मेरी महाकाली गà¥à¤«à¤¾ देखने की तमनà¥à¤¨à¤¾ पूरी हो चà¥à¤•ी थी. अपनी अगली जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¤¾ को साथ लिठमैं वह से वापस घर चला आया.
कà¥à¤› ही दिनों से पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ मारà¥à¤š २०१६ शà¥à¤°à¥‚ हो गया. इसके पहले मैं मंडपेशà¥à¤µà¤° गà¥à¤«à¤¾ और महाकाली गà¥à¤«à¤¾ तो देख ही चà¥à¤•ा था. अतः इस बार मैंने “जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ गà¥à¤«à¤¾â€ देखने चला. यदि आप लोकल टà¥à¤°à¥‡à¤¨ से जाना चाहें तो आपको जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ (पूरà¥à¤µ) सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर उतर कर ऑटो-रिकà¥à¤¶à¤¾ करना ठीक रहेगा. पर उस दिन मैं à¤à¤• सहयोगी की गाड़ी पर बैठका जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ चला गया. शायद मेरा निरà¥à¤£à¤¯ ठीक था, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उस गà¥à¤«à¤¾ के सामने पारà¥à¤•िंग की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ बिलकà¥à¤² à¤à¥€ नहीं है. बाज़ार के à¤à¥€à¤¡à¤¼-à¤à¤¾à¤¡à¤¼ से à¤à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ सड़क से जà¥à¤¡à¤¼à¥€ à¤à¤• पतली से गली जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ गà¥à¤«à¤¾ के दà¥à¤µà¤¾à¤° तक ले जाती है. गली के शà¥à¤°à¥‚ में ही à¤à¤• सीमेंट से बना दीप-सà¥à¤¤à¤®à¥à¤ है और वहीठदूसरी तरफ़ जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ गà¥à¤«à¤¾ के बारे में सूचना पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने-वाला à¤à¤• शिला-लेख. शिलालेख की सूचना बतलाती है कि गà¥à¤«à¤¾ छठवीं शताबà¥à¤¦à¥€ में मौरà¥à¤¯ (कोंकण पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ वाले) और कालà¥à¤šà¥à¤°à¥€ राजवंश के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तराशी गयी थी. इस गà¥à¤«à¤¾ की समानता अजंता की गà¥à¤«à¤¾ संखà¥à¤¯à¤¾ १ और à¤à¤²à¥à¤²à¥‹à¤°à¤¾ की गà¥à¤«à¤¾ संखà¥à¤¯à¤¾ ९ से की जाती है. सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¤à¥à¤¯-शैली में इस गà¥à¤«à¤¾ को बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¥€à¤¯ शैलोतà¥à¤•िरà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¤à¥à¤¯ का उतà¥à¤•ृषà¥à¤Ÿ उदाहरण माना जाता है. इसे राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महतà¥à¤¤à¥à¤µ का सà¥à¤®à¤¾à¤°à¤• घोषित किया जा चà¥à¤•ा है.

जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ गà¥à¤«à¤¾ का पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ मारà¥à¤—
वहां से मैं धीरे-धीरे चलते हà¥à¤ मैं à¤à¤• सीढ़ी से नीचे उतर कर गà¥à¤«à¤¾ के पà¥à¤°à¤¥à¤® चरण में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर गया. à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होता था कि मानो वह à¤à¤• बड़ा बरामदा रहा हो, जिसके दोनों तरफ बड़ी-बड़ी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤à¤‚ लगीं हों. पर वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤à¤‚ नषà¥à¤Ÿ हो चà¥à¤•ीं थीं, सिरà¥à¤« उनके कà¥à¤› अवशेष बचे हà¥à¤ थे, जिनसे उनके आकार का अंदाज़ लगाया जा सकता था. पà¥à¤°à¤¥à¤® चरण को पार करके मैं मà¥à¤–à¥à¤¯ चरण में गया. वहाठपहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ ही मेरी आà¤à¤–े आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ से विसà¥à¤«à¤°à¤¿à¤¤ हो गयीं. मैंने देखा कि पहाड़ को अनà¥à¤¦à¤° से बिलकà¥à¤² काट कर वहाठ२० खà¤à¥‹à¤‚ वाला à¤à¤• बहà¥à¤¤ बड़ा हौल तराशा गया है. मैंने अà¤à¥€ तक गà¥à¤«à¤¾ में बने इतने बड़े हौल का कà¤à¥€ दरà¥à¤¶à¤¨ नहीं किया था. अतः मैं कई कà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ तक तो खड़ा देखता-ही रह गया.

जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ गà¥à¤«à¤¾ के अनà¥à¤¦à¤° खमà¥à¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° वृहत हौल
फर मैंने उस हौल की परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ की. उस हौल के अनà¥à¤¦à¤° परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ के लिठà¤à¥€ रासà¥à¤¤à¤¾ कटा हà¥à¤† था. हौल के बीच में à¤à¤• चौकोर पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¤¾à¤°à¥à¤® à¤à¥€ काट कर बनाया गया था, जिसके बीच में à¤à¤• नकà¥à¤•ाशी-दार मंदिर à¤à¥€ बना हà¥à¤† था. इस मंदिर में जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ देवी की पूजा हो रही थी. इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ देवी के नाम पर इस ईलाके के नाम जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ पड़ा था. मैं देवी-मंदिर में पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® कर ही रहा था, तब à¤à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ ने मेरे से वहाठआने का कारण पूछा. कारण बताने के बाद वह पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ मà¥à¤à¥‡ पूरी गà¥à¤«à¤¾ का दरà¥à¤¶à¤¨ कराने के लिठतैयार हो गया. अतः मैं उसी के साथ हो लिया.

जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ देवी
उस बड़े हौल में बने à¤à¤• दूसरे दरवाजे से हम बाहर निकले, जहाठकरीबन १० खà¤à¥‹à¤‚ वाला à¤à¤• कॉरिडोर था. वह बहà¥à¤¤ लमà¥à¤¬à¤¾ और विशाल था. अपने आकार और बनावट के कारण बहà¥à¤¤ à¤à¤µà¥à¤¯ लगता था. कई परिवार वहाठविविध पà¥à¤°à¤•ार के पूजन कर रहे थे. पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ ने मà¥à¤à¥‡ बताया कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ गà¥à¤«à¤¾ में हिनà¥à¤¦à¥‚-पूजन विधि से पूजन करने की पूरी वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ है. पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ के कई परिवार यहीं आस-पास रहते हैं और यहाठपूजन के लिठउपलबà¥à¤§ रहते हैं. उस कॉरिडोर से लगे हà¥à¤ à¤à¤• शिव-मंदिर था, जो उस वक़à¥à¤¤ बंद था. मैंने शिला-लेख में पढ़ा था कि यहाठदà¥à¤¯à¥‚त-कà¥à¤°à¥€à¤¡à¤¼à¤¾à¤°à¤¤ शिव-पारवती की मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ हैं. मैंने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देखना चाहता था, पर उस दिन मैं नहीं देख पाया. इतने में मेरे साथ-वाले पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ पर à¤à¤• वृदà¥à¤§ पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ की नजर पड़ गयी. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने तà¥à¤°à¤‚त-ही कà¥à¤› निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिà¤, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पूरा करने हेतà¥, मेरा पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ चला गया. जाते समय उसने मà¥à¤à¥‡ वहां सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ मंदिर का रासà¥à¤¤à¤¾ ईशारे से बताया. वैसे तो उसने कहा था कि वह वापसी में मà¥à¤à¥‡ मिलेगा, पर शायद कारà¥à¤¯-वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ होने के कारण मिल नहीं पाया और मैं पà¥à¤¨à¤ƒ अकेला हो गया.

