मà¥à¤‚बई लोकल टà¥à¤°à¥‡à¤¨ नेटवरà¥à¤• पर, मातà¥à¤° २० रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ के टिकट पर, बोरीवली सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ से विरार सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ तक पहà¥à¤à¤š कर, सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¤¾à¤°à¥à¤® पर अकेला खड़ा हो कर, मैं यही सोच रहा था कि मैं पूरà¥à¤µ की ओर जाऊं या पशà¥à¤šà¤¿à¤® की ओर. तब मैंने अपने पाकेट से à¤à¤• सिकà¥à¤•ा निकाला और टॉस किया. हेड आया तो पूरà¥à¤µ जाऊंगा और टेल आया तो पशà¥à¤šà¤¿à¤®. सिकà¥à¤•ा उछल कर हेड की तरफ दिखाते हà¥à¤ गिरा. अपने निरà¥à¤£à¤¯ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, मैं विरार सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के पà¥à¤² को पार कर, पूरà¥à¤µ की ओर चल पड़ा. ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ मेरा शेयर-ऑटोरिकà¥à¤¶à¤¾, पीछे की सीट की तीन सवारी और डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤µà¤° सीट की दो सवारियों को लेने के बाद, विरार (पूरà¥à¤µ) शहर की टेढ़ी-मेढ़ी गलियों से होता हà¥à¤†, à¤à¤• परà¥à¤µà¤¤ की तलहटी पर आ खड़ा हà¥à¤†.

परà¥à¤µà¤¤ की तलहटी से जीवदानी माता का मंदिर
उस समय दोपहर के लगà¤à¤— ०१.३० बज चà¥à¤•े थे. मानसून के बारिश का कहीं नामो-निशान नहीं था. चटकीली और गरà¥à¤® धूप फ़िज़ा में खिली हà¥à¤ˆ थी. और à¤à¤¸à¥‡ में मà¥à¤à¥‡, उस परà¥à¤µà¤¤ के शिखर पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ जीवदानी माता के मंदिर तक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के लिà¤, १३०० सीढ़ियों वाले मारà¥à¤— पर चढ़ना था. सीढियां जहाठसे शà¥à¤°à¥‚ होतीं थीं, वहीठà¤à¤• पंडाल था, जिसमें, परà¥à¤µà¤¤ चढ़ने की इचà¥à¤›à¤¾ रखने वाले शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥-गण, अपने-अपने चपà¥à¤ªà¤²à¥‹à¤‚-जूतों को रख सकते थे. शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में ही à¤à¤• गणेश मंदिर और जीवदानी माता की à¤à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ थी. शायद यह उन लोगों के लिठथी, जो चाह के à¤à¥€ ऊपर तक नहीं चढ़ सकते थे. à¤à¤¸à¥‡ लोग यहीं से दरà¥à¤¶à¤¨-लाठऔर पूजन-à¤à¤œà¤¨ कर वापस लौट सकते थे. पूरा मारà¥à¤— टिन-शेड से ढका हà¥à¤† था, जिससे कि यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को धूप और बारिश से निज़ात मिलती थी. जगह-जगह पर दूकानें लगी हà¥à¤ˆà¤‚ थीं. कà¥à¤¯à¤¾-कà¥à¤¯à¤¾ उपलबà¥à¤§ नहीं था. à¤à¤¸à¤¾ लगता था कि à¤à¤• छोटा-मोटा मेला लगा हà¥à¤† था. बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के खिलौनें, सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¤¾à¤‚ति-à¤à¤¾à¤‚ति की वसà¥à¤¤à¥à¤à¤, पूजन-सामगà¥à¤°à¥€, जलपान-सामगà¥à¤°à¥€, जंगली बेर, कचà¥à¤šà¥‡ आम, खीरे-ककड़ी, ईमली, आइसकà¥à¤°à¥€à¤®, जूस, निमà¥à¤¬à¥‚-पानी इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ वहाठपà¥à¤°à¤šà¥à¤° मातà¥à¤°à¤¾ में उपलबà¥à¤§ थे. जगह-जगह लोगों के लिठसूचना-पट à¤à¥€ लगे थे. इन सूचना-पट के माधà¥à¤¯à¤® से लोगों को निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिया जा रहा था कि सीढ़ियाठचढ़ते और उतरते समय विशेष धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दें.

