सतपुडा नैरो गेज- दिल्ली से नैनपुर वाया छिंदवाडा
अब शुरू होती है नैरो गेज की सवारी। इस सिलसिले में अगर कोई और होता तो वो सीधा जबलपुर जाता। लेकिन इधर ठहरे टेढी खोपडी वाले, छिंदवाडा जा पहुंचे। छिंदवाडा से नैनपुर तक कई गाडियां चलती हैं, सारी की सारी पैसेंजर। मैं साढे बारह बजे चलने वाली गाडी (58853) में जा धरा। यह गाडी शाम को सात बजे नैनपुर पहुंचा देती है। यह इलाका भारत का सबसे व्यस्त और घना नैरो गेज वाला इलाका है। यहां रेल लाइन की शुरूआत 1905 के आसपास हुई थी। यहां सतपुडा की पहाडियों का बोलबाला है। ये पहाडियां इस मार्ग पर सफर को और भी मजेदार बना देती है। आबादी बहुत कम है। हालांकि ट्रेन में भीड बहुत होती है। गाडी की रफ्तार भी कम ही रहती है। लोगों को तेज यातायात उपलब्ध कराने के लिये इस नैरो गेज को उखाडकर ब्रॉड गेज में बदला जायेगा। जबलपुर-बालाघाट खण्ड पर आमान-परिवर्तन का काम शुरू भी हो चुका है।
छिंदवाडा से नैनपुर तक कुल बीस स्टेशन हैं। इनमें छिंदवाडा के बाद सिवनी सबसे बडा स्टेशन है। सिवनी जिला भी है। बीस स्टेशन और उनकी समुद्र तल से ऊंचाई इस प्रकार हैं:
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