Mumbai Tour Part -3 / मुंबई की सैर भाग -3 (बाबुलनाथ मंदिर, एंटीलिया और ताज महल होटल)

पिछली पोस्ट में मैंने आपको मुंबई के फ़िल्मी सितारों के घर, मुक्तेश्वर महादेव मंदिर, जुहू स्थित इस्कॉन मंदिर,  तथा सिद्धिविनायक मंदिर के बारे में बताया था. अब आज की यह पोस्ट इस मुंबई टूर सिरीज़ की अंतिम पोस्ट है जिसमें मैं आपको बाबुलनाथ महादेव मंदिर, तारापुरवाला एक्वेरियम, एंटीलिया, ताज महल होटल एवं गेट वे ऑफ़ इंडिया लेकर चलता हूँ.

मैंने मुंबई में एक चीज देखी की यहाँ की भागमभाग भरी ज़िन्दगी में लोग कई बार खाने को भी नज़र अंदाज़ कर देते हैं और शायद इसी वजह से मुंबई में फास्ट फ़ूड का चलन बहुत ज्यादा है. फास्ट फ़ूड भी मुंबई के लोगों ने अपनी आवश्यकता एवं रूचि के अनुरूप विकसित कर लिए हैं जैसे हेमबर्गर,पिज़्ज़ा और हॉट डॉग के बजाय यहाँ एक बड़ा वर्ग वडापाव, सेव पूरी, भेल पूरी, पाव भाजी आदि खाना पसंद करते हैं. मैंने तो महसूस किया की मुंबई में लोगों को रोटी बनाने और खाने की फुर्सत ही नहीं है, आधी मुंबई वडा पाव खा कर जिंदा रहती है. मुझे लगता है मुंबई की बेकरियां ही इस शहर की अन्नदाता हैं.

वडा पाव – वॉव यम्मी

वडा पाव का स्टाल

मैंने पिछले कई सालों से मुंबई के देसी फास्ट फ़ूड वडा पाव का नाम बहुत सुन रखा था लेकिन हमारे एरिया में ज्यादा प्रचलित न होने की वजह से इसका स्वाद कभी नहीं चख पाए थे, और आज हम सुबह घर से नाश्ता करके भी नहीं निकले थे अतः सोचा की चलो आज वडा पाव खा ही लिया जाए तो जी हमने एक छोटी सी दूकान से वडा पाव लेकर खाया जो मुझे इतना ज्यादा पसंद आया की वहां से आने के बाद आज तक मैं वडा पाव ढूंढ़ रहा हूँ, सोचता हूँ इंदौर में मिलता तो होगा लेकिन कहाँ यह नहीं मालूम.

खैर वडा पाव का आनंद लेने के बाद हम चल पड़े अपनी मुंबई घुमक्कड़ी पर, मुंबई के दादर स्टेशन से उतर कर हमें ऑटो लेकर आगे जाना था, इसी सिलसिले में हम दादर के सब्जी मार्केट से होकर गुजरे. यह सब्जी मार्केट इतना बड़ा था की हम यहाँ कुछ देर रुके बिना नहीं रह सके. जब मैंने सब्जियों का भाव पूछा तो मुझे बड़ा अच्छा लगा, इतने बड़े महानगर में इस मार्केट में मुझे सब्जियों के भाव काफी सस्ते लगे. सबकुछ था इस विशाल सब्जी मंडी में, हर तरह की एकदम ताज़ा सब्जियां, फल, फुल, गजरे, मालाएं और सब कुछ बिलकुल रियायती भाव में.

दादर का सब्जी बाज़ार

ख़ूबसूरत फुल मालाएं

एक बात मैंने देखी है, लोग जितना मुंबई की महंगाई का हौवा बनाते हैं वास्तव में मुंबई उतनी महंगी है नहीं, हाँ मुंबई में रहने के लिए ज़मीन तथा मकान का किराया या अन्य प्रोपर्टी ज़रूर महंगी  हो सकती है लेकिन बाकी चीजों में मुंबई मुझे सस्ती ही लगी. यहाँ हर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति के अनुरूप संसाधन उपलब्ध हैं, अगर कुछ लक्ज़री की बात छोड़ दी जाए तो एक आम मध्यम वर्गीय व्यक्ति के लिए यहाँ उसकी जेब के हिसाब से सारे साधन मौजूद हैं.

अगर मैं इंदौर जैसे मध्यम शहर की एक छोटी सी तुलना मुंबई से करूँ तो कुछ यूँ समझ में आता है – मुंबई में  2 से 3 किलोमीटर की दुरी ऑटो रिक्शा से 11 रु. में या टेक्सी(कार) से 17 रु.में की जा सकती है जबकि आप इंदौर में 30 रु. से कम में ऑटो में बैठ ही नहीं सकते हैं. मुंबई में एक वडा पाव जिसमें एक आलुबडा और एक पाव तथा चटनी होती है 6 से 7 रु. में मिल जाता है जबकि अकेला आलुबडा इंदौर में 8 रु. से कम में नहीं मिलता है. निम्बू पानी एक ग्लास मुंबई में 4 रु. का उपलब्ध है जबकि यही इंदौर में 8 से 10 रु. में मिलता है. पाव मुंबई में 1 रु. का एक मिलता है यही इंदौर में 2 रु. से कम कहीं नहीं है.मुंबई के एक सुपर मॉल में तरबूज 8 रु. प्रतिकिलो मिल जाता है जबकि यही तरबूज इंदौर में 15 रु. किलो मिलता है.ऐसी और भी बहुत सी चीजें मैंने देखी जो मुझे बहुत सस्ती लगीं. पता नहीं क्यों लोग मुंबई को नाहक बदनाम करते रहते हैं? और हाँ एक चीज़ तो भूल ही गया मुंबई लोकल में 8 से 10 किलोमीटर का सफ़र मात्र चार रुपये में तय किया जा सकता है. खैर चलिए चलते हैं हमारे अगले डेस्टिनेशन…….बाबुलनाथ मंदिर.