सीढ़ियों का à¤à¤• दृशà¥à¤¯
मेरे लिठसंà¤à¤µ नहीं था कि मैं इतनी सीढ़ियाठà¤à¤• साà¤à¤¸ में चढ़ पाता. इसीलिठमैंने निशà¥à¤šà¤¯ किया कि पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• १०० सीढ़ियों के बाद मैं विशà¥à¤°à¤¾à¤® करूà¤à¤—ा. पहली बार जब मैं विशà¥à¤°à¤¾à¤® करने के लिठरà¥à¤•ा, तो मà¥à¤à¥‡ अपने आप पर बहà¥à¤¤ शरà¥à¤® आई. मà¥à¤à¥‡ लगा कि मैं ही à¤à¤• अकेला वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ हूà¤, जिसे १०० सीढ़ियों के बाद ही विशà¥à¤°à¤¾à¤® की आवशà¥à¤¯à¤•ता पड़ गई. पर बाद में मैंने देखा कि सà¤à¥€ यातà¥à¤°à¥€ कहीं-न-कहीं रà¥à¤• कर विशà¥à¤°à¤¾à¤® कर रहे थे. उसके बाद मà¥à¤à¥‡ कà¤à¥€-à¤à¥€ विशà¥à¤°à¤¾à¤® करने के लिठआतà¥à¤®-गà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¿ नहीं हà¥à¤ˆ. महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ माता के मंदिरों में सà¥à¤¹à¤¾à¤—-वसà¥à¤¤à¥à¤“ं के साथ-साथ नारियल चढ़ाना उचित माना जाता है. इसीलिठयहाठकी दà¥à¤•ानों में यह सामगà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤šà¥à¤° मातà¥à¤°à¤¾ में उपलबà¥à¤§ थी.
शायद ही कोई à¤à¤¸à¤¾ परिवार हो, जो इस पà¥à¤°à¤•ार की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के बिना, वहाठआया हो. इसी पà¥à¤°à¤•ार, उस वातावरण का समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ आनंद लेते हà¥à¤, क़रीब à¤à¤• घंटे की यातà¥à¤°à¤¾ के बाद मैं मंदिर-à¤à¤µà¤¨ में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर गया. वहाठअहाते में सà¥à¤Ÿà¥€à¤² के बारिकेड लगे हà¥à¤ थे, जिनसे लोगों की लाइनें सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ ही लग जातीं हैं. वैसे तो मंदिर पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ ४ बजे से संधà¥à¤¯à¤¾ ०८.१५ तक खà¥à¤²à¤¾ रहता है और पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ तीन बार आरती à¤à¥€ होती है, परनà¥à¤¤à¥ दोपहर में लगà¤à¤— १ घंटे तक इसकी साफ़-सफाई के लिठबंद किया जाता है. उस समय मंदिर का पट बंद होने की वज़ह से अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ लोगों के साथ मैं à¤à¥€ बारिकेड के अनà¥à¤¦à¤° लाइन में ही बैठकर इंतज़ार करने लगा. पट खà¥à¤²à¤¨à¥‡ के उपरांत लाइनें चल पड़ी और लोगों की à¤à¥€à¤¡à¤¼ ने मंदिर के मंडप में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ किया. मंडप ख़ूबसूरत फूलों की अचà¥à¤›à¥€ सजावट से कà¥à¤› अलग-सा दिख रहा था, मानों वनदेवी की सजावट à¤à¤¸à¥€ ही होती होगी. माता की नूतन और मनोहारी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ के पास पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤-जन à¤à¥€ लगातार आने वाले शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की समूह को पूजन-इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ में सहायता कर रहे थे. सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•ार के लोग वहाठआते और अपनी पूजन-विधि संपनà¥à¤¨ करने के बाद आगे बढ़ जाते थे और पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ वितरण सà¥à¤¥à¤² पर जा कर पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करते थे. फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€ वरà¥à¤œà¤¿à¤¤ थी और नियमों का पालन à¤à¥€ सखà¥à¤¤à¥€ से हो रहा था. इसीलिठफ़ोटो लेने का ख़à¥à¤µà¤¾à¤¬ छोड़ कर मैं मन-ही-मन वहाठकी छटा निहारने लगा.

