सà¥à¤¬à¤¹ ही सà¥à¤¬à¤¹ उठकर मैं घूमने के लिठचला गया, जो की à¤à¤• आदत हैं. à¤à¤• आदत और हैं, जहां à¤à¥€ जाता हूठवंहा के समाचार पतà¥à¤° नितà¥à¤¯ खरीदता हूà¤. और वंहा के बारे में बड़े चाव से पढता हूà¤. बाहर जाकर वंहा की संसà¥à¤•ृति और वंहा के बारे में जानने की उतà¥à¤•ंठा रहती हैं. और लोकल के समाचार पतà¥à¤° इस बारे à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ माधà¥à¤¯à¤® होते हैं. मैं वह समाचार पतà¥à¤° फेंकता नहीं हूà¤. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने साथ à¤à¤•तà¥à¤°à¤¿à¤¤ करके लाता हूà¤. और उनका संगà¥à¤°à¤¹ करता हूà¤.
नहा धोकर, पहले रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर के सामने होटल में नाशà¥à¤¤à¤¾ करते हैं. फिर बाकी बची हà¥à¤ˆ जगह घूमने के लिठनिकल पड़ते हैं. आज का हमारा कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर के आसपास ही घूमने का तथा पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ आदि की खरीदारी का था. सबसे पहले हम लोग रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶  कर जाते हैं. रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने से पहले ये धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना चाहिठकि हमारे पास कोई कैमरा, मोबाइल, हैंड बैग आदि नहीं होना चाहिà¤. दà¥à¤µà¤¾à¤° पर तलाशी के दौरान ये सà¤à¥€ सामान बाहर छोडना पड़ता हैं.
रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर, जमà¥à¤®à¥‚ (RAGHUNATH MANDIR, JAMMU)
रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर जमà¥à¤®à¥‚ और कशà¥à¤®à¥€à¤° राजà¥à¤¯ के जमà¥à¤®à¥‚ शहर के मधà¥à¤¯ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। यह मंदिर जमà¥à¤®à¥‚ कि पहचान हैं.यह मनà¥à¤¦à¤¿à¤° आकरà¥à¤·à¤• कलातà¥à¤®à¤•ता का विशिषà¥à¤Ÿ उदाहरण है। रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर à¤à¤—वान राम को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है। यह मंदिर उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सबसे पà¥à¤°à¤®à¥à¤– à¤à¤µà¤‚ अनोखे मंदिरों में से à¤à¤• है। इस मंदिर को सनॠ1835 में इसे महाराज गà¥à¤²à¤¾à¤¬ सिंह ने बनवाना शà¥à¤°à¥‚ किया पर निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की समापà¥à¤¤à¤¿ राजा रणजीत सिंह के काल में हà¥à¤ˆà¥¤ मंदिर के à¤à¥€à¤¤à¤° की दीवारों पर तीन तरफ से सोने की परत चढ़ी हà¥à¤ˆ है।
इसके अलावा मंदिर के चारों ओर कई मंदिर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है जिनका समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ रामायण काल के देवी-देवताओं से हैं। रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में की गई नक़à¥à¤•़ाशी को देख कर परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• à¤à¤• अदà¥à¤à¥à¤¤ समà¥à¤®à¥‹à¤¹à¤¨ में बंध कर मनà¥à¤¤à¥à¤°-मà¥à¤—à¥à¤§ से हो जाते हैं।यह कहा जाता हैं कि मंदिर में तैंतीस करोड देवी देवताओं कि सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ हैं.  मंदिर का मैं केवल बाहर से ही चितà¥à¤° दे पा रहा हूà¤. अंदर के फोटो लेना वरà¥à¤œà¤¿à¤¤ हैं.(साà¤à¤¾à¤° : à¤à¤¾à¤°à¤¤ डिसà¥à¤•वरी)
जमà¥à¤®à¥‚ की शान रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर
सोने से मढ़ा हà¥à¤† मंदिर
इस मंदिर के शिखर, और दीवारे सोने से मढ़ी हà¥à¤ˆ हैं. कई कà¥à¤µà¤¿à¤‚टल सोना इसमें लगा हà¥à¤† हैं.
मंदिर का à¤à¤• और दृशà¥à¤¯
रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ बाज़ार
रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर से लगा हà¥à¤† रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ बाज़ार हैं. इसमें खाने पीने कि दà¥à¤•ाने, पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ की दà¥à¤•ाने, गरà¥à¤® कपड़ो की दà¥à¤•ाने आदि सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं वैसे तो कई दà¥à¤•ाने मशहूर हैं पर मैं नीचे कà¥à¤› दà¥à¤•ानों के नाम दे रहा हूà¤. जिसमे हमारा अनà¥à¤à¤µ हैं की आपको वाजिब रेट पर  सामान मिल सकता हैं.
