इस यातà¥à¤°à¤¾ मे सबसे अचà¥à¤›à¥€ नींद रà¥à¤®à¥à¤¤à¥à¤¸à¥‡ मे आई थी। रात को सोने से पहले खूब मौज-मसà¥à¤¤à¥€ जो की थी। आज सà¥à¤¬à¤¹ हम लोग 6 बजे उठे थे। चाय पीने के बाद और दà¥à¤•ानदार का हिसाब-किताब करके हम गाड़ी मे जा बैठे। तà¤à¥€ बगल वाली दà¥à¤•ान से à¤à¤• आदमी à¤à¤¾à¤—ते हà¥à¤ आया। उसने कहा की अगर आप लोगों को आपतà¥à¤¤à¤¿ न हो तो मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ मोरे पà¥à¤²à¥‡à¤¨à¥à¤¸ (Moree Plains) तक ले चलो। हमे कà¥à¤¯à¤¾ आपतà¥à¤¤à¤¿ होनी थी उलà¥à¤Ÿà¤¾ गाड़ी के अंदर जितने जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोग उतनी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ गरà¥à¤®à¥€à¥¤ वो अपने सामान के साथ पिछली वाली सीट मे बैठगया। हमने पà¥à¤›à¤¾ à¤à¤¾à¤ˆ मोरे पà¥à¤²à¥‡à¤¨à¥à¤¸ (more plains) जैसी जगह मे उतर कर कà¥à¤¯à¤¾ करोगे। वहां पर तो कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं है। पता चला की वो à¤à¤• गाइड है और कà¥à¤› फिरंगी लोगों को टà¥à¤°à¥ˆà¤•िंग पर ले जाने वाला है। ओह अब समठमे आया की सामान मे लकड़ी के डंडे नहीं बलà¥à¤•ि टà¥à¤°à¥‡à¤•िंग सà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥à¤¸ है। चलो देर से आठपर दà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤¤ आà¤à¥¤ गाइड को मोरे पà¥à¤²à¥‡à¤¨à¥à¤¸ पर उतार कर हम लोग “तागà¥à¤²à¤‚गला ला” की ओर बà¥à¤¨à¥‡ लगे। आज “तागà¥à¤²à¤‚गला ला” पर हलà¥à¤•ी बरà¥à¤« की चादर सी बिछ लगी थी। वहाठपर बहà¥à¤¤ तेज़ हवा चल रही थी। हरी बरà¥à¤« को देख कर इतना खà¥à¤¶ और उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ हो गया कि टी-शरà¥à¤Ÿ (T-Shirt) मे ही फोटो खिचाने लगा।
यहाठसे आगे चल कर हमे पैंग पर रà¥à¤•ना था। ये वही मनहूस जगह है जहाठपर हम लोग पूरी रात सो नहीं पाठथे। यहाठपर रà¥à¤•ने का मन तो नहीं था पर राहà¥à¤² का मोबाइल खो जाने की वजह से फिर इस जगह के दरà¥à¤¶à¤¨ करने पड़े। हम लोग टेंट के अंदर गठऔर आंटी हमे देख कर मà¥à¤¸à¥à¤•रा उठी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मोबाइल संà¤à¤¾à¤² के रखा हà¥à¤† था ये सोच कर की शायद अगर हम इसी रासà¥à¤¤à¥‡ से वापस आठतो हमे मोबाइल मिल जाà¤à¤—ा। उनका ये सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µ देख कर मन पिघल सा गया था। मोबाइल मिल जाने की वजह से राहà¥à¤² बहà¥à¤¤ खà¥à¤¶ था। हम सब à¤à¥€ खà¥à¤¶ थे कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि मोबाइल की वजह से हमे इसी रासà¥à¤¤à¥‡ से वापस जाना पड़ रहा था अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ हम तो कारगिल होते हà¥à¤ जाने वाले थे। अगर मोबाइल नहीं मिलता तो बहà¥à¤¤ निराशा होती। आंटी को दिल से धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ देकर हम आगे की ओर चल दिà¤à¥¤
