8 मारà¥à¤š 2012 की बात है. होली का तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° ख़तà¥à¤® ही हà¥à¤† था. आगे सà¥à¤•ूल की छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ थी कà¥à¤¯à¥‚ंकि à¤à¤—à¥à¤œà¤¾à¤® समापà¥à¤¤ हो चà¥à¤•े थे और अगला सतà¥à¤° अपà¥à¤°à¥ˆà¤² से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहोना था. घर में विचार किया गया कि आस पास घूमने के लिठअलà¥à¤ª समय का कोई कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® बनाया जाà¤. घर में चरà¥à¤šà¤¾ के दौरान याद आया कि मेरे à¤à¤• मितà¥à¤° जो रामनगर(नैनीताल ) में रहते हैं वह काफी दिनों से अपने यहाठआने का निमंतà¥à¤°à¤£ दे रहे रहे थे. याद आते ही तà¥à¤°à¤‚त कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® बना कि जिम कॉरà¥à¤¬à¥‡à¤Ÿ नेशनल पारà¥à¤• में सफारी का आनंद उठाया जाये.
होली के उतà¥à¤¸à¤µ की थकन के बावजूद जिम कॉरà¥à¤¬à¥‡à¤Ÿ पारà¥à¤• में सफारी का मजा लेने के खà¥à¤¯à¤¾à¤² à¤à¤° से सà¤à¥€ परिवार सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¤• नई ऊरà¥à¤œà¤¾ का संचार हà¥à¤† और यातà¥à¤°à¤¾ की तैयारी शà¥à¤°à¥‚ हो गई. सबसे पहले रामनगर में मितà¥à¤° जीवन बिषà¥à¤Ÿ को दूरà¤à¤¾à¤· पर संपरà¥à¤• किया गया और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सूचित किया कि हम लोग कल रामनगर पहà¥à¤à¤š रहे हैं. आप नेशनल पारà¥à¤• में घà¥à¤®à¤¨à¥‡ के लिठटिकट और वाहन कि वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ कर दें. थोड़ी देर बाद उनका सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ आ गया कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने 10 मारà¥à¤š के लिठइंतजाम कर दिया है. यह खबर मिलते ही दोनों बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की आनंद की सीमा ही न रही कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नेशनल पारà¥à¤• में शायद टाइगर को खà¥à¤²à¥‡ जंगल में देखने का मौका जो मिलने वाला था. अब हम यातà¥à¤°à¤¾ पर जाने के लिठअपनी अपनी तैयारी करने लगे. हमारा विचार आज रात तक रामनगर पहà¥à¤à¤š जाने का था ताकि अगले दिन रामनगर के आस पास के अनà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का à¤à¥à¤°à¤®à¤£ किया जा सके. हमारे à¤à¤• संबंधी डॉ मनोज बिजनौर (उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ ) में रहते हैं. उनसे à¤à¥€ साथ चलने के लिठसंपरà¥à¤• किया तो वह à¤à¥€ तैयार हो गठ. इस तरह उनकी पतà¥à¤¨à¥€ रजनी को मिलाकर हम सात लोग इस यातà¥à¤°à¤¾ पर जाने वाले थे. चूà¤à¤•ि डॉ मनोज को बिजनौर से चलना था इसलिठहमने कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में थोडा बदलाव किया और तय किया आज हम दिलà¥à¤²à¥€ से सीधे बिजनौर जायेंगे. वहां से कल रामनगर की यातà¥à¤°à¤¾ करेंगे.
होली का दिन था शाम को हमें अपने à¤à¤• और संबंधी, जो वैशाली (गाज़ियाबाद) में रहते हैं , के घर à¤à¥€ होली मिलन के लिठजाना था. तय किया गया कि वहां से रातà¥à¤°à¤¿ à¤à¥‹à¤œà¤¨ कर बिजनौर रवाना हो जायेंगे. शाम के पांच बज चà¥à¤•े थे. जलà¥à¤¦à¥€ जलà¥à¤¦à¥€ पैकिंग कर हमने गाज़ियाबाद की ओर पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ कर दिया.
