परीकà¥à¤·à¤¾à¤“ं का तनाव और परिणाम की बैचैनी से जब आपके बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का मन पदाई से ही उचाट होने लगे तो à¤à¤¸à¥‡ में उनका मनोबल बनाये रखने के लिये सबसे बेहतरीन विकलà¥à¤ª है उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इन कठिन दिनो के गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥‡ ही à¤à¤• अचà¥à¤›à¥€ छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¤ देने का वादा ! इसी नजरिये को सामने रखते हà¥à¤¯à¥‡, इन दबे कà¥à¤šà¤²à¥‡ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में à¤à¤• बार फिर से जीवन संजीवनी à¤à¤°à¤¨à¥‡ के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से हमारे और तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी जी के परिवार ने कहीं à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ रविवार का दिन गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¨à¥‡ का मन बनाया | à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤†à¤° में आपकी शाम और रात रंगीन बनाने के लिये तो बहà¥à¤¤à¥‡à¤°à¥‡ अडà¥à¤¡à¥‡ हैं पर यदि आपने परिवार के साथ à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ दिन à¤à¤° का समय बिताना हो तो आपको इससे बाहर देखने की आवशà¥à¤¯à¤•ता पड़ ही जाती है | अनेकों विकलà¥à¤ªà¥‹à¤‚ को जांचते परखते हà¥à¤¯à¥‡ हमने तà¥à¤·à¤¾à¤° की विशेष अनà¥à¤¶à¤‚सा पर पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ªà¤—ढ़ फॉरà¥à¤® को चà¥à¤¨à¤¾, कà¥à¤¯à¥‚ंकि वो पहले à¤à¥€ यहाठअपने सà¥à¤•ूल टà¥à¤°à¤¿à¤ª पर आ चà¥à¤•ा था |
रविवार का दिन, सà¥à¤¬à¤¹ जलà¥à¤¦ ही बिसà¥à¤¤à¤° तà¥à¤¯à¤¾à¤— करना यूठतो मà¥à¤¶à¥à¤•िल होता है मगर जब बात कहीं घूमने जाने की हो तो बड़ों से पहले, बचà¥à¤šà¥‡ ही बिना अलारà¥à¤® जाग कर आपको à¤à¥€ उठने को मजबूर कर देते हैं | तैयारी करने के नाम पर आपको अपने backpack में तौलिया और नहाने के कपड़े ही रखने हैं, और फिर, सà¥à¤¬à¤¹ के 9 बजते-बजते à¤à¤• कप चाय पी कर हमारा कारवां अपनी मंजिल पर निकलने को तैयार था | गà¥à¤¢à¤¼à¤—ाà¤à¤µ से 50 किमी दूर सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤ªà¥à¤°-रोहतक मारà¥à¤— पर à¤à¤œà¥à¤à¤° कसà¥à¤¬à¤¾ और इससे लगà¤à¤— 5 – 6 किमी और आगे तलाया गाà¤à¤µ में, जिसके लिये आपको मà¥à¤–à¥à¤¯ सडक को छोडकर उलटे हाथ की तरफ उतरना पड़ता है, सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª गढ़ फारà¥à¤®! हरे-à¤à¤°à¥‡ खेतों के बीच में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤, यह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ विगत कà¥à¤› अरसे में ही à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤†à¤° कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के लोगों में बड़ी तेजी से लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ हà¥à¤† है, समà¥à¤à¤µà¤¤: जिसका à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कारण सà¥à¤•ूलों और कारà¥à¤ªà¥‹à¤°à¥‡à¤Ÿà¥à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ यहाठपà¥à¤°à¤¾à¤¯à¥‹à¤œà¤¿à¤¤ होने वाले टूर ही है | और फिर, ‘साडी दिलà¥à¤²à¥€â€™ के घूमने के शौक़ीन नवधनाढà¥à¤¯ मधà¥à¤¯ वरà¥à¤— से à¤à¤¸à¥€ कौन सी जगह अछूती रह गयी है, जो यह रह पाती !

Supply of potable water is still carried out in Jhajjar through these types of mobile tankies

