आज तारीख मई 4 हो गई थी। मेरी नींद खà¥à¤²à¥€à¥¤ लगता है मैंने अलारà¥à¤® मिस कर दिया। टाइम देखा तो अà¤à¥€ 4 à¤à¥€ नहीं बजे थे। लेकिन बाहर गाड़ियों की आवाज सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ दे रही थी। à¤à¤¸à¤¾ लग रहा था कि सामान से लदे हà¥à¤ टà¥à¤°à¤• थे शोर कà¥à¤› जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ही था। मैंने फिर से सोने की कोशिश की पर मेरी कोशिश नाकाम रही। कà¥à¤› देर के बाद मैं उठा और बà¥à¤°à¤¶ किया,फà¥à¤°à¥‡à¤¶ हà¥à¤†à¥¤ इतनी सà¥à¤¬à¤¹ कà¥à¤› खाने का मन नहीं कर रहा था घर पर तो मैं 10 बजे तक नाशà¥à¤¤à¤¾ करता हूà¤à¥¤ मैंने लेट कर आराम करने की सूची और फिर मेरी आà¤à¤– सीधा 10 बजे खà¥à¤²à¥€à¥¤ मसà¥à¤¤ नींद आई थी। मैंने फिर से मà¥à¤à¤¹ धोया और नठकपड़े पहन कर बाकी का सामान पैक किया और फिर से गाड़ी की डिकà¥à¤•ी मे डाल दिया। मेरी गाड़ी के आगे पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वालों की बोलेरो खड़ी थी कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि उसकी जगह तो मैंने हतिया रखी थी। मैं सामान रखने के बाद चà¥à¤ª-चाप नाशà¥à¤¤à¤¾ करने चल दिया। तसà¥à¤¸à¤²à¥€ से समोसा-छोले खाठऔर à¤à¤• माज़ा पी और जानदार सà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¾ लगाया।

लॉज की टेरेस से सà¥à¤¬à¤¹ का à¤à¤• फ़ोटो।
11 बज गठथे मैंने बोलेरो के डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤µà¤° से निवेदन किया और गाड़ी को सोनपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— की और दौड़ा दिया। गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤•ाशी से आगे निकलने के बाद टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• बिलकà¥à¤² à¤à¥€ नहीं था। गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤•ाशी मे बाज़ार और बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड होने की वजह से अचà¥à¤›à¥€ खासी चहल-पहल थी। मैं अकेले ही सोनपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— की और चले जा रहा था। सोनपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— जाने वाला रासà¥à¤¤à¤¾ बहà¥à¤¤ ख़राब था। बारिश होने की वज़ह से पूरी सड़क खराब हो गई थी। सड़क पर चारकोल बिलकà¥à¤² à¤à¥€ नहीं था। मैं अकेले ही था और टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• à¤à¥€ नहीं था इसीलिठचलती गाड़ी से ही कà¥à¤› फ़ोटो लेने का जोखिम उठा लिया।

सोनपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— की और जाते हà¥à¤à¥¤
फाटा आने ही वाला था। फाटा से केदारनाथ जाने के लिठhelicopter सेवा उपलबà¥à¤§ है। मैंने à¤à¥€ सोचा हà¥à¤† था की à¤à¤• तरफ तो helicopter से जाऊà¤à¤—ा। लेकिन गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤•ाशी रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ के वक़à¥à¤¤ पता चला कि मौसम ठीक ना होने की वज़ह से अà¤à¥€ helicopter सेवा शà¥à¤°à¥‚ नहीं हà¥à¤ˆ है। उनकी जानकारी के हिसाब से मई 10 तारीख के बाद ही अगर मौसम सही रहा तब जाकर कहीं शà¥à¤°à¥‚ हो पाà¤à¤—ी। रासà¥à¤¤à¤¾ और जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ख़राब हो गया था à¤à¤• बार मे à¤à¤• ही गाड़ी निकल पा रही थी। दो ही तरह की गाड़ियाठदिख रही थी à¤à¤• पà¥à¤²à¤¿à¤¸ और दूसरी सामन इधर-उधर  ले जाने वाली। गाड़ी चलाते वकà¥à¤¤ à¤à¤¸à¤¾ महसूस हो रहा था कि डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° साइड का पिछला टायर उबड़-खाबड़ रासà¥à¤¤à¥‡ पर कम उछाल ले रहा था। मानो जैसा हवा कम हो गई हो। मà¥à¤à¥‡ लग रहा था की पंचर है। मैंने गाड़ी साइड मे रोकी और गियर लॉक निकाल कर सà¤à¥€ टायर पर मार कर देखा। उसी टायर मे दिकà¥à¤•त लग रही थी। गाड़ी मे टायर टà¥à¤¯à¥‚ब हैं तो मैंने सोचा कि अगर गाड़ी चलती रहे तो कोई दिकà¥à¤•त नहीं होगी और सोनपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— पहà¥à¤à¤š कर पंचर लगवा लूà¤à¤—ा। किसमत ने साथ दिया और 2 कि.मी. आगे मà¥à¤à¥‡ à¤à¤• पंचर की दà¥à¤•ान मिल गई। मैंने गाड़ी साइड मे लगा कर पंचर लगवा लिया।

पंचर लगते हà¥à¤à¥¤

लग गया पंचर।
जो दिकà¥à¤•त थी अब दूर हो गई थी और मैं बिना किसी संकोच के आगे बढ़ते हà¥à¤ सोनपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— पहà¥à¤à¤š कर गाड़ी पारà¥à¤•िंग मे लगा दी।

फोरà¥à¤¡ फीगो DL7 CN 6732.
पारà¥à¤•िंग मे गाड़ी खड़ी करने के बाद सोनपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— का नज़ारा देख कर मेरे होश उड़ गà¤à¥¤ पà¥à¤°à¤•ृति ने इतनी जबरदसà¥à¤¤ मार मारी थी कि सब कà¥à¤› तबाह हो गया था। मैं तो उस पानी के जलजले की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ करता तो मेरे रोंगटे से खड़े हो जाते। मैं बार-बार यही सोच रहा था कि कितना पानी और कितनी तेजी से आया होगा। इतने बड़े चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨ जैसे पतà¥à¤¥à¤° à¤à¥€ साथ मे लेकर आया होगा।
मैंने सबसे पहले रूम लिया। यहाठपर रूम 400/- का मिला। मैंने बिना मोलà¤à¤¾à¤µ किये चà¥à¤ªà¤šà¤¾à¤ª रूम ले लिया। यहाठपर रूम कम ही थे। अगर जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ यातà¥à¤°à¥€ होते तो रूम की कमी हो जाती। वैसे पहले à¤à¥€ सोनपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ठहरने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ गौरीकà¥à¤£à¥à¤¡ मे थी। और इस बार तो कोई à¤à¥€ बिना आजà¥à¤žà¤¾ के सोनपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— से आगे नहीं जा सकता था। रूम मे सामान पटक कर मैं बाहर का नज़ारा देखने चला गया। पारà¥à¤•िंग à¤à¥€ खतà¥à¤® हो गई थी पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने साफ़ सफाई करके कà¥à¤› ठीक की थी। पूरे के पूरे पहाड़ टूटे हà¥à¤ थे। इतने बड़े-बड़े पतà¥à¤¥à¤° पानी के साथ नीचे आये हà¥à¤ थे। नदी के तरफ वाले मकानों के à¤à¥€ अवशेष बाकी थे।

