पढाई पूरी करते ही à¤à¤• टूरिंग जॉब से करियर सà¥à¤Ÿà¤¾à¤°à¥à¤Ÿ हà¥à¤† तो आज तक पैर à¤à¤• जगह टिक ही नहीं पाते। धीरे धीरे अपने अंदर छà¥à¤ªà¥‡ घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ का अहसास गहराता गया। पिछले १५ सालों मैं ना जाने कितने शहर और न जाने कितने ही बार जाना हà¥à¤† मगर जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° यातà¥à¤°à¤¾à¤à¤‚ सिरà¥à¤« और सिरà¥à¤« काम तक ही सीमित रह गयीं। और वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त यातà¥à¤°à¤¾à¤“ं के बाद à¤à¥€ à¤à¤¸à¥‡ कितने ही सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ थे जहां चाहते हà¥à¤ à¤à¥€Â घूमने का मौका नहीं मिल पाया।
à¤à¤¸à¤¾ ही à¤à¤• शहर अमृतसर है जहाठकाम से काम १५ जाने के बाद à¤à¥€ कà¤à¥€ à¤à¥€ सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ मंदिर जा कर बाबाजी का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ नहीं ले पाया। पिछले ऑफिशियल टà¥à¤°à¤¿à¤ª पर पहली बार सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ मंदिर गया तो à¤à¤¸à¤¾ अनà¥à¤à¤µ था जो शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में लिखना तो बहà¥à¤¤ ही मà¥à¤¶à¥à¤•िल है फिर à¤à¥€ à¤à¤• छोटा सा पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहा हूà¤à¥¤ इस टà¥à¤°à¤¿à¤ª से घर वापस जाते ही वाइफ को बताया तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¥€ अमृतसर जाने की जोरदार इचà¥à¤›à¤¾ जताई। मेरा ५ साल का बेटा à¤à¥€, जो अà¤à¥€ तक सिरà¥à¤« इस शहर का नाम सिरà¥à¤«à¤¼ सà¥à¤¨ पाया था, यहां जाने के पà¥à¤²à¤¾à¤¨ बनाने लगा. वैसे à¤à¥€ ये दोनों ही कà¤à¥€ à¤à¥€ पंजाब नहीं गठथे और हमेशा ये शिकायत करते थे कि न जाने कब वह दिन आà¤à¤—ा जब वह पंजाब की धरती को देख पाà¤à¤‚गे।

Darbar Sahib
आख़िरकार पिछली मारà¥à¤š में, बेटे के à¤à¤—à¥à¤œà¤¾à¤® खतà¥à¤® होने के बाद, हमने अमृसतर जाने का पà¥à¤²à¤¾à¤¨ बनाया। साथ ही साथ १ दिन चंडीगढ़ à¤à¥€ रà¥à¤•ने का पà¥à¤²à¤¾à¤¨ किया. ऑफिस से ४ दिन की छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ ली कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि परिवार के साथ वीक à¤à¤‚ड पर जाना तो बहà¥à¤¤ ही मà¥à¤¶à¥à¤•िल होता। ख़ास तौर पर अमृतसर जैसे शहर में जहां वीकेंड को होटल मिलना à¤à¥€ मà¥à¤¶à¥à¤•िल हो जाता है। इसलिठयही पकà¥à¤•ा हà¥à¤† की मंगलवार को जायेंगे और पà¥à¤²à¤¾à¤¨ कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾ रहेगा:
१. मंगलवार – दिलà¥à¤²à¥€Â से अमृतसर, शताबà¥à¤¦à¥€ से, रात अमृतसर रà¥à¤•ना
२. बà¥à¤¦à¥à¤§à¤µà¤¾à¤°Â – दिन में अमृतसर घूमना और शाम को टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ से चंडीगढ़ के लिठनिकलना, रात चंडीगढ़ रà¥à¤•ना
३. गà¥à¤°à¥‚वार – चंडीगढ़ घूमना और शाम को शताबà¥à¤¦à¥€ से दिलà¥à¤²à¥€ वापस.