जीवदानी माता मंदिर का à¤à¤• दृशà¥à¤¯
जीवदानी माता मंदिर की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ का शà¥à¤°à¥‡à¤¯ महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ काल में पांडवों को जाता है. लोकोकà¥à¤¤à¤¿ है कि अपने वनवास के दौरान पांचो पांडव यहाठआये थे और इस मंदिर की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की थी. उस दौरान पांडवों ने वैतरणी नदी के निकट इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की अधिषà¥à¤ ातà¥à¤°à¥€ देवी à¤à¤•वीरा का पूजन किया था और आस-पास के परà¥à¤µà¤¤à¥‹à¤‚ पर कई गà¥à¤«à¤¾à¤“ं का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ à¤à¥€ किया था. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इनà¥à¤¹à¥€ à¤à¤•वीरा देवी के à¤à¤• सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª का नाम जीवदानी देवी रखा और परà¥à¤µà¤¤ के à¤à¤• गà¥à¤«à¤¾ में इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अधिषà¥à¤ ित किया. “जीवदानी†का शाबà¥à¤¦à¤¿à¤• अरà¥à¤¥ “जीवन दान†से है. चूà¤à¤•ि इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के जंगलों में कई जीवनदायिनी औषधियाठपाई जातीं हैं, इसीलिठशायद à¤à¤¸à¤¾ नामकरण हà¥à¤† होगा. परनà¥à¤¤à¥ महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ काल (दà¥à¤µà¤¾à¤ªà¤° यà¥à¤—) के बाद, कालांतर में, यह मंदिर सामाजिक दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से लà¥à¤ªà¥à¤¤à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ हो गया था. कहते हैं कि कलियà¥à¤— में जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸ के दौरान, उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ à¤à¤• गौ-पालक की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ से पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ हो कर, देवी ने इसी परà¥à¤µà¤¤ पर दरà¥à¤¶à¤¨ दे कर उसे मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया था. उसकी à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ इतनी निरà¥à¤®à¤² थी कि सà¥à¤µà¤¯à¤‚ कामधेनॠà¤à¥€ उसके गौ-समूह में शामिल रहती थी. यही कारण है कि इस परà¥à¤µà¤¤ पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ मंदिर के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गन में कामधेनॠका मंदिर à¤à¥€ है. à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि कामधेनॠसà¤à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की मनोकामना पूरà¥à¤£ करतीं हैं. इसी वज़ह से लोगों ने कामधेनॠमंदिर के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गन में यतà¥à¤°-ततà¥à¤° लाल कपड़ों के टà¥à¤•ड़ों से गांठे बाà¤à¤§ रखी थीं.

कामधेनॠमंदिर का à¤à¤• दृशà¥à¤¯
उस परिसर में महाकाली देवी और बरोंडा देवी का मंदिर à¤à¥€ था. इन मंदिरों के अलावा वहाठà¤à¤• पकà¥à¤·à¥€-घर à¤à¥€ बना हà¥à¤† था, जिसमें à¤à¤¾à¤‚ति-à¤à¤¾à¤‚ति के तोते और अनà¥à¤¯ पकà¥à¤·à¥€ थे. सà¥à¤Ÿà¥€à¤² के जालों में बने छिदà¥à¤° से लोग उन पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ के टà¥à¤•ड़े खिला रहे थे. कà¥à¤² मिला कर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठतो वही पकà¥à¤·à¥€-घर सबसे बड़ा आकरà¥à¤·à¤£ केंदà¥à¤° थी. बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का नाम लेते ही सà¥à¤®à¤°à¤£ हो रहा है कि वहाठसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोग अपने नवजात शिशà¥à¤“ं को ले कर उनका पà¥à¤°à¤¥à¤® मà¥à¤‚डन करवाने के लिठà¤à¥€ आते हैं. पà¥à¤°à¤¥à¤® मà¥à¤‚डन की वज़ह से बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किठजाने वाले करà¥à¤£ कनà¥à¤¦à¥à¤°à¤£ से वातावरण गà¥à¤‚जायमान à¤à¥€ हो रहा था. इस पà¥à¤°à¤•ार कहीं खिलखिलाहट, कहीं शà¥à¤²à¥‹à¤•ों की बà¥à¤¦à¤¬à¥à¤¦à¤¾à¤¹à¤Ÿ, कहीं कनà¥à¤¦à¥à¤°à¤£ तो कहीं शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ से गिरते हà¥à¤ आसà¥à¤‚ओं को देखते हà¥à¤ मैं उस मंदिर से बाहर आ गया. सीढ़ियों से वापसी की यातà¥à¤°à¤¾ तो कठिन नहीं थी और बिना कहीं रà¥à¤•े पूरी की जा सकती थी. वैसे जीवदानी माता मंदिर के टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ ने यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ के लिठà¤à¤• रोप-वे का à¤à¥€ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करवाया है. जो यातà¥à¤°à¥€ सीढ़ियों से यातà¥à¤°à¤¾ नहीं कर सकते वे उस रोप-वे से जा सकते है. परà¥à¤µà¤¤ के नीचे, तलहटी पर, खाने-पीने की कई वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ है. टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संचालित पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦à¤¾à¤²à¤¯ à¤à¥€ है, जो दोपहर के ३ बजे तक चलता है. इस पà¥à¤°à¤•ार मेरी जीवदानी-माता मंदिर की यातà¥à¤°à¤¾ संपनà¥à¤¨ हà¥à¤ˆ.