दिलà¥à¤²à¥€ से बिजनौर जाने के दो रासà¥à¤¤à¥‡ हैं. 1. दिलà¥à¤²à¥€-मेरठ-मवाना-मीरापà¥à¤°-बिजनौर (149 किमी) 2. दिलà¥à¤²à¥€-मà¥à¤°à¤¾à¤¦à¤¨à¤—र-खतौली-मीरापà¥à¤°-बिजनौर (147 किमी). पहला वाला रासà¥à¤¤à¤¾ अचà¥à¤›à¤¾ है. दिलà¥à¤²à¥€ से मेरठतक राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजमारà¥à¤— 58 पर चलना होता है. मेरठआने से पहले à¤à¤• बाई पास आता है. जहाठसे चौधरी चरण सिंह विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯Â और शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ नगर होते हà¥à¤ मेरठसे पौड़ी गढ़वाल जाने वाले राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजमारà¥à¤— को पकड़ना होता है. इसी पौड़ी राजमारà¥à¤— पर बिजनौर आता है.
रात को 10 बजे हमने बिजनौर की यातà¥à¤°à¤¾ अपने निजी वाहन मारà¥à¤¤à¥€ सà¥à¤µà¤¿à¤«à¥à¤Ÿ से शà¥à¤°à¥‚ की. होली के कारण सड़क पर नाम मातà¥à¤° का ही टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• था. अनà¥à¤¯ दिनों में दिलà¥à¤²à¥€ से मेरठपहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ में कम से कम दो घंटे लगते हैं. परनà¥à¤¤à¥ आज हम 45 मिनट में मेरठबाई पास पहà¥à¤à¤š गà¤. आगे à¤à¥€ टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• न के बराबर था. इसलिठहम बिना कहीं रà¥à¤•े रात को 12.10 बजे बिजनौर पहà¥à¤à¤š गà¤. इस पà¥à¤°à¤•ार हमने 130 किमी की यातà¥à¤°à¤¾ दो घंटे में पूरी कर ली. जिसे और दिनों में लगà¤à¤— ४ घंटों में पूरा किया जाता.
जिम कॉरà¥à¤¬à¥‡à¤Ÿ नेशनल पारà¥à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤°à¤£ है. संपूरà¥à¤£ संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ वन का कà¥à¤² कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤«à¤² 1318 वरà¥à¤— किलोमीटर है. जिसमे 520 किलोमीटर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° कोर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° और 797 वरà¥à¤— किलोमीटर बफर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° है. इसी 520 वरà¥à¤— किलोमीटर में कॉरà¥à¤¬à¥‡à¤Ÿ नेशनल पारà¥à¤• है. शेष 797 वरà¥à¤— किलोमीटर संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ वन है. यह पारà¥à¤• नैनीताल जिले के रामनगर में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है. रामनगर ही कॉरà¥à¤¬à¥‡à¤Ÿ पारà¥à¤• का मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ है. रामनगर दिलà¥à¤²à¥€ से सड़क और रेल मारà¥à¤— से जà¥à¤¡à¤¼à¤¾ हà¥à¤† है.सड़क मारà¥à¤— से दिलà¥à¤²à¥€ की दूरी 285 किमी है.
जिम कॉरà¥à¤¬à¥‡à¤Ÿ पारà¥à¤• मà¥à¤–तà¥à¤¯: चार जोन में बंटा हà¥à¤† है. 1. ढिकाला जोन 2. बिजरानी ज़ोन 3. à¤à¤¿à¤°à¤¨à¤¾ ज़ोन 4. उतà¥à¤¤à¤°à¥€ ज़ोन (दोमà¥à¤‚डा, सोनानदी ). पूरे कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ के लिठ20 दà¥à¤µà¤¾à¤° है. जिनमे से मà¥à¤–à¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤° ढिकाला, बिजरानी, à¤à¤¿à¤°à¤¨à¤¾ और दà¥à¤°à¥à¤—ा देवी हैं. पारà¥à¤• में घूमने के लिठपरमिट कि आवशà¥à¤¯à¤•ता होती है. यह परमिट पारà¥à¤• की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किये जा सकते हैं. ढिकाला ज़ोन में डे विजिट के लिठपरमिट नहीं मिलते हैं. यहाठपर केवल वे परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• जा सकते हैं जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने रातà¥à¤°à¤¿ विशà¥à¤°à¤¾à¤® के लिठबà¥à¤•िंग कर रखी होती है.अनà¥à¤¯ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•  यहाठपर कॉरà¥à¤¬à¥‡à¤Ÿ पारà¥à¤• दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संचालित सफारी से डे विजिट कर सकते हैं.  केवल ढिकाला ज़ोन ही कोर à¤à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है. इस ज़ोन में परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों के लिठसीमित पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¨à¥à¤§ लगाये गठहैं. अनà¥à¤¯ ज़ोन में डे विजिट की जा सकती है. यहाठपर à¤à¥€ रात को रà¥à¤•ने कि वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ उपलबà¥à¤§ है. परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• अपने निजी वाहन या किराये की जिपà¥à¤¸à¥€/जीप से पारà¥à¤• में घूम सकते है. केवल परमिट की जरूरत होती है. परनà¥à¤¤à¥ हर वाहन के साथ à¤à¤• गाइड का ले जाना आवशà¥à¤¯à¤• है. कà¥à¤› कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को छोड़कर पारà¥à¤• में कहीं à¤à¥€ टहलने/पैदल चलने की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ नहीं है. सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ के बाद पारà¥à¤• में घूमना मना है. पारà¥à¤• में गैर शाकाहारी à¤à¥‹à¤œà¤¨ और मदिरा सेवन à¤à¥€ मना है. पारà¥à¤• में हाथी पर बैठकर घूमने का à¤à¥€ इंतजाम है. इसके लिठपहले से बà¥à¤•िंग करानी होती है. पारà¥à¤• में बाच टावर à¤à¥€ लगे हैं जिन पर चढ़कर परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• जंगल का दूर दूर का नजारा ले सकते हैं.