बाबुलनाथ मंदिर:

बाबुलनाथ मंदिर मुंबई में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर है. मंदिर एक पहाड़ी पर समुद्र तल से लगभग 1000 फिट की दुरी पर स्थित है. मंदिर पर लिफ्ट से भी जाया जा सकता है, लेकिन लिफ्ट समय सारणी के अनुसार चलती है. हम लोग जब मंदिर पहुंचे तब लिफ्ट चल रही थी अतः हम सब लिफ्ट से ही मंदिर पहुंचे.

कहा जाता है की बाबुलनाथ शिवलिंग तथा मूर्ति की स्थापना सबसे पहले 12 वीं शताब्दी में उस समय के हिन्दू राजा भीमदेव ने की थी. सदियों पहले यह शिवलिंग तथा मूर्ति समय के गर्त में समा गईं थीं तथा बाद में सन 1700 से 1780 के बीच में इन मूर्तियों को पुनः खोजा गया. पहला मंदिर सन 1780 में निर्मित हुआ.

बाबुलनाथ मंदिर प्रवेश द्वार

बाबुलनाथ मंदिर

बाबुलनाथ मंदिर पर चढ़ने के लिए लिफ्ट

बाबुलनाथ मंदिर सभाग्रह

श्री बाबुलनाथ महादेव

बाबुलनाथ मंदिर

बाबुलनाथ मंदिर से दिखाई देती भारत की सबसे ऊँची जुड़वाँ बिल्डिंग “इम्पीरियल टॉवर्स”

बाबुलनाथ के पहले मंदिर की देख रेख तथा प्रबंधन गुजराती समाज के द्वारा किया जाता था. 1890 में यहाँ गुजराती व्यापारियों ने पैसा इकठ्ठा करके तथा बड़ोदा के महाराजा सयाजी राव गायकवाड के सहयोग से नया मंदिर बनाया तथा अभी जो मंदिर यहाँ स्थित है वह 1890 में बनवाया गया है. 1980 तक बाबुलनाथ मंदिर मुंबई का सबसे ऊँचा मंदिर था.

आज के समय में यह मुंबई का सबसे सुन्दर मंदिर है तथा हर सोमवार को महाशिवरात्रि पर यहाँ भक्तों की भीड़ उमड़ती है. बाबुलनाथ मंदिर के दर्शनों के बाद अब हमारी अगली मंजिल थी……..तारापुरवाला एक्वेरियम.

तारापुरवाला एक्वेरियम:

तारापुरवाला मछलीघर मुंबई शहर का एकमात्र एक्वेरियम है जिसका निर्माण सन 1951 में आठ लाख रुपये की लागत से हुआ था. यहाँ पर समुद्री तथा स्वच्छ पानी की 100 से भी ज्यादा विभिन्न प्रजाति की मछलियाँ और पानी के अन्य जीव जैसे कछुए, झींगे, इल, स्टार फिश आदि प्रदर्शित किये गए हैं. एक अलग कक्ष में बोतलों में समुद्री तथा पानी के जीवों के जीवाश्म तथा मछलियों को संरक्षित करके रखा गया है. यह एक्वेरियम प्रसिद्द मरीन ड्राइव के नजदीक स्थित है. इसका नाम एक प्रसिद्द समाजसेवी के नाम पर रखा गया है जिन्होंने इसके निर्माण के लिए दो लाख रुपये का दान में दिए थे.

तारापुरवाला एक्वेरियम

आज के हमारे भ्रमण के दौरान हमें विशाल जी ने एक बहुत ही नायाब चीज़ के दर्शन करवाए, और वो है “एंटीलिया” पहचाना आपने? विश्व का सबसे महंगा घर “एंटीलिया”. प्रसिद्द उद्योगपति मुकेश अम्बानी का घर “एंटीलिया”. तो आइये हो जाये कुछ जानकारी इस दुनिया के सबसे महंगे घर के बारे में.

एंटीलिया- मुकेश अम्बानी का निवास:

एंटीलिया दक्षिण मुंबई में स्थित एक सत्ताईस मंजिला भवन है (उंचाई के हिसाब से साठ मंजिल के बराबर) जो की रिलायंस उद्योग के अरबपति चेयरमेन मुकेश अम्बानी का निवास स्थान है. इस घर की देख रेख के लिए पुरे 600 का स्टाफ है और इसी वजह से इसे विश्व का सबसे महंगा घर करार दिया गया है. इसे 21 वीं सदी के भारत का ताज महल भी कहा जाता है.