फ़टाफ़ट IRCTC की साइट खोल कर टिकट बà¥à¤• की गयीं. दिलà¥à¤²à¥€ से अमृतसर छोड़ कर बाकी सà¤à¥€ टिकट कनà¥à¤«à¤°à¥à¤® बà¥à¤• हो गयीं. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अमृतसर शताबà¥à¤¦à¥€ में वेटिंग चल रही थी इसलिठपà¥à¤²à¤¾à¤¨ हà¥à¤† की ये टिकट ततà¥à¤•ाल में सोमवार को बà¥à¤• की जाà¤à¤à¤—ी। दोनों शहरों में होटल और टैकà¥à¤¸à¥€ का इनà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤¾à¤® à¤à¥€ हो गया. à¤à¤• बड़ा बैग और à¤à¤• छोटे हैंड बैग ले जाने का पà¥à¤²à¤¾à¤¨ रहा ताकि सामान कम से कम रहे और वहां से अगर कà¥à¤› खरीदा जाये तो उसके लिठà¤à¥€ बैग में जगह रहे.

Breakfast@ Shatabdi
अगले दिन सà¥à¤¬à¤¹ उठकर हम लोग जलà¥à¤¦à¥€ ही तैयार हो गये. 7:20 की टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ थी और घर से सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ जाने में सिरà¥à¤« 20 मिनट लगते हैं फिर à¤à¥€ टैकà¥à¤¸à¥€ थोड़ा जलà¥à¤¦à¥€ बà¥à¤²à¤¾à¤ˆ हà¥à¤ˆ थी। मारà¥à¤š की उस हलकी ठंडी सà¥à¤¬à¤¹ हमने 6:15 पर घर से सà¥à¤Ÿà¤¾à¤°à¥à¤Ÿ किया. दिलà¥à¤²à¥€ की खाली सड़कों पर टैकà¥à¤¸à¥€ फरà¥à¤°à¤¾à¤Ÿà¥‡ से दौड़ रही थी। देखते ही देखते हम नई दिलà¥à¤²à¥€ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ की पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¤¾à¤°à¥à¤® 1 की तरफ वाले गेट पर पहà¥à¤‚चे. टैकà¥à¤¸à¥€ वाले को पैसे दे जब नीचे उतरे तो हलà¥à¤•ा हलà¥à¤•ा उजाला हो चà¥à¤•ा था और सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर काफी à¤à¥€à¤¡à¤¼ थी। बेटे का हाथ पकड़ में गेट की तरफ बढ़ा और अपना लगेज सà¥à¤•ैनर से गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¾à¥¤Â बेटे ने इसके बारे मैं जानने की उतà¥à¤¸à¥à¤•ता जताई तो उसको सà¥à¤•ैनर के मॉनिटर की तरफ ले जा कर खड़ा किया। 2 मिनट तक वहां अपना जà¥à¤žà¤¾à¤¨ बढ़ाने के बाद छोटे साहब मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¤à¥‡ और शरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ˆ मेरी तरफ मà¥à¤¡à¤¼à¥‡ तो में और वाइफ à¤à¥€ मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤ बिना न रह पाà¤. कà¥à¤¯à¥‚ंकि टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ 1 न. पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¤¾à¤°à¥à¤® पर ही आनी थी और हम सीधा इसी पà¥à¤²à¥‡à¤«à¥‰à¤°à¥à¤® पर पहà¥à¤‚चे थे इसलिठसीढ़ियों की मेहनत से बच गये. टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ आने में थोड़ा टाइम था उसका पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— हमने बेटे को सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ घà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥‡ में किया। जलà¥à¤¦à¥€ ही टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ आने की घोषणा हà¥à¤ˆ और कà¥à¤› मिंटो में टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ रेंगती हà¥à¤ˆ पà¥à¤°à¤•ट हà¥à¤ˆ. बेटे के लिठये फिर à¤à¤• हैरानी वाली बात थी की टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ बिना इंजन कैसे चल रही है, जबकि टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ दरअसल उलà¥à¤Ÿà¤¾ आ रही थी। उनको ये समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ के बाद हम अपना कोच ढूंढ कर टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ में चढ़े और अपनी सीटों तक पहà¥à¤‚चे। सामन ऊपर रख कर हम थोड़ी देर बैठे। फिर में रासà¥à¤¤à¥‡ के लिठकà¥à¤› सà¥à¤¨à¥ˆà¤•à¥à¤¸ वगैरा लाने नीचे गया. वापस आ कर खिड़की के बाहर से ही कà¥à¤› फोटो खींचे और फिर अंदर आ कर सीट पर पसर गाय. सà¥à¤¬à¤¹ जलà¥à¤¦à¥€ उठने के कारण नींद का हलà¥à¤•ा सा जोर था।
तà¤à¥€ टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ चलने की घोषणा हà¥à¤ˆ और जलà¥à¤¦à¥€ ही टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ रेंगने लगी। वाइफ और बेटा खिड़की से बाहर देखते रहे और मैं आà¤à¤–ें बंद कर दिन à¤à¤° की पà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¿à¤‚ग करने लगा। कà¥à¤› देर में शताबà¥à¤¦à¥€ की सेवाà¤à¤‚ शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ˆ. पानी की बोतल, अखबार और फिर चाय, इन सबके सोचा की थोड़ा सो लेंगे। पर तà¤à¥€ टीटी जी आ पहà¥à¤‚चे। उनको टिकट देखा कर निबटे तो देखा कि बेटा सो गया था। हमने à¤à¥€ आधा घंटा नींद ली की तà¤à¥€ बà¥à¤°à¥‡à¤•फासà¥à¤Ÿ आ गया। पंजाब की यातà¥à¤°à¤¾ हो तो छोले कà¥à¤²à¥à¤šà¥‡ से बेहतर कà¥à¤› नहीं इसलिठहमने à¤à¥€ वही खाया। हिलती हà¥à¤ˆ टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ में चाय का कप à¤à¥€ हिल रहा था और बेटा इसे देख देख हंस रहा था। बà¥à¤°à¥‡à¤•फासà¥à¤Ÿ कर के सोचा कि कà¥à¤› और सोया जाये पर à¤à¤¸à¤¾ हà¥à¤† नहीं. टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ अमà¥à¤¬à¤¾à¤²à¤¾ पहà¥à¤‚ची और छोटे साहब के पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ फिर शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤à¥¤Â यहाठसे टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ चलने के बाद मेरी कमेंटरी à¤à¥€ शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ˆ. कà¥à¤¯à¥‚ंकि बाकी दोनों का पहला टà¥à¤°à¤¿à¤ª था, इसलिठमैंने अपना जà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤° à¤à¤° के बंट. राजपà¥à¤°à¤¾ से पंजाब शà¥à¤°à¥‚ होने के बाद तो ये जà¥à¤žà¤¾à¤¨ और बढ़ा. NH 1 साथ दौड़ती टà¥à¤°à¥ˆà¤¨, दोनों और गेंहूठसे à¤à¤°à¥‡ हà¥à¤ˆ खेत और बादलों की लà¥à¤•ाछिपी, सचमà¥à¤š बहà¥à¤¤ ही अचà¥à¤›à¤¾ सफर था. कà¥à¤› देर में टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ लà¥à¤§à¤¿à¤…ना पहà¥à¤‚ची। यहाठà¤à¥‚ख लगने लगी थी तो हमने अपने साथ लठहà¥à¤ˆ सà¥à¤¨à¥ˆà¤•à¥à¤¸ की तरफ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दिया. लà¥à¤§à¤¿à¤…ना से चलने के बाद सतलà¥à¤œ नदी का चौड़ा पाट आया. वाइफ हैरान थीं की इस नदी का पानी इतना सफ़ेद कैसे है जबकि यमà¥à¤¨à¤¾ तो बिलकà¥à¤² अलग है। इसके बाद फगवाड़ा और फिर जलांधर आया. जालंधर पर टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ काफी खाली हो गठथी। कà¥à¤¯à¥‚ंकि अब बेटा फिर ऊà¤à¤˜à¤¨à¥‡ लगा था तो उसे à¤à¤• ३ वाली खाली सीट पर लिटा दिया और वह जलà¥à¤¦à¥€ सो à¤à¥€ गया। हम दोनों à¤à¥€ १ à¤à¤ªà¤•ी लेने लगे. बà¥à¤¯à¤¾à¤¸ पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ से पहले बà¥à¤¯à¤¾à¤¸ नदी के दरà¥à¤¶à¤¨ हà¥à¤. खेतों में हरियाली बढ़ चà¥à¤•ी थी. अपने तय समय से २० मिनट लेट, टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ अमृतसर पहà¥à¤‚ची. सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर टूरिसà¥à¤Ÿà¥à¤¸ और ख़ास तौर पर सà¥à¤•ूल गà¥à¤°à¥à¤ªà¥à¤¸ की बहà¥à¤¤ à¤à¥€à¤¡à¤¼ थी। हमने टैकà¥à¤¸à¥€ बà¥à¤• की हà¥à¤ˆ थी जो हमें वाघा बॉरà¥à¤¡à¤° घà¥à¤®à¤¾ कर वापस होटल छोड़ने वाली थी।

Satluj Nadi
Day – 1 at Amritsar
टैकà¥à¤¸à¥€ में बैठकर हम सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ से बाहर निकले तो डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° को लंच के लिठकहीं ले चलने के लिठकहा. हम शहर में ही लंच करना चाह रहे थे पर डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° का कहना था की हम बॉरà¥à¤¡à¤° की रिटà¥à¤°à¥€à¤Ÿ सेरेमनी के लिठलेट हो जायेंगे। घडी देखि तो पता लगा की अà¤à¥€ तो २ घंटे बाकी हैं पर तब तक डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° तेजी से शहर के बाहर की तरफ चल चà¥à¤•ा था। पूछने पर उसने बताया की बॉरà¥à¤¡à¤° के पास ही à¤à¤• रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट है जहां लंच करेंगे।
कà¥à¤› देर में हम “सरहद†रेसà¥à¤Ÿà¤¾à¤°à¥‡à¤‚ट पहà¥à¤‚चे जो बॉरà¥à¤¡à¤° से थोड़ा ही पहले है. यहाठहमने फटाफट लंच का आरà¥à¤¡à¤° दिया और जलà¥à¤¦à¥€ से लंच किया। हैरानी की बात ये थी कि जो डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° अà¤à¥€ तक जलà¥à¤¦à¥€ जलà¥à¤¦à¥€ का शोर मचाये था वो अब आराम से था। à¤à¤¸à¤¾ लगा जैसे वह चाहता ही था की हम यहीं पर खाना खाà¤à¤‚ !!!!!
खैर , कà¥à¤› फोटो बाद हम बॉरà¥à¤¡à¤° पहà¥à¤‚चे और à¤à¥€à¤¡à¤¼ देख कर हमारी हैरानी का ठिकाना न रहा। सà¥à¤•ूल छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और सà¥à¤¹à¤¾à¤¨à¤¾ मौसम होने के कारण ढेर सारे लोग वहां पहà¥à¤‚चे हà¥à¤ थे। बहà¥à¤¤ कोशिस के बाद à¤à¥€ जब हम उस à¤à¥€à¤¡à¤¼ में जाने की हिमà¥à¤®à¤¤ न जà¥à¤Ÿà¤¾ पाये तो सोचा कि रिटà¥à¤°à¥€à¤Ÿ का पà¥à¤²à¤¾à¤¨ कैंसिल कर होटल में आराम किया जाà¤à¥¤

Atari Border

Rush at Wagah Border
वापस पारà¥à¤•िंग आ कर डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° को मà¥à¤¶à¥à¤•िल से ढूà¤à¤¢à¤¾ कà¥à¤¯à¥‚ंकि की सेना के जमà¥à¤®à¥‡à¤°à¥à¤¸ की वजह से वहां मोबाइल फोन नहीं चलते. गाड़ी में बैठकर डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° को होटल चलने के लिठबोला। रासà¥à¤¤à¥‡ में धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ आया की कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न लॉरेंस रोड जा कर कà¥à¤²à¤šà¥‡ छोले खाठजाà¤à¤‚। वाइफ को बताया तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¥€ हामी à¤à¤°à¥€à¥¤ डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° को बोला तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने गाड़ी उसी तरफ घà¥à¤®à¤¾ दी। कà¥à¤› देर मैं हम कà¥à¤²à¤šà¥‡ वाले की दà¥à¤•ान पर थे। कà¥à¤²à¤šà¥‡ टेसà¥à¤Ÿ करने के बाद सीधे होटल की रह पकड़ी। होटल पहà¥à¤à¤š कर डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° को पैसे दिà¤à¥¤ उसने अगले दिन का पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® पूछा तो उसको सà¥à¤¬à¤¹ फ़ोन करने के लिठबोला।