अगले दिन हमें बिजनोर से रामनगर जाना था . बिजनौर से रामनगर जाने के तीन रासà¥à¤¤à¥‡ है. तीनो की दूरी १२० किमी है. हमने धामपà¥à¤°, काशीपà¥à¤° होते हà¥à¤ रामनगर जाने का फैसला किया. दिन के दो बजे बिजनौर से चलकर शाम पांच बजे हम लोग रामनगर पहà¥à¤à¤š गà¤. यहाठपर अपने मितà¥à¤° शà¥à¤°à¥€ बिषà¥à¤Ÿ से मà¥à¤²à¤¾à¤•ात की जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कॉरà¥à¤¬à¥‡à¤Ÿ सफारी के लिठपरमिट, वाहन की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ कर रखी थी . उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हमें बताया कि हमें परमिट दोपहर बाद के मिले हैं. अब हमारे पास कल दोपहर तक आस पास घूमने का समय था. हम लोगों ने रामनगर में गरà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¾ माता के मंदिर के बारे में बहà¥à¤¤ से लोगो से सà¥à¤¨ रखा था इसलिठमंदिर जाने की à¤à¥€ इचà¥à¤›à¤¾ थी. आज हमारे पास समय à¤à¥€ था.
गरà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¾ देवी का मंदिर रामनगर से रानीखेत जाने वाली सड़क पर रामनगर से 15 किलोमीटर दूर है.यह मंदिर कोसी नदी के किनारे à¤à¤• पहाड़ी के शीरà¥à¤· पर बना हà¥à¤† है. यह नैनीताल जिले का à¤à¤• मà¥à¤–à¥à¤¯ मंदिर है जहाठहर वरà¥à¤· कारà¥à¤¤à¤¿à¤• पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ पर हजारो शà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤²à¥ माता के दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठआते है. वसंत पंचमी पर à¤à¥€ यहाठà¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की à¤à¥€à¤¡à¤¼ जà¥à¤Ÿà¤¤à¥€ है. यह मंदिर माता पारà¥à¤µà¤¤à¥€ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है.
मंदिर की दूरी सिरà¥à¤« 15 किमी ही थी परनà¥à¤¤à¥ पहाड़ी रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ पर इन 15 किमी की दूरी तय करने में अचà¥à¤›à¤¾ खासा समय लग जाता है. हमे à¤à¥€ पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ अà¤à¤§à¥‡à¤°à¤¾ हो गया था. मंदिर के रासà¥à¤¤à¥‡ में पड़ने वाली दà¥à¤•ाने à¤à¥€ बंद होने लगी थी. हमने à¤à¤• दà¥à¤•ानदार से पूछा कि कà¥à¤¯à¤¾ मंदिर खà¥à¤²à¤¾ होगा उसने सकारातà¥à¤®à¤• उतà¥à¤¤à¤° दिया. मंदिर तक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के लिठकोसी नदी पर बने à¤à¤• पà¥à¤² पर से गà¥à¤œà¤°à¤¨à¤¾ होता है. शाम हो चà¥à¤•ी थी इसलिठमंदिर का रासà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¸à¤¾à¤¨ सा ही था. मंदिर à¤à¤• पहाड़ के शिखर पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है. जहाठसीढ़ियों पर चढ़कर जाना होता है. मंदिर काफी उंचाई पर है. मंदिर पहà¥à¤à¤š कर पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ चढ़ाया और माता का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ लिया. मंदिर से वापस होटल पहà¥à¤‚चे. जहाठरातà¥à¤°à¤¿ à¤à¥‹à¤œà¤¨ कर कल की सफारी की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ में खो गà¤.