इस घर में मुकेश अम्बानी उनकी पत्नी नीता अम्बानी, उनके दो बच्चे एवं उनकी माँ कोकिला बेन अम्बानी रहते हैं.

एंटीलिया का ग्राउंड फ्लोर

एंटीलिया

अकूत दौलत का छोटा सा नमूना

मुकेश अम्बानी के घर के सामने मुकेश भालसे

एंटीलिया की विशेषताएं:

1. 40000 स्के. फीट रहने की जगह.

2. 168 कारों के लिए पार्किंग की जगह.

3. एक पूरी मंजिल वाहनों की मरम्मत तथा रख रखाव के लिए.

4. 9 लिफ्टें तथा 3 हेलीपेड.

5. 50 लोगों के बैठने की क्षमता वाला थियेटर आठवें माले पर.

इस दुर्लभ घर को हर कोण से निहारने के बाद हम चल पड़े अपनी अगली मंजिल ताज महल होटल एवं गेट वे ऑफ़ इंडिया की ओर.

मरीन ड्राइव

मरीन ड्राइव

ताज महल होटल:

ताजमहल होटल मुंबई के कोलाबा इलाके में गेट वे ऑफ़ इन्डिया के सामने स्थित एक अत्यंत ख़ूबसूरत पांच सितारा होटल है तथा अपने ऐतिहासिक महत्त्व एवं विशिष्ट निर्माण कला की वजह से मुंबई के कुछ चुनिन्दा दर्शनीय स्थलों में से एक भी है.यह होटल प्रसिद्द औद्योगिक समूह टाटा ग्रुप की संपत्ति है.

लगभग 109 साल पुराने इस होटल ने अब तक विश्व भर की कई प्रसिद्द हस्तियों की मेहमान नवाजी की है उनमें से कुछ हैं बिल क्लिंटन, नोर्वे के रजा और रानी, ड्यूक ऑफ़ एडिनबर्ग, प्रिंस ऑफ़ वेल्स, एंजेलिना जोली, ब्रेड पिट, हिलेरी क्लिंटन, बराक ओबामा, ओप्रा विनफ्री और भारत में आनेवाली कई देशों की क्रिकेट टीमें आदि. होटल में कुल 565 कमरे हैं.

होटल का शुभारम्भ 16 दिसंबर 1903 में हुआ था, कहा जाता है की जमशेद जी टाटा को उस समय के मुंबई के एक प्रसिद्द होटल वाटसन होटल में प्रवेश नहीं करने दिया गया क्योंकि यह होटल सिर्फ गोरे फिरंगियों को ही प्रवेश देता था तो उन्होंने उसी समय निर्णय लिया की मैं इससे भी बड़ा होटल बनवाऊंगा.

इस होटल के वास्तविक वास्तुविद थे सीताराम खंडेराव वैद्य, अशोक कुमार और डी.एन.मिर्ज़ा लेकिन इस परियोजना को पूर्ण किया अंग्रेज इंजिनियर डब्ल्यू. ए. चेम्बर्स ने.

ताज महल होटल – मुंबई की शान

ताज महल होटल – मुंबई की शान

गेट वे ऑफ़ इंडिया तथा समुद्र तट से जो हिस्सा इस होटल का दिखाई देता है वह वास्तव में इसका पिछवाडा है और सामने का हिस्सा इसकी विपरीत दिशा में है.

ऐसा कहा जाता है की इस होटल के वास्तुविद (आर्किटेक्ट) ने गलती से समुद्र (हार्बर) की ओर इसका पिछला हिस्सा बना दिया जबकि इस ओर अगला हिस्सा होना था. होटल बन जाने के बाद उसे लोगों बार बार यह कहा की इतने सुन्दर तथा महंगे भवन को आपे उल्टा बना कर उसकी पूरी सुन्दरता नष्ट कर दी. लोगों ने उसे इस बात पर इतना कोसा की वह मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गया और उसने आत्महत्या कर ली.

लेकिन होटल प्रबंधन का मत है की सच्चाई यह नहीं है, सच्चाई यह है की ऐसा निर्माण जान बुझ कर किया गया है. ऐसा संभवतः इसलिए किया गया की घोडा गाड़ियाँ जो शहर के अन्य हिस्सों से यहाँ तक मेहमानों को लेकर आती थी उनकी सुविधा के लिए समुद्र से विपरीत दिशा में प्रवेश द्वार बनाना ज्यादा आवश्यक था. (अब सच्चाई क्या है यह भगवान ही जानता है)

गौरतलब है की 26 नवम्बर 2008 को इस होटल पर एक जबरदस्त आतंकवादी हमला हुआ था जिसके बारे में हम सभी जानते है.

गेट वे ऑफ़ इंडिया:

गेटवे ऑफ़ इंडिया एक ऐतिहासिक स्मारक है जो की होटल ताज महल के ठीक सामने स्थित है. यह स्मारक साउथ मुंबई के अपोलो बन्दर क्षेत्र में अरब सागर के बंदरगाह पर स्थित है. यह एक बड़ा सा द्वार है जिसकी उंचाई 26 मीटर (85 फीट) है. अरब सागर के समुद्री मार्ग से आनेवाले जहाजों आदि के लिए यह भारत का द्वार कहलाता है तथा मुंबई के कुछ टॉप टूरिस्ट स्पोट्स में से एक है.

