दिल्ली दिल वालो की – 2
क़ुतुब मीनार से हम लोग माँ कात्यायिनी मंदिर छतरपुर पहुंचे. यह मंदिर क़ुतुब से २.५ कीलोमीटर दूर हैं. और गुडगाव, मेहरोली मार्ग पर पड़ता है. यह मंदिर दरअसल मंदिरों का समूह हैं. और माँ कात्यायिनी को समर्पित हैं.
Read Moreक़ुतुब मीनार से हम लोग माँ कात्यायिनी मंदिर छतरपुर पहुंचे. यह मंदिर क़ुतुब से २.५ कीलोमीटर दूर हैं. और गुडगाव, मेहरोली मार्ग पर पड़ता है. यह मंदिर दरअसल मंदिरों का समूह हैं. और माँ कात्यायिनी को समर्पित हैं.
Read Moreनगर से निकलते ही जबरदस्त कोहरे ने हमें घेर लिया।मैंने ड्राईवर इरफ़ान से गाड़ी धीरे चलाने के लिए कहा, खतौली पार करते ही जबरदस्त जाम लगा हुआ था,जाम के कारण गाड़ी बुढाना रोड से नहर की पटरी पर ले ली । बहुत ज्यादा कोहरा होने के कारण से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।गाड़ी धीमी रफ़्तार से चल रही थी। ड्राईवर कहने लगा की गाड़ी में डीजल नहीं हैं। मैंने कहा की सरधना नजदीक हैं वही पर भरवा लेगे, आगे पूरे सरधना में कही भी डीजल नहीं मिला, वापिस नहर की पटरी से मेरठ की और आकर के डीजल मिल पाया। रास्ते में एक बार गाड़ी नीचे नहर में गिरने से बची। खैर दिल्ली पहुँच कर राहत की सांस ली। चाचा जी के लड़के रवि के घर वैशाली पहुंचे, और वंहा से सभी लोग दिल्ली की सैर को चल पड़े।
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