सिक्किम त्रासदी : कुछ फुटकर यादें…
यही वज़ह है कि जब कोई प्राकृतिक आपदा उस प्यारी सी जगह को एक झटके में झकझोर देती है, मन बेहद उद्विग्न हो उठता है। हमारे अडमान जाने के ठीक दो महिने बाद आई सुनामी एक ऐसा ही पीड़ादायक अनुभव था। सिक्किम में आए इस भूकंप ने एक बार फिर हृदय की वही दशा कर दी है। हमारा समूह जिस रास्ते से गंगटोक फेनसाँग, मंगन, चूँगथाँग, लाचुंग और लाचेन तक गया था आज वही रास्ता भूकंप के बाद हुए भू स्खलन से बुरी तरह लहुलुहान
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