यह स्मारक किंग जोर्ज पंचम तथा क्विन मेरी के सन 1911 में समुद्री मार्ग से भारत आगमन पर उनके स्वागत के लिए बनवाया गया था.

गेटवे ऑफ़ इंडिया पर बंदरगाह के पास

गेटवे ऑफ़ इंडिया

गेटवे ऑफ़ इंडिया

गेटवे ऑफ़ इंडिया पर बंदरगाह के पास

गेटवे ऑफ़ इंडिया

यह हमारे मुंबई भ्रमण का आखिरी दिन था. अगले दिन रात को हम पंजाब मेल एक्सप्रेस से अपने घर पहुँच गए. अब इस श्रंखला को मैं यहीं समाप्त करता हूँ और अलविदा कहता हूँ अपने साथियों से……………कुछ समय बाद उपस्थित होऊंगा अपनी अगली पोस्ट के साथ. तब तक के लिए हैप्पी घुमक्कड़ी……………

 

अलविदा मुंबई……………..

43 Comments

  • JATDEVTA says:

    मुकेश भाई जोरदार लेखन के साथ समापन, इस पूरी बोम्बे वाली सीरिज में काफ़ी कुछ दिखाने की आपने कोशिश की है, बोम्बे में होते हुए विशाल ने आपको बोम्बे पूरा नहीं घुमाया जहाँ तक मुझे याद है कि उसने सिर्फ़ लोकल में ही घुमाया, यह तो उसकी अच्छी बात नहीं लगी, जैसा की आपने शुरु में बताया था कि आप उसके घर रुके उसके बाद उसकी नैतिक जिम्मेदारी बनती थी कि आपको स्वयं बोम्बे घुमाता, वैसे यह भी ठीक रहा कि आपके बताये अनुसार टैक्सी में बैठ कर अपने आप ही ज्यादातर जगहों पर घूम आये। विशाल से यह उम्मीद नहीं थी,
    पहले मेरा इरादा विशाल के साथ बोम्बे घूमने का था लेकिन मुझे लग रहा है मुझे आने वाला वो ट्रिप अकेले ही करना पडेगा,
    सबसे अच्छा लगा, मुकेश अम्बानी के घर के सामने व मुकेश भालसे वाला चित्र।

    नई सीरिज कौन सी ला रहे हो?

    • Mukesh Bhalse says:

      संदीप भाई,
      बहुमूल्य टिप्पणी के लिए आपको धन्यवाद. मैं ऐसा नहीं कहूँगा की विशाल ने हमें ठीक से घुमाया नहीं, विशाल हर जगह हमें अपने साथ ही लेकर गया था और इतनी जगहों में से एक भी जगह हम अकेले नहीं गए थे, क्योंकि हमें मुंबई की कोई जानकारी नहीं थी. आज के समय में मुंबई जैसे महानगर में एक अनजान परिवार को तीन दिन के लिए अपने घर में मेहमान नवाजी करवाना और अपने साथ घुमाना अपने आप में बहुत बड़े दिल वाली बात है इसलिए मुझे इस मामले में विशाल से कोई शिकायत नहीं है बल्कि मैं उसका शुक्रगुज़ार हूँ. शायद आपको इस मामले में कुछ ग़लतफ़हमी हुई है.

  • Mahesh Semwal says:

    आमची मुंबई का ये सफ़र बहुत ही सुहाना रहा | कुछ महीने पहले एक विदेशी मेहमान official ट्रिप पे आए ,दिल्ली का काम ख़तम करने के बाध हम चल दिए मुंबई | जसलोक हॉस्पिटल अंतिला के पास ही है , जब मेने उनको अंतिला दिखाया तो उनके मुह से एक ही बात निकली ” its a wastage of money ” , पाँच लोगों के लिए 27 मंज़िला घर , 600 लोग सेवा के लिए |

    • Mukesh Bhalse says:

      महेश जी,
      प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया. वैसे बात तो उस फिरंगी की सही ही है, हमारे जैसे देश के लिए इतना खर्चीला आवासीय भवन सचमुच दौलत का दिखावा ही है और कुछ नहीं.

  • चलिए सीरीस खतम करने पर बधाई . मुझे नहीं लगता किसी ने घुमाक्कर पर पहले मुंबई के ऐसे दर्शन करवाए. वडा पाँव मुंबई कि जान है . आपको हर एक गली में एक वडा पाँव बेचने वाला मिल ही जयीगा और बहुत स्वादिस्ट होता है और और खाने के मुकाबले सस्ता भी. अब जम्बो वडापाव करके एक दूकान है जिन्होंने हर एक स्टशन के सामने दुकानों कि चैन खोली है.
    बाबुलनाथ मंदिर बहुत शांत जगह है थोडा ट्राफिक से दूर ऊपर एक छोटे पहाड़ पर और शिवलिंग बहुत सुन्दर है , आपने शिवलिंग का फोटो तो लिया था . लगाया क्यूँ नहीं ?????
    एंटीलिया की कहानी में सबसे बड़ा मजाक यह है की मुकेश अम्बानी वहा पर रहते ही नहीं क्यूंकि उसमे वास्तु दोष है और यह उसे बादमे पता चला. अब उनका परिवार वह घर में पार्टी करता है और चला जाता है. इतना खर्चा करने के बाद ऐसी हालत . भोगी के पास वास्तु है लेकिन उसे भोग नहीं सकता.LOL.५००० करोड रू का घर और रहते है मुकेश अम्बानी के नौकर .LOL.
    ताज महल होटल फिरभी बहुत बड़ा स्मारक है . सोचो पाकिस्तानियों ने इसे चुना था हमलों के लिए.लगातार साडे तीन दिन तक यहाँ बमबारी और गोलीबारी की थी.
    लोगोको मुंबई दर्शन कराने के लिए धन्यवाद.

