25 सितमà¥à¤¬à¤°, 2016
खीर गंगा टà¥à¤°à¥ˆà¤•िंग के समापन के बाद अà¤à¥€ à¤à¥€ दिन का काफी समय शेष बचा था. बचे हà¥à¤ इस समय का सदà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— बरशैणी से आरमà¥à¤ होने वाले किसी अनà¥à¤¯ टà¥à¤°à¥‡à¤•िंग सà¥à¤¥à¤² के लिठकिया जा सकता था. बरशैणी से आरमà¥à¤ होने वाले टà¥à¤°à¥ˆà¤•िंग सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ में खीर गंगा के बाद जो सà¥à¤¥à¤² अपनी ओर सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करता है वो है पारà¥à¤µà¤¤à¥€ घाटी के आà¤à¤šà¤² में बसा कà¥à¤²à¥à¤²à¥‚ का पारंपरिक तोष नामक गांव. बरशैणी से तोष लगà¤à¤— चार किलोमीटर की दूरी पर है. बरशैणी से तोष तक जाने वाले रासà¥à¤¤à¥‡ पर वाहनों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥€ आसानी से जाया जा सकता है. लेकिन परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ पर à¤à¥à¤°à¤®à¤£ का जो आनंद पैदल चलते हà¥à¤ लिया जा सकता है वो वाहनों में बैठकर नहीं मिलता.
à¤à¤•ल घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी में अपनी मनमानी करने की पूरी सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ रहती है. किस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर, कब और किस माधà¥à¤¯à¤® से जाना है इसका निरà¥à¤£à¤¯ केवल आपको ही लेना होता है. तोष को जाने वाले रासà¥à¤¤à¥‡ पर पैदल ही पà¥à¤°à¤•ृति के दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का आनंद लेते हà¥à¤ धीर-धीरे आगे बढ़ने लगा.

बरशैणी से तोष की ओर जाने वाला रासà¥à¤¤à¤¾.
किसी à¤à¥€ परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ मारà¥à¤— पर जैसे-जैसे आगे बढ़ते जाते हैं आस पास के दृशà¥à¤¯ और अधिक सजीव और मनोहारी होने लगते हैं. तोष के घà¥à¤®à¤¾à¤µà¤¦à¤¾à¤° रासà¥à¤¤à¥‡ पर आगे बढ़ते हà¥à¤ पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी और घाटी के परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ होते दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को देखकर मन हरà¥à¤·à¤¿à¤¤ हो उठा.

बरशैणी से तोष की ओर जाने वाला रासà¥à¤¤à¥‡ से दिखाई देते मनोहारी दृशà¥à¤¯.
इस मारà¥à¤— में तोष पारà¥à¤µà¤¤à¥€ घाटी का अंतिम गांव है. बरशैणी से तोष तक आने वाली सड़क गांव के बाहर ही समापà¥à¤¤ होती है. गांव के अंदर वाहनों का पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ संà¤à¤µ नहीं है. à¤à¤• छोटे से पà¥à¤² को पैदल ही पार करके तोष गांव में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ किया जा सकता है.

तोष में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ के लिठबना पà¥à¤².
तोष में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने के बाद पगडंडियों पर चलते हà¥à¤ गांव का à¤à¥à¤°à¤®à¤£ किया जा सकता है. अपने विशिषà¥à¤Ÿ पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक सौंदरà¥à¤¯ के कारण पà¥à¤°à¤•ृति पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को यह गांव अपने और आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करता है. लाल-लाल पके हà¥à¤ सेबों के वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ से सजे हà¥à¤ सेब के बाग गांव की सà¥à¤‚दरता को और बढ़ा देते हैं. देश-विदेश से आने वाले परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ के लिठअनेक विशà¥à¤°à¤¾à¤® सà¥à¤¥à¤², होटल, रेसà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤‚ आदि à¤à¥€ यहाठउपलबà¥à¤§ हैं. तोष गांव में à¤à¥à¤°à¤®à¤£ करते हà¥à¤ यहाठके पारंपरिक à¤à¤µà¤¨à¥‹à¤‚ और गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ जीवन शैली को अधिक समीप से जाना जा सकता है.

पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ के बीच पारमà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤• जीवन-शैली.
तोष गांव के मधà¥à¤¯ में बना हà¥à¤† जमदगà¥à¤¨à¤¿ ऋषि का पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मंदिर गà¥à¤°à¤¾à¤®à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की धारà¥à¤®à¤¿à¤• आसà¥à¤¥à¤¾ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है. अपने विशिषà¥à¤Ÿ सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª और लकड़ी पर की गठकलाकारी के कारण यह मंदिर अपनी ओर आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करता है. गà¥à¤°à¤¾à¤®à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की धारà¥à¤®à¤¿à¤• आसà¥à¤¥à¤¾ के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• इस मंदिर को गांव के बाहरी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ छूना निषेध है. मंदिर के पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° पर à¤à¤• नोटिस बोरà¥à¤¡ लगा है जिस पर लिखा है “यह à¤à¤• धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤² है. इसे छूना सखà¥à¤¤ मन है छूने वाले को 3000 जà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¾ किया जाà¤à¤—ा”.