आज हमारा कोई पà¥à¤²à¤¾à¤¨ नहीं था कोशिश सिरà¥à¤« ये थी की जितना हो सके उतनी दूरी तेय करनी थी। अगर रोहतांग पार कर लेते तो मनाली मे रात बिताते पर à¤à¤¸à¤¾ नहीं हà¥à¤†à¥¤ आज मौसम बहà¥à¤¤ छà¥à¤ªà¤¨-छà¥à¤ªà¤¾à¤ˆ खेल रहा था। कà¤à¥€ धà¥à¤ª, कà¤à¥€ कोहरा, कà¤à¥€ बारिश की बूà¤à¤¦à¥‡à¥¤ à¤à¤¸à¤¾ लग रहा था की हमे डराने की कोशिश हो रही हो। रासà¥à¤¤à¥‡ के किनारे बरà¥à¤« à¤à¥€ जमी हà¥à¤ˆ थी। इस वक़à¥à¤¤ गाड़ी मैं चला रहा था। इस बार कहीं न कहीं मेरे अंदर डर था। सड़क गीली थी इसलिठमैं गाड़ी धीरे चला रहा था। कोहरा बà¥à¤¨à¥‡ लगा था और काले बादल मंडराने लगे थे। राहà¥à¤² ने कहा की आगे पकà¥à¤•ा बारिश हो रही होगी। à¤à¤¸à¤¾ लग रहा था कि गाड़ी बादलों मे दौड़ रही है। à¤à¤•ा-à¤à¤• बादल गरजने लगे और साथ ही मेरे अंदर का डर à¤à¥€ बà¥à¤¨à¥‡ लगा। देखते ही देखते जोरों से बरà¥à¥žà¤¬à¤¾à¤°à¥€ होने लगी। हरी पागल सा हो गया था। मैंने गाड़ी की सारी लाइट जला दी और साथ मे पारà¥à¤•िंग इंडिकेटर à¤à¥€ चालू कर दिà¤à¥¤ आज कई घंटो हो चले थे पर कà¥à¤› गिनी चà¥à¤¨à¥€ गाड़ियाठही नज़र आई थी। यही सोच कर बीच सड़क मे ही गाड़ी रोक दी कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि सà¥à¤¨à¥‹ फॉल देख कर हरी बावला हो चला था। हरी साउथ का रहने वाला था पहली बार तो पहाड़ो मे आया था और ऊपर से सà¥à¤¨à¥‹ फॉल का Live Telecast देख कर अपना नियंतà¥à¤°à¤£ खो बैठा था।

इतना उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ कि खà¥à¤¦ ही अपने ऊपर बरà¥à¥ž के टà¥à¤•ड़े डाल लिà¤à¥¤
यहाठसे आगे निकलने के बाद हमे साफ़ मौसम के दरà¥à¤¶à¤¨ नहीं हà¥à¤à¥¤ कहीं पर धà¥à¤‚ध तो कहीं पर बारिश। शाम के चार बजे तक हम केलोंग (Keylong) पहà¥à¤à¤š गठथे। पर ये तेय हो गया था कि हम आज रोहतांग पार नहीं कर सकते थे। बारिश के कारण पहाड़ों से छोटे-मोटे पतà¥à¤¥à¤° सरक कर सड़क पर आ गठथे। बड़ी ही सावधानी से चलना पड़ रहा था। तà¤à¥€ आगे टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• जाम मिल गया। कà¥à¤› पैदल चालकों से पता चला की माल से लदी हà¥à¤ˆ जीप गडà¥à¤¡à¥‡ मे फà¤à¤¸ गयी है उसको निकालने का काम चल रहा है पर थोडा टाइम लगेगा। मैंने तà¥à¤°à¤‚त गाड़ी का इंजन बंद कर दिया। कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि इस टà¥à¤°à¤¿à¤ª मे गाड़ी के साथ दो घटनाà¤à¤ हमारे साथ à¤à¥€ हो चà¥à¤•ी थी। à¤à¤• बार अंकल का Dare Devil वाला सà¥à¤Ÿà¤‚ट और दूसरी बार मेरे दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ Over Confident होकर गाड़ी का à¤à¤• टायर रेत मे फà¤à¤¸à¤¾ डालना और इसके ऊपर से अंकल की कोशिश करने के बाद चारों टायर का रेत मे धà¤à¤¸ जाना। अंकल की इस कोशिश को अब आप सोने-पर-सà¥à¤¹à¤¾à¤—ा कह लो या शेर-के-ऊपर-सवा-शेर। करीब आधे घंटे के बाद जाम खà¥à¤² गया।