अगले दिन हमारे पास दोपहर तक का समय खाली था . हमने होटल वाले से पूछा कि आस पास कहाठजा सकते हैं. होटल के मेनेजर ने सà¥à¤à¤¾à¤µ दिया कि आप रामनगर से कालाढूंगी जाने वाले मारà¥à¤— पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कॉरà¥à¤¬à¥‡à¤Ÿ जल पà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¤ को देख कर आ सकते हो. कॉरà¥à¤¬à¥‡à¤Ÿ फाल रामनगर से नैनीताल जाने वाली सड़क पर कालाढूंगी के निकट है.रामनगर से फाल की दूरी 27 किमी है. फाल तक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के लिठराजमारà¥à¤— से लगà¤à¤— à¤à¤• या डेड़ किलोमीटर अनà¥à¤¦à¤° जंगल में जाना होता है. फाल और रासà¥à¤¤à¥‡ के रख रखाव के लिठफाल तक जाने के परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों को शà¥à¤²à¥à¤• देना होता है. यह शà¥à¤²à¥à¤• वन विà¤à¤¾à¤—, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिया जाता है. आप अपने वाहन को अनà¥à¤¦à¤° ले जा सकते हैं. अनà¥à¤¦à¤° वाहन को पारà¥à¤• कर आधा किलोमीटर की पैदल यातà¥à¤°à¤¾ कर आप फाल तक पहà¥à¤à¤š सकते है, फाल चारों ओर घने जंगल से घिरा हà¥à¤† है. करीब 60 फीट की ऊंचाई वाला यह फाल à¤à¤• मनोरम दृशà¥à¤¯ देता है.
हम लोग गाड़ी पारà¥à¤• कर फाल के किनारे पहà¥à¤‚चे. फाल के बिलकà¥à¤² नीचे जाना à¤à¤• मà¥à¤¶à¥à¤•िल कारà¥à¤¯ है. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि फाल से आने वाला पानी नीचे आकर à¤à¤• छोटी सी नदी का रूप धारण कर लेता. यहाठपर फिसलन वाले पतà¥à¤¥à¤° होने की वजह से फाल के नीचे जाना मà¥à¤¶à¥à¤•िल है. यहाठफाल के पास आधा घंटा बिताने के बाद हमने वापसी की. रामनगर पहà¥à¤‚चकर दोपहर का à¤à¥‹à¤œà¤¨ जलà¥à¤¦à¥€ ही कर लिया. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कॉरà¥à¤¬à¥‡à¤Ÿ पारà¥à¤• में खाने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ नहीं है. इसके पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ हम कोसी नदी के किनारे à¤à¤• परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• होटल में अपने जिपà¥à¤¸à¥€ डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤µà¤° का इंतज़ार करने लगे. जो हमें à¤à¤¿à¤°à¤¨à¤¾ ज़ोन ले जाने वाले थे.  à¤à¤¿à¤°à¤¨à¤¾ ज़ोन में कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤†? हमने कà¥à¤¯à¤¾ देखा? कैसे और कà¥à¤¯à¥‚à¤Â हम सà¤à¥€ लोग अपनी जिपà¥à¤¸à¥€ को छोड़कर आननॠफानन में नजदीक के à¤à¤• वाच टावर पर चढ़ गà¤. यह सब अगले à¤à¤¾à¤— में.
धन्यवाद भारती जी, आपके द्वारा माँ गार्जिया देवी के मंदिर के बारे में पता चला. जय माता की. आखिर तीर्थाटन ही पर्यटन हैं, और पर्यटन ही तीर्थाटन हैं. और ऐसे तीर्थ हमारे देश के कोने कोने में स्थापित हैं. जिनके दर्शन के लिए एक जन्म तो कम है. धन्यवाद पुन: वन्देमातरम…
आनंद भारती जी,
बढ़िया शुरुआत, मनोरंजक पोस्ट. बस थोड़ी छोटी रह गई और तस्वीरों की भी कमी महसूस हुई. खैर, आनेवाले भागों से थोड़ी ज्यादा अपेक्षा रहेगी. अपना अनुभव साझा करने के लिए धन्यवाद.
मुकेशजी,
मेरी पिछली पोस्ट के बारे में सभी मित्रों ने बताया था कि पोस्ट ज्यादा लम्बी हो गयी थी. इसलिए इस बार कोशिश थी कि पोस्ट को थोडा छोटा रखूं. परन्तु आप जैसे सुधी पाठकों की प्रतिक्रियाओं से ऐसा लगा कि में इस बार भी पोस्ट को मैं संतुलित नहीं कर पाया. मंदिर पहुंचते पहुँचते अँधेरा हो गया था. इसलिए फोटो कम खींच पाए.