We are coming dear, thanx for telling us the way!
मà¥à¤–à¥à¤¯ सड़क से नीचे उतरते ही आपको लगà¤à¤— दो से तीन किमी का कचà¥à¤šà¤¾ रासà¥à¤¤à¤¾ लेना पड़ता है, धà¥à¤²-मिटà¥à¤Ÿà¥€ से उसरित सडक, दोनों तरफ छितरे खेत, आपको अपनी मंजिल के बारे में और जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रोमांचित करती है | यूठतो फालà¥à¤—à¥à¤¨, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ मारà¥à¤š का महीना, उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ में गरमी की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ ले कर आता है, मगर शायद आज कà¥à¤¦à¤°à¤¤ का वरदहसà¥à¤¤ हम पर था कि सà¥à¤¬à¤¹ से आसमान बादलों से आचà¥à¤›à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ था, और हिमालय की पहाड़ियों से चली शीतल हवा अपनी ठंडक को काफी हद तक अपने में समेटे हà¥à¤¯à¥‡ थी | बीच रासà¥à¤¤à¥‡ ही जब बूà¤à¤¦à¤¾à¤¬à¤¾à¤à¤¦à¥€ à¤à¥€ शà¥à¤°à¥‚ हो गयी, और सडकों पर जमा धूल-मिटà¥à¤Ÿà¥€ बैठगयी, तो आखिरकार हमे à¤à¥€ AC का मोह तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर अपनी कार के शीशे थोड़े-थोड़े ही सही, पर नीचे करने पड़े, आखिर ये à¤à¥€ तो पà¥à¤°à¤•ृति के साथ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¤à¥€ होती जब हम à¤à¤¸à¥‡ मौसम में à¤à¥€ अपनी कार के शीशे चड़ा कृतà¥à¤°à¤¿à¤® अनà¥à¤•ूलित वायॠके मोह में पड़ें, यकीन मानिये, गà¥à¤¡à¤—ाà¤à¤µ जैसे शहर में, जहाठगरमी का मतलब सिरà¥à¤« और सिरà¥à¤« धूल-रेतीली मिटà¥à¤Ÿà¥€ और गरà¥à¤® हवा ही होता है,à¤à¤¸à¤¾ मौसम नसीब होना दà¥à¤°à¥à¤²à¤ ही होता है और फिर जब कà¤à¥€ मौका मिले, इसे हाथों-हाथ ले लेने में ही समà¤à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है | कचà¥à¤šà¥€ सडक, जो कि हलà¥à¤•ी फà¥à¤¹à¤¾à¤° के बाद गीली है, और कहीं कहीं हलà¥à¤•ा कीचड़ à¤à¥€ इकटठा हो गया है, हमारी कार हिचकौले खाते हà¥à¤, गà¥à¤œà¤° रही है | आपके आस पास दूर दूर तक फैले खेत, जिनमे से अधिकतर में सरसों काटी जा चà¥à¤•ी है, बिखरे पड़े हैं, बारिश के कण इन खाली खेतों में बेहद मनोहारी दिखते हैं और à¤à¤²à¥‡ कà¥à¤› पल के लिये ही सही, à¤à¤• नयनाà¤à¤¿à¤°à¤¾à¤® दृशà¥à¤¯ आपके सामने उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ करते हैं | यदि आप सचमà¥à¤š वाले à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ हैं तो यहीं-कहीं इन खेतों में आपको मोर à¤à¥€ दिख जाते हैं, वो à¤à¥€ पूरी ठसक के साथ अपने पंख फैलाये हà¥à¤¯à¥‡! जलà¥à¤¦ ही आपको अपने आस पास कà¥à¤› और à¤à¥€ कारें नज़र आने लगती हैं, समà¥à¤à¤µà¤¤à¤¾ इनमे à¤à¥€ वही लोग हैं जो आप की ही तरह पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª गढ़ ही जा रहे हैं |

The way to reach there starts giving you the village experience before reaching there!

