यही वज़ह है कि जब कोई पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक आपदा उस पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥€ सी जगह को à¤à¤• à¤à¤Ÿà¤•े में à¤à¤•à¤à¥‹à¤° देती है, मन बेहद उदà¥à¤µà¤¿à¤—à¥à¤¨ हो उठता है। हमारे अडमान जाने के ठीक दो महिने बाद आई सà¥à¤¨à¤¾à¤®à¥€ à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ ही पीड़ादायक अनà¥à¤à¤µ था। सिकà¥à¤•िम में आठइस à¤à¥‚कंप ने à¤à¤• बार फिर हृदय की वही दशा कर दी है। हमारा समूह जिस रासà¥à¤¤à¥‡ से गंगटोक फेनसाà¤à¤—, मंगन, चूà¤à¤—थाà¤à¤—, लाचà¥à¤‚ग और लाचेन तक गया था आज वही रासà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥‚कंप के बाद हà¥à¤ à¤à¥‚ सà¥à¤–लन से बà¥à¤°à¥€ तरह लहà¥à¤²à¥à¤¹à¤¾à¤¨ है।
सेना के जवान लाख कोशिशों के बाद à¤à¥€ कल मंगन तक पहà¥à¤à¤š पाठहैं जबकि ये उतà¥à¤¤à¤°à¥€ सिकà¥à¤•िम के दà¥à¤°à¥à¤—म इलाकों में पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के पहले का आधा रासà¥à¤¤à¤¾ ही है। मैं जब गंगटोक से लाचेन जा रहा था तो इसी मंगन में हम अपने à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ सहकरà¥à¤®à¥€ को ढूà¤à¤¢à¤¨à¥‡ निकले थे। सिविल इंजीनियरिंग की पà¥à¤¾à¤ˆ और अमेरिका से à¤à¤® à¤à¤¸ कर के लौटने वाले तेनजिंग को सेल (SAIL) की नौकरी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रास नहीं आई थी। यहाठतक कि नौकरी छोड़ने के पहले उसने अपने पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¿à¤¡à¥‡à¤‚ड फंड से पैसे à¤à¥€ लेने की ज़हमत नहीं उठाई थी। उसी तेनजिंग को हम पी.à¤à¤«. के कागज़ात देने मंगन बाजार से नीचे पहाड़ी ढलान पर बने उसके घर को ढूà¤à¤¢à¤¨à¥‡ गठथे।
तेनजिंग घर पर नहीं था पर घर खà¥à¤²à¤¾ था। पड़ोसियों के आवाज़ लगाने पर वो अपने खेतों से वापस आया। हाà¤, तेनज़िंग को इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर अपने पैतृक निवास मंगन में इलायची की खेती करना जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पसंद आया था। तेनज़िंग से वो मेरा पहला परिचय था कà¥à¤¯à¥‚ंकि वो मेरी कंपनी में मेरे आने से पहले नौकरी छोड़ चà¥à¤•ा था। आज जब टीवी की सà¥à¤•à¥à¤°à¥€à¤¨ पर मंगन के तहस नहस घरों को देख रहा हूठतो यही खà¥à¤¯à¤¾à¤² आ रहा है कि कà¥à¤¯à¤¾ तेनजिंग अब à¤à¥€ वहीं रह रहा होगा?