पारà¥à¤•िंग सोनपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤—।

पतà¥à¤¥à¤° और मालवा।

पहाड़ का à¤à¤• हिसà¥à¤¸à¤¾ ही ढह गया।

पारà¥à¤•िंग मे जाकर पता चला कि सड़क नई बनी है। लगता है ये à¤à¥€ खतà¥à¤® हो गई थी।
मैं क़रीब दो घंटों तक यहीं घूमता रहा। आरे हाठà¤à¤• बात मैं आप लोगों को बताना ही à¤à¥‚ल गया कि जब मैं सोनपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— पहà¥à¤à¤šà¤¾ था तो वहाठà¤à¥€ यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सूचित कर दिया गया था की मौसम ख़राब होने कि वजह से और यातà¥à¤°à¥€ आगे गौरीकà¥à¤£à¥à¤¡ के लिठनहीं जा सकते। जब तक अगली सूचना नहीं आà¤à¤—ी तब तक सोनपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— से आगे कोई नहीं जा सकता। ये सूचना सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ के बाद मैंने वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त होकर à¤à¤• पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वाले से पूछा तो उसने मà¥à¤à¥‡ जलà¥à¤¦à¥€ से रूम लेने की सलाह दी थी। इसीलिठसबसे पहला काम मैंने यही किया था। शाम के करीब 5 बजे होंगे मैंने कà¥à¤› नाशà¥à¤¤à¤¾ करना ठीक समà¤à¤¾à¥¤ पारà¥à¤•िंग के पास ही चाय-नाशà¥à¤¤à¥‡ की à¤à¤• दà¥à¤•ान मे घà¥à¤¸ गया।

आहा गरमा-गरम वेज मैगी।
मैगी खाते-खाते वà¥à¤¹à¤¾à¤Ÿà¥à¤¸à¤à¤ª पर दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को फ़ोटो शेयर करने लगा। यहाठपर 3G तो नहीं पर 2G आ रहा था। बोले तो अपना काम चल रहा था। तà¤à¥€ याद आया कि मई 5 तारीख को तो HDFC standard life का मासिक किसà¥à¤¤ देय है। अà¤à¥€ 2G à¤à¥€ सही चल रहा था बाद मे न जाने कà¥à¤¯à¤¾ हाल हो। तो लगे हाथ मैंने किसà¥à¤¤ à¤à¥€ दे डाली।

मैगी खाते वकà¥à¤¤ “Beast” का à¤à¤• फ़ोटो।
चलो जी पेट पूजा हो गई अब रूम पर जाकर कà¥à¤› आराम करने का मन हà¥à¤†à¥¤ जैसे ही दà¥à¤•ान से बाहर निकला फिर से कà¥à¤› सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ दिया। लाउड सà¥à¤ªà¥€à¤•र पर सूचित किया जा रहा था कि सà¤à¥€ यातà¥à¤°à¥€ अपने रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ का सतà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨(verification) करवा लें। बिना सतà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ के यातà¥à¤°à¥€ आगे नहीं जा सकते। मैं काउंटर की और गया तो देखा कि खाली पड़ा है। फटाफट खिड़की पर पहà¥à¤à¤š कर सतà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ करवा लिया।

Verification Counter.
अब मैं रूम पर चला गया और फà¥à¤°à¥‡à¤¶ होकर कà¥à¤› देर लेट गया। नींद तो नहीं आ रही थी पर थकान सी महसूस हो रही थी। 5-10 मिनट लेटा पर बोरियत हो रही थी। मैं रूम के बाहर कà¥à¤°à¥à¤¸à¥€ लगा कर बैठगया। आज मई 4 तारीख थी आज से ही यातà¥à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ˆ थी इसीलिठआज DM à¤à¥€ दौरे पर आया हà¥à¤† था। वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ देखने के बाद वो चला गया। मैं BHATT Guest House & Restaurent मैं रà¥à¤•ा था।