लमà¥à¤¬à¤¾ कॉरिडोर
इतने में कà¥à¤› विदेशी परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• आ गà¤. बड़े-बड़े कैमरों के साथ. वे à¤à¥€ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ मंदिर की तरफ जा रहे थे. मैं à¤à¥€ उनके पीछे चल पड़ा. वो रासà¥à¤¤à¤¾ à¤à¤• बड़े-से आà¤à¤—न से हो कर जाता था, जिसके दोनों तरफ गà¥à¤«à¤¼à¤¾à¤à¤ बनीं हà¥à¤ˆà¤‚ थीं. मेरे पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ ने बताया था कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ का वो आà¤à¤—न पूरà¥à¤µ-काल में गà¥à¤«à¤¼à¤¾ ही था, जिसकी छत कालांतर में गिर चà¥à¤•ी थी. अगर वह गà¥à¤«à¤¾ का हिसà¥à¤¸à¤¾ था, तब तो à¤à¤• जमाने में वह गà¥à¤«à¤¾ बहà¥à¤¤-ही विशाल रही होगी. खैर आà¤à¤—न से गà¥à¤œà¤° कर हम हनà¥à¤®à¤¾à¤¨-मंदिर पहà¥à¤à¤šà¥‡ और वहां दरà¥à¤¶à¤¨ किया. मंदिर à¤à¤• गà¥à¤«à¤¾ में बना हà¥à¤† था. कोई जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोग नहीं थे. वहां से तà¥à¤°à¤‚त ही सà¤à¥€ निकल पड़े और फिर गणेश मंदिर तक आये. वह नजदीक ही था. वह à¤à¥€ à¤à¤• गà¥à¤«à¤¾ में बना हà¥à¤† था.

गणेश मंदिर
उसका दरà¥à¤¶à¤¨ करने के बाद मैं “दतà¥à¤¤à¤¾-मंदिर†की तलाश करने लगा, पर वह मà¥à¤à¥‡ कहीं नहीं मिल रहा था. तब मैंने à¤à¤• पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ से उसका मारà¥à¤— पूछा. उसने बताया कि कई गà¥à¤«à¤¾à¤“ं की छत गिर जाने के कारण, वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में दतà¥à¤¤à¤¾ मंदिर जाने के लिठजोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ गà¥à¤«à¤¾ के बाहर निकल कर पहाड़ी के ऊपर से जाना पड़ता है. à¤à¤¸à¤¾ सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ मैं गà¥à¤«à¤¾ से बाहर की ओर चला. बहार निकलते समय मैंने गà¥à¤«à¤¾ की चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर उकृत कà¥à¤› मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‡à¤‚ खीचीं, जिनसे à¤à¤¸à¤¾ लगता था कि पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥-काल में à¤à¥€ यहाठहिनà¥à¤¦à¥‚-पूजन विधियों का ही पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤²à¤¨ होता होगा.

जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ गà¥à¤«à¤¾ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤à¤‚
à¤à¤• बार गà¥à¤«à¤¾ के बाहर निकल कर मैं उसी गली में आ गया, जिससे मैं अनà¥à¤¦à¤° आया था. कहीं कोई सूचना नहीं थी कि दतà¥à¤¤à¤¾ मंदिर कैसे जाया जाà¤. तब सड़क के कोने पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ फूल-विकà¥à¤°à¥‡à¤¤à¤¾ ने मारà¥à¤— बताया. उसी मारà¥à¤— से चल कर मैं गà¥à¤«à¤¾ के पहाड़ी के बिलकà¥à¤² ऊपर आ गया. वहां जाने से दो अनà¥à¤à¥‚ति होती है. सबसे पहले यह पता चलता है कि पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ काल में कैसे à¤à¤•-ही विशाल पहाड़ी को काट कर उसके अनà¥à¤¦à¤° वह गà¥à¤«à¤¾ बनाई गई होगी. दूसरी की वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ काल में कैसे उस गà¥à¤«à¤¾ के चारों ओर लोगों ने निवास बना लिठहैं.

पहाड़ी के ऊपर
खैर पहाड़ी के ऊपर जो बचà¥à¤šà¥‡ कà¥à¤°à¤¿à¤•ेट खेल रहे थे, उनसे-ही पूछ कर मैं दतà¥à¤¤à¤¾ मंदिर की सीढ़ियों पर पहà¥à¤à¤š गया, वहां लोहे की रेलिंगà¥à¤¸ à¤à¥€ लगीं हà¥à¤ˆà¤‚ थीं, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बहà¥à¤¤ पतली सीढ़ी थी. सीढ़ी से नीचे उतर कर मैं दतà¥à¤¤à¤¾ मंदिर पंहà¥à¤šà¤¾, वह à¤à¥€ à¤à¤• गà¥à¤«à¤¾ में था. पर जितनी ऊà¤à¤šà¤¾à¤ˆ पर वह मंदिर बना था, उससे लगता था कि वह à¤à¤• दोमंजिली गà¥à¤«à¤¾ रही होगी. वहां जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ देर तक बैठना संà¤à¤µ नहीं था, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि गरà¥à¤®à¥€ बहà¥à¤¤ थी. अतः मैं तà¥à¤°à¤‚त निकल पड़ा. वापस उस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर आया जहाठसे पहाड़ी के टूटे हिसà¥à¤¸à¥‡ से गà¥à¤«à¤¾ के अनà¥à¤¦à¤° का विनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ देख सकते थे.