मंदिर परिसर का à¤à¤• दृशà¥à¤¯
ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤, वहीठसे शेयर-ऑटोरिकà¥à¤¶à¤¾ ले कर, मैं पà¥à¤¨à¤ƒ विरार रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ आ गया. अब सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ से पशà¥à¤šà¤¿à¤® जाना बाकी था. अरनाला गाà¤à¤µ ९ किलोमीटर की दूरी पर था और २० रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ शेयर-à¤à¤¾à¤¡à¤¼à¤¾ लगता था. पीछे तीन और आगे दो सवारियों को ले कर, विरार शहर को पार कर, छोटे-बड़े कसà¥à¤¬à¥‹à¤‚ से होते हà¥à¤, हमारे ऑटोरिकà¥à¤¶à¤¾ ने, सà¤à¥€ यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अरनाला गाà¤à¤µ के मछली-बाज़ार के पास बने अपने सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड पर उतार दिया. यहीं से मछली की गंध नाक में समा गयी और तब-तक रही, जब-तक मैं वापसी यातà¥à¤°à¤¾ में, वापस विरार सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ तक नहीं पहà¥à¤à¤š गया. उस औटो-सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड से अरनाला के समà¥à¤¦à¥à¤°-तट की दूरी लगà¤à¤— १ किलोमीटर की थी. पूछने पर सà¤à¥€ लोग रासà¥à¤¤à¤¾ बताते हैं, कोई à¤à¥€ मना नहीं करता. जैसे-जैसे समà¥à¤¦à¥à¤°-तट नज़दीक आता जात है, वैसे-वैसे मछà¥à¤†à¤°à¥‹à¤‚ की बसà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ दिखने लगतीं हैं. वह समà¥à¤¦à¥à¤°à¥€-तट अरनाला गाà¤à¤µ और अरनाला दà¥à¤µà¥€à¤ª के बीच चलने वाली नौकाओं के लिà¤, à¤à¤• छोटा पतà¥à¤¤à¤¨ से कम नहीं था. पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ पर पà¥à¤°à¤¤à¤¿ यातà¥à¤°à¤¾ १५ रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ का à¤à¤¾à¤¡à¤¼à¤¾ लगता है. माल-असबाब के लिठअलग लागत आती होगी.