केलोंग से टांडी, सिसà¥à¤¸à¥‚ होते हà¥à¤ हम कोखà¥à¤¸à¤° (Kokhsar) पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤ गाड़ी को à¤à¤• टेंट के बाहर खड़ा करके हम लोग सबसे पहले फà¥à¤°à¥‡à¤¶ हà¥à¤à¥¤ इसी टेंट मे रात गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¨à¥‡ के लिठचार बिसà¥à¤¤à¤° ले लिà¤à¥¤ रम (Rum) के साथ अंडा à¤à¥à¤°à¥à¤œà¥€ का आनंद लिया गया। टेंट के अंदर लगे dish tv पर à¤à¤• पिकà¥à¤šà¤° देखी, अà¤à¥€ नाम याद नहीं आ रहा है। उसके बाद मटन और चांवल खा कर बिसà¥à¤¤à¤° की और चल दिà¤à¥¤ आदत के मज़बूर अंकल आज à¤à¥€ गाड़ी के अंदर ही सोà¤à¥¤ सही माने तो इन बिसà¥à¤¤à¤° से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आराम देह तो गाड़ी की सीट ही हैं।
अगली सà¥à¤¬à¤¹ हम लोग आराम से उठे। मैं राहà¥à¤² और हरी चंदà¥à¤°à¤¾ नदी के पास फà¥à¤°à¥‡à¤¶ होने चले गà¤à¥¤ वहीठपर दनà¥à¤¤-मंजन और हाथ-मà¥à¤¹ à¤à¥€ धो डाले थे। पिछली रात का हिसाब रात मे ही कर डाला था। चाय-बिसà¥à¤•à¥à¤Ÿ खाकर हम यहाठसे निकल पड़े। अब हम रोहतांग की और चà¥à¤¾à¤ˆ कर रहे थे। आज अचà¥à¤›à¥€ धà¥à¤ª निकली हà¥à¤ˆ थी। सà¥à¤¬à¤¹ के नज़ारे बहà¥à¤¤ मनमोहक थे। à¤à¤¸à¥‡ नज़रों का सà¥à¤µà¤¾à¤¦ बिना चखे आगे बà¥à¤¨à¥‡ का मन नहीं किया और गाड़ी को à¤à¤• बार फिर से रोक दिया।
यहाठसे बिना रà¥à¤•े हम करीब 11 बजे मनाली पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤ मेन मारà¥à¤•िट मे ही à¤à¥‹à¤œà¤¨ कर लिया और फिर से हम चल दिà¤à¥¤ आज हम मणिकरण जाने वाले थे। मणिकरण मे à¤à¤• गà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ है और उसी के पीछे à¤à¤• शिव मंदिर à¤à¥€ है। मनाली से मणिकरण करीब 80 km की दूरी पर है। कà¥à¤²à¥à¤²à¥‚ के पास सेब की मंडी दिखी गाड़ी रोक कर दो पेटी सेब खरीद लिà¤à¥¤ à¤à¤• पेटी लाल सेब और दूजी हरे वाले गोलà¥à¤¡à¤¨ सेब। 30 – 40 रà¥à¤ªà¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ किलो के हिसाब से सेब बिक रहा था। इसके विपरीत दिलà¥à¤²à¥€/नॉà¤à¤¡à¤¾ मे तो आग लगी हà¥à¤ˆ थी, मेरा मतलब 80 – 110 रà¥à¤ªà¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ किलो। कà¥à¤²à¥à¤²à¥‚ से आगे à¤à¥à¤¨à¥à¤Ÿà¤° के बाद हमने गाड़ी दाà¤à¤ और मणिकरण जाने वाले रासà¥à¤¤à¥‡ की और मोड़ ली। यहाठसे सड़क की चौड़ाई थोड़ी कम हो गयी थी और थोडा टूटा-फूटा à¤à¥€ था। मणिकरण से 2-3 