहà¥à¤à¤š जाते हैं. यह होटल à¤à¤• ससà¥à¤¤à¤¾ लेकिन अचà¥à¤›à¤¾ होटल हैं. और मंदिर व बाज़ार के नजदीक हैं कमरे साफ़ सà¥à¤¥à¤°à¥‡ व सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° हैं.  यंहा पर आपको ४०० रूपये से लेकर १०००/-, १५००/-  तक अचà¥à¤›à¥‡ कमरे उपलबà¥à¤§ हो जायेंगे. इसका पता व फोन नंबर में नीचे दे रहा हूà¤.
HOTEL RAGHUNATH
NEAR RAGHUNATH TEMPLE, HARI MARKET
JAMMU – 180 001
TEL- 0191-2520370, 9419360711)
होटल रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥
होटल में सामान रखकर, थोड़ी देर आराम करके, चाय पानी पीकर के हम लोग घूमने के लिठनिकल पड़े. जमà¥à¤®à¥‚ में à¤à¤• खास बात हैं कि, यंहा पर थà¥à¤°à¥€ वà¥à¤¹à¥€à¤²à¤° – टेमà¥à¤ªà¥‹ आदि लोकल में घूमने के लिठठीक रहते हैं. और १५० या २०० रूपये में आप को समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ जमà¥à¤®à¥‚ घà¥à¤®à¤¾ देते हैं. थोड़ी सी बारà¥à¤—ेनिंग करनी  पड़ती हैं. हम लोग सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® अमर महल संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ जिसे कि रणवीर पैलेस  à¤à¥€ कहते हैं पर पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ हैं, ये महल जमà¥à¤®à¥‚ से कटरा मारà¥à¤— पर ६-ॠकिलोमीटर की दूरी पर पड़ता हैं. इसमें पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने और फोटो खींचने के लिठटिकट लगता हैं.
अमर महल पैलेस संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ (रणवीर पैलेस)
लाल पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ से बना यह ख़ूबसूरत महल जमà¥à¤®à¥‚ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है। जमà¥à¤®à¥‚ की तवी नदी से लगà¤à¤— 500 फिट ऊपर à¤à¤• पहाड़ी पर लाल रंग की आकरà¥à¤·à¤• ईंटों से बना शानदार ‘अमर महल’ है। अमर महल राजा अमर सिंह का आवासीय महल था। लेकिन बाद में इस महल को संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में तबà¥â€à¤¦à¥€à¤² कर दिया गया। लाल पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ से बना यह ख़ूबसूरत महल जमà¥à¤®à¥‚ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है। अमर महल के à¤à¤• ओर जहाठशिवालिक पहाडियाठहै वहीं दूसरी ओर तवी नदी बहती है। इस महल का डिजाइन à¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ फ़à¥à¤°à¥‡à¤‚च वासà¥à¤¤à¥à¤•ार ने किया था, बाद में इसे संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में परिवरà¥à¤¤à¤¨ कर दिया गया और इसका संचालन हरि तारा चैरिटेबल टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया जाने लगा।
अमर महल को संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ का रूप दे दिया गया है यहाठपर शाही परिवार की अनेक वसà¥à¤¤à¥à¤à¤ देखने योगà¥à¤¯ हैं। बिलà¥à¤•à¥à¤² विशाल तवी नदी के छोर पर बना यह ख़ूबसूरत महल लौकिक और अलौकिक पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ का सà¥à¤®à¥‡à¤² लगता है। चारों ओर à¤à¤• दिवà¥à¤¯à¤¤à¤¾ नज़र आती हैं। आकरà¥à¤·à¤• इतना कि जैसे सà¥à¤µà¤°à¥à¤— का महल हो। कलकल बहती तवी नदी इस महल को छूकर आगे निकलती है। महल के पीछे की ओर बहती यह नदी दूर-दूर तक à¤à¤µà¥à¤¯ मनमोहनी दृशà¥à¤¯ बनाती है।
महल के पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° से ही मन पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ हो जाता है। महल के पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° मà¥à¤–à¥à¤¯ गेट से निकलती सड़क के बाईं और दाईं ओर बहà¥à¤¤ ही ख़ूबसूरत मरà¥à¤®à¤¸à¥à¤ªà¤°à¥à¤¶à¥€ बागवानी, छोटे-बड़े सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° वृकà¥à¤·, हरी-à¤à¤°à¥€ मखमल सी घास, खिलते तरह-तरह के अचà¥à¤›à¥‡ सà¥à¤®à¤¨ सà¥à¤µà¤šà¥à¤› साफ़ वातावरण, दिलकश महल, किसी सà¥à¤µà¤°à¥à¤— से कम नज़र नहीं आता। चौड़ी साफ़ सड़क के आस-पास इस तरह का वरà¥à¤—ीकरण किया गया है कि पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• बग़ीचा अपने आपमें à¤à¤• कहानी कहता है।