१. बनिया सà¥à¤ªà¤° मारà¥à¤•ेट
यह शो रूम जमà¥à¤®à¥‚ के सबसे बड़े शो रूम में à¤à¤• हैं. यंहा पर आप à¤à¤• छत के नीचे पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦, गरà¥à¤® कपडे, आम पापड आदि खरीद सकते हैं. इसके अलावा इसके मालिक लाला मदन लाल अगरवाल, विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•ार के रोगों के लिठआयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ दवाठà¤à¥€ बिलकà¥à¤² मà¥à¤«à¥à¤¤ उपलबà¥à¤§ कराते हैं.
२. मà¥à¤—़ल कशà¥à¤®à¥€à¤° à¤à¤®à¥à¤ªà¥‹à¤°à¤¿à¤¯à¤®
यंहा पर सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•ार के गरà¥à¤® कपडे, बरà¥à¤«à¤¾à¤¨à¥€, शाल आदि खरीद सकते है. इसके मालिक अनिल गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ जी बड़े ही मिलनसार व नेकदिल इंसान हैं.
३. पंडित चà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ लाल अमरनाथ.
इनके यंहा से बादाम, अखरोट, सूखे मेवे, आम पापड़ आदि पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ का सामान ले सकते हैं. इनके यंहा का अखरोट और बादाम मशहूर हैं.
रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ बाज़ार
रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर से थोड़ी दूर पर à¤à¤• मंदिर पड़ता हैं जो की पैसो वाला मंदिर के नाम से मशहूर हैं.  ये कहा जाता हैं की अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹ के समय में इस मंदिर का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हà¥à¤† था. जो सेठइस मंदिर का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करा रहे थे वे परम देश à¤à¤•à¥à¤¤ थे. उस समय के चांदी के सिकà¥à¤•ो पर इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड के राजाओं और महारानियो के चितà¥à¤° होते थे. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपमानित करने के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से उस सेठने मंदिर के फरà¥à¤¶ में उन चांदी के सिकà¥à¤•ो को जड़वाया था.
पैसे वाला मंदिर
सैकड़ों साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ पेड़
चांदी का शिव लिंगम और फरà¥à¤¶ में जड़े हà¥à¤ चांदी के सिकà¥à¤•े
गणपति बापà¥à¤ªà¤¾ मोरया
रणवीरेशà¥à¤µà¤° मंदिर
रणबीरशà¥â€à¤µà¤° मंदिर जमà¥à¤®à¥‚ और कशà¥à¤®à¥€à¤° राजà¥à¤¯ के जमà¥à¤®à¥‚ शहर में शालीमार मारà¥à¤— पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। इस मंदिर का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ 1883 ई. में महाराजा रणबीर सिंह ने करवाया था। यह मंदिर à¤à¤—वान शिव को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है। इस मंदिर के मधà¥à¤¯ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शिवलिंग साढ़े सात फीट ऊंची है। अनà¥à¤¯ बारह पारदरà¥à¤¶à¥€ शिवलिंग 15 से 38 सेमी ऊंचाई का है। इसके अलावा मंदिर के दीरà¥à¤˜à¤¾ में à¤à¤• हज़ार शिवलिंग सà¥â€à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ है जो पतà¥à¤¥à¤° से बने हà¥à¤ है। इस मंदिर के अंदर à¤à¥€ फोटो खिचने की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ नहीं हैं. ये  कà¥à¤› फोटो à¤à¥€ बाहर से लिठथे. (साà¤à¤¾à¤° : à¤à¤¾à¤°à¤¤ डिसà¥à¤•वरी)
रन वीरेशà¥à¤µà¤° मंदिर
रण वीरेशà¥à¤µà¤° मंदिर का मà¥à¤–à¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤° साइड से
मंदिर का मà¥à¤–à¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°
राजा रणवीर सिंह की मूरà¥à¤¤à¥€ मंदिर के बिलकà¥à¤² सामने
हर की पौड़ी
रण वीरेशà¥à¤µà¤° मंदिर के बाद हम लोग हर की पौड़ी, जी हाà¤, हर की पौड़ी. जमà¥à¤®à¥‚ में à¤à¥€ हर की पौड़ी हैं. दरअसल तवी नदी के किनारे यह à¤à¤• मंदिरों का समूह, और घाट हैं. यंहा पर नदी के किनारे सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ आदि की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ हैं. और नहा-धोकर पवितà¥à¤° मंदिरों के दरà¥à¤¶à¤¨ कर सकते हैं. यंहा पर à¤à¥€ फोटो खींचने की मनाही हैं. कà¥à¤› फोटो मैंने बाहर से लिठथे. यह मंदिर समूह à¤à¤• पहाड़ी की तलहटी में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं. यंहा से बाहू का किला à¤à¥€ दिखाई देता हैं.