अरनाला समà¥à¤¦à¥à¤° तट का à¤à¤• दृशà¥à¤¯
परनà¥à¤¤à¥ वहाठकोई सीमेंट से बनी जेटà¥à¤Ÿà¥€ नहीं थी. यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को, अपने-अपने सामानों के साथ, समà¥à¤¦à¥à¤° के पानी में घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡ से थोडा ऊपर तक जा कर, पानी में हिलती-डà¥à¤²à¤¤à¥€ नाव में, उचक कर चढ़ना पड़ता है. कà¥à¤› लोग अपने-अपने जूते-चपà¥à¤ªà¤² हाथों में उठा कर पानी में घà¥à¤¸à¤¤à¥‡ हैं, तो कà¥à¤› उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पहने हà¥à¤ ही चल पड़ते हैं. सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ अपनी-अपनी साड़ियों को घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‹à¤‚-जांघों तक उठा लेतीं हैं और सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¥à¤· à¤à¥€ अपने कपड़ों को ऊपर कर लेते हैं. इसके बाद, तट पर आने वाली नाव से उतरने वाली à¤à¥€à¤¡à¤¼ और तट पर खड़े यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की नाव पर चढ़ने वाली à¤à¥€à¤¡à¤¼ में घमासान मà¥à¤¶à¤•à¥à¤•म होता है. घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡ से अधिक पानी में जाने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ à¤à¥€ नाव काफ़ी ऊà¤à¤šà¥€ होती है और उस पर यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बीच सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पाने हेतॠजम कर धींगा-मà¥à¤¶à¥à¤¤à¥€ हो रही होती है. यदि, à¤à¤¸à¥‡ में, असावधान यातà¥à¤°à¥€ फिसल जाठतो वह सराबोर पानी में ही तो गिरेगा, चोट à¤à¥€ आà¤à¤—ी, वसà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¥€à¤‚गेंगे और मोबाइल का तो सतà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾à¤¶ हो जाà¤à¤—ा. परनà¥à¤¤à¥ यदि आपमें सामरà¥à¤¥ हो, आपको अरनाला दà¥à¤µà¥€à¤ª में जाने की अटूट इचà¥à¤›à¤¾ हो, आपको सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोगों के उस धींगा-मà¥à¤¸à¥à¤¤à¥€ के बीच से निकलने का जोश आये, तो, यक़ीनन नाव पर चढ़ने के इस खेल में बड़ा मजा आयेगा. ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ à¤à¤¸à¤¾ लगेगा मानों आप à¤à¥€ वहीठके हो कर रह गठहैं.

अरनाला दà¥à¤µà¥€à¤ª की फेरी पर यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का à¤à¤• दृशà¥à¤¯
धीरे-धीरे समà¥à¤¦à¥à¤°-तट पीछे छूटने लगा, सैकड़ों नावों के बीच से गà¥à¤œà¤¼à¤° कर हमारी नौका अरनाला दà¥à¤µà¥€à¤ª के तट पर जा पहà¥à¤à¤šà¥€. नौका के, समà¥à¤¦à¥à¤° के अनà¥à¤¦à¤° रà¥à¤•ते ही, यहाठà¤à¥€ वही धकà¥à¤•म-पेल शà¥à¤°à¥‚ हो गई. उतरने वाले यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के जोश से और चढ़ने वाले यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के वेग से पूरी नाव डगमगा कर à¤à¤• तरफ़ à¤à¥à¤•ने लगी, मानों अब पलट कर गिरना ही चाहती हो. नाव के à¤à¥à¤•ते ही यातà¥à¤°à¥€à¤—ण, जिसे जहाठसे सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ हà¥à¤ˆ, कूद-कूद कर समà¥à¤¦à¥à¤° में उतरने लगे. मैंने à¤à¥€ इसी पà¥à¤°à¤•ार उतरने की कोशिश करनी चाही. परनà¥à¤¤à¥ कहाठउनका वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ का अनà¥à¤à¤µ और कहाठमैं बिलकà¥à¤² नौसिखà¥à¤µà¤¾. मà¥à¤à¥‡ तो समà¥à¤¦à¥à¤° में कितना पानी था, उसका कोई अहसास ही नहीं था. बस, नाव के दूसरी तरफ कूदते ही पता चला कि मैं कमर-à¤à¤° पानी में हूà¤. वह तो अचà¥à¤›à¤¾ हà¥à¤† कि मोबाइल ऊपर शरà¥à¤Ÿ की जेब में था, अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ चंद हज़ार रà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤‚ के साथ-साथ तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‹à¤‚ में कैद सारी यादें à¤à¥€ पानी में गई ही थीं. चलिà¤, सबकà¥à¤› सही-सलामत रहा. पर, यह समठमें नहीं आ रहा था कि अरनाला दà¥à¤µà¥€à¤ª का किला का रासà¥à¤¤à¤¾ किधर से है. गाà¤à¤µ के समीप जाने पर कà¥à¤› मछà¥à¤†à¤°à¥‡ मिले जो जाल की सफाई कर रहे थे. पूछने पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤à¥‡ साथ में ले लिया और हमलोग उस मछà¥à¤†à¤°à¥‹à¤‚ के गाà¤à¤µ में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर गà¤.

