काफी दिनों से महाकाल के दर्शन की अभिलाषा मन में थी वो इस बार २६ नवम्बर को पूरी हो गयी, मन प्रसन्न हो गया महाकाल के दर्शन करके। यात्रा का सम्पूर्ण विर्तांत आप लोगो के सामने प्रस्तुत कर रहा हु हालाकि सभी बातो का विवरण व् मिश्रण प्रस्तुत कर रहा हु लेकिन त्रुटियों को नजरंदाज करे।
उज्जैन दर्शन के लिए यात्रा हमने जयपुर जंक्शन से जबलपुर एक्सस्प्रेस से शाम 9 बजकर 1० मिनिट पे सुरु की ट्रेन ने हमे तक़रीबन 5:30 बजे उज्जैन जंक्शन उतारा । वहा से हमने एक ऑटो लिया और चल पड़े एक अच्छे होटल की तलाश में हालाकि उज्जैन में मंदिर के पास बहुत सारी होटल्स है और बहुत महंगी भी है लेकिन अगर खोज की जाये तो बजट होटल भी मिल जाती है आखिर ढूंढने से तो भगवान भी मिल जाते है ! यहाँ 300 रुपए रूम से किराया स्टार्ट है हालाकि रेलवे स्टेशन के पास कुछ सस्ती धर्मशाला भी उपलब्ध है !
हमने मंदिर के पास एक होटल में रूम लिया जिसका किराया 850 लेकिन उसमे २ बेड थे क्योकि हम 4 सदस्य थे !
तक़रीबन 6 बजे रूम से सीधे शिप्रा नदी (रामघाट) पे स्नान करने का फैसला किया लेकिन आपको बताना जरुरी समझता हु की यदि आप भष्म आरती के दर्शन करना चाहते है तो आपको जल्दी ही मंदिर पहुचना होगा क्योकि वहा टोकन के लिए फॉर्म लेने वालो की लाइन जल्दी ही लग जाती है जैसा की हमें ऑटो वाले ने बताया भष्म आरती के टोकन पहले आओ और पहले पाओ वाले तर्ज पर होते है और सिमित भी, तो हम में से ३ ने स्नान के लिए जाने का फैसला किया और एक लग गया लाइन में फॉर्म लेने के लिए सबकी आईडी की फोटो कॉपी के साथ!
फॉर्म करीबन १० बजे से बटना स्टार्ट होते है और दोपहर १२:३० तक जमा भी करवाने होते है उसके बाद शाम ७ बजे एक शोर्ट लिस्ट भक्तो की लिस्ट निकलती है और शाम 7 से 10 बजे तक उनको टोकन मिलते है, एक टोकन मिलता है जिसमे सभी टोटल सदस्यों की जानकारी होती है आरती में जाने से पूर्व हमें उसी टोकन से आरती में जाने की इजाजत मिलती है !
भष्म आरती महाकाल की एक दुर्लभ आरती है जो केवल किस्मत वालो को ही देखने को मिलती है और जिसने उज्जैन जाकर भी इसके दर्शन नही किये समझो उसकी यात्रा अधूरी ही रही!
भष्म आरती के लिए आईडी और फॉर्म जमा करवाने के बाद हम सीधे रूम पे आये और फिर महाकाल के दर्शन जाने के लिए तैयार हो गये हालाकि मंदिर में कैमरा और मोबाइल जाने की अनुमति है लेकिन बैग थैला लेडिज पर्स नही ! बाबा के लिए जल पुष्प और प्रसाद लेकर लग गये हम सब लाइन में, हालाकि लाइन बहुत ही लम्बी थी लेकिन तारीफ करे बिना नही रहूँगा उज्जैन के मंदिर व्यवस्थापकको की, की उन्होंने इतनी अच्छी व्यवस्था की हुई है की आपको पुरे भारत में देखने को सायद ही मिले !
अगर आप लाइन में न लगकर सीधे दर्शन करना चाहते है तो आप वीआइपी लाइन के द्वारा भी जा सकते है लेकिन उसके लिए आपको 151 की रसीद कटवानी होगी ! (भष्म आरती के अलावा)
हम जब मंदिर में पहुचे तो वह आरती का समय हो चूका था और बाबा का श्रिंगार हो रहा था आरती के समय सिर्फ हमें दूर से ही बाबा के दर्शन करने को मिलते है आरती के बाद हम बाबा को जल पुष्प अर्पित कर सकते है हमने बाबा की आरती के दर्शन किये और फिर इन्तजार किया उस पल का जब बाबा का नजदीक से दीदार हो !