    • Mukesh Bhalse says:

      कमेन्ट के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद. वड़ा पाव मुझे भी बहुत पसंद आया, और सबसे अच्छा वड़ा पाव मुझे लगा था मडगांव रेलवे स्टेशन का. शिवलिंग का फोटो लगाना मुझसे छुट गया, अब लगा दूंगा.

  • क्या बात हैं मुकेश भाई अन्तिलिया के बाहर खड़े हुए बिलकुल अम्बानी लग रहे हो. ये भारत के लिए गौरव कि बात हैं कि जो दुनिया का सबसे महंगा घर मुंबई मैं मुकेश अम्बानी का हैं. और भाई आपका बटाटा बड़ा पाव देखकर तो ऐसा लगता हैं कि काश यह कंप्यूटर से निकल कर हमारे मुह मैं आ जाए. यह तो मुंबई का राष्ट्रीय खाना हैं. गेटवे ऑफ इंडिया तो मुंबई कि शान हैं ही, साथ साथ होटल ताजमहल भी. आपके साथ हम भी अक्खा मुंबई घूम लिए धन्यवाद.

    • क्षमा चाहता हूँ प्रवीण जी मै ऐसे कमेन्ट कभी नहीं करता जिससे लोगो को ठेस पहुचे लेकिन यह कोई गौरव की बात नही कि दुनिया का सबसे मेहेंगा घर मुंबई में भारत में है . भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा भूखे बच्चे है जिससे हम malnutrition कहते है .उसपर ऐसी टिपण्णी ठीक नहीं. यह बात तो भारत के और दुनिया के बड़े लोगो ने कही है इस आलिशान घर के बारे में.तो फिर किस बात का गौरव ?
      इसके देखा देखी अनिल अम्बानी ने bandra में कार्टर रोड पर अपना आशियाना बनाना शुरू किया . यानी यह उससे भी मेहेंगा होगा .

      और हाँ वडा पाँव मुंबई का राष्ट्रीय खाना है , यह बात समज में नहीं आई . मुंबई का राष्ट्रिय क्या होता है राष्ट्रीय भारत का होता है. आप यह कह सकते है मुंबई का पसंदीदा खाना कह सकते हो . और गेटवे ऑफ इंडिया भारत की शान है क्यूंकि वोह गेटवे ऑफ इंडिया है गेटवे ऑफ मुंबई नहीं.

      धन्यवाद.

      • rajesh priya says:

        rastriya nahi bada paw mumbai ka rajkiya khana hai.

      • विशाल जी मैंने ये बात किसी को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं की, मुकेश जी का नाम मुकेश अम्बानी से मिलता हैं मैंने इसलिए कंहा था. रही बात अन्तिलिया की वो चाहे ६००० करोड में बना हो या फिर १०००० करोड में बना हो, उसमे हमें और आपको तो रहना नहीं हैं, हाँ ये बात है की जिस भारत को विदेशो में भूखा नंगा कहा जाता हो यदि उसके लोग ऐसे शानदार घर बनवा रहे हो तो उसमे दिक्कत क्या हैं, चाहे उसमे मुकेश अम्बानी हो या फिर लक्ष्मी मित्तल हो, ये लोग हमारे देश की प्रगति के प्रतीक हैं, ना की ये ठग नेता, जिन्होंने कई लाख करोड स्विस बैंको में भर दिए हैं. रही बात गेटवे ऑफ इंडिया की मैं अपनों बात में सुधार करते हुए इसे भारत की गुलामी की निशानी कहूँगा. बड़ा पाँव को राष्ट्रीय कहलो, राजकीय कहलो, है तो मुंबई का खाना, जिसे अमीर हो या गरीब सभी बड़े चाव से खाते हैं.