अरनाला किले के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤° की दिवार का à¤à¤• दृशà¥à¤¯
मछà¥à¤†à¤°à¥‹à¤‚ के गाà¤à¤µ से यह मेरा पà¥à¤°à¤¥à¤® परिचय था. खैर, उस गाà¤à¤µ के बीच से गà¥à¤œà¤¼à¤° कर मैं अरनाला किले तक आ गया. यह à¤à¤• चौकोर किला था, जिसकी बाहरी ऊà¤à¤šà¥€ दीवारें तो अब तक खड़ी हैं, परनà¥à¤¤à¥ अनà¥à¤¦à¤° के महल या à¤à¤µà¤¨ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ तो नषà¥à¤Ÿ हो चà¥à¤•े हैं. किले के अनà¥à¤¦à¤° की जमीन में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोगों ने सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की खेती करनी शà¥à¤°à¥‚ कर दी है. अहाते के अनà¥à¤¦à¤° à¤à¤• शिवालय और à¤à¤• दरगाह à¤à¥€ है. साथ ही à¤à¤• अषà¥à¤Ÿà¤à¥à¤œà¤¾à¤•ार पानी का छोटा तलाब है, जिसमें मीठा पानी आता है. हालाà¤à¤•ि इस तालाब का पानी गनà¥à¤¦à¤¾ था, उसमें कछà¥à¤ à¤à¥€ तैर रहे थे, फ़िर à¤à¥€ ५०० वरà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ उस तालाब में पानी देख कर आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ होता था. इस किले की दीवारों पर चढ़ने में बहà¥à¤¤ मज़ा आता है. बाद में, जब मैंने, उस किले के इतिहास के बारे में खोज की तो पता चला कि सन १५१ॠमें à¤à¤• मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शासक ने अरनाला दà¥à¤µà¥€à¤ª पर à¤à¤• किले की परिकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ और निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया था. सन १५३० के आसपास, पà¥à¤°à¥à¤¤à¤—ालियों ने, इस दà¥à¤µà¥€à¤ª को जीत लिया और उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नियà¥à¤•à¥à¤¤ शासक ने यहाठइस चौकोर किले का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करना शà¥à¤°à¥‚ किया. पà¥à¤°à¥à¤¤à¤—ाली, इस दà¥à¤µà¥€à¤ª पर, करीब २०० वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक रहे. सन १à¥à¥©à¥ ने मराठा सेना ने इस दà¥à¤µà¥€à¤ª पर अधिकार कर लिया और पà¥à¤°à¥à¤¤à¤—ालियों को खदेड़ दिया. मराठों के शासन के कà¥à¤› वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ सन १८१ॠके आसपास तृतीय बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶-मराठा यà¥à¤¦à¥à¤§ में बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ फौज ने इस दà¥à¤µà¥€à¤ª पर à¤à¥€ कबà¥à¤œà¤¼à¤¾ जमा लिया. यह सब पढ़ कर मैं हैरान था कि à¤à¤• शांत मछà¥à¤†à¤°à¥‹à¤‚ के गाà¤à¤µ में इतना बड़ा à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• खज़ाना छà¥à¤ªà¤¾ हà¥à¤† था.

अरनाला किले के उतà¥à¤¤à¤°à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤° का à¤à¤• दृशà¥à¤¯
किले के उतà¥à¤¤à¤°à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤° पर किले का मà¥à¤–à¥à¤¯ दरवाज़ा जो, समà¥à¤¦à¥à¤° की तरफ़ खà¥à¤²à¤¤à¤¾ था. किसी जमाने में उस समà¥à¤¦à¥à¤°à¥€ तट पर पà¥à¤°à¥à¤¤à¤—ाली और बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ नौसेना तैनात रही होगी. उस दिशा में समà¥à¤¦à¥à¤° दूर-दूर तक फैला दिखाई देता था और यह साफ़ दिख रहा था कि सामरिक दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से अरà¥à¤¨à¤¾à¤²à¥‡ के किले का महतà¥à¤¤à¥à¤µ कितना था. इसी दरवाज़े के ऊपर मराठों की पà¥à¤°à¥à¤¤à¤—ालियों पर विजय के बारे में à¤à¤• शिलालेख à¤à¥€ अंकित था. साथ ही किले की दीवारों पर शेर और हाथी जैसे पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• चिनà¥à¤¹ à¤à¥€ उकृत थे. वहीठपर à¤à¤• वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ अà¤à¤¿à¤²à¥‡à¤– à¤à¥€ अंकित था की मारà¥à¤š २००१ में ततà¥à¤•ालीन पेटà¥à¤°à¥‹à¤²à¤¿à¤¯à¤® मंतà¥à¤°à¥€ ने किले के विदà¥à¤¯à¥à¤¤à¥€à¤•रण का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ किया था. इस अà¤à¤¿à¤²à¥‡à¤– को देख कर मैं हà¤à¤¸à¥‡ बिना नहीं रह पाया. खैर, à¤à¤¸à¤¾ à¤à¥€ होता है, यही सोच कर मैं आगे समà¥à¤¦à¥à¤°-तट के तरफ बढ़ा.

