शहर का मेला – सूरजकुंड
मेले में एंट्री करते ही आपको अनायास ही दिल्ली हाट का ध्यान आता है, इस तरह का अधिकतर साजो सामान वहीँ मिलता है। वैसे एक बात और बताना चाहूंगा की इस मेले में यदि आप शुरूआती दिनों में आएंगे तो सामान कुछ अधिक कीमत पर मिलता है लेकिन अगर आप अंतिम शेष 2-3 दिनों में आएंगे तो सामान की कीमत में अच्छा खासा फर्क देखने को मिलेगा क्यूंकि विभिन्न राज्यों से आये हुए विक्रेता अपना सामान वापिस ले जाने के बदले स्टॉक क्लियर करने में ज्यादा रूचि रखते हैं। घर के लिए यदि आप फर्नीचर, चादर, वूडेन डेकोरेटिव आइटम्स आदि लेने के मूड में हैं तो सावधानी पूर्वक मोलभाव करने के बाद आगे की सोच सकते हैं अन्यथा जेब की सलामती के लिए मेरे जैसे अनारी तो कृपया दूर ही रहे। वैसे हमारा शॉपिंग वगैरह का विचार नहीं था, फिर भी एक बेडशीट, वेस्टकोट, लेडीज सूट और टॉय स्टेचू जो की हम मध्यमवर्गीय लोगों की जेब के अनुकूल थे, ले ही लिया।
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