होटल रमाडा अमृतसर
हाल गेट के अंदर बना ये होटल à¤à¤• नयी पà¥à¤°à¥‰à¤ªà¤°à¥à¤Ÿà¥€ है। सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ मंदिर से सिरà¥à¤« १० मिनट और à¤à¤°à¤µà¤¾à¤‚ दा ढाबा से सिरà¥à¤« २ मिनट दूर ये होटल बहà¥à¤¤ ही बढ़िया जगह सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। चेक इन करते हà¥à¤ रिसेपà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ को रिकà¥à¤µà¥‡à¤¸à¥à¤Ÿ की की हमें सामने वाला रूम दिया जाठजो उसे मान à¤à¥€ लिया. सामने के रूम से फिर à¤à¥€ चलता हà¥à¤† रोड दीखता है वरà¥à¤¨à¤¾ साइड वाले रूमà¥à¤¸ तो बाजू वाले घरों की छत की तरफ हैं.

Ramada
रूम में आ कर हम लोग आराम करने लगे. लगà¤à¤— ४ बज चà¥à¤•े थे। पà¥à¤²à¤¾à¤¨ किया कि शाम ६:३० तक निकलेंगे गोलà¥à¤¡à¤¨ टेमà¥à¤ªà¤² के लिà¤. १ घंटा सोने के बाद हमने चाय पी और फिर नहा धो कर सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ मंदिर के लिठपैदल ही निकल पड़े। अगले १० मिनट मैं हम गोलà¥à¤¡à¤¨ टेमà¥à¤ªà¤² थे। शाम होने की वजह से मौसम बहà¥à¤¤ ही खà¥à¤¶à¤¨à¥à¤®à¤¾ था. न तो गरà¥à¤®à¥€ थी और न ही ठणà¥à¤¡à¥¤ अपने जूते जोड़ाघर मैं दे कर मैंने अपने और बेटे के लिठरà¥à¤®à¤¾à¤² लिया और सर पर बाà¤à¤§ लिया. वाइफ के पास दà¥à¤ªà¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¾ था ही। अपने पैरों को धो कर हमने सवांरा मंदिर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ किया।

Akal Takht Sahab

Amazing experience
गेट से अंदर जाने के बाद असीम शांति का अनà¥à¤à¤µ हà¥à¤†à¥¤ वहाठकाफी लोग थे फिर à¤à¥€ à¤à¥€à¤¡à¤¼ बहà¥à¤¤ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ नहीं थी। हम लोग दरà¥à¤¶à¤¨ की लाइन में लग गठजो बहà¥à¤¤ ही शांत तरीके से धीरे धीरे आगे बढ़ रही थी। जलà¥à¤¦à¥€ ही हमारा नंबर आया। दरà¥à¤¶à¤¨ कर हमने पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦ लिया और अकाल तख़à¥à¤¤ के दरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¥€ किये। उसके बाद हम करी देर वहीठबैठे रहे. फिर कà¥à¤› फोटो खींच कर गà¥à¤°à¥ का लंगर की तरफ बढे। लंगर में à¤à¤° पेट खाना खाने के बाद हम तृपà¥à¤¤ हà¥à¤. मेरे बेटे ने पहली बार à¤à¤¸à¥‡ पंगत में बैठकर लोगों को खाना खाते हà¥à¤ देखा।

Darshan Karo Ji

Golden Temple
लंगर के हम à¤à¤• बार फिर अंदर आये और काफी देर तक सरोवर के किनारे बैठे रहे. तकरीबन १०:३० पर हम वापस होटल के लिठचले. रासà¥à¤¤à¥‡ में वाइफ ने बोले की हम कल सà¥à¤¬à¤¹ फिर à¤à¤• बार वापस आà¤à¤‚गे और वह दिन में à¤à¥€ हरिमंदिर देखना चाहती हैं।

Sri Harmandir Sahab

Sarovar
चलते चलते à¤à¤°à¤µà¤¾à¤‚ डा ढाबा पर रà¥à¤• कर और थोड़ी थोड़ी फिरनी खा कर हम लोग वापस होटल पहà¥à¤‚चे. चाहे हम सà¥à¤¬à¤¹ के जलà¥à¤¦à¥€ उठे हों, चाहे शरीर कितना à¤à¥€ थका हà¥à¤† था, पर मन इतना शांत और पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ था की ये यातà¥à¤°à¤¾ बिलकà¥à¤² सफल हो चà¥à¤•ी थी।
दिन à¤à¤° के फोटो दोबारा देखने के बाद और अगले दिन का पà¥à¤²à¤¾à¤¨ बनाने के बाद हम लोग सो गये.