Finally, we are here!
15 मिनट की ये यातà¥à¤°à¤¾ आपको इसलिये à¤à¥€ रोमांचित करती है कि यूठतो फालà¥à¤—à¥à¤¨ शà¥à¤°à¥‚ हो गया है पर इस वरà¥à¤· शीत का पà¥à¤°à¤•ोप कà¥à¤› लमà¥à¤¬à¤¾ चलना के कारण, शीत ऋतॠअà¤à¥€ गà¥à¤œà¤°à¤¨à¥‡ की अवसà¥à¤¥à¤¾ में है, कà¥à¤› दिनो में ही होली का परà¥à¤µ है, à¤à¤¸à¥‡ में इस पतà¤à¤¡à¤¼ वाली अवसà¥à¤¥à¤¾ में मेह की बूंदे मिटà¥à¤Ÿà¥€ पर गिर उस सोंधी खà¥à¤¶à¤¬à¥‚ को उà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ है, जिसकी सà¥à¤—नà¥à¤§à¤¿ से आज का शहरी वरà¥à¤— अछूता सा ही रह गया है !
कà¥à¤² जमा, डेढ़ घंटे के लगà¤à¤— लगता है, आपकी इस यातà¥à¤°à¤¾ को, कà¥à¤¯à¥‚ंकि अमूनन रविवार के दिन सड़कें खाली सी ही हैं और अà¤à¥€ दिन की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ हà¥à¤ˆ ही है, अत: सडकों पर टà¥à¤°à¥‡à¤«à¥à¤«à¤¿à¤• का जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ दबाव नही है | कहीं कहीं सडक के किनारे आपको बेर और अमरà¥à¤¦ बेचने वाले à¤à¥€ दिख जाते हैं, जो सडक के दोनों और सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ आस-पास के बागों से मौसम के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अलग-अलग फल बेचने आ जाते हैं |मनोहारी आबो-हवा में ही आप जैसे ही à¤à¤œà¥à¤à¤° पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ हैं, जगह जगह मोबाइल पानी की टंकियां देख आपको आपको à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ होता है कि आज à¤à¥€ à¤à¤œà¥à¤à¤° की सबसे बड़ी समसà¥à¤¯à¤¾ पेयजल की उपलबà¥à¤§à¤¤à¤¾ की ही है और शायद यही इकलौता कारण है इसके अलà¥à¤ª विकसित रह जाने का | अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ दिलà¥à¤²à¥€, गà¥à¤¢à¤¼à¤—ाà¤à¤µ और रोहतक, तीन महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ शहर और तीनो से ही यह शहर, मोटे तौर पर समान दूरी पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤, पर फिर à¤à¥€ उपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤! वैसे, हाल के कà¥à¤›à¥‡à¤• वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से à¤à¤œà¥à¤à¤° शिकà¥à¤·à¤¾ और उदà¥à¤¯à¥‹à¤—ों के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अपनी उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ दरà¥à¤œà¤¼ करवाने का गंà¤à¥€à¤° पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहा है | मशहूर कà¥à¤°à¤¿à¤•ेटर वीरेंदà¥à¤° सहवाग ने à¤à¥€ अपना सà¥à¤•ूल à¤à¤œà¥à¤à¤° में ही बनाया है, यानि कà¥à¤² मिलाकर यह कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° अब शिकà¥à¤·à¤£ गतिविधियों का à¤à¤• हब सा बनने के लिये पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¤°à¤¤ है |
साढ़े दस बजे का समय है जब हम अपनी कार, फारà¥à¤® की पारà¥à¤•िंग में लगा देते हैं और फिर टिकट खरीदने के लिये लाइन में लग जाते हैं | दो तरह की टिकटे हैं, वयसà¥à¤•ों के लिये, 780/- रà¥à¤ªà¤²à¥à¤²à¥€ में और बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिये 425/- रà¥à¤ªà¤²à¥à¤²à¥€ में(5 साल से कम), जिसमे आपका नाशà¥à¤¤à¤¾, दोपहर का à¤à¥‹à¤œà¤¨ और वो सारे खेल और गतिविधियाठसमà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हैं जो इस फारà¥à¤® में उपलबà¥à¤§ करवाये गये हैं |आपको हर टिकट के लिये à¤à¤• कारà¥à¤¡ दिया जाता है जिसमे सारी गतिविधियाठअंकित हैं जैसे ही आप किसी à¤à¤¸à¥€ गतिविधि (मसलन- ऊà¤à¤Ÿ की सवारी, निशानेबाजी, तà¥à¤°à¥ˆà¤®à¥à¤ªà¥‹à¤²à¤¿à¤¨ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿) को करते है, तो वहाठखड़ा सà¥à¤Ÿà¤¾à¤« उस पर पंच कर देता है, अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ बाकी सब गतिविधियाठआप जब और जितना चाहें, बेरोकटोक कर सकते हैं |
फारà¥à¤® के अंदर पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करते है आपका सामना à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ परिवेश से करवाने की चेषà¥à¤Ÿà¤¾ की गयी है, जिसे बहà¥à¤¤ यतà¥à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• और सूषमता से निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ किया गया है | शहरी चकाचौंध और मॉल कलà¥à¤šà¤° से उकताये लोगों के लिये ये गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ परिवेश निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ ही à¤à¤• सà¥à¤–द अनà¥à¤à¥‚ति का अहसास तो करवाता ही है, और ऊपर से आज का रूमानी मौसम, परिवार के संग इससे बेहतर आप और कà¥à¤¯à¤¾ चाह सकते
हैं! पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° के समीप ही कà¥à¤› लोक कलाकार अपने पारमà¥à¤ªà¤¿à¤• वादःसंगीत यंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के साथ सà¥à¤µà¤°-लहरियां बिखेर आपके आगमन को इसà¥à¤¤à¤•बाल करते पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होते हैं |
सपेरे वाली बीन निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से सबके आकरà¥à¤·à¤£ का केंदà¥à¤° है जो आस-पास खड़े लोगों के समूह को देखकर आसानी से जाना जा सकता है और उस से उà¤à¤°à¤¤à¥€ फालà¥à¤—à¥à¤¨ फ़िलà¥à¤® के à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥‚षण ने जो धà¥à¤¨ उकेरी थी या फिर मेरा मन डोले, मेरा तन डोले की धà¥à¤¨ जब आपके करà¥à¤£ से टकराती है तो आपको à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ होता है कि वाकई ये संगीत का ही जादू है जिसके मोहपाश में खड़े समूह में से अनेकों के पाà¤à¤µ यूठथिरकने लगते हैं जैसे जाने किसी ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अà¤à¤¿à¤®à¤‚तà¥à¤°à¤¿à¤¤ कर अपने बाहà¥à¤ªà¤¾à¤¶ के बंधन में बाà¤à¤§ लिया हो |

To quench your thrust, these Indian traditional drinks are always refreshing than the colas
अà¤à¥€ आप आस-पास के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का अवलोकन कर ही रहे होते हैं कि आपसे आगà¥à¤°à¤¹ किया जाता है कि आप पहले नाशà¥à¤¤à¤¾ कर ले | à¤à¤• बड़े से खà¥à¤²à¥‡ मैदान में टेंट लगे हà¥à¤¯à¥‡ हैं, समीप ही कà¥à¤› पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• की कà¥à¤°à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ डाल बैठने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¥€ की गई है | बूफे की तरह आप अपनी पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿ लेकर लाइन में लग जाते हैं | पूरी, आलू का à¤à¥‹à¤², आलू के परांठे, दही, सफेद मकà¥à¤–न, आचार, जलेबी ! पीने को शिकंजी और छाछ ! निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ ही खाना मातà¥à¤°à¤¾ और गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾, दोनों कसौटियों पर पूरा खरा उतरता है | समीप ही, चाय और पकोड़े à¤à¥€ हैं, à¤à¥€à¤¡à¤¼ जरूर है मगर
पकोड़ों और चाय का सà¥à¤¤à¤° à¤à¥€ आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤œà¤¨à¤• रूप से काफी अचà¥à¤›à¤¾ है | वहीं नजदीक ही में ही कà¥à¤› छोटी-छोटी à¤à¥‹à¤ªà¤¡à¥€ नà¥à¤®à¤¾ रसोइयाठसी बनी है जिनमे कà¥à¤› लोग,मकà¥à¤•ी और बाजरे की रोटी का आनंद ले रहे हैं, और उधर हम पूरी और आलू के परांठे ही खाते रह गये, अब कà¥à¤¯à¤¾ हो सकता है पहली बार à¤à¤• नई जगह पर कà¥à¤› तो नज़र से छूट ही जाता है काश दोपहर के à¤à¥‹à¤œà¤¨ तक यह विकलà¥à¤ª à¤à¥€ हो….. आमीन!

