Bhrithari

Ujjain Darshan-2 / उज्जैन दर्शन-2

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मोक्षदायिनी शिप्रा (क्षिप्रा) नदी: श्री हरसिद्धि मंदिर के पीछे कुछ ही दुरी पर क्षिप्रा नदी है. उज्जैन इस पवित्र नदी के पूर्वी छोर पर बसा हुआ है. इसके तट पर अनेक ऋषि मुनियों ने साधना की है. स्कन्द पूरण में कहा गया है की सारे भूमंडल पर शिप्रा के सामान कोई दूसरी नदी नहीं है, जिसके तट पर क्षण भर खड़े रह जाने मात्र से ही मुक्ति मिल जाती है. इसके पावन तट पर महँ सिंहस्थ (कुम्भ मेला) के अलावा सोमवती -श्रीशनिश्चरी अमावस्या, कार्तिक पूर्णिमा व ग्रहण आदि पर्वों पर लाखों नर नारी स्नान करके पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं. क्षिप्रा महासभा द्वारा प्रतिदिन गोधुली बेला में क्षिप्रा की महा आरती की जाती है.

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