        • प्रवीण जी नमस्कार,

          जब हमारे देश में प्रगति कर रहे हो और भारत के लोगो द्वारा और भारत के संसाधन इस्तमाल करके तो भारत देश और उसके लोगो का भी सोचना चाहिए . मै उनके पास के धन कि अपेक्षा किसी को दान या सेवा में लगाने कि नहीं कर रहा हूँ. लेकिन मै आपको केवल एक उदाहरण देना चाहता हूँ. मुंबई और दिल्ली में ऐसे कई घर जिसमे केवल बाथरूम कि लाइट जलाने के लिए ६ से ७ बल्ब और फोकस इस्तेमाल करते है और उनके घर पर light sensors है जो दिन हो या रात हो यह देखे बार ही कोई उधर से गुजरता है तो लाइट on हो जाती है और उसको हाथो से चला नहीं सकते. हमारे मुकेश अंबानी उस घर में रहते नहीं है क्यूंकि वास्तु दोष है लेकिन पूरे दिन पूरी रात उनके २७ माले कि बिजली जलती है. उनका घर जितनी बिजली इस्तमाल करता है उनसे मेरे घर के जैसे कम से कम ५०००० घर तो जल सकते है . ऐसे बहुत सारे घर है मुंबई जो ऐसे है. आजकल फ्लेट के हाल में फ़ाल्स सीलिंग लगाकर एक ट्यूब लाईट कि जगह १० – १२ लाईट लगाते है .
          इसकी वजह से मुंबई के बहार वाले छोटे छोटे शहर में ” लोड शेडिंग ” होता है . बेचारे पैसे भरने कि योग्यता होने बावजूद ७ – ८ घंटे बिना बिजली के रहते है . यह हाल कल्याण , बदलापुर , अम्बरनाथ , नवी मुंबई आदि शहरों में है . इसके वजह से उन करोडो लोगो कि आर्थिक , मानसिक और भाव्तिक नुकसान होता होती है.
          मेरे ख़याल से दिल्ली के आजू बाजू के शहर में येही हाल है कि बिजली कि कमी है. घाजियाबाद , मीरट , मुज्ज़फर्नगर . आदि .है ना ?
          फिर बिजली कि कमी के कारण प्राइवेट कंपनी अपने बिजली के tariff बढ़ाती है .
          और रही बात नेताओं कि, आपको क्या लगता नेता के साथ यह व्यह्पारी लोग नहीं मिले है . नेता लोग देश कि पोलिसी इनके फायदे के हिसाब से ही बनाते है. क्या यह आपको नहीं पता ?
          यह तो केवल एक उदाहरण है और ऐसी सब वजहों से भारत में इतनी मेहेंगाई कि मार हम आप जैसे आम जनता को ही सहनी पड़ती है , उनको तो कोई फरक नहीं पड़ता. और यह पैसे आम जनता कि है जो बिजली कंपनी ( रिलाइंस एनर्जी ) को ही जाता है . जनता के पैसे उनके पास जाते है और जनता को पता ही नहीं होता .और आप उनको ही भारत का गौरव कहते हो. अगर भारत का गौरव कहना है तो गाँधी, मथर टेरेसा ,तिलक,पटेल ऐसे बहुत से लोग है जिन्हें आप कह सकते हो. और आप business icon या परगति का प्रतिक संमजते हो तो धीरूभाई अम्बानी को कह सकते हो जिन्होंने शुन्य से शिखर तक प्रगति कि है. वे चाहते तो ऐसा घर बना सकते थे .लेकिन भाई उन्होंने दुनिया देखी थी.
          वैसे मै भी कोई विवाद नहीं चाहता बस केवल आपको यह चीज़े बताना चाहता हूँ. धन्यवाद .

          • विशाल जी मैं आपकी बात से सहमत हूँ, धन्यवाद.

          • Mayank Khanduri says:

            I agree with Vishal ji. Any how Mukesh ji have bring Mumabi in this blog in a very interesting manner. I have been in Mumbai but couldn’t saw babulnath temple. Thanks for providing the details and photographs.

            I would say that there is every right to Mukesh Ambani to spend his money. But,any wastage of resources should be avaoided. You can spend luxury life but please don’t make a mockery of millions indians by showing off in such wastage of money. Antilla is not an architectural marvel, nor it is a milestone for any building design. it shows the bad taste and bad aesthetic sense of the owners. It even doesn’t represents the progress of India.

          • bilkul sahi, sachhi aur kadvi baat kahi hai aap ne bhai sahab!!

    • Mukesh Bhalse says:

      @ प्रवीण जी,
      बहुत बहुत धन्यवाद इस प्रयास को पसंद करने के लिए, आगे भी कोशिश रहेगी ऐसा ही कुछ अच्छा लेकर आने की.

  • Subodh says:

    बहुत बढ़िया … एक सुन्दर सहर का सुन्दर वर्णन .. मरीन drive मुंबई की एक ख़ूबसूरत और मेरी पसंदीदा जगह है … रात को १२ बजे के बाद आप मरीने drive जायेंगे तो तो अलग ही माहौल रहता है … इस जगह पर बैठ कर बहुत लोगो ने सपने देखे हैं और वो पुरे भी हुए हैं … एक यात्रा का वर्णन ख़तम हुआ ताकि दूसरी यात्रा की जाये और फिर उसके बारे में सबको बताया .. और हमारी जिंदगी की तरह ये कभी रुकना नहीं चाहिए..

    • सुबोध,
      आपके द्वारा निरंतर उत्साहवर्धन और सपोर्ट के लिए मैं आभारी हूँ. क्या आपने कोई सपना देखा है, मेरिन ड्राइव पर बैठकर? अब अगला टूर तो सुबोध जी, कुछ सितम्बर अक्तूबर में प्लान कर रहे हैं. बिच में कोशिश करूँगा आपको मेरे आस पर की कुछ जगहों की सैर कराने की.

  • Mahesh Semwal says:

    Dear Mukesh ,

    If I am not wrong , Hotel Taj Mahal is India’s first five star hotel.

    • Mahesh ji,
      There is a controversy between hotel Sun and Sand Mumbai and Hotel Tajmahal on being first 5 Star hotel in India, Also Hotel Ashoka Delhi claims for the same. If someone knows the fact please share.

      • D.L.Narayan says:

        Taj Mahal Hotel was inaugurated in 1903, making it the first luxury hotel in India. Monarchs, Heads of Government and Heads of State have stayed here. It is the first choice for those who can afford it.