Various activities are available at the farm

A moment of pleasure for city people, but only those can feel the agony, who had drawn water from the well.

Bajre ki roti ia also an added attraction

Camel ride is always a big hit among the children
इधर बचà¥à¤šà¤¾ पारà¥à¤Ÿà¥€ अधीर हो उठी है, आप लोग à¤à¤¨à¥à¤œà¥‰à¤¯ करने आये हो या खाने? उनकी बात मान ली जाती है और फिर शà¥à¤°à¥‚ होता है पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª गढ़ फारà¥à¤® को खोजने का हमारा अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ ! शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ होती है उन छोटे-छोटे खेलों से, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हम अपने बचपन और सà¥à¤•ूली दिनो में खेलते आये हैं, मसलन, नीबू-चमà¥à¤®à¤š दौड़, रसà¥à¤¸à¤¾-कसà¥à¤¸à¥€, मटकी फोड़, बोरा दौड़… वगैरह वगैरह | अचà¥à¤›à¥€ बात यह है कि जगह काफी खà¥à¤²à¥€ है, और सामान पà¥à¤°à¤šà¥à¤° मातà¥à¤°à¤¾ में, ऊपर से कोई रोक-टोक नही आप अपने ही परिवार या अनà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ à¤à¥€ à¤à¤¾à¤—ेदारी कर सकते हैं | कà¥à¤› छोटी-छोटी à¤à¤¸à¥€ चीज़ें जो आपको अपने बचपन की उस तिलसà¥à¤®à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में ले जाती है, जिसे आप शहरीकरण कहें या हमारी खà¥à¤¦ पर ही ओढ़ी हà¥à¤ˆ अà¤à¤¿à¤œà¤¾à¤¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ की परत,जिसने हमे अपने उस खजाने से दूर कर दिया है जो कà¤à¥€ हमारे लिये इस दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में सबसे दà¥à¤°à¥à¤²à¤ होता था | कंचे, सटेपू, पिटà¥à¤ ू, गà¥à¤²à¥‡à¤², पतंग बाजी हो या तीर-कमान और बंदूक से निशाना लगाना इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ | à¤à¤¸à¤¾ नही कि केवल गाà¤à¤µ-देहात में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ खेल ही हैं, आपके लिये, टेबल-टेनिस, बैडमिंटन, वालीवाल, कैरम और लूडो जैसे परिषà¥à¤•ृत और साफ़-सà¥à¤¥à¤°à¥‡ खेल à¤à¥€ हैं और इन सबके अलावा आजकल के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ और यà¥à¤µà¤¾à¤“ं का मनपसंद तà¥à¤°à¥ˆà¤®à¥à¤ªà¥‹à¤²à¤¿à¤¨ à¤à¥€ !

This is a swinging bridge rather than a Burma Bridge
इनसे पार पाकर, अगले रोमांच के लिये आप à¤à¥€à¤² पर बने à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ बà¥à¤°à¤¿à¤œ से गà¥à¤œà¤° सकते हो जिसे पार करते हà¥à¤¯à¥‡ आप को बिलकà¥à¤² डर नही लगता | à¤à¥€à¤² के किनारे यदि आप चाहे तो अपनी मसाज़ à¤à¥€ करवा सकते हैं, जी हाà¤, सब कà¥à¤› आपकी टिकट का ही हिसà¥à¤¸à¤¾ है और आपको कहीं à¤à¥€, और कà¥à¤› à¤à¥€ अलग से नही खरचना पड़ता, इस फारà¥à¤® में विचरण करते हà¥à¤¯à¥‡ आपको बारमà¥à¤¬à¤¾à¤° ये à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ होता रहता है कि वाकई यहाठहर चीज़ शहरी लोगो के मिज़ाज़ और उनकी नरà¥à¤® तबियत को देखते हà¥à¤¯à¥‡ ही बनाई गयी है | अब बारी है मिटà¥à¤Ÿà¥€ के लेप और टयूबवेल में सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ की, देशी सà¥à¤ªà¤¾ ! फà¥à¤² हरियाणवी ईसà¥à¤¤à¤¾à¤‡à¤² !

Cricket is not just a game in Indis, it has become a way of life

Makki ki roti and that too on the slow wooden fire!