जमदगà¥à¤¨à¤¿ ऋषि का पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मंदिर.
तोष गांव के आस-पास कà¥à¤› देर à¤à¥à¤°à¤®à¤£ के बाद थोड़ा चाय नाशà¥à¤¤à¤¾ किया और वापिस बरशैणी के लिठचल दिया. बरशैणी बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड पहà¥à¤à¤š कर à¤à¥à¤‚तर की ओर जाने वाली बस दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मणिकरà¥à¤£ होते हà¥à¤ कसोल बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड पर पहà¥à¤à¤š गया.
हिमाचल पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की पारà¥à¤µà¤¤à¥€ घाटी में बसा कसोल देश विदेश के परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों के बीच काफी पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है. पारà¥à¤µà¤¤à¥€ घाटी में आने वाले अधिकतर परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• कसोल को अपने विशà¥à¤°à¤¾à¤®-सà¥à¤¥à¤² के रूप में चà¥à¤¨à¤¤à¥‡ है. देश विदेश के परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों से कसोल हर समय à¤à¤°à¤¾ रहता है. कसोल विदेशी परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों का पà¥à¤°à¤¿à¤¯ सà¥à¤¥à¤² है इनमें बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ इजराइल के परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों की है इस कारण कसोल “मिनी इजराइल” के नाम से à¤à¥€ जाना जाता है. मनिकरण से लगà¤à¤— चार किलोमीटर दूर पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी के तट पर बसा कसोल à¤à¤•ल घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ों (solo backpackers), पà¥à¤°à¤•ृति पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और शांत वातावरण में विशà¥à¤°à¤¾à¤® करने वालों के लिठआदरà¥à¤¶ सà¥à¤¥à¤² है.
कसोल बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड के पास पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी पर बने पà¥à¤² को पार करने के बाद à¤à¤• पैदल मारà¥à¤— छलाल गांव की ओर जाता है. इस पà¥à¤² से पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी के आकरà¥à¤·à¤• सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª को देखा जा सकता है.

छलाल गांव जाने के लिठपारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी (कसोल) पर बना पà¥à¤².
कसोल से लगà¤à¤— दो किलोमीटर दूर छलाल गांव तक इस पà¥à¤² को पार करने के बाद केवल पैदल ही जाया जा सकता है. छलाल गांव में जाने वाला रासà¥à¤¤à¤¾ पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी के किनारे है. रासà¥à¤¤à¥‡ के à¤à¤• ओर पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी के जल का मधà¥à¤° सà¥à¤µà¤° पूरे रासà¥à¤¤à¥‡ आपके कानों से टकराता रहता है. और दूसरी ओर ऊà¤à¤šà¥‡ परà¥à¤µà¤¤ इस मारà¥à¤— को मनोहारी बना देते है. देवदार के घने वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ से होकर छलाल गांव तक की पदयातà¥à¤°à¤¾ का अनà¥à¤à¤µ अपने आप में अनूठा है.
छलाल गांव में पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ पर शाम हो चà¥à¤•ी थी. रातà¥à¤°à¤¿ विशà¥à¤°à¤¾à¤® के लिठछलाल में रूककर अगले दिन आगे की यातà¥à¤°à¤¾ का निरà¥à¤£à¤¯ लिया.
26 सितमà¥à¤¬à¤°, 2016
पारà¥à¤µà¤¤à¥€ घाटी में अनेक मनोहारी पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक सौंदरà¥à¤¯ से परिपूरà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤² हैं. सीमित समय की घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी में केवल कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ पर à¤à¥à¤°à¤®à¤£ का ही आनंद लिया जा सकता है. आज की घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी के लिठकà¥à¤²à¥à¤²à¥‚ के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ “बिजली महादेव मंदिर” के दरà¥à¤¶à¤¨ का निशà¥à¤šà¤¯ करके सà¥à¤¬à¤¹ का नाशà¥à¤¤à¤¾ करने के बाद छलाल से कसोल की ओर चल दिया.

कसोल से छलाल की ओर जाने वाला रासà¥à¤¤à¤¾.

कसोल और छलाल के बीच à¤à¤• छोटा सा परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ नाला.
पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ काल में पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के मधà¥à¤° सà¥à¤µà¤° से वातावरण बहà¥à¤¤ ही मनोहारी लग रहा था. पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी के किनारे-किनारे चलते हà¥à¤ छलाल से कसोल तक की पदयातà¥à¤°à¤¾ à¤à¤• रोमांचक अनà¥à¤à¤µ बन गयी थी.

पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी पर बने पà¥à¤² का à¤à¤• सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° दृशà¥à¤¯.
पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी पर बने पà¥à¤² को पर करके à¤à¥à¤‚तर-मणिकरà¥à¤£ मारà¥à¤— पर कसोल बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड पर पहà¥à¤à¤š गया.

à¤à¥à¤‚तर-मणिकरà¥à¤£ मारà¥à¤— पर कसोल बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड.
कसोल बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड पर आगे की यातà¥à¤°à¤¾ (बिजली महादेव मंदिर, कà¥à¤²à¥à¤²à¥‚) जाने के लिठके लिठकà¥à¤²à¥à¤²à¥‚ जाने वाली बस की पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ करने लगा.
बिजली महादेव मंदिर, कà¥à¤²à¥à¤²à¥‚ के à¤à¥à¤°à¤®à¤£ का विवरण आगामी लेख में …
Dear Munesh – Yes, one can find a lot of Israelis. This place also attracts a lot of people for the special green leaf, which I am told is available here in good quality.
Reading your log reminded me our travel to this place. A friend runs a boutique hotel here (Parvati Kuteer) and co-incidentally I met him after a long time, last weekend and I reminded myself to read this story.
So when do we go to Bijli Mahadev ?