BHATT Guest House ; Restaurant
वहीठकà¥à¤› लोगों से बात-चीत चल रही थी तो पता चला की अà¤à¥€ तो मैंने अपना सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ परीकà¥à¤·à¤£ à¤à¥€ नहीं करवाया है। मैंने जलà¥à¤¦à¥€ से अपना रूम लॉक किया और सवासà¥à¤¥à¥à¤¯ परीकà¥à¤·à¤£ केंदà¥à¤° की ओर चला गया। यहाठपर लाइन लगी हà¥à¤ˆ थी मेरे आगे करीब 20-30 लोग रहे होंगे।

Waiting for health check-up.
पता चला कि सिरà¥à¤« बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° की जाà¤à¤š हो रही है। मेरा नंबर आया डॉकà¥à¤Ÿà¤° ने मेरे BP की जाà¤à¤š की तो मशीन ने 110/140 दिखाया। डॉकà¥à¤Ÿà¤° ने कहा इस इसाब से तà¥à¤® आगे यातà¥à¤°à¤¾ पर नहीं जा सकते। मैंने मायूस होकर डॉकà¥à¤Ÿà¤° से बोला इतनी दूर से वापस जाने के लिठनहीं आया हूà¤à¥¤ उसने कहा टेंशन मत ले यार। मैंने फिर से बोला कि अकेले ही डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µ करके आया हूठइतनी दूर कà¥à¤¯à¤¾ यह वजह हो सकती है वो हà¤à¤¸à¤¨à¥‡ लगा बोला तà¥à¤® थोड़ी देर बैठजाओ 30 मिनट बाद फिर से आना। मà¥à¤à¥‡ टेंशन हो गई थी मैं बाहर गया और सà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥‡ पर सà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¾ लगाने लगा। 30 मिनट बाद फिर से मैं जाà¤à¤š के लिठगया तब à¤à¥€ मशीन ने 110/140 ही दिखाया। डॉकà¥à¤Ÿà¤° बोला à¤à¤¾à¤ˆ ये तो गड़बड़ है मैं अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ नहीं दे सकता। आखिर मे डॉकà¥à¤Ÿà¤° ने मेरा शà¥à¤—र की जाà¤à¤š की शà¥à¤—र 135 निकली। शà¥à¤—र ठीक थी। उसने जाà¤à¤š केंदà¥à¤° बंद करने से पहले 6 बार मेरे BP की जाà¤à¤š की थी पर मायूसी के अलावा कà¥à¤› हाथ नहीं लगा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपना सामान समेटा और चल दिà¤à¥¤ डॉकà¥à¤Ÿà¤° के à¤à¤• सहयोगी ने मà¥à¤ से पà¥à¤›à¤¾ गà¥à¤¸à¤¾à¤ˆà¤‚ जी आप तो पहाड़ी ही हो तो ये कà¥à¤¯à¤¾ चकà¥à¤•र है। मैंने बोला मैं तो समय-समय पर रकà¥à¤¤ दान à¤à¥€ करता रहता हूठकà¤à¥€ à¤à¥€ मà¥à¤à¥‡ दिकà¥à¤•त नहीं आई कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि रकà¥à¤¤ लेने से पहले à¤à¥€ हमेशा BP की जाà¤à¤š होती है तà¤à¥€ मैंने उसको बोला आज मैंने सà¥à¤¬à¤¹ से सिगरेट बहà¥à¤¤ पी ली है। वो à¤à¤• दम से चौंक कर बोला à¤à¤¾à¤ˆ यही तो दिकà¥à¤•त है यही कारण है कि BP ठीक नहीं है। उसने बोला अब और सिगरेट मत पीना और खाना खाकर सो जाना। मैंने खाना मे दाल, रोटी, सबà¥à¤œà¤¼à¥€, सलाद लिया और अगली सà¥à¤¬à¤¹ पाà¤à¤š बजे का अलारà¥à¤® लगा कर सो गया।