Some more activities and khana-shana at the farm

The distant cousins of African ostrichs are reared here
ये अचà¥à¤›à¥€ बात है कि महिलायों और पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के नहाने की अलग वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ है, जिससे दोनों वरà¥à¤— निसंकोच मिटà¥à¤Ÿà¥€ में लोट-पोट हो सकते है और फिर जब आपका इससे मन à¤à¤° जाये तो जमीन से निकलते ताजे कà¥à¤¨à¤•à¥à¤¨à¥‡ पानी में जम कर नहायें, समय की कोई रोक टोक नही जो सबसे मजेदार पकà¥à¤· है बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिये ! और हमारे जवान तो तब तक बाहर नही निकले जब तक ठंड से कांपना नही शà¥à¤°à¥‚ हो गये| नहाने-धोने के बाद à¤à¥‚ख लगना तो सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है और इस बीच दोपहर का à¤à¥‹à¤œà¤¨ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ à¤à¥€ हो चà¥à¤•ी है, सो कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ ही छोटे मोटे और कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾-कलाप करते हà¥à¤¯à¥‡, जिनमे कà¥à¤à¤ में से बालà¥à¤Ÿà¥€ à¤à¤°à¤¨à¤¾ और हरियाणवी महिला के अंदाज में फोटो खिंचवाना शामिल है, निपटाते हà¥à¤¯à¥‡ à¤à¥‹à¤œà¤¨ सà¥à¤¥à¤² की और बढ़ चले |
आप का तो निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ है कि सà¥à¤¬à¤¹ वाली गलती नही दोहराà¤à¤‚गे, मगर बचà¥à¤šà¥‡ तो अपने मन की मरà¥à¤œà¥€ के मालिक ठहरे, अत: उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उस मेनà¥à¤¯à¥ को चà¥à¤¨à¤¾ जो उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ शादियो में बहà¥-पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ à¤à¥€ है और हिट à¤à¥€ | चाऊमिन के à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•रण से लेकर दाल मकà¥à¤–नी और शाही पनीर तक, मगर अपने राम ने तो निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ किया है, हम तो आज जीमेंगे उस खाने पर, जिसका सà¥à¤µà¤¾à¤¦ हम शहरी जिनà¥à¤¦à¤—ी की इस अंधी à¤à¤¾à¤—दौड़ में कहीं पीछे छोड़ चà¥à¤•े हैं, और यदि चाहें à¤à¥€ तो हमारी आज की डिज़ाइनर रसोइयाठमें न तो देसी चूलà¥à¤¹à¥‡ के लिये कहीं कोई पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ हो
सकता है और न ही हमारी आज की शरीके-हयात उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बना सकती हैं| सो, चूलà¥à¤¹à¥‡ की हलà¥à¤•ी आà¤à¤š पर सिकी मकई और बाजरे की देसी घी में तरबतर रोटी, साथ में लहसà¥à¤¨ की चटनी और बनाने वाली हमारे गाà¤à¤µ देहात की ही कोई गà¥à¤°à¤¹à¤£à¥€, न कि कोई वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• कारीगर, जैसा कि आप आजकल की शादियों में या फ़ूड फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² में पाते हैं | वहाठआप à¤à¤¸à¤¾ खाना पा तो सकते हैं पर वो होता रस विहीन ही है, ये हमारा वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त अनà¥à¤à¤µ है कि जब तक खाने में अनà¥à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾ के हाथ न लगें हों आपको तृपà¥à¤¤à¤¿ नही हो सकती | जी à¤à¤° इसके रसावादन के बाद मीठे के शौकीनों के लिये बाजरे की खिचड़ी बूरा उकेर कर और साथ में गरà¥à¤® गरà¥à¤® ढूध जलेबी | à¤à¤¸à¤¾ खाना वासà¥à¤¤à¤µ में आपके केवल पेट को नही वरन आतà¥à¤®à¤¾ तक को à¤à¥€ तृपà¥à¤¤ कर देता है | à¤à¤²à¥‡ ही इस जगह के आस-पास की महिलायें चार पैसे कमाने और अपने परिवार को कà¥à¤› आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सहयोग पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने के लिये इस फारà¥à¤® में रोज़गार पा लेती हैं मगर इसका सबसे बड़ा सकारातà¥à¤®à¤• पकà¥à¤· ये है कि यूठलगता है कोई आपकी परिचित ही आपको पà¥à¤°à¥‡à¤® से बैठा कर खिला रही है, आपके किसी à¤à¥€ गà¥à¤£ का उपयोग कहीं à¤à¥€ हो आखिर काम तो काम है और हमारे जैसे और à¤à¥€ जो इस देशी खाने के शौक़ीन हैं, पूरी मोहबà¥à¤¬à¤¤ और खलूस के साथ खा रहे हैं | आप को सबसे अचà¥à¤›à¤¾ यह देख कर लगता है कि नौजवान पीढ़ी के जो लडके-लडकियाठà¤à¥€ यहाठआये वो इन महिलायों को पूरे समà¥à¤®à¤¾à¤¨ के साथ आà¤à¤Ÿà¥€-आà¤à¤Ÿà¥€ कह कर बà¥à¤²à¤¾à¤¤à¥‡ रहे और थैनà¥à¤•ू थैनà¥à¤•ू कर जाने से पहले फोटो खिंचवाना न à¤à¥‚लते…. आखिरकार परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤à¤ à¤à¥€ कोई चीज़ हैं…. That is why I love my India!!!

The fruit of your labour gives immense satisfaction.

The group of folk artists is trying their level best to give you the pleasure of a nice holiday

The place for taking mud bath, plz do not expect the pic ftom inside!