km पहले à¤à¤• कसोल (kasol) नाम की जगह आती है यहाठपर बहà¥à¤¤ फिरंगी लोग रहने आते हैं या यूठकहा जाये की छà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¤ मानाने आते हैं। यह जगह मिनी इजराइल (mini israel) के नाम से à¤à¥€ मशहूर है। ये लोग यहाठमौज-मसà¥à¤¤à¥€ करने आते है। मेरा कà¤à¥€ विचार बनेगा तो इस जगह 2-3 दिन ज़रूर ठहरूà¤à¤—ा। इस जगह को पार करने के बाद हम दोपहर के 2:30 बजे मणिकरण गà¥à¤°à¥‚दà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ पहà¥à¤à¤š गठथे।
मेरे पास गà¥à¤°à¥‚दà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ का à¤à¤• ही फोटो है, वो à¤à¥€ साइड से लिया हà¥à¤† है। सामने से लिया हà¥à¤† फोटो राहà¥à¤², हरी या मनोज के पास जरूर होगा पर उन लोगों से माà¤à¤—ने मे इस पोसà¥à¤Ÿ की छपाई मे विलमà¥à¤¬ न हो जाठइसलिठसाइड से लिया हà¥à¤† फोटो ही लगा दिया है। इसके लिठमाफ़ी चाहता हूà¤à¥¤
यहाठपर पारवती नदी बहती है और पà¥à¤°à¤•िरà¥à¤¤à¤¿à¤• गरà¥à¤® पानी के सà¥à¤°à¥‹à¤¤ है। इनà¥à¤¹à¥€ सà¥à¤°à¥‹à¤¤ के पानी को गà¥à¤°à¥‚दà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ के à¤à¤• कà¥à¤‚ड इकà¥à¤•ठा किया हà¥à¤† है। हम दरà¥à¤¶à¤¨ करने से पहले गà¥à¤°à¥‚दà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ मे बने टॉयलेट मे फà¥à¤°à¥‡à¤¶ हà¥à¤à¥¤ इसके बाद गरà¥à¤® पानी के कà¥à¤‚द मे जाकर नहाà¤à¥¤ नाहने के बाद सारी थकान मिट गयी थी और हम फिर से बिलकà¥à¤² hot & young फील कर रहे थे। :-)
इसके बाद हमने गà¥à¤°à¥‚दà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ मे दरà¥à¤¶à¤¨ किठऔर वहीठलंगर खाया। इसके बाद कà¥à¤› देर सेवा मे बरà¥à¤¤à¤¨ धोà¤à¥¤ सेवा देकर बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ लगा।
दà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ से पीछे की तरफ बाज़ार से होते होठहम अब शिव मंदिर जा पहà¥à¤à¤šà¥‡à¥¤ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ और मंदिर à¤à¤• दूसरे से बिलकà¥à¤² सटे हà¥à¤ हैं। यहाठपर अंदर से à¤à¤• दरवाज़ा है जो की वहाठके करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठहै। आम जनता के लिठनहीं। शिव मंदिर मे à¤à¥€ गरà¥à¤® पानी à¤à¤• छोटा सा कà¥à¤‚ड है जिसमे दाल और चाà¤à¤µà¤² उबल रहे थे। हमारे वहां पर पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ ही à¤à¤• सरदार जी आठऔर रसà¥à¤¸à¥€ खींचने लगे। हमने देखा कि उस रसà¥à¤¸à¥€ से दो बरà¥à¤¤à¤¨ लटके हà¥à¤ थे, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बरà¥à¤¤à¤¨ के मà¥à¤– से कपड़ा हटा कर देखा और चाà¤à¤µà¤² वाला à¤à¤—ोना लेकर चले गठऔर दाल वाला फिर से उबलने के लिठकà¥à¤‚ड मे डाल गà¤à¥¤ हमने सोचा सही है à¤à¤¾à¤ˆ गैस का तो खरà¥à¤šà¤¾ तो à¤à¤•दम बच गया।