Medical Check-Up Center at Sonprayag.
मà¥à¤à¥‡ रात à¤à¤° ठीक से नींद नहीं आई थी बार-बार टूट रही थी। ये समठलो कि मैं बस अलारà¥à¤® बजने का इंतज़ार कर रहा था। अलारà¥à¤® बजा और मैंने बिसà¥à¤¤à¤° छोड़ दिया। उठकर मैं फà¥à¤°à¥‡à¤¶ हà¥à¤† साफ़ कपड़े पहने और रूम को लॉक करके सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ परीकà¥à¤·à¤£ केंदà¥à¤° मे जा पहà¥à¤à¤šà¤¾à¥¤ लाइन लगी हà¥à¤ˆ थी पर डॉकà¥à¤Ÿà¤° ने मà¥à¤à¥‡ बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ और अपने सहकरà¥à¤®à¥€ को बोला कि पहले गà¥à¤¸à¤¾à¤ˆà¤‚ जी की जाà¤à¤š करो। डॉकà¥à¤Ÿà¤° को मेरा नाम याद हो गया है। जाà¤à¤š करने पर परिणाम 80/130 आया। डॉकà¥à¤Ÿà¤° बोला अरे वाह à¤à¤• दम फिट है à¤à¥‡à¤œà¥‹ इनको आगे। कल कà¥à¤¯à¤¾ हो गया था मैंने कहा कल smoking जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कर ली थी। डॉकà¥à¤Ÿà¤° ने कà¥à¤› नहीं बोला और बिना सर उठाठमेरी तरफ देखा और हलà¥à¤•ा सा मà¥à¤¸à¥à¤•रा दिया। मैंने डॉकà¥à¤Ÿà¤° और उनके सहयोगी को धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ किया और रूम की ओर चल दिया। मैंने à¤à¤• छोटे बैग मे रेनकोट, à¤à¤• जोड़ी कपडे, अतिरिकà¥à¤¤ मोज़े, रà¥à¤®à¤¾à¤², टूथ पेसà¥à¤Ÿ और बà¥à¤°à¥à¤¶ रख लिà¤à¥¤ बाकी सामान मैंने बड़े बैग मे डाल दिया और गाड़ी की डिकà¥à¤•ी मे लॉक कर दिया। रूम वाले को ताल-चाबी थमाई और पà¥à¤²à¤¿à¤¸ चेक-पोसà¥à¤Ÿ की और चल दिया।
गुसाईं जी शायद अब तो सिगरेट छोड़ दी होगी। जय केदारनाथ। बहुत सुन्दर वर्णन , फोटो।
enjoying your post !
अनूप जी नमस्कार,
सोनप्रयाग तक की यात्रा का सजीव वर्णन उत्साहित करने वाला है. यात्रावर्णन के चित्र भी आकर्षक हैं. इसके साथ ही केदारनाथ त्रासदी के साक्षी चित्र मन को विचलित कर देता हैं.
Hi Gusaiji,
This is Prashant from Vadodara – Gujarat.
Feel very happy by reading your blog. I want to travel All the Jyotirligas with my family. As of now 4 Jyotirlingas has been completed.
Pl. let me know in which season, I can travel to SHREE KEDARNATH with my family. My wife is little unhealthy so looking for the best season and easy way to Kedarnath.
Pl. reply if possible.
my mail ID is nathjiprashant@gmail.com, Cell.: +91 97277 53896.
very interesting post.
I liked your post. The effect of devastation is still there. Staying there and looking all around, I would have also thought in the same manner as you.
Thanks Anoop
Hi Anupam – the devastating effect would always remain there. I can’t express the feeling in words what I saw and how I felt.
Thanks
Anoop
I see the talk began here by Sarvesh.
@Sarvesh- I guess Anoop has not finished the book yet (Alan Carr’s Easyway to Stop Smoking)
@Anoop – As you have downloaded the Book, and thinking to start reading the same, light one more, take puffs, and go on reading the book. But don’t forget to light that one.
@Ajay- Did I, on last occasion, said to the readers to quit? I advocated only for reading the book. So why did Nandan take it that way? It is you with your all knowledge of Rules of Interpretation, accepted it as a prescription from me. Is not it? He! He! Now tell to Nandan that to place some grounds for allowing some time to him, if at all I am authorized to do so.