Day 2 at Amritsar
पहले दिन सà¥à¤¬à¤¹ जलà¥à¤¦à¥€ उठने के कारण दिन à¤à¤° थकान रही इसलिठजà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ नहीं घूम पाये। लेकिन कल रात पूरी नींद लेने के बाद आज हम जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ फà¥à¤°à¥‡à¤¶ थे। होटल में बà¥à¤°à¥‡à¤•फासà¥à¤Ÿ करने के बाद चेकआउट किया और लगेज उनके कà¥à¤²à¥‰à¤• रूम में रखवा दिया। फिर दिन की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤®à¤‚दिर से की। हलके हलके बादलों की वजह से मौसम बहà¥à¤¤ ही खà¥à¤¶à¤¨à¥à¤®à¤¾ था। à¤à¤• बार फिर सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤®à¤‚दिर जा कर और घर के लिठपà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦ खरीद कर हम वहां से निकले।
अगला पड़ाव जालिआंवाला बाग़ था जोकि सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤®à¤‚दिर से कà¥à¤› ही क़दमों की दूरी पर है। किताबों में पढ़ी हà¥à¤ˆ और टीवी पर देखी हà¥à¤ˆ इस तà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¦à¥€ के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर आना à¤à¤• अनोखा ही अनà¥à¤à¤µ होता है। दीवारों पर अà¤à¥€ à¤à¥€ गोलियों के निशान हैं। वो कà¥à¤†à¤‚ जिसमें न जाने कितने ही लोग कूद गठथे , अब à¤à¤• चारदीवारी से घिरा हà¥à¤† है। थोड़ी देर वहां रà¥à¤• कर हम लोग वापस बाजार की और चले। देखा तो १ बजने वाला था और à¤à¥‚ख à¤à¥€ लग आई थी। à¤à¤• रिकà¥à¤¶à¤¾ रोक कर हम “केसर दा ढाबा” की तरफ चल पड़े। तंग गलियों में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ ये ढाबा तकरीबन १०० साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ है और इसके खाने का कोई जवाब नहीं।
घी से à¤à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ दाल मखनी और सबà¥à¤œà¥€ के साथ फिर से घी में डूबी रोटी खा कर और सिरà¥à¤« à¤à¤• लसà¥à¤¸à¥€ को हम ३ लोग मà¥à¤¶à¥à¤•िल से ख़तà¥à¤® कर पाये। अमृतसर आने पर यहाठका खाना खाना तो बनता ही है। यहाठये जरूर लिखना चाहूà¤à¤—ा कि ये ढाबा पूरी तरह शाकाहारी है।
खाने के बाद बाजार से खरीदारी हà¥à¤ˆ और फिर हम होटल आ गà¤à¥¤Â वहां फà¥à¤°à¥‡à¤¶ हो कर और à¤à¤• à¤à¤• चाय पी कर हम लोग सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ की तरफ चले। सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ पर देखा की दिलà¥à¤²à¥€ शताबà¥à¤¦à¥€ जाने ही वाली थी और हमारी चंडीगढ़ की टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¤¾à¤°à¥à¤® पर लगने वाली थी। टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ आते ही हम अपनी सीटों पर फ़ैल गà¤à¥¤Â हमें चंडीगढ़ रात १० बजे पहà¥à¤‚चना था और अगला दिन à¤à¥€ काफी वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ रहने वाला था।
चंडीगढ़ में बिताया अगला दिन और वापसी की यातà¥à¤°à¤¾ – अगले à¤à¤¾à¤— में
great post.