मंदिर के दीवार पर मणिकरण का महातà¥à¤®à¤¯ लिखा हà¥à¤†à¥¤ सच कहूठतो मैंने आज तक इसको पà¥à¤¾ नहीं है। आप लोगों की जानकारी के इस फोटो को लगा रहा हूà¤à¥¤

मंदिर के दीवार पर शिव पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¥¤ धà¥à¤à¤ से अंदाजा लगा लो कि कà¥à¤‚ड का पानी कितना गरà¥à¤® है।

मंदिर के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गन मे शिव जी के ननà¥à¤¦à¥€ बैल।
यहाठसे शाम के करीब 5 बजे हम चल दिठथे। हमारे पà¥à¤²à¤¾à¤¨ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• सब जगह के दरà¥à¤¶à¤¨ हो गठथे, अब हमे सिरà¥à¤« घर वापस पहà¥à¤‚चना था। तेय हà¥à¤† की जब à¤à¥‚ख लगेगी और नींद आने लगेगी तà¤à¥€ गाड़ी रोक लेंगे। रात के 8:30 बजे हम सà¥à¤‚दर नगर जा पहà¥à¤à¤šà¥‡à¥¤ यहाठपर à¤à¤• होटल मे दो रूम ले लिà¤à¥¤ à¤à¤• बोतल खà¥à¤°à¤¾à¤• लेने के बाद डिनर किया और सो गà¤à¥¤
अगले दिन सà¥à¤¬à¤¹ 8:00 बजे घर की तरफ दौड़ पड़े। शाम 7 बजे राहà¥à¤² को घर छोड़ा और यहीं पर सबने अंकल का हिसाब-किताब à¤à¥€ दे दिया। वैसे तो अंकल के 2000/- पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ के हिसाब से 20000 रà¥à¤ªà¤¯à¤¾ बनता था लेकिन अंकल ने गाड़ी की इंजन पैकिंग की मरमà¥à¤®à¤¤ के लिठ2000 रà¥à¤ªà¤¯à¤¾ à¤à¤¡à¤µà¤¾à¤‚स ले लिया था, वो कट कर उनको 18000 रà¥à¤ªà¤¯à¤¾ पकड़ा दिया। वो बहà¥à¤¤ खà¥à¤¶ हà¥à¤à¥¤ अंकल ने आखिर मे कह डाला कि “आप लोगों की बदौलत मे à¤à¥€ लदà¥à¤¦à¤¾à¤– देख आया हूà¤à¥¤ अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ जिनà¥à¤¦à¤—ी मे कà¤à¥€ जाने का मौका नहीं मिलता”। राहà¥à¤² को अलविदा कर दिया। हम सब लोग थोडा इमोशनल हो गठथे। 10 दिन à¤à¤• साथ à¤à¤¸à¥‡ सफ़र पर रहने से और à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ पर बिना संदेह à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ करने से दिल के तार जà¥à¥œ ही जाते हैं। यहाठसे अंकल ने मà¥à¤à¥‡ घर छोड़ा। यहाठसे हरी और मनोज को वो दिलà¥à¤²à¥€ à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ छोड़ने निकल पड़े। अगली सà¥à¤¬à¤¹ हरी और मनोज का कॉल आया की वो सकà¥à¤¶à¤² पहà¥à¤à¤š गठथे।
तो इसी रही हमारी 10 दिन की लदà¥à¤¦à¤¾à¤– यातà¥à¤°à¤¾…..आशा तो है की अगली लदà¥à¤¦à¤¾à¤– यातà¥à¤°à¤¾ मे इस सबसे हटकर असली लदà¥à¤¦à¤¾à¤– देखूà¤à¤—ा…..देखते हैं कब मौका मिलता है।
Nothing to explain, the writeup is simply mind blowing. The pics of Rohtang pass are unbelievable, but its true. Nothing beats your pics capturing the clouds.