मंदिरों का विशाल समूह
पीछे तवी नदी और बराबर में मंदिर
सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° विशालकाय मà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾
दिन à¤à¤° में जमà¥à¤®à¥‚ à¤à¥à¤°à¤®à¤£ करने के बाद, अपना सामान पैक करके हम लोग रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ की और निकल पड़ते हैं. रात नो बजे हमारी टà¥à¤°à¥‡à¤¨ शालीमार à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ मà¥à¤œà¤¼à¤«à¥à¤«à¤°à¤¨à¤—र के लिठथी. हम लोग ठीक आठबजे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर आ जाते हैं. और देवी मैयà¥à¤¯à¤¾ से फिर आने का वादा करके टà¥à¤°à¥‡à¤¨ में सवार हो जाते हैं. जय माता की…
जमà¥à¤®à¥‚ लोहà¥à¤ªà¤¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤•

Dear Praveen Gupta ji- This post missed its schedule so we published it with a delay. We would push tomorrow morning’s story to 1200 noon to compensate for the time lost. Thanks.
धन्यवाद नंदन जी,
बहुत बढ़िया यात्रा विवरण… कम से कम मैने तो इनमें से कोई जगह नही देखी
धन्यवाद व वन्दे-मातरम
धन्यवाद बहुत बहुत आपका, वन्देमातरम…
Good description and photos. Please start new blog.
शर्मा जी धन्यवाद, जल्दी इन नई सीरीज आरम्भ कर दूँगा…
nice post and good pics.
धन्यवाद श्रीमान जी..
Thanks for this post. I love Jammu and stay there a couple of days on my each visit to Vaishnu Devi. Not all but I visit most of the big and famous temples in the main area of the town.
धन्यवाद वधवा जी…
एक बहुत ही अच्छी सीरीज थी प्रवीण जी जानकारी से भरपूर। सभी फोटो अच्छे है लेकिन रघुनाथ मंदिर के पुजारियों का हाल बड़ा ख़राब है, वो जबरदस्ती मांग कर दक्षिणा लेते है और ना देने पर गाली तक दे देते है लेकिन फिर भी जम्मू जाने पर बिना रघुनाथ मंदिर जाए मन नहीं मानता फिर प्रसाद भी (अखरोट, आमपापड़ आदि ) वही से खरीदना होता है।
धन्यवाद
बिलकुल ठीक कह रहे हो भाई, रघुनाथ मंदिर में पंडो का व्यवहार देखकर दिल खट्टा हो जाता हैं. हजारों साल से ऐसे ही लोगो के कारण से हिंदू धर्म की ये हालत हुई हैं. सराहना के लिए धन्यवाद बहुत बहुत…
प्रवीण जी…. जय माता दी….|
आपका लेख और फोटो बहुत अच्छे लगे……..हम लोग कई बार वैष्णो देवी और जम्मू गए….जितनी बार भी जम्मू गए हैं…उतने बार ही हमने रघुनाथ मंदिर के दर्शन किये….इस मंदिर में एक छोटा मंदिर भगवान शिव का जिसमे कांच का शिव लिंग विराजमान हैं….इस शिव लिंग की खासियत यह हैं की शिवलिंग के पीछे रखे नाग देवता की मूर्ति अक्स नजर आता है…हम जिस दिशा से भी इस शिव लिंग के दर्शन करे…हमेशा नाग देवता क मुख आपकी तरफ ही रहता है….
बाकि मंदिर के अंदर का तो आप भुक्त भोगी हो ही….जबरदस्ती चढ़ावे के लिए जोर दिया जाता है….जो हमे बिल्कुल अच्छा नही लगता….अरे भाई…श्रद्धा नाम की भी कोई चीज होती है….|
रघुनाथ जी मंदिर के साथ-साथ आपने जम्मू के और भी मंदिर के दर्शन कराए है..संभवतः इन मंदिरों को हमने नहीं देखा….| उसके लिए आभार…..अगली बार जाना होगा तो इन मंदिरों में भी दर्शन जरुर करेंगे…..आपकी नई श्रृंखला की प्रतीक्षा रहेगी…..
धन्यवाद………………………….
रितेश जी धन्यवाद, जय माता की…
Nice post Praveen Ji, but I agree with the consensus that Hinduism is a great religion but have been defaced by some money-minded implementer of this religion.
धन्यवाद राकेश जी, बिलकुल ठीक कह रहे हो भाई….
Great travelogue.
Well written and with well clicked photos.
Cheers!
Waiting for next stories.
धन्यवाद विनय जी…
धन्यवाद् प्रवीण जी , काफी अच्छी श्रंखला रही ।
पैसा वाला मंदिर के ठीक बगल में , Sharekhan का ऑफिस दीखता है :-) , सही जगह पर है । जय हिन्द ।
नंदन जी धन्यवाद, आपने बहुत ध्यान दिया, जबकि मेरा ध्यान, शेयरखान वाले बोर्ड पर नहीं गया. ये तो वाकई बहुत अच्छा काम्बिनेशन हैं….