दतà¥à¤¤ मंदिर
नीचे à¤à¤¾à¤à¤•ने से à¤à¤¸à¤¾ लगता था कि पूरी जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ गà¥à¤«à¤¾ à¤à¤• पहाड़ को अनà¥à¤¦à¤° से बिलकà¥à¤² काल कर बनाई गई होगी, जिसके à¤à¤• किनारे पर जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ मंदिर, बीच में आà¤à¤—न-नà¥à¤®à¤¾ गà¥à¤«à¤¾ और दूसरी किनारे पर दोमंजिला गà¥à¤«à¤¾à¤à¤‚. बीच का à¤à¤¾à¤— à¤à¤—à¥à¤¨ हो जाने से अब वहां à¤à¤• आà¤à¤—न जैसा दिखाई देता है.

पहाड़ी के ऊपर से जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ गà¥à¤«à¤¾ का दृशà¥à¤¯
मैं कà¥à¤› देर तक वहाठखड़ा हो कर उन मूक चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को निहारता रहा. काश उन पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ में जà¥à¤¬à¤¾à¤¨ होती, जिनसे मैं उनकी कहानी उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ की जà¥à¤¬à¤¾à¤¨à¥€ सà¥à¤¨ पाता. पर वहाठतो à¤à¤• तरफ गà¥à¤«à¤¾à¤“ं की शांति थी और दूसरी तरफ वरà¥à¤¤à¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ और जनसà¤à¤–à¥à¤¯à¤¾ का कोलाहल. पता नहीं कालांतर में इस गà¥à¤«à¤¾ की नियति कà¥à¤¯à¤¾ लिखी है. पर वहाठसे लौटने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ मेरी कविता कà¥à¤› यूठसमापà¥à¤¤ हà¥à¤ˆ:
“पता नहीं कà¥à¤¯à¤¾ ढूंढता रहता हूठमैं
चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ से घिरी इन गà¥à¤«à¤¾à¤“ं में,
कà¥à¤¯à¤¾ ढूंढता हूठबियाबानों की वीरानगी जो
कोलाहल से à¤à¥€ तीवà¥à¤° असर रखती हैं
या ढूंढता हूठशांति का वह समà¥à¤¦à¥à¤° जो
सनà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¥‹à¤‚ के बीच बसर करती हैं।
पता नहीं कà¥à¤¯à¤¾ ढूंढता रहता हूठमैं
चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ से घिरी इन गà¥à¤«à¤¾à¤“ं मेंâ€
Dear Uday Ji, I have always been intrigued by caves and such mysterious structures however, never got a chance to see these marvels till now.
As I read about these structures through your posts, it makes me wonder as how in the ancient times those great people managed to carve such beautiful and unbelievable architecture without having a kind of Technology that we have in present time. And, it still stands so strong and proudly. Its baffling in every sense.
The main entry looks small and I assume that makes anyone think that the caves are not as big as they actually are when you enter the premises.
A hidden gem!
Thanks for sharing your experience!
Warm Regards!
Dear Pooja Ji
Yes, caves are always mysterious and attractive. Recently, I got to visit a few of them. They may be found in desolate areas and sometimes amidst crowd. But, they always have the certainty of a past which is a part of our common heritage.
Thanks for comments. I am really glad to know that you liked the post on Mumbai’s caves.
Regards
And comes another one, though this one seems to be more contained. But to imagine that this structure has survived the test of time, 100s of years, is indeed baffling (to borrow from Pooja).
Should we put all these in one series ?
Thanks for your nice comments. Yes we can string both articles on Mumbai caves together.