मंगन से तीस किमी दूर हीचूà¤à¤—थाà¤à¤— है जहाठपर लाचेन चू और लाचà¥à¤‚ग चू मिलकर तीसà¥à¤¤à¤¾ नदी का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करते हैं। यहीं रà¥à¤•कर हमने चाय पी थी। चाय की चà¥à¤¸à¥à¤•ियों के बीच सड़क पर खेलते इन बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को देख सफ़र की थकान काफ़ूर हो गई थी। आज इस रासà¥à¤¤à¥‡ में हालत इतनी खराब है कि अà¤à¥€ तक चूà¤à¤—थाà¤à¤— तक का सड़क संपरà¥à¤• बहाल नहीं हो सका है। चूà¤à¤—थाà¤à¤— में असà¥à¤¸à¥€ फीसदी घर टूट गठहैं। चूà¤à¤—थाà¤à¤— के आगे का तो पता ही नहीं कि लोग किस हाल में हैं।
इन दूरदराज़ के गाà¤à¤µà¥‹à¤‚ में à¤à¤• तो घर पास पास नहीं होते, à¤à¤¸à¥‡ में अगर à¤à¥‚कंप जैसी विपतà¥à¤¤à¤¿ आती है तो किसी से सहायता की उमà¥à¤®à¥€à¤¦ रखना à¤à¥€ मà¥à¤¶à¥à¤•िल है। इन तक सहायता पहà¥à¤‚चाने के लिठसड़क मारà¥à¤— ही à¤à¤• सहारा है जिसे पूरी तरह ठीक होने में शायद हफà¥à¤¤à¥‹à¤‚ लग जाà¤à¤à¥¤ पहाड़ों की यही असहायता विपतà¥à¤¤à¤¿ की इस बेला में मन को टीसती है। सूचना तकनीक के इस यà¥à¤— में à¤à¥€ हम à¤à¤¸à¥€ जगहों में पà¥à¤°à¤•ृति के आगे लाचार हैं।
अंडमान, लेह और अब सिकà¥à¤•िम जैसी असीम नैसरà¥à¤—िक सà¥à¤‚दरता वाले पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¤•ृति समय-समय पर क़हर बरà¥à¤ªà¤¾à¤¤à¥€ रही है। आशा है सिकà¥à¤•िम की जनता पूरे देश के सहयोग से इस à¤à¤¯à¤¾à¤¨à¤• तà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¦à¥€ का मà¥à¤•ाबला करने में समरà¥à¤¥ होगी।


मनीष जी,
जब इस त्रासदी की खबरें आनी शुरू हुई तो मुझे आपके आलेख याद आ रहे थे .
दुर्भाग्यवश, इस तरह की दुर्घटनाये इन दूर दराज के इलाको में रहने वाले लोगो के लिए और भी मुश्किल पैदा करती है .
इन पीड़ित लोगो की मंगल कामना करता हूँ .
Auro.
कुछ ही देर पहले NDTV में रपट आ रही थी कि वायु सेना बागडोगरा से चूँगथाँग तक हेलीकॉप्टर के ज़रिए राहत कार्य कर रही है। चूँगथाँग के एकमात्र फुटबाल मैदान को हेली पैड बना दिया गया है। चूँगथाँग से बच के आने वाले लोगों ने पहाड़ों को आपस में टकराते और उनसे चिंगारियाँ निकलते देखा है। लाचेन और लाचुँग तक तो वायु मार्ग से भी संपर्क नहीं साधा जा सका है। इन दोनों जगहों पर अभी भी कई देशी विदेशी सैलानी और इंजीनियर फँसे हुए हैं।
Sikkim ke veer manavmatra ko mera koti-koti namaskar.shayad trasadiyan manushya ke liye pariksha ki bela hai,jise uttirn karke hi manav aage ko kadam badhata hai.
सही कहा आपने शर्मा जी आशा है सिक्किमवासियों के लिए हम सभी की प्रार्थनाएँ फलीभूत होगीं।
आपकी पोस्ट दिल को छू गयी मनीष जी। सही कह रहें हैं आप। कुछ जगहें दिल को इस कदर छू जाती हैं कि दिल से हमेशा उनकी सलामती के लिये दुआ निकलती है। हम सबकी प्रार्थना सिक्किम के साथ हैं। भगवान करे कि सिक्किम जल्द ही इस त्रासदी से उभरे।
हालांकि ये लेख सफर से सीधा रिश्ता नहीं रखता है पर निश्चित तौर पर मुसाफिरों के, खासकर वो जो यहाँ घूम कर आ चुके हैं, लिए ये काफी मार्मिक अनुभव है | धन्यवाद मनीष इसे छापने के लिए और मैं आशा करता हूँ की तेनजिंग सकुशल हों और सिक्किम जल्द ही इस विपदा से बाहर निकले |
मेरी प्रार्थनाएं सिक्किमवासियों के लिए , प्रभु उन्हें अत्यंत शक्ति दें इस त्रासदी से निबटने के लिए |
मैं भी कुछ महीनों पहले सिक्किम जाकर आया और भूकंप से एक सप्ताह पहले वहाँ का वृतांत लिखने का सोच रहा था. पर अभी हिम्मत नहीं कर पा रहा हूँ. सिक्किम के सरल और सच्चे लोगों के लिए मेरी प्रार्थनायें.