@Nandan- I hope you my above conversation with Ajay. So what you think? No, I am not suggesting anything. Infact the author Alan Carr suggested lighting one while reading the book. So what scares? You can even enjoy your puffs while reading the book. Yes, it is that great book.
Disclaimer: I have not been paid for promoting the Book. The book was published long back and a popular one because it is Smokers friendly. I hope someone from appropriate institution like this attempt as a promotional activity and reward me with a long trip. How will be that? He He
Dear Anoop,
A very interesting and daring drive. On my previous comment, I warned readers from daring such solo drives on the treacherous tracks, just because I feel, it is good to be safe and avoid inviting fatalities.
It is not that I scare, you may see my logs and understand. But, it is safe when accompanied specially in hills where, you may need some one even to reverse your car at times.
Over all, an adventurous & beautiful post with excellent narration. Waiting eagerly to see the climax.
@ Anupam, I actually need to quit hence, keep hunting to grab such prescriptions. This I am trying since 20 years might be but in vain! But I believe in “Try-Try then you Win”.
Keep traveling
Ajay
Well done bro…….keep it up…..
Arun
जय केदारनाथ जी की…..
देखा गुसाई जी सुट्टे का असर ….इसके कारण से आपकी केदारनाथ की यात्रा में विघ्न पड़ने वाला था… खैर अंत भला तो सब भला…. | आशा करता हूँ अब सुट्टा छोड़ दिया होगा…. |
पिछले साल की केदारनाथ जी विभीषिका का असर अब तक असर नजर आ रहा है…. चित्र और विवरण अच्छे लगे और उत्सुकता लिए हुए थे…..
आपके अगले पोस्ट की प्रतीक्षा में….
रीतेश गुप्ता…..
सही कहा रीतेश भाई सिगरेट पीने से नुकसान तो हुआ। पर अगर मेडिकल मे फेल हो जाता तो उसका जुगाड़ भी मैंने सोचा हुआ था।
:-)
Very courageous step, going alone to Kedarnath. It’s very motivating as well
very nice post. well done sir.
good post,but doing it all alone!!!!!!!
गुसाई जी
आपकी दूसरी पोस्ट का ज्यादा इंतज़ार नहीं करना पडा फोटो में त्रासदी साफ़ झलक रही है.……………… फोटो सभी अच्छे आये है। …………। बस आपकी पोस्ट में सुट्टा खाने में कंकर सा लगता है ये सुट्टा पाठकों का जायका बिगाड़ रहा है इससे हो सके तो दूर ही रहे।
आपके साहस को फिर एक बार सलाम।
Bravo Anoop for sticking there. I can imagine that the whole scene could be pretty overwhelming. About 10 years back, I visited a village near Tehri which was getting submerged in the water (one could still go there but it was all deserted and kind of breaking away) and it was a feeling I can never forget. Hope we all learn from 2013 and get better.
@ Anupam – I guess I would remember to look for this book. See, I am already making progress. hehe.
Anoop Ji, very nice description…. Images are also very nice. Nice effort…. keep sharing….
देखो भाई गोसाई जी , सभी लोग आपसे सुट्टा छोड़ने के लिए कह रहे हैं , शायद आप से अपनापन है तभी एक अच्छी सलाह दे रहे हैं। मै समझता हूँ कि एकाएक तो शायद न छोड़ सको पर कोशिश यह करो की कम कर दो। वास्तव में यह शराब से ज्यादा खतरनाक है। जब भी पीने की इच्छा करे , पानी पी लो।
यूँ मै तारीफ करूँगा कि अकेले केदारनाथ यात्रा करने के लिए।