This charkha is made up of Sandal wood or not, I do not know, but Ravi is operating it with the same preet!!!
खाने से तृपà¥à¤¤ होने के बाद कà¥à¤¯à¥‚ठन कà¥à¤› ऊà¤à¤Ÿ की सवारी का आनंद लिया जाये, मेहà¤à¤¦à¥€ के कलाकार à¤à¥€ हैं तो चरखा और दही बिलौने वाले उपकरण à¤à¥€, चाहें तो आप चकà¥à¤•ी चला कर देखें और जितना घी आपने खाया है उसे हजम कर लें | à¤à¤• बड़ा मà¥à¤–à¥à¤¯ आकरà¥à¤·à¤£ है कà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤° के चाक का आप खà¥à¤¦ अपने हाथ से कोई छोटा मोटा बरà¥à¤¤à¤¨ बना सकते हैं और उसे बतौर निशानी अपने साथ à¤à¥€ ले जा सकते हैं यदि वो आपके घर पहà¥à¤‚चने तक टूटे न तो !
बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का मन लगाने के लिये खरगोश, कबूतर, मà¥à¤°à¥à¤—ियां इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ à¤à¥€ रखी गई है, और यà¥à¤µà¤¾ वरà¥à¤— के लिये DJ à¤à¥€ ! यदि मेहमान à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ हों तो à¤à¤¸à¤¾ कैसा हो सकता है कि कà¥à¤°à¤¿à¤•ेट के खेल का सामान न हो, अत: बड़ी चतà¥à¤°à¤¾à¤ˆ से नेट लगाकर जगह का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया गया है कि à¤à¤• बार में 5-7 गà¥à¤°à¥à¤ª या परिवार अपने अपने मैच खेल सकें |
पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª गढ़ फारà¥à¤® की जो सबसे पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ और इसे à¤à¤• पूरी तरह से गाà¤à¤µ की शकà¥à¤² देने वाली जगह वो है जहाठहमारे दिलà¥à¤²à¥€ से आने वाले मितà¥à¤° या तो जाते ही नही या उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इसकी कोई जरूरत ही महसूस नही होती और ये वो हिसà¥à¤¸à¤¾ है जहाठवासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• खेत है, खाद है, हल हैं, बैलगाड़ी है, टà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¤° है और साथ ही कà¥à¤› घोड़े और शतà¥à¤°à¤®à¥à¤°à¥à¤— जैसी मिलती जà¥à¤²à¤¤à¥€ पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ à¤à¥€ हैं
इतना सब घूमते-घूमते शाम के पांच बजने लगते हैं और आप पाते हैं कि फारà¥à¤® के करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने धीरे धीरे अब सब कà¥à¤› समेटना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया है | दरअसल, यहाठका समय ही सà¥à¤¬à¤¹ साढ़े नौ से लेकर शाम के साढ़े पांच बजे तक है यानि अब आप à¤à¥€ सà¥à¤Ÿà¤¾à¤« का इशारा समà¤à¤¿à¤¯à¥‡ और अपनी यातà¥à¤°à¤¾ को विराम दीजिये, यदि आप चाय-वाय के शौकीन हैं तो जरा समय से चाय वाली जगह पर पहà¥à¤à¤š कर पा सकते है, सà¤à¥€ परिवार अब निकलने की जलà¥à¤¦à¥€ में हैं कà¥à¤¯à¥‚ंकि चारो तरफ गाà¤à¤µ है, और वापसी का रासà¥à¤¤à¤¾ कचà¥à¤šà¤¾. वैसे à¤à¥€ घर पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡-पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ रात हो जाने वाली है
| अब जब तक घर की चाय मिलेगी हम उन फोटà¥à¤“ं को देखेंगे जो तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी जी के और हमारे कैमरे ने खींची हैं और साथ ही साथ इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ टà¥à¤°à¤¾à¤‚सफर करने का काम à¤à¥€ शà¥à¤°à¥‚ ! महिला वरà¥à¤— के रसोई की तरफ जाते ही रावी और तà¥à¤·à¤¾à¤° में इस बात की बहस कि वो किसे अपनी फेसबà¥à¤• की पà¥à¤°à¥‹à¤«à¤¾à¤‡à¤² पिक बनायेंगे और किसे whatsAppकी dp और इधर फोटà¥à¤“ं की अदला बदली करते हà¥à¤¯à¥‡ हमारे और तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी जी के चेहरे पर मà¥à¤¸à¥à¤•ान के साथ-साथ इस संतà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ के à¤à¤¾à¤µ कि दो वकà¥à¤¤ का खाना और फिर ऊपर से दिन à¤à¤° ढेर सारी à¤à¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤¿à¤Ÿà¥€à¤œ, पैसा वसूल जगह है कोई घाटे का सौदा नही….
आखिर दिल है हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ !
Last month we have been to this place …….Awesome experience , especially for growing kids who never saw some of old games like Latu, kanche (marbles) , gulli danda..etc
Spacious & well managed. Value for money.
Hi Mahesh ji
Can not be agree more on this with you!
I saw your pics on fb when you visited the place.
Really a nice experience.
Thanx for the comment.
May I know where you are not agreed with me ?
Hi Mahesh Ji
fully agree with you on this, sir…. :)
अवतार जी,
आपकी सुनहरी लेखनी से निकलने वाले प्रत्येक हीरक शब्द को मेरा धन्यवाद.