        Star rating of hotels was not done in those days. The Ashoka and Sun n Sand were built in the post Independence era so while they might have applied for a star rating from an accreditating agency and acquired such a rating, they can in no way be compared with the Taj which is one of the best in the world.

        The story goes that J.N.Tata was refused entry into a British run luxury hotel since Indians were not allowed as guests. This made him decide to build the finest hotel in India in Mumbai. Though it is over a century old and was subjected to a dastardly terrorist attack, it remains India’s finest hotel by far.

  • lakshay says:

    very good and informative post about mumbai. nice photos.
    @mukesh- intend no harm, in my personal opinion family photos should be less on a public forum.

    @ vishal- every one want to show his wealth, so nothing wrong in antilia. your pakistan attack example is very bad. i am agree with you about vada pao and gateway of india.

    @ mahesh- ambanis are a example for every indian. if he have 600 people in his staff, whats wrong ?. he is a big businessman.

    i am not a spokesperson from reliance or mukesh ambani. but, once i read somewhere in ghumakkar.com from nandan – we should refrain from personnel comments.

    once again, thanx mukesh bhalse for a trip of mumbai- dream city of every indian.

    thanx

  • Nandan Jha says:

    मुंबई एक मात्र शहर नहीं, एक सम्पूर्ण तंत्र है :-) | ना जाने कितने लोगो का प्रेरणादायक बना है, कितने ही गाने, कितनी ही फिलिम | मैं मुंबई कम से कम ६-८ बार गया हूँ पर कभी भी पयर्टन के दृष्टि से नहीं घूम पाया | मुकेश, बहुत ही विस्तार और तन्मयता से आपने मुंबई के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया , साधुवाद |

    क्या सही है, क्या ग़लत , ये एक बहुत बड़ा सवाल है | हर आदमी अपनी सूझ बूझ से सही करने की कोशिश करता है | घुमक्कड़ घुमक्कड़ी पर फोकस्ड रहे तो सबसे बढ़िया, जय घुमक्कड़ी |

    • धन्यवाद नंदन, प्रयासों की सराहना के लिए.
      समुद्र तट पर स्थित होने होना भी इस शहर की खूबसूरती का एक अहम् कारण है. जब हम मुंबई घूम रहे थे, हमें आश्चर्य होता था की कहीं से भी घूम घाम कर जाओ कहीं न कहीं समुद्र मिल ही जाता है.

    • Mayank Khanduri says:

      I do agree that we shouldn’t make personal comments. But, we all are human beings and sometimes emotinal. We can’t be a Ghumakkar with our mind closed and mouth shutted. Ghumakkar is a large family and we should respect each other comments and views and there should be the freedom to express the way we think. We all are sensible enough to know where to stop any open ended argument.

      Ghumakkare Jindabad. Jai Ghumakadi.

  • Ritesh Gupta says:

    मुकेश जी…..
    आपने भारत की आर्थिक राजधानी, करोड़ो लोगो का सपनो का शहर “मुंबई” के बारे काफी अच्छे और जानकारी युक्त वर्णन किया हैं |
    मुंबई के बारे में इस सुन्दर श्रृंखला के समापन पर आपको बहुत-बहुत बधाई….|
    आपने अपने लेख में बड़ा पाव का जिक्र किया बहुत अच्छा लगा जानकार ….बड़ा पाव मुंबई के आलावा गोवा में भी बहुत प्रसिद्ध हैं …अपनी गोवा यात्रा (पण जी) में हम नाश्ते सुबह-शाम “बटाटा बड़ा पाव” और “मिर्ची पाव” ही खाते थे और हमें तो बहुत ही स्वादिष्ट लगे थे…गोवा में भी ज्यादातर बड़ा पाव का ही चलन हैं |
    मुंबई के बाबुलनाथ महादेव मंदिर, तारापुरवाला एक्वेरियम, एंटीलिया, ताज महल होटल एवं गेटवे ऑफ़ इंडिया के बारे में काफी कुछ जानने को मिला और इन सभी जगह के फोटो भी बहुत अच्छे लगे.. |
    अंत में आपके साथ लेख के माध्यम से मुंबई घूम कर बहुत अच्छा लगा….|
    धन्यवाद

    • रितेश,
      आपकी कमेंट्स के तो हम शुरू से मुरीद हैं, सीधा सच्चा और सटीक आकलन.
      धन्यवाद.

  • SilentSoul says:

    This was great series Mukesh ji. I have seen only Gateway of India, during all my visits to Mumbai
    thanks for showing Bombay in details. you have taken care of minute details.

    I was surprised to know that Bombay is cheaper than Indore this is unbelievable, yet true as per your account.

    So your Name sake Mukesh has gifted such costly house to his wife…by taking cue from him you should also gift something similar to Kavitaji.

    I enjoyed the series.

  • Silent sol ji,
    Thank you very much for your heartening comment. Yes sir, Mumbai takes care of people of all financial standings from richer to poorer.

    And yes Kavita’s Birth day is coming on 26th of this month (4 days later) so…………………..गिफ्ट तो बनता है.

  • Mukesh Bhalse says:

    Some remarkable quotes about Antilia, Sourse- Wikipedia.