यद् रखिये आरती के तुरंत बाद आपको जल्दी से वापिस लाइन लगानी होती है फिर आपको मोका मिलता है बाबा के अभिषेक करने का और दूध पुष्प अर्पित करने का चाहे तो आप स्पेशल पूजा करवा सकते है पंडित के द्वारा लेकिन उसका चार्ज आपको देना होगा !
अपने प्रसाद पुष्प जल को आरती के समय अपने पास ही रखे कई बार लोग पंडित और पुलिस वालो के कहने पे बहार ही चदा देते है ! हमसे भी यही गलती हुई थी लेकिन आप लोगो को सचेत करना जरुरी समझता हु !
बाबा के दर्शन करने के लिए सिर्फ २-३ मिनिट का समय मिलता है ! बाबा के दर्शन के बाद आप मंदिर के अन्दर ही बने कई और मंदिरों के दर्शन अवस्य करे ! और जिस प्रकार वैष्णु माता के लंगर में प्रसाद मिलता है उसी प्रकार महाकाल के मंदिर में भी प्रसाद के लिए एक टोकन मंदिर के अन्दर ही मिलता है एक सदस्य को सिर्फ एक टोकन ,बाबा का प्रसाद इतना स्वादिस्ट और लाजवाब होता है की बस पूछिए ही मत ! और वयवस्था तो इतनी शानदार है की तारीफे काबिल है टोकन ११ बजे से रात ८ बजे तक ही मिलता है प्रसाद में कभी रोटी ,कढी,चावल,सब्जी, मीठे चावल आदि !
मैं आप लोगो से स्पेसल आग्रह करना चाहूँगा की एक बार बाबा का प्रसाद अवस्य ग्रहण करे !
बाबा के दर्शन के बाद हम लोगो ने उज्जैन के दर्शनीय स्थलों को देखने का फैसला किया उसके लिए यहाँ कई साधन है जैसे की ऑटो , बस, वाहिनी, वेन आदि अपनी सुविधा के हिसाब से आप इनमे से कोई एक बुक कर सकते है ऑटो आपको ३०० रुपे में बुक हो जायेगा और वाहिनी और वन तक़रीबन ७०० रुपे लेंगे और बस ५० पर सवारी|
हमने एक ऑटो बुक किया लेकिन ४५० में क्योकि हमने ऑटो वाले द्वारा बनायीं गयी दर्शनीय स्थलों की सूचि में कई नाम और जोड़ दिए जिनको वो सब नही बताते जैसे की
१.बड़े गणेश २.शनि नवग्रह मंदिर ३. इस्कोन्न टेम्पल ४. चिंतामणि गणेश ५. भरथरी गुफा ६. गढ़कालिका देवी ७. पीर मतेस्यन्द्र्नाथ ८. कालभैरव मंदिर ९. कलिदेह प्लेस १०. सिध्ध्वत ११.मंगलनाथ मंदिर १२. संदीपनी आश्रम , गोमती कुण्ड ,सर्वेश्वर महादेव १३ हर्सिध्धि माता १५. २४ खम्बा मंदिर १६ शनि संकट हरण मंदिर १७. गोपाल मंदिर १८ पटल बहिरव १९ राम घाट और मंदिर २० श्री चार धाम मंदिर २१. अन्ग्करेश्वर महादेव etc..
हमने हमारी ऑटो यात्रा सुरु की तक़रीबन ३:३० बजे और ये करीबन ४ घंटे ले लेती है और ये अच्छा रहा की जिस ऑटो वाले को हमने बुक किया वो अच्छे स्वभाव का भी था और एक अच्छा गाइड भी तो वो गाइड भी करता रहा अगर आप चाहे तो आप उसे बुक भी कर सकते है उसका नाम रुपेश था और मोबाइल न. 09179554777
दर्शन करने में तक़रीबन ४ घंटे लग ही जाते इसलिए जितनी जल्दी निकले दर्शन हेतु, उतना ही अच्छा है | हम लोग ७:३० बजे वापिस आये फिर एक सदस्य को भेजा भष्म आरती का टोकन लेने के लिए, हमारी किस्मत हमें टोकन मिल गया |
फिर गए हम बाबा के दर्शनों के लिए शाम को उतनी भीड़ नही थी तो जल्दी से बाबा का दीदार हो गया उसके बाद प्रसाद का टोकन लेके प्रसाद पाया ! उस दिन सोमवार था और हमारा व्रत भी सो प्रभु की कृपा से सुध्ध और स्वादिस्ट प्रसाद की प्राप्ति भी प्रभु ने ही करवाई क्योकि उनकी इच्छा के बिना कुछ भी संभव नही हमारे केस में एसा हुआ भी क्योकि टोकन ८ बजे तक ही मिलते है और हम टोकन काउंटर पे पहुचे ८:१५ पे देखा तो लाइन लगी हुई थी तक़रीबन २० व्यक्ति वहा थे लेकिन किसी को भी टोकन नही मिल रहा था टोकन देने वाली महिला ने साफ मना कर दिया तो वो सब चले गए हम थोड़े मायूस हो गये क्योकि सुबह भी व्रत की वजह से प्रसाद नही ले पाए और अब लेट जो गए थे, खड़े खड़े सोच ही रहे थे की वह महिला काउंटर से बाहर आई और बोली के आप टोकन ले लीजिये और जल्दी से जाइये , देखो इसे कहते है प्रभु की महिमा !