आखिरकार दिल्ली जैसे महानगर से सटे एक अनजान (विशेषतः मेरे लिए) ग्रामीण परिवेश में हम पाठको को लेजाकर जो नयी ऊर्जा आपने हमें प्रदान की है उसका कोई जवाब नही. यकीन मानिये आज घर से मिले खाने में नमक थोड़ा ज्यादा हो गया था किन्तु आपको पढ़ते-२ भोजनावकाश और भोजन दोनों कब समाप्त हो गए पता ही नहीं चला.
लिखते रहिये और अपना प्यार हम पाठको के साथ बांटते रहिये।
धन्यवाद,
अरुण
Hi Arun
Many thanx for your comment.
बहुत ही प्यार से और अपनेपन से लिखे हए आपके प्रत्येक शब्द के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद !
Dear Avtaar Ji
Pranam
As usual , again your journey to further aware the Ghumakkars , about the real taste of a Ghumakkar is continue…
I always enjoyed with you in this journey of Ghumakkars. Inspite of time shortage ,after your continue inspiration & efforts we tried and visited on unexplored places like Pratapgarh Farm . Not only visited but enjoyed a lot. This Farm visit is really worthwhile and value for money.
Still I am thankful to you to write and share the real story & picture of the tourist places with Ghumakkars family.
please continue the same.
Again n again thanks
With due regards
Parmender
Hi Parminder ji
Many thanx for your appreciation!
Sir, you are are the planner and I am just the follower!
We both are just trying to do our parts!!!
मिलते हैं सर, हरिद्वार में !!!
I had not idea about this place, right here next to Delhi! Thank you for sharing this, Avtar ji. I can’t wait to go and spend a peaceful day there. Do you think it would be wise to go there once the monsoon arrives?
Hi Smita ji
Thanx for your words.
I think, monsoon will be more ok than these sunny days, as, almost all the activities are outdoor and the sun seems unbearable!
we went in March and moreover the day was pleasant, so make your program considering all this.
Thanx again.
very good post. back to the almost forgotten village life at your doorstep refreshes the readers like us too.nice place beautifully up kept.
Hi Ashok ji
Nice to hear you after so many days!
Yes sir, I agree, it is a nice concept and skillfully maintained place, where something is available for everyone.
Thanx for your comment.
very good about a new place near NCR and unknown to many like me. It seems like a mini version of chokhi Dhani… although the entry fee seems to be high but given the activities inside, the rates look reasonable.
Thanks pahjii
Hi SS Sir
It is like a clever blend of chokhi-Dhani and more, because, here the stress is on various activities rather than cultural show offs.
In the food section too, they are providing options, which is great.
Chokhi-Dhani is an evening affair while it is a day time bonanza!
Entry fees seems ok, considering the fact that it is included with two times unlimited meal and tea-snacks for the day.
एक नयी जगह से परिचय कराने के लिए शुक्रिया, अवतार जी. झज्जर की ओर 2/3 बार जाते वक्त इसके बारे मे सुना तो था…पर जो जानकारी आपने उपलब्ध करायी वो बिलकुल नयी है…साप्ताहांत के लिए एक अच्छा विकल्प लगता है परिवार के साथ…लगता है पूरी थीम शहरियों को ग्रामीण परिवेश का आनंद देने के लिए तैयार की गई है…लेकिन एक बात अचंभित करती है…कई फोटो दिखाते हैं के पीने के लिए प्लास्टिक/डिस्पोजेबल ग्लासों का इस्तेमाल किया जा रहा है…इसके बजाय कुल्हड़ या फिर साधारण ग्लास का इस्तेमाल होता तो गाँव का फील थोड़ा बढ़ जाता…:)
Hi Vipin
आपने बिलकुल सही कहा, शहरियों को ही गाँव जैसा फील देने के लिए ये थीम रखी गयी है |
डिस्पोजल ग्लास रखने के दो कारण हो सकते हैं , एक कास्ट फैक्टर और दूसरा इनका ज्यादा हाईजेनिक माना जाना !
आखिर जब जनता एनसीआर की होगी तो थोडा ये सब भी बनता है !
Yeah it is good for families but not in these harsh summers.
Thanx for the comment.
