दिल्ली से दयारा बुघयाल की सैर
हम २:३० दोपहर को दयारा बुघयाल पहुच गए. हर तरफ सफेद रंग बिखरा था. बहुत ज्यादा बर्फवारी हो रही थी. रूफटोप के नीचे हम आराम कर रहे थे एंव आगे की रणनीति सोच ही रहे थे कि हमने देखा कि एक विदेशी पर्यटक , ३0 की उम्र , अकेले, हमारे थोडे बाद ही दयारा पहुचा है. स्पैन के उस बन्दे से १५-२०मिनट तक भिन्न भिन्न मुददो पर बात हुई जैसे मोदी,वीजां ,स्पैन का मौसम,लेह – लदाख आदि। घूमने का असली मकसद ही नई- नई जगह देखना और लोगौ को जानना है.
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