Regards
Anupam Mazumdar
Thanks Anupam.
enjoying your yatra ………………
Thank you Mahesh.
आपका यह लेख और पूरी श्रृंखला बहुत ही मजेदार, रोमांचक, शानदार रही हैं….आप जगह ही ऐसी जगह गए थे जहाँ भरपूर नाजरे देखने मिलते हैं सो श्रृंखला के चित्रों ने सम्मोहन सा कर दिया…
आपका सब कुछ बढ़िया रहा पर आपको यहाँ पर बोतल और रम का जिक्र नहीं करना चाहिए था…हो सकता हैं…आपका यह लेख से प्रेणना लेकर कई और भी ऐसा ही करे जो की मेरे हिसाब से ठीक नहीं………
शानदार श्रृंखला के लिए धन्यवाद……
Thanks for your comments Ritesh.
I understand your concern but it’s truly my experience and I do not intend anyone to follow me. It’s an individual’s wish.
Hi Anoop,
Incredible photos of the Rohtang Pass and great ongoing yatra.
Thank you Nirdesh.
Again Thanks Anoop, Really i m very much impressed from your posts/writing in details.I think it would be very much useful for visitors.Congrats
Thanks Dr. Gandhi.
Again Thanks n congrats Anoop ji, Really i m very much impressed from your posts/writing in details.I think it would be very much useful for visitors.
Very well described series on Ladhakh……. enjoyed and waited for all articles of this series………. tnx for taking us on lvly virtual tour of Ladhakh……
Thanks Deepika……
Great Journey asg.
I got a big smile along with Aunty on the mobile episode. Salute to her.
Kasol is a good hang-out place. If you go then try to trek to Malana. All for dry indulgence. :-) ‘Bhoj’ restaurant serves good food. Manikaran is heavenly. The parking was quite a hassle when we visited, since I was driving myself and we wanted to be close to the Gurudwara.
Wishing you many more such journeys. Pls pass our wishes to Uncle and your friends.
आपका यात्रा वृतांत पढ़ कर एेसा लगा जैसे मैं खुद ही यात्रा कर रहा था। मैं 2014 दिवाली के बाद मनाली रोहतांग यात्रा मैरी Xylo H9 से करके आया हूँ। अभी मनाली से रोहतांग का रास्ता बहुत सुधर गया है। मैं जून मे लेह जाने का मन बना रहा हूँ। आपका लेख पढ़ कर लेह के कुछ हर निकल गये।
Good very good yarro .sallam hai app ko . ap yatra ko parh kar mai v leh janne ke soch raha hon. 20 june 2016 kno ja raha hon..
Good very good yarro .sallam hai app ko . ap ke yatra ko parh kar mai v leh janne ke soch raha hon. 20 june 2016 ko ja raha hon..
Wah Anoop! You are a very good narrator. I am sure it must be an adventurous and incredible journey. In the planning we try to reach some place / destination but later on after returning mostly we remember the journey itself. Someday I will also plan to visit the the same route. Two questions.. 1. can i bring my kids also there who are respectively in age of 10 and 8? Second question .. can i go with xcent petrol?