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ब्रह्माकुमारी  आश्रम  की यात्रा व आध्यात्मिक ज्ञान  के पल….!

ब्रह्माकुमारी आश्रम की यात्रा व आध्यात्मिक ज्ञान के पल….!

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अब मैं मध्य बर्थ पर था और पत्नी लोअर बर्थ पर. वह महिला जिससे बर्थ एक्सचेंज की थी वह ट्रेन चलते ही ऐसी निंद्रा में लीं हुई कि सवेरे चाय- नाश्ता की आवाजों के कोलाहल और चलकदमी से ही जागी. जैसी मुझे चिंता रहती है मिडिल या अपर बर्थ की ऐसी कोई दिक्कत तो नहीं हुई क्यूंकि एक बार सोने के लिए बेड पर जाने के बाद फिर तो मैं सवेरे ही उठता हूँ चाहे नींद न भी आये. बस बर्थ में शरीर को घुसाना और फिर स्वयं को समेटना– इन दो क्रियाओं के खतरों के कारण मैं लोअर बर्थ को बेहतर मानता हूं। यदि पत्नी के सहमति नहीं होती तो मैं उन महिला को उपकृत करने वाला नहीं थ. लगभग एक महीना पहले बुकिंग कराओ, लोअर सीट के लिए, और एक क्षण में एक आग्रह पर वह बर्थ आप किसी और को सौंप दें, यह तो कोई बात नहीं हुई. हालांकि पत्नी का सोचना इसके विपरीत है, चूँकि वह भी समय-समय पर अपनी यात्रा में लोअर बर्थ को हथियाने में निपुण है, तो उसके लॉजिक के अनुसार उस बर्थ पर किसी महिला को सोने देने में कुछ भी असहजता नहीं है. और यह कि लोअर बर्थ पर महिलाओं का पहला अधिकार नैसर्गिक रूप से बनता है (रेलवे के नियम चाहे जो कुछ हों).

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राजस्थान यात्रा: भाग २ (बीकानेर)

राजस्थान यात्रा: भाग २ (बीकानेर)

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खैर हम पहले अपने होटल गए क्योंकि सब लोग ४-५ घंटे की सड़क यात्रा के बाद थक से गए थे और कुछ खाने पीने की ज़रूर दिखाई दे रही थे| होटल एक हवेलीनुमा मकान था, जो कि बाद में हमने देखा कि वहाँ आम बात है| किसी रिटायर्ड सरकारी अफसर का घर था जो कि उसने होटल में बदल दिया था| ये एक अच्छा व्यापार है बीकानेर में जहां यात्रियों, खासकर, विदेशी डालर यूरो वाले, की संख्या ज़्यादा है और लोकल लोगों के लिए ये पैसा कमाने का अच्छा ज़रिया है| होटल बहुत सस्ता तो नहीं था, करीब १५०० रुपये प्रति रात डबल बेड के लिए (घुसलखाने के साथ) लेकिन ठीक-ठाक था, सफाई ठीक थी और ऊपर एक रेस्तारेंट भी था जहां से नजारा काफी अच्छा था| लेकिन जिस बात ने हमारा पहुँचते ही मूड आफ किया वो ये थी कि स्टाफ विदेशी लोगों में ज़्यादा मशगूल थे और भारतीय ग्राहकों को नज़रंदाज़ कर रहे थे| इस बात को लेकर हमारी थोड़ी कहा-सुनी हुई और फिर स्टाफ का रवैया एक दम बदल गया| रात को खाना खा-पीकर हम बिस्तरों में घुस गए क्योंकि अगले दिन कई सारी जगह देखने जाना था|

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