Regards
मी केळवे माहिमकर दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤ घराणà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥€à¤² मà¥à¤³à¤ªà¥à¤°à¥à¤· (माà¤à¥à¤¯à¤¾ वडिलांकडून समजलà¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¥‡ गबाजी दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤)चà¥à¤¯à¤¾ रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ शिवाजी दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤ नांवाचà¥à¤¯à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¥€à¤šà¥à¤¯à¤¾ वंशातील मोरेशà¥à¤µà¤° सीताराम दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤à¤šà¤¾ तीन नंबरचा मà¥à¤²à¤—ा नरेंदà¥à¤°. केळवे माहिमकर दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤ घराणà¥à¤¯à¤¾à¤šà¥€ कà¥à¤²à¤¦à¥‡à¤µà¤¤à¤¾ जोगशà¥à¤µà¤°à¥€ देवी आहे व आमचà¥à¤¯à¤¾(माà¤à¥à¤¯à¤¾) आजोबा पणजोबा हà¥à¤¾à¤‚च मà¥à¤¹à¤£à¤£à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¥‡ ही जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ पांडव जेवà¥à¤¹à¤¾à¤‚ वनवासात होते तेवà¥à¤¹à¤¾à¤‚ ते हà¥à¤¯à¤¾ डोंगरात गà¥à¤‚फा(गà¥à¤¹à¤¾) करून राहिले होते तेवà¥à¤¹à¤¾à¤‚ हि देवी तà¥à¤¯à¤¾à¤‚ना पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होऊन पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· दरà¥à¤¶à¤¨ देऊन वर दिला होता. आमचे पूरà¥à¤µà¤œ काशà¥à¤®à¤¿à¤° खोरà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥‚न सà¥à¤¥à¤²à¤¾à¤‚तरीत होऊन काय(आयोधà¥à¤¯) पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¤¾à¤¤à¥‚न नंतर गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¥ मारà¥à¤—े केळवेमाहिमला सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤²à¥‡.आमà¥à¤¹à¥€ चांदà¥à¤°à¤¸à¥‡à¤¨ राजाचà¥à¤¯à¤¾ वंशातले मà¥à¤¹à¤£à¥‚न चांदà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¥€à¤¯ व काय पà¥à¤°à¥‡à¤¦à¤¾à¤¶à¤¾à¤¤à¥€à¤² मà¥à¤¹à¤£à¥‚न कायसà¥à¤¥ व आयोधà¥à¤¯à¥‡à¤šà¥à¤¯à¤¾ राम राजाला पà¥à¤°à¤à¥ मà¥à¤¹à¤£à¤¾à¤¯à¤šà¥‡ मà¥à¤¹à¤£à¥‚न पà¥à¤°à¤à¥. असे आमà¥à¤¹à¥€ चांदà¥à¤°à¤¸à¥‡à¤¨à¥€à¤¯ कायसà¥à¤¥ पà¥à¤°à¤à¥(सी.के.पी.), कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯ !
रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ शिवाजी दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤à¤¨à¤¾ à¤à¤•ूण ८ मà¥à¤²à¤—े होते.तà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤² इतर मà¥à¤²à¤¾à¤‚चे वंशजंचे मà¥à¤¹à¤£à¤£à¥‡ आहे की दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤à¤¾à¤‚ची कà¥à¤²à¤¦à¥‡à¤µà¤¤à¤¾ अंबेजोगाई जवळची योगेशà¥à¤µà¤°à¥€ देवी आहे पण माà¤à¥‡ वडील आजोबा नवरातà¥à¤°à¥€à¤²à¤¾ नऊ माळा फà¥à¤²à¥‹à¤°à¤¾ घेऊन जोगेशà¥à¤µà¤°à¥€ गà¥à¤‚फेतलà¥à¤¯à¤¾ जोगेशंवरी देवीला पà¥à¤°à¤¥à¤® जायचे व आज तागायत मीसà¥à¤§à¥à¤¦à¤¾ हाà¥à¤¯à¤¾à¤š देवीस पà¥à¤°à¤¥à¤® जातो. मà¥à¤¹à¤£à¥‚न हà¥à¤¯à¤¾ देवीचा इतिहास मी शोधत होतो.
डॅा. नरेंदà¥à¤° मोरेशà¥à¤µà¤° दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤.गोतà¥à¤°
कृपाचारà¥à¤¯, केळवेमाहिमकर,
तालà¥à¤•ा पालघर(जà¥à¤¨à¥‡) जिलà¥à¤¹à¤¾ ठाणे.
Good information and explanation