    -“ It’s a stupendous show of wealth, it’s kind of positioning business tycoons as the new maharajah of India” — Hamish McDonald, author of Ambani & Sons: A History of the Business.

    -Recently Ratan Tata said that “It’s sad Mukesh Ambani lives in such opulence”

    -Some Indians are proud of the “ostentatious house”, while others see it as “shameful in a nation where many children go hungry. ” Dipankar Gupta, a sociologist at New Delhi’s Jawaharlal Nehru University, opined that “such wealth can be inconceivable” not only in Mumbai, “home to some of Asia’s worst slums,” but also in a nation with 42 percent of the world’s underweight children younger than five.

  • पहला फोटो बड़ा पाव का देखकर मुंह में पानी आ गया.

    • Mukesh Bhalse says:

      भगत सिंह जी,
      वडा पाव सचमुच बड़े काम की चीज है, स्वाद तो लाजवाब है ही, दो खा लो तो पेट भी भर जाता है. इंदौर में तो नहीं मिलता, भोपाल में मिलता है क्या?

  • D.L.Narayan says:

    Thank you, Mukesh, for a wonderful series on Mumbai. Truly loved it and enjoyed it. You have showcased all the facets of Mumbai from shrines to star homes and everthing in between.

    It felt nice to see you posing in front of a white elephant called Antilia. While I wish that one day you too will become as rich as your namesake, the Chairman of RIL, I am sure that you will live in a simple house and spend the rest on charity.

    • Mukesh Bhalse says:

      DL (It happens very tough for me to write only DL, but to take care of your wish I am bound to),

      Thanks you sir for your appreciation and encouragement. You are absolutely right, If I will be blessed with such huge amount of wealth I’ll definitely live in a simple home and will spend the rest for welfare of unprivileged.

      Thanks.

  • Neeraj Jat says:

    मुकेश अम्बानी के घर के सामने मुकेश भालसे
    शानदार कैप्शन। हंसी रुक नहीं रही है।
    आज आपने एक प्रयोग किया है, मुझे बहुत अच्छा लगा। आपने कविता जी के साथ खुद को भी दिखाना शुरू कर दिया है। आपकी जोडी अच्छी लगती है।

    • Mukesh Bhalse says:

      जाट महाराज,
      आज पहली बार आपके मुंह से अच्छी बातें सुनकर मैं धन्य हुआ. ईश्वर से कामना करूँगा की आपको भी जल्द ही बड़ी अच्छी सी, सुन्दर सी जाटनी मिले, और आपकी जोड़ी भी खूब जमें.

      • Neeraj Jat says:

        मुकेश जी, आपको अन्दाजा नहीं होगा कि मैंने ऊपर वाले कमेण्ट की पहली लाइन लिखने में कितनी मेहनत की। मुझे वो कैप्शन अच्छा लगा, और मुझे उसका जिक्र जरूर करना था, लेकिन साथ ही यह भी डर था कि कहीं आप इसे कटाक्ष ना समझ बैठें। कई बार लिखा और मिटाया, लिखा और मिटाया, हर बार यही लगता था कि मुकेश इसे कटाक्ष समझेंगे। कहां अम्बानी और कहां भालसे- कुछ इस तरह का कटाक्ष। आखिरकार लिख ही दिया।
        मैं तो हमेशा से अच्छी बातें ही कहता था, तभी तो आप हमेशा मानते थे। अगर मैं उस दिन कविता जी को ना हटवाता, तो आज आपकी जोडी नहीं दिखाई देती। सारा आकर्षण कविता जी ही ले जाती थीं।

  • Surinder Sharma says:

    मुकेश जी बहुत अच्छा वर्णन आप ने मुंबई के बारे में किया है. वडा पाँव बहुत बढिया, आयल फ्री डिश है और हर सब्जी मिक्स होती है. मुंबई को छोड़ कर बहुत कम लोग जा पाते हैं, खुदा जाने समुदर से घिरे टापू में ऐसी कौन शक्ति है . धन्यवाद.

    • Mukesh Bhalse says:

      शर्मा जी,
      आपको वर्णन पसंद आया, मेरे लिए बड़े ही हर्ष की बात है. मुंबई में आकर्षण है इसीलिए तो इसे मायानगरी कहते है. और वडा पाव की तो बात ही निराली है. पिछले दो तीन दिनों में वडा पाव का इतना जिक्र जेहन में आया है की बस अब तो खाने का मन हो रहा है.

  • मैं अभी तक मुंबई नहीं गया हूँ , लेकिन आपकी मुंबई सीरीज के माध्यम से काफी जगह देख ली. आपने पूरी तसल्ली और तन्मयता के साथ छोटी से छोटी चीज़ों का विवरण लिखा है. मुंबई दर्शन कराने के लिए धन्यवाद.

    • दीपेन्द्र,
      सुन्दर शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करने के लिए धन्यवाद.

  • मुकेश जी बडा पाव खाया बढिया लगा पर भेलपूरी हमें बढिया नही लगी । आपने बहुत बढिया मुम्बई दर्शन कराये । मजेदार सीरीज जिसमें मै रेगूलर जबाब नही दे पाया बाहर होने के कारण

  • मनु,
    उम्मीद है आपकी यात्रा यादगार रही होगी. कब दिखा रहे हैं इस यात्रा की झलकियाँ?

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