जिम कॉर्बेट तो 3-4 बार जाना हुआ ऑफीस की मीटिंग के लिए पर कभी भी गिरजा देवी मंदिर के दर्शन नही हुए , दर्शन करने के लिए धन्यवाद |
मेरे को भी फोटो कम लगे , मंदिर के आस पास के फोटो लगा सकते थे पोस्ट में और निखार आ जाता |
१९९९ से २००४ के बीच में हर साल कम से कम २ बार कॉर्बेट जाना हुआ और करीब करीब जंगल के अन्दर हर FRH (Foresh Rest House) में ठहरने का मौक़ा मिला | पिछले दो तीन बार थोडा बहुत ट्राई किया पर अंत में बाहर ही ठहरे | इस बार जब नोवेम्बर में पार्क खुलेगा तो फिर से कोशिश की जायेगी |
बरसात में गर्जिया मंदिर में आवाजाही दुर्लभ हो जाती है | काफी दिनों बाद आपका लेखा आया भारती जी | अगली कड़ी जल्द ही पढने की आशा है |
नंदनजी,
मेरे कुछ मित्रों को ठिकाला में अन्दर ठैरनें का मौका मिला मिला है. वे कहतें है कि बहुत ही अनोखा अनुभव था रात में जब अन्दर लाइट ऑफ कर दी जाती है और घना अँधेरा हो जाता है. ऐसे में दूर से जानवरों की आती हुए आवाजें एक रोमांच पैदा करती है. नवम्बर में प्रोग्राम बना रहे हो तो अभी तुरंत बुकिंग कर डालिए.
post achchha hai,par anya logo ki tarah mujhe bhi is post me thori bahut kami lagi,jaise garjia devi jane ka rasta 15 km hai,aapne ye clear nahi kia ki is 15 km me apni gaadi se kitni kilometre gae (,kyunki jaisa aapne likha hai ki 15 km safar tay karne me bahut samay laga) paidal kitna jana para? photo’s aur chahiye the.phir bhi itni achchhi jankari aapne di hai maza aa gaya.dhanywad
राजेश प्रिय,
रात होने कि वजह से ज्यादा फोटो नहीं खींच पाए. क्योंकि यह मंदिर पहाड़ी के एक शीर्ष पर है. दूसरा ऊपर मंदिर के आस पास बहुत कम स्थान है. जहाँ से आप फोटो ले सकते हो. मंदिर में ऊपर ज्यादा रौशनी इत्यादि की व्यवस्था नहीं है. मंदिर रामनगर से १५ किमी पर है. मंदिर के पास तक आप अपने वाहन को ले जा सकते है. पार्किंग से मंदिर की पैदल दूरी ३०० मीटर होगी. कोसी नदी पर बने पुल को पार कर मंदिर की सीढियां आती हैं.
बहुत अच्छा लगा आपका लेख पढ़कर…..कार्बेट फाल और माँ गर्जिया देवी के बारे में जानकर अच्छा लगा…..|
ऐसे ही लिखते रहिये….पर चित्रों का समावेश कुछ ज्यादा करे और अच्छा रहेगा……
धन्यवाद
wow… bareilly ka niwasi hokar bhi aaj tak ye saubhagya nahi mil paya ki Corbett ghum lu,jabki hardly 2 ghante ki doori par hai..:(
its so beautifull…
KAAL movie was shooted at this place only..
its so scenic location of UK…
thnx
Small but wonderful write up
आनन्द भारती आपका शानदार लेख पढकर आनन्द आ गया।
जैसा आपने कहा कि मेरे एक मित्र जो रामनगर(नैनीताल ) में रहते हैं वह काफी दिनों से अपने यहाँ आने का निमंत्रण दे रहे रहे थे. याद आते ही तुरंत कार्यक्रम बना कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में सफारी का आनंद उठाया जाये.
बिल्कुल कुछ ऐसा ही मेरे दोस्त दो महीने पहले हल्द्धानी तबादला होकर गये है, उन्होंने कई बार वहाँ आने के लिये कहा है, आपका लेख देखकर लग रहा है कि चला ही जाऊँ।
Sir g aapka lekh bahut acha laga me bhi april me nanital ja raha hu muje pahle jim corbett fall dekhna chaye ya phir nanital se aate huai dekhna chaye