अवतार जी का घुमक्कड़ पर प्राक्ट्य हो और आनंद की अनुभूति न हो ऎसा हो नहीं सकता. कुछ समय पहले मैं भी एक वरिष्ट नागरिकों की मंडली के साथ इस भ्रमण का आनंद उठा चुका हूँ. हरियाणा ट्युरिज़स्म का पहले केवल झीलों पर ज़ोर था मगर अब ऐसा प्रतीत होता है जल्द ही कई और अच्छे प्रोजेक्ट प्रताप गढ फार्म झझर, चौक्खी घानी गन्नौर (सोनीपत-कर्नाल मार्ग) की तर्ज पर आने वाले हैं. विपिन जी ने सही कहा कि प्लास्टिक के गिलास की जगह कच्चे कसोरे होते तो देहाती परिवेश ज्यादा झलकता. दरअसल पर्यटन विभाग पर्यटकों की बहुत सी मांगों के साथ सम्झौता करके चलता है. जैसे ज़मीन पर बैठाकर खिलाना, रात को स्वाँग व रागणीयों का मुक़ाबला करवाना, हरियाण्वी साज़ इत्यादि पर भजन/नाद इत्यादी. इस फार्म हाउस में आज भी जितनी सुविधायें हैं जैसे पेड़-पौधों की नस्ल, बीज इत्यादि की जानकारी, उस ओर बिरले ही जाते हैं. ज्यादातर लोग रात घर वापस जाना चाहते हैं इसलिए इन दोनों जगहों पर रात रुकने की कोई व्यवस्था नहीं है. फार्म पर तो रात के खाने की भी व्यवस्था नही है जबकि चौक्खी घानी पर रात का खाना दिया जाता है (हाईवे पर होने के कारण समय से घर पर पहूंचा जा सकता है). लेख में कंचे, गुल्ली डंडा, गुलेल, पतंग बाज़ी के साथ-साथ खेले तथा देखे हुए ओर भी कई खेलोंकी याद आपने दिला दी जैसे : चूढी, चींयें, चौपाल-चौपढ, कीली-कीली-काटा, बारह-टेह्णी, आष्टा-चौकन इत्यादि. कुल मिलाकर आनंद-मंगलम. धन्यवाद, जल्दी जल्दी आते रहा करो.
आदरणीय त्रिदेव सर,
किसी भी पोस्ट पर आपकी टीप प्राप्त होना अपने आप में ही एक उपलब्धि हैं क्यूंकि आपकी बातें कुछ ऐसा विलक्षण कह जाती हैं जो हम जैसे व्यक्त नही कर पाते |
सर, यहाँ तक मेरी जानकारी है, हरियाणा ही एक मात्र ऐसा राज्य है जहाँ पर पर्यटन विभाग द्वारा चलाये जा रहे सभी प्रोजेक्ट किसी न किसी पक्षी के नाम पर हैं, और यह अपने आप में में ही बहुत दिलचस्प है !
गुडगाँव में ही जिसे हम काफी समय तक ‘शमा’ समझते रहे, बाद में पता चला कि दरअसल वो तो ‘शामा’ है !
सर, चूड़ी, चीयाँ……. क्या कुछ याद दिला दिया आपने, बिलकुल ही भूले बैठे थे…. इमली के बीजों का ऐसा सदुपयोग….
आज की पीढ़ी सोच भी नही सकती ….
वाकई सर, तुसी ग्रेट हो … तुहाडा कोई सानी नही ….
बिना मिल्ले गल्ल नही बरण वाली …. :)
अवतार जी, चुनाव प्रचार से फुर्सत मिलते ही एक उम्दा पोस्ट लिख डाली। नयी जगह है, विवधता लिए हुए है लेकिन दिल्ली वालों के लिए ज्यादा नजदीक है। हमें अम्बाला से जाकर उसी दिन वापिस आना थोड़ा कठिन लगता है।
साँझा करने के लिए धन्यवाद
Hi Naresh Ji
सर, टंग खिचंणा कोई पंजाबियाँ तो सिखे….. LOL
अम्बाला से of-course दूरी ज्यादा है, मगर है worthwhile. कभी मौका लगे तो जाईएगा जरूर |
Thanx for the comment.
Avtar Ji,
Sorry for responding late, though I read it the same morning when published but on mobile and as you know its not comfortable writing long shots on mobiles.
Yes, indeed a great story about a place which I was never known about despite that I frequent to Rohtak on official visits. Moreover, your sense of writing is irresistibly flawless and spontaneously brings the rawness into evenness. Inspirational story and a must visit to all Delhi-NCR residents, at least.
Keep traveling
Ajay
Hi Ajay Ji
I am sorry too for responding late as I was away from my place and most of the time was on the go.
Thankx for all your praise. You like the post, it matters most.
Thanx again.
And its a FOG (First on Ghumakkar). Many years back, we visited a similar place (Surajgarh farm or something like that) not far from GGN and had a good time. Pratap Garh looks awesome and it seems to have something for everyone.
I think it is a great day outing. Hopefully we make it soon as the weather gets better.
Hi Nandan
Its feeling great to know that this story gets the status of FOG.
You are absolutely right at present, the weather is not favourable for such an adventure, although this is a proper time to try Zurasic Park at near Sonipat with family,which has many water rides etc.
Hi Avtar ji,
A few months ago, a colleague while researching for weekend outing had mentioned this place. I think i saw its website. Later the friend was all praise for the place as perfect for kids and family away from the city.
Now that I see the photos, it does seem its a perfect Sunday getaway. As always enjoyed the reading part too.
Hi Nirdesh ji
Sorry for coming late on your comment.
You are absolutely right sir. This place is perfectly fit for family get to gather but only on friendly and pleasantly weather days. I do not think that the place is fit for such sultry and extremely humid days.
Thanx for your comment.
आपको इतना सुन्दर सजीव उल्लेख करने के लिए ह्रदय से धन्यवाद
बहुत जिज्ञासा औत उत्कंठा थी प्रतापगढ़ गर्म के विषय में …आपका यह अनुभव पढ़ा तो लगा मानो मैं स्वय वहां पर हूँ ….अब तो मन और भी उद्वेलित हो चूका है इस स्थान पर भ्रमण के लिए ………आपका पुनह धन्यवाद
सत श्री अकाल जी,
बहुत बढ़िया वर्णन है। worth reading article.
एक नमस्कार झज्जर के इस बंदे का भी कबूलें।