24 सितमà¥à¤¬à¤°, 2016
पारà¥à¤µà¤¤à¥€ घाटी में घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी के लिठआकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करने वाला पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ से समृदà¥à¤§ परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ सà¥à¤¥à¤² है खीर गंगा. मणिकरà¥à¤£ के पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक à¤à¤µà¤‚ धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ पर à¤à¥à¤°à¤®à¤£ के बाद खीर गंगा के लिठपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ किया. खीर गंगा के लिठटà¥à¤°à¥ˆà¤•िंग बरशैणी के पास से आरमà¥à¤ होती है. मनिकरण से बरशैणी लगà¤à¤— 14 किलोमीटर की दूरी पर है. मनिकरण से बरशैणी बस दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जाया जा सकता है.

मणिकरà¥à¤£ से बरशैणी जाने वाले मारà¥à¤— पर बरशैणी जाने वाली बस
बरशैणी से खीर गंगा के लिठपैदल ही जाना होता है. पà¥à¤²à¤—ा, कलगा, तोष आदि आस पास के गांव तक निजी वाहन à¤à¤µà¤‚ टैकà¥à¤¸à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जाया जा सकता है. पà¥à¤²à¤—ा गांव से आगे वाहनों का जाना संà¤à¤µ नहीं है. बरशैणी से खीरगंगा के रासà¥à¤¤à¥‡ में पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी पर पनबिजली परियोजना (Parvati Hydel Project) के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कारà¥à¤¯ को देखा जा सकता है.

बरशैणी में पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी पर पनबिजली परियोजना का कारà¥à¤¯
पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी के किनारे थोड़ी दूर चलने पर à¤à¤• लकड़ी का छोटा-सा पà¥à¤² दिखाई देता है. यह पà¥à¤² कंकà¥à¤°à¥€à¤Ÿ के पकà¥à¤•े रासà¥à¤¤à¥‡ को खीरगंगा टà¥à¤°à¥‡à¤• के कचà¥à¤šà¥‡ रासà¥à¤¤à¥‡ से जोड़ता है. इस पà¥à¤² से पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी को पार करने के बाद ही खीरगंगा के लिठवासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• टà¥à¤°à¥ˆà¤•िंग का आरमà¥à¤ होता है. यहाठसे खीर गंगा लगà¤à¤— 12 किलोमीटर की दूरी पर है.

खीरगंगा टà¥à¤°à¥‡à¤• पर जाने के लिठपà¥à¤²
यहाठवाहनों और अनà¥à¤¯ मशीनों का कानों को कषà¥à¤Ÿ देने वाला शोर नहीं है. धà¥à¤†à¤‚ और पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण से आà¤à¤–ों की जलन नहीं है. बिखरा हà¥à¤† कूड़ा-कचरा और नालियों का बहता गनà¥à¤¦à¤¾ पानी नहीं है. यहाठहै तो बस देवदार के ऊà¤à¤šà¥‡ शीतल छायादार वृकà¥à¤·, सघन जंगल में पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का मधà¥à¤° कलरव और निरà¥à¤¬à¤¾à¤§ बहती पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी के जल का मधà¥à¤° संगीत और पà¥à¤°à¤•ृति के मन को हरने वाले दृशà¥à¤¯ जो परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ सà¥à¤‚दरता को कई गà¥à¤¨à¤¾ बढ़ा देते हैं.
खीरगंगा टà¥à¤°à¥‡à¤• के रासà¥à¤¤à¥‡ पर जैसे-जैसे आगे बढ़ते जाते हैं पà¥à¤°à¤•ृति के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ मनोहारी सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª के दरà¥à¤¶à¤¨ होते जाते हैं. खीर गंगा टà¥à¤°à¥ˆà¤•िंग का पूरा मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ से समृदà¥à¤§ है. इस मारà¥à¤— में छोटे-बड़े अनेक à¤à¤°à¤¨à¥‡ परà¥à¤µà¤¤ से गिरकर पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी में मिलते है. मारà¥à¤— में जगह-जगह सेब के बाग़ इस मारà¥à¤— को और à¤à¥€ मनोहारी बना देते है. मारà¥à¤— के दोनों ओर पके हà¥à¤ लाल-लाल सेब के वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ को देखकर मन हरà¥à¤· और उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ से à¤à¥‚मने लगता है. और जिसने पके हà¥à¤ सेबों को वृकà¥à¤·à¥‹ पर लगे हà¥à¤ पहली बार देखा हो उसकी तो बात ही कà¥à¤¯à¤¾.

खीर गंगा टà¥à¤°à¥ˆà¤•िंग मारà¥à¤— के दोनों ओर पके हà¥à¤ लाल-लाल सेब के वृकà¥à¤·
खीर गंगा टà¥à¤°à¥ˆà¤•िंग के मारà¥à¤— में “नकथान (Nakthan)” नामक कà¥à¤²à¥à¤²à¥‚ का पारंपरिक गांव मिलता है. दूर से ही लकड़ी से बने हà¥à¤ दो-तीन मंजिल के आकरà¥à¤·à¤• पारंपरिक à¤à¤µà¤¨ दिखाई देते है. पास जाने पर कà¥à¤› चाय नाशà¥à¤¤à¥‡ की दà¥à¤•ानें à¤à¥€ दिखाई देती हैं. जहाठकà¥à¤› देर विशà¥à¤°à¤¾à¤® करके चाय, पानी, चॉकलेट, बिसà¥à¤•à¥à¤Ÿ, चिपà¥à¤¸ आदि आवशà¥à¤¯à¤• सामगà¥à¤°à¥€ ली जा सकती है. सेबों के बाग और जगह जगह विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•ार के रंग-बिरंगे खिले हà¥à¤ फूलों से सजा यह गांव कà¥à¤› देर यहाठठहरने को विवश कर देता है. पारंपरिक वेश-à¤à¥‚षा में à¤à¥€ गांव के कई निवासियों को देखा जा सकता है.

खीर गंगा टà¥à¤°à¥ˆà¤•िंग मारà¥à¤— में कà¥à¤²à¥à¤²à¥‚ का पारंपरिक गांव “नकथान (Nakthan)”