अरनाला किले के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤° से अरब सागर का à¤à¤• दृशà¥à¤¯
शाम à¤à¥€ ढल रही थी à¤à¤¸à¥‡ दà¥à¤µà¥€à¤ªà¥‹à¤‚ में शाम ढलने के बाद नौका का बंद हो जाना सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• होता है. पर रासà¥à¤¤à¥‡ में à¤à¤• घर के सामने बैठी तीन-चार सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ खाना बना रहीं थीं. लकड़ी के चूलà¥à¤¹à¤¾ जला हà¥à¤† था और उसकी आंच पर चावल के आटे की रोटी पकाई जा रही थी. रोटी का आकार बहà¥à¤¤ ही बड़ा था. उसे बेलने के लिठकोई à¤à¥€ बेलन इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² नहीं किया जा रहा था. सिरà¥à¤« हाथ से ही à¤à¤• सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ गà¥à¤‚थे हà¥à¤ आटे को लकड़ी से बने पातà¥à¤° में फैलाती जाती थी. पूरा आकार बन जाने पर उसे हाथ से उठा कर बड़े-से तवे पर पका देती थी. यह दृशà¥à¤¯ देख कर मैं वहीठरà¥à¤• गया. केरे कौतà¥à¤¹à¤² को देख कर उन सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने मà¥à¤à¥‡ à¤à¤• रोटी खाने को दी. हालाà¤à¤•ि उस समय तक उनकी मछली नहीं पकी थी, फिर à¤à¥€ सिरà¥à¤« रोटी खा कर ही मन पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ हो गया.

मछà¥à¤†à¤°à¥‹à¤‚ की रोटियाà¤

अरनाला दà¥à¤µà¥€à¤ª पर सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ का à¤à¤• दृशà¥à¤¯
आगà¥à¤°à¤¹ तो और à¤à¥€ रोटियां खाने का हो रहा था, परनà¥à¤¤à¥ शाम ढलने के बाद यदि नौका नहीं मिलती तो कà¥à¤¯à¤¾ होता? यही समà¤à¤¦à¤¾à¤°à¥€ से मैं समà¥à¤¦à¥à¤°-तट पर वापस आ गया. पर इस बार, दूसरी दिशा से आने वाली नौका, वहां नहीं रà¥à¤•ी, जहाठपिछले बार मैं उतरा था. यह उस दिन की आखरी फेरी थी. चढ़ने और उतरने वाले यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बीच फ़िर à¤à¤• घमासान हà¥à¤†. इतनी à¤à¥€à¤¡à¤¼ थी कि पूरी नाव तà¥à¤°à¤‚त à¤à¤° गई और मेरी अरनाला दà¥à¤µà¥€à¤ª से वापसी यातà¥à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ हो गई. उस वक़à¥à¤¤ दà¥à¤µà¥€à¤ª पर सूरज डूब रहा था. नारियल के वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ के पीछे डूबते सूरज से मनमोहक छवि बन रही थी. आकाश का नारंगी रंग धीरे-धीरे गहराता जा रहा था. à¤à¤¸à¥‡ में, मैं यकीन से कह सकता हूठकि उस दिन मà¥à¤à¥‡ मà¥à¤‚बई वापस लौटने का मन नहीं कर रहा था.
 
     
                
Small yet beautiful place. Thank you for taking us through it.
Warm regards,
Kaveri
पहले ऊँची चढ़ाई , तत्पश्चात कोलम्बसी अभियान । एक बार तो ऐसा ज़रूर लगा होगा की कमाल कर दिया आपने, हालांकि उसी सुबह सीढियां चढ़ते हुए थोड़ी आत्म-ग्लानि भी हुई थी । मुम्बई जा कर आप नायक हो गयें हैं , माशा अल्लाह करम बना रहे । जय हिन्द ।
Dono hi jagah ghum liya but apka ye post padhke bahut acha laga… Vistar se likha hai ek ek bat.