मà¥à¤–à¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤° से पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करते ही आपको लाल और पीले रंग का चमकता हà¥à¤† दीरà¥à¤˜ महल नज़र आà¤à¤—ा जिसकी बनावट कला कमाल की है। चारों तरफ à¤à¤• छतनà¥à¤®à¤¾ बरामदा लाल रंग के सà¥à¤¤à¤‚à¤à¥‹à¤‚ से ख़ूबसूरती बढ़ाता है। सà¥à¤¤à¤‚à¤à¥‹à¤‚ पर खड़ा बरामदा अतà¥à¤¯à¤‚त सà¥à¤‚दर तीन मंजिला इमारत को खिड़कियों, à¤à¤°à¥‹à¤–ों से सजाया गया है। इस महल से सारा जमà¥à¤®à¥‚ नज़र आता है। इसकी खिड़कियाठऔर à¤à¤°à¥‹à¤–े इस ढंग से रखे गठहैं कि कई मील दूरी से ही सब कà¥à¤› नज़र आता है। इस इमारत से तवी नदी के पार के सब गांव-शहर नज़र आते हैं। दूर-दूर तक सब कà¥à¤› दिखाई देता है। (साà¤à¤¾à¤° : à¤à¤¾à¤°à¤¤ डिसà¥à¤•वरी)
रणवीर पैलेस
महल का à¤à¤• और दृशà¥à¤¯
महाराजा रणवीर सिंह जी
महल के सामने सड़क के पार à¤à¤• शानदार पारà¥à¤• है। पारà¥à¤• के केंदà¥à¤° में à¤à¤• मूलà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¨ (सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤šà¥‚) घोड़े पर महाराज रणवीर सिंह जी की पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ वेशà¤à¥‚षा वाली पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ शोà¤à¤¨à¥€à¤¯ है। इस पारà¥à¤• में पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• किसà¥à¤® के खिलते फूल ‘धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦’ कहते हà¥à¤ अपनी सà¥à¤—ंध से वातावरण को सà¥à¤—ंधित करते चले जाते हैं। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वसà¥à¤¤à¥ बग़ीचे की सà¥à¤‚दरता को उà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ है। सलीका और शैली का अदà¥à¤à¥‚त सà¥à¤®à¥‡à¤²à¥¤ महल के बिलकà¥à¤² सामने की और ही à¤à¤• पंचतारा होटल à¤à¥€ बना हà¥à¤† हैं. जिसमे हमें अंदर  जाने की परमिशन नहीं मिल पायी थी. हम सà¤à¥€ ने महल के और  चारों तरफ फैले पारà¥à¤• के फोटो खींचे, और बचà¥à¤šà¥‹ ने खूब धींगा मसà¥à¤¤à¥€ की.
महल के परिसर में बना हà¥à¤† ५ सितारा होटल
बाहर का सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° दृशà¥à¤¯ का अवलोकन करने के बाद हम लोग महल में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में घà¥à¤¸ जाते हैं. इस संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में कांगड़ा सà¥à¤•ूल के उतà¥à¤•ृषà¥à¤Ÿ लघॠचितà¥à¤°à¥‹à¤‚ में समकालीन à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कलाकारों की तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¤¨ किया गया है, लेकिन यहाठका पà¥à¤°à¤®à¥à¤– आकरà¥à¤·à¤£ डोगरा सिंहासन है जो 120 किलो ठोस सोने का बना हà¥à¤† है, जो ततà¥à¤•ालीन महाराजाओं दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया जाता है।
महल के संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में सोने से बना हà¥à¤† सिंहासन
संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ के अंदर विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कलाकारों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बनाई गठà¤à¤µà¥à¤¯ कलाकृति पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ की गयी हैं. जिनकी खूबसूरती à¤à¤µà¤‚ कलाकारी देखते ही बनती हैं. इनमे से कà¥à¤› कलाकृतियो को मैंने नीचे पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ किया हैं.
संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में लगी हà¥à¤ˆ पेंटिंग (शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ अवतार )
कचà¥à¤›à¤ª अवतार
Â
मतà¥à¤¸à¥à¤¯ अवतार
शिव परिवार
बचà¥à¤šà¥‡ मसà¥à¤¤à¥€ के मूड मेंÂ
समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ रणवीर महल का अवलोकन करने के बाद हम लोग तवी नदी पार करके बाहू के किले पर पहà¥à¤à¤š जाते हैं. इस किले के अंदर फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€ निषेध हैं. फिर से वही समसà¥à¤¯à¤¾. पता नहीं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ये होता हैं. à¤à¤¸à¤¾ सिसà¥à¤Ÿà¤® केवल à¤à¤¾à¤°à¤¤ में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर देखने को मिलता हैं. जबकि यदि फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€  की परमिशन हो तो इससे परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ को ही बढ़ावा मिलता हैं.
बाहॠक़िला
बाहॠक़िला जमà¥à¤®à¥‚ से पाà¤à¤š किलोमीटर की दूरी पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। तावी नदी के बाà¤à¤‚ किनारे पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ यह काफ़ी पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ क़िला है। तवी नदी के तट पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सनॠ1820 में बना यह क़िला जमà¥à¤®à¥‚ की शान है।
यह मंदिर बावे वाली माता के नाम से अधिक पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है। बाहॠक़िले का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ राजा बहà¥à¤²à¥‹à¤šà¤¨ ने 3,000 वरà¥à¤· पहले करवाया था। बाहॠके à¤à¥€à¤¤à¤° à¤à¤• मंदिर बना हà¥à¤† है जो देवी काली को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है। बाहॠक़िले से जमà¥à¤®à¥‚ शहर का बड़ा ही आकरà¥à¤·à¤• नजारा होता है। बाहॠक़िले के नीचे बाग-à¤-बाहॠनामक वाटिका है जहाठपर परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• घà¥à¤®à¤¨à¥‡ आते हैं। मंगलवार और रविवार के दिन मंदिर में à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की अधिक à¤à¥€à¤¡à¤¼ रहती हैं। बाहॠक़िले के पास ख़ूबसूरत à¤à¤°à¤¨à¤¾, फूल और बड़े-बड़े वृकà¥à¤· मौजूद है।(साà¤à¤¾à¤° : à¤à¤¾à¤°à¤¤ डिसà¥à¤•वरी)
बाहू का किला दूर से
बाहू के किले का à¤à¤• और दृशà¥à¤¯
मà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤• मंडी पैलेस
मà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤• मंडी महल की वासà¥à¤¤à¥à¤•ला में राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€ , मà¥à¤—़ल और यूरोपीयन शैली का समनà¥à¤µà¤¯ देखा जा सकता है। इस महल का इतिहास लगà¤à¤— 150 वरà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ है। यह महल डोगरा राजाओं का शाही आवास था। इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर हम लोग समय अà¤à¤¾à¤µ के कारण जा नहीं पाठथे. यह फोटो मैंने दूर से बागे बाहू से लिया था.Â
मà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤• मंडी दूर से
बाहू के किले में माता के दरà¥à¤¶à¤¨ करने के बाद, वंहा से निकल कर यंहा से नीचे की और बने मछली घर और बागे बाहू गारà¥à¤¡à¤¨ की और आ जाते हैं. मछलीघर à¤à¤• शानदार à¤à¤•à¥à¤µà¥‡à¤°à¤¿à¤¯à¤® बना हà¥à¤† हैं. जो की जमीन के नीचे हैं.  इसका पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° à¤à¤• बड़ी मछली  के रूप में बना हà¥à¤† हैं. यंहा पर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में पाई जाने वाली विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•ार की मछलियों को पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ किया गया हैं. यंहा पर à¤à¥€ फोटो खींचना निषेध हैं.
मछलीघर
बागे बाहू में बना मछली घर
मछलीघर का मà¥à¤–à¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°
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विशालकाय मछलीघर और पीछे बाहू का किला
बागे बाहू
मछली घर के बाद हम लोग बागे बाहू में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर जाते हैं. गनीमत हैं यंहा पर फोटो पर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¨à¥à¤§ नहीं हैं. यह बाग ऊà¤à¤šà¤¾à¤ˆ से शà¥à¤°à¥‚ होकर, नीचे की तरफ चलता चला जाता हैं. यंहा पर विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•ार के संगीत मय फवà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ लगे हà¥à¤ हैं. जो की संगीत की धà¥à¤¨à¥‹à¤‚ पर नृतà¥à¤¯ करते हैं. यंहा पर चारों तरफ पेड़ पौधे, हरियाली, फूलो की बहार हैं. à¤à¤• रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट à¤à¥€ बना हà¥à¤† हैं. यंहा पर हम सà¤à¥€ लोगो ने à¤à¤• दो घंटा जम कर मनोरंजन किया. यह बाग तवी नदी के किनारे à¤à¤• पहाड़ी पर बना हà¥à¤† हैं. यंहा से दूर दूर तक, तवी नदी, जमà¥à¤®à¥‚, और फैले  हà¥à¤ पहाडो की दà¥à¤°à¤¶à¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ बहà¥à¤¤ सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° लगती हैं.
