पà¥à¤°à¤•ृति कà¤à¥€ कà¤à¥€ अपने à¤à¤¸à¥‡ रूपों को हमारे सामने ला देती है कि हमें उनके बारे में कहने या कà¥à¤› लिखने के लिठकाफी मशकà¥à¤•़त करनी पड़ती है। à¤à¤¸à¤¾ ही à¤à¤• मंज़र हमें तब देखने को मिला जब हम अगले दिन गंगटोक में हो रही आरà¥à¤•िड पà¥à¤·à¥à¤ª पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ को देखने गà¤à¥¤ सिकà¥à¤•िम में हर साल मारà¥à¤š से अपà¥à¤°à¥ˆà¤² तक ये पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ लगी रहती है।
आरà¥à¤•िड à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ फूल है जिसकी पूरे विशà¥à¤µ में करीब 25000 पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ हैं। उनà¥à¤¨à¥€à¤¸à¤µà¥€à¤‚ शताबà¥à¤¦à¥€ में जब इनके रखरखाव और अनà¥à¤•ूल वातावरण की पूरी पूरी जानकारी नहीं थी तो उस ज़माने के रईस इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने बगीचे की शोà¤à¤¾ बनाने के लिठपानी की तरह पैसा बहा देते थे। आज तो आम वरà¥à¤— तक इन फूलों की पहà¥à¤à¤š जरूर हो गई है पर फिर à¤à¥€ अपनी अकूत सà¥à¤‚दरता की वज़ह से ये फूल आज à¤à¥€ अपेकà¥à¤·à¤¾à¤•ृत मà¤à¤¹à¤—ा ही बिकता है।

दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ जहान की छोड़िठहम तो बात सिकà¥à¤•िम की कर रहे थे। कà¥à¤¯à¤¾ आपके लिठये आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ की बात नहीं है कि सिकà¥à¤•िम जैसे अतà¥à¤¯à¤‚त छोटे से पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में à¤à¥€ इस फूल की 600 पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ हैं। दरअसल सिकà¥à¤•िम का कà¥à¤› हिसà¥à¤¸à¤¾ समà¥à¤¦à¥à¤° तल के करीब है तो इसके कà¥à¤› हिसà¥à¤¸à¥‡ कà¥à¤› 17000 फीट से à¤à¥€ ऊà¤à¤šà¥‡ हैं। इसलिठइस पूरे इलाके की आबो हवा इतने तरह के आरà¥à¤•िडà¥à¤¸ की रचना करने में सहायक होती है।
फूलों की इन वादियों में à¤à¤• बार घà¥à¤¸à¤¨à¥‡ के बाद निकलने को जी नहीं चाहता। कà¥à¤¯à¤¾ रंग, कà¥à¤¯à¤¾ शेडà¥à¤¸, à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ विधाता ने à¤à¥€ कितनी तबियत से इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ रचा है।
ज़ाहिर सी बात है कि आरà¥à¤•िड को सिकà¥à¤•िम का राजà¥à¤¯ पà¥à¤·à¥à¤ª होने का गौरव पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है।
वैसे सिकà¥à¤•िम के सबसे मशहूर आरà¥à¤•िडों में Cymbidiums, Vanda, Cattaleya, Hookeriana, Farmeri, Dendrobium Amoenum का नाम लिया जाता है। पà¥à¤·à¥à¤ª परà¥à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ में इनका जिकà¥à¤° इनके नाम के साथ था जो अब तो मà¥à¤à¥‡ बिलà¥à¤•à¥à¤² याद नहीं।
बस इतना याद है कि नीले रंग के फूलों ने मà¥à¤à¥‡ सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ किया। इसकी वज़ह ये à¤à¥€ है कि मà¥à¤à¥‡ नीले रंग का शायद ही कोई शेड पसंद नहीं आता। नीले फूलों के बाद मन को मोह रहे थे गà¥à¤²à¤¾à¤¬à¥€ रंग की छटा बिखेरते ये आरà¥à¤•िडà¥à¤¸..
सच फूलों की इस बगिया को देखकर आपको कà¥à¤¯à¤¾ नहीं लगता कि गà¥à¤²à¤œà¤¼à¤¾à¤° साहब कितना सही लिख गठहैं..
फूलों की तरह लब खोल कà¤à¥€
खà¥à¤¶à¤¬à¥‚ की जà¥à¤¬à¤¾à¤ में बोल कà¤à¥€…








मनीषजी,
बड़े ही खूबसूरत चित्र थे, और आपने अपनी सुन्दर लेखनी से इन चित्रों के सौंदर्य को द्विगुणित कर दिया है. थोड़ी सी निराशा भी हुई की पोस्ट कुछ ज्यादा ही संक्षिप्त हो गई है. अगली पोस्ट के इंतज़ार में.
मुकेश भालसे
मुकेश जी ये पोस्ट सिर्फ एक फोटोलॉग है इसीलिए इतनी संक्षिप्त है । जब इसे सिड्यूल किया था तो ये सोचा भी नहीं था कि सिक्किम पर इतनी भारी आफ़त आन पड़ेगी। मेरी प्रार्थना है कि इस संकट की घड़ी में भगवान यहाँ के लोगों को इस विपदा से लड़ने की शक्ति दे।
khoobsurat photographs hai . soch rahaa hoon real mein kaise dikhte rahenge yeh phool……………………….
Shukriya Vishal !
मनमोहक पुष्प | मैं भी मुकेश से सहमत हूँ , वास्तव में पोस्ट काफी संक्षिप्त रह गयी | आपकी पोस्ट्स से काफी उम्मीद रहती है तो हमारी बढती हुई आकान्शाओं का ध्यान रखें :-)
सिक्किम के लोगों के लिए प्रार्थना | May God give them strength to come out of this calamity.
Thanks for sharing these lovely pictures.
Yes, we all join you in this time of crisis for the Sikammese and pray to the almighty to give them courage to meet the challanges arisen out of this most unfortunate calamity.
मेरे मन की भावनाओं में अपना स्वर मिलाने के लिए धन्यवाद राम साहब !
सुन्दर फूलों का बाटनीकल नाम देने से शोध कर्ताओं को लाभ होता,,कल मिला कर सुन्दर व सफल प्रयास रहा है..