Thank you Ghosh Ji…
यात्रा तो सचमुच बहुत ही आनन्द से भरपूर लग रही है. अत्यंत ही व्यस्त यात्रा कार्यक्रम रहा आपका किन्तु परिवार के साथ इतना भी बहुत होता है. केवल एक कमी खल रही है और वो यह है की आपने कहीं भी खाने-पीने और ठहरने पर होने वाले खर्चे की कोई जानकारी नहीं दी, जिसकी हम जैसे घुमक्करो को बहुत आवश्यकता रहती है.
खैर दर्शन करने और करवाने के लिए आपको बहुत बधाई और धन्यवाद।
अगली पोस्ट प्रतीक्षारत है …….
Thank you so much Arun Ji for reading this long post & giving your valuable comments..
I will definitely mention said details in my future posts.
Meanwhile, Lunch at “Sarhad” costed us approx Rs. 1000 (For 2.5 people), Ramada Hotel tariff was Rs. 3000 for 1 night with breakfast, and Lunch at “Kesar” costed us Rs. 500.
Bharwan da dhaba is also equally priced as Kesar. 1 should try Breakfast at Kanha’s Poori also.
बहुत ही सुन्दर लेखन प्रवेश जी.
रंगीले पंजाब के इस सुनहरी रंग (गोल्डन टेम्पल) का वर्णन और सभी चित्र भी आकर्षक है. आपके यात्रा वृतांत को पढ़कर पिछले वर्ष की अमृतसर यात्रा जीवंत हो गयी.
अनुभव साँझा करने के लिए धन्यवाद.
Thank you so much Munesh Ji,
This was indeed a great journey.
Welcome to Punjab,Beautiful defined visit Sir……but a shortcoming……u have not uploaded any your own/family photograph n u also missed to visit historical Durgiana Temple. Nice clips n awaiting next writings.Regards.
Dear Dr. Gandhi,
Thank you for encouraging words. & your input is well accepted. Will try to add pics hence forth.
Durgiana temple was missed due to lack of time & probably this will be reason of our next visit to this holy city.
Next part is almost ready & should be complete soon.
Warm regards
Pravesh
बढि़या यात्राा वर्णन, अगली कड़ी की प्रतीक्षा रहेगी।
Long time, Pravesh. Good to see your story on Amritsar. I share your views on Atari Border, there are indeed a lot of people and that is fine since people would want to witness the evening parade but there is a lack of ‘crowd management’ and that leads to all the chaos.
Ambarsar is always heavenly. Thank you.
When do we go to Chandigarh ?
Thank you Nandan,
Yes, it took really really long to write this post. Some times work & family commitments make your passion as last priority.
However, I am back with lot many experiences & a promise to share all of these, with fellow ghumakkars.
Next part should be complete very soon.
Love the way your have mentioned Amritsar, – “Ambarsar”.
Regards,
Pravesh
परिवार के साथ यात्रा का मज़ा ही कुछ और है ……… लेख पढ़ कर बहुत मज़ा आया . केसर का ढाबा के बारे में थोड़ी जानकारी और देते तो ठीक रहता
Thank you Mr. Laddha,
Kesar Dhaba is approx 100 years old & is situated near “passey wala Chowk”. It is so famous that if you ask a rickshaw puller just by name, he will take you there. No need to tell address.
Dhaba has a big dinning place & equally big kitchen also. They use only Desi Ghee for all the preparations. Daal makhni, Paneer dishes, Mix veg & baingan ka bharta are one of the best sold dishes.
Must visit, if you are in Amritsar…
Regds