संगीत मय फवà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡
कà¥à¤¯à¤¾ फवà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हैं…Â
बागे बहà¥, फवà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾, मछलीघर, बाहू का किला à¤à¤• साथÂ
बाहे बाहॠ– ऊपर से नीचेÂ
बागे बाहू नीचे से ऊपर
बागे बाहू में सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° छोटी छोटी नहरे
फवà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ में बना इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤§à¤¨à¥à¤·
बागे बाहू से सूरà¥à¤¯ पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ माठतवी नदी और जमà¥à¤®à¥‚ का विहंगम दृशà¥à¤¯
बागे बाहू में काफी देर मनोरंजन करने के बाद हम लोग वापिस अपने होटल रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ पहà¥à¤à¤š गà¤. सà¤à¥€ लोग थक कर चूर थे. खाना हम लोगो ने अपने कमरे में ही मंगा लिया था. खाना खाकर, सà¤à¥€ लोग लंबी तानकर सो गà¤. कल का हमारा कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर और उसके आसपास बाजार आदि  घूमने और खरीदारी करने का था. जय माता की.Â
Thanks for showing us the mostly unknown Jammu. I have been to Jammu several times but never venture beyond bazaars and two famous temples.
In your previous post also you took us to a different and unknown places and temples.
Thanks again.
बहुत विस्तृत जम्मू के बारे में जानकारी भी उतना ही सुंदर चित्रों के द्वारा समर्थित है.
हमारे साथ साझा करने के लिए धन्यवाद
प्रवीण जी इस मछलीघर में फोटो खींचना निषेध नहीं है। कैमरे की टिकट लेकर आप जितनी चाहे फोटो खींच सकते हैं।
प्रणाम
प्रवीण गुप्ता जी…ये पोस्ट आपकी बहुत उल्लेखनीय है.. अधिकतर लोग वैष्णों देवी जाते है पर जम्मू को छोड़ देते हैं (मैं भी उनमें से हूं)…पर आपने जम्मू के बारे में इतना अच्छा विवरण दिया, बहुत ही खूबसूरत चित्रों के साथ कि, अब अगली बार गये तो इन स्थलों को अवश्य देखेंगे…जय श्री राम
a beautifully written quite elaborate write up about Jammu area.very nice photographs.
Well written and good photos. Thanks
प्रवीण जी… जय माता दी….|
माता वैष्णो देवी जी क दर्शन करने के बाद जम्मू घूमने का अपना मजा कुछ अलग ही हैं…| अमर महल संग्रहालय, बाहू किला और बाग-ए-बाहू वाटिका वाकई में बहुत खूबसूरत हैं…इन जगह पर मैं कई बार जा चुका हैं….| वैसे मछलीघर में फोटो खीचने पर कोई प्रतिबन्ध नहीं हैं….मछलीघर के अंदर कि कुछ चित्र मेरे पास अभी भी हैं…|
जम्मू की विभिन्न स्थलों का फिर से घुमाने और खूबसूरत चित्रों के लिए धन्यवाद….
रीतेश….
Praveen Jee – Indeed, this touches so many unknown (or to put it better, lesser known) aspects of Jammu. Special thanks for bringing this and for sharing this with all of us.
Praveenji, you have written a superb travelogue about the attractions of Jammu and including the history of the place added value to it, like the info that Jammu was originally known as Jambu after its founder Jambu Lochan.
The photographs too have come out very well.
The Amar Mahal palace looks more like a Scottish castle if one ignores the Ambassadors and the Sumos! The Bahu Castle and the Bagh-e-Bahu look amazing too. Perplexing as to why photography is banned here since they are losing a lot of income and depriving the tourists of the opportunity of capturing some pleasant memories.
Looking forward to the next in this series.
Hello Praveen ji,
Bahut jaldi jaldi me apki post dekhi.Bahut hi sundar pictures hai, waapis time nikal ke puri series jaldi hi padhna chahungi.
Thanks for sharing
Praveen Ji, Namaskar.
Bahut sunder photographs ke sath bahut hi sajeev vivaran. Dhanyavad.
VERY GOOD DECLEARATION