वैसे तो महाकाल के दर्शन पुरे दिन ही होते है परन्तु महाकाल की वेबसाइट से आप आरती के समय में हुए परिवर्तन की जानकारी अवस्य ले लेवे! http://www.mahakaleshwar.nic.in/htmlhindi/dailyschedule.htm
प्रसाद प्राप्ति के तुरंत बाद हम गए अपने रूम पे और कुछ देर रुक कर फिर चल दिए शयन आरती के दर्शन हेतु जोकि १० बजे होती है आरती के बाद हमने भष्म आरती हेतु ४ लोटे और धोत्ती किराये पे ली क्योकि भष्म आरती में केवल जल ही चदाया जाता है और पुरुष केवल धोत्ती और महिला साड़ी या सोल पहन सकती है !
हम लोग कार्तिक माह में गए थे और कार्तिक माह के सोमवार को एक विशेष आयोजन उज्जैन में होता है आप यु कह सकते है की ये आयोजन उज्जैन वासियों के लिए कोई दीपावली से कम नही है जिसमे महाकाल बाबा प्रभु हरी से मिलने श्री गोपाल मंदिर अपनी सवारी में जाते है और हरी प्रभु को बिल्व पात्र की माला भेट करते है और हरी प्रभु महाकाल बाबा को तुलसी की माला भेट करते है इसे हरिहरन मिलन समारोह बोला जाता है !
हजारो की तादाद में भक्त उपस्तित रहते है और लोग अपने घरो से बाबा की पालकी पे पुष्प की वर्षा करते है हलाकि उज्जैन कलेक्टर ने उस मार्ग पर धरा १४४ लगा दी थी ताकि लोग पटाके न छोड़े और पुलिस बल भी था लेकिन उसका कोई मतलब नही था क्योकि लोगो की इसकी कोई परवाह नही थी और वो अपनी पारम्परिक परम्परा का बेखोफ पालन कर रहे थे नाचते हुए पटाके चलते हुए बाबा की पालकी को लेकर चले जा रहे थे हम भी चल दिए बाबा की सवारी के पीछे पीछे एक अद्भुत नजारा था वो !
यह सवारी शयन आरती के तुरंत बाद स्टार्ट हो जाती है|
सवारी देखने के बाद हम आये अपने रूम पे करीब १२ बजे कुछ देर आराम किया और फिर तैयारी भष्म आरती की नहा धो कर धोती पहन चल दिए बाबा के दर पे उनकी विशेष आरती के दर्शनों हेतु|
करीब २:३० बजे हम मंदिर पहुचे तो देखा हमसे भी बड़े दर्शालू करीबन २० लोग वहा पहले से ही प्रभु के दीदार को खड़े थे! खैर हम भी लग गये उनके पीछे और फिर देखते ही देखते एक हुजूम बन गया भक्तो का,हालाकि थोड़ी सर्दी लग रही थी लेकिन आरती की लालसा और जिज्ञासा की वजह से उस और हमारा ध्यान कम ही था !
लगभग ४५ मिनिट के बाद गेट पे कुछ हलचल हुई और २-३ लोगो ने टोकन लेने स्टार्ट कर दिए|
लगभग ४ बजे तक इन्तजार करने के बाद हमने वही से कुंड से प्रभु के अभिषेक हेतु जल लिया और लग गये लाइन में |
कुछ ही देर में हमारा नंबर भी आ गया प्रभु का अभिषेक बड़ी ही शांति से किया और बैठ गये उनकी विशेष आरती के लिए|
कुछ देर बाद बाबा का श्रृंगार सुरु हुआ पंचाम्रत स्नान और फिर देखते ही देखते बाबा का रोद्र रूप वाली झांकी के दर्शन हुए | कुछ देर बाद एक अघोरी, बाबा के लिए मुर्दे की भष्म लेकर आया उसने अपने कमर पे एक खोपड़ी भी पहनी हुई थी ! कुछ देर बाद पंडित ने आवाज लगायी की जितनी भी महिलाये यहाँ है वो अपने घूँघट निकल ले और बाबा को भष्म अर्पण के समय न देखे ! फिर शुरू हुई भष्म आरती जो की एक मनोरम द्रश्य था !
भष्म आरती के बाद हमने उज्जैन से ओम्कारेश्वर जाने का फैसला किया इसके लिए उज्जैन से सुबह सीधी बस चलती है एक ६ बजे डीलक्स बस और फिर ८ बजे साधारण बस सिर्फ २ बस ही सीधी है उसके बाद अगर आपको जाना है तो या तो इंदौर जाकर फिर वहा से बस ले या फिर एक ट्रेन और चलती है जो ओम्कारेश्वर से १२ किलोमीटर पहले रेलवे स्टेशन पे उतार देती है किराया भी मात्र २३ रुपए है लेकिन ये एक पेस्सेंजेर ट्रेन है और शाम को ७-८ बजे तक पहुचाती है क्योकि अधिकतर लेट हो जाती है और फिर वहा से बस !
लेकिन यदि बस से जाना हो तो एक दिन पहले इसका रिजर्वेसन करवा ले तो अच्छा है इसके लिए मंदिर के पास बुकिंग काउंटर भी है लेकिन वो अपना शुल्क टिकेट में इन्क्लूड कर लेते है यदि आपको डायरेक्ट बुकिंग करवानी है तो आपको देवास गेट बस स्टैंड जाना होगा !
या फिर आप अपनी पर्सनल वाहन भी कर सकते है ! इस प्रकार उज्जैन दर्शन करके हम निकल पड़े हमारे अगले पड़ाव ओम्कारेश्वर के लिए लेकिन ओम्कारेश्वर की यात्रा का विवरण अगले लेख में
कृपया अपनी प्रतिकिर्या देकर मुझे प्रोत्साहित करे और यदि कोई क्वेरी हो तो कमेंट करे कोशिश करूँगा जल्द से उत्तर देने की ! कृपया भाषा की अशुद्धियो को नजर अंदाज करे !
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https://www.ghumakkar.com/2011/07/25/paying-tributes-at-mahakaleshwar-ujjain/
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Welcome to ghumakkar, Hemant. Enjoyed reading your post. Keep travelling and keep writing. All the best.
Very nice first post and very informative.
Welcome to Ghumakkar and keep travelling.
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Welcome to Ghumakkar.
Nice post.
Hum log jab bacche the to summer vaccation me Ujjain dada dadi ke yaha aate the aur generally har alternate day masti masti me hum saare bacche bacche kariban 12- 15 Km daily walk kar ke subah subah 4 baje Bhasmarti dekhne Jaate the. Wo samay accha tha ab humein itni easily darshan ho jaate the.Ab to mera Ujjain se itna connection raha nahi , par jab bhi us taraf jaate hai koshish karte hai ki Mahakal Darshan kar paaye.
Keep writting, keep travelling
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Welcome aboard Hemant. You started with a beautiful travelogue with lot of information.
keep sharing
Dear Hemant,
Thanks for joining us here on ghumakkar. Please keep writing and sharing. It is a great community of encouraging people. Your photos are good. I have just scanned through the text in haste but will read it again at leisure.
Sushant Singhal
Welcome aboard Hemant.
Well written and a good balance of text and pictures. I am sure that as you write more, your spellings are going to get perfect. :-). Good description of Bhasma Arti and useful information. Wishes.
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Auro.
Very detailed description. In 450/- you have visited 20+ temples only in 4 hours. amazing.
Bhasm Aarti has been described very well. Good post.
Keep sharing your travelling experience.
Dear Hemant Ji
Mera plan hai after shravan visit karne ka september main do queries hai aapse
1. Aap Jo Baba Ka Prasad ke token ki baat keh rahe ho woh exactly kis jagah pe milega aur kis se poochna padega
2. Baba ke darshan bhasm arti ke alawa kaun Kaun se time par kar sakte hain jab rush kam ho aap time batayenge toh bahut behter hoga
Aap please apna mobile number animeshhappy@gmail.com pe de sakte hai toh badi kripa hogi baat karke aapse
Animesh Das
Sir please upload new information regarding mahakaal and related if possible . I will be very thankful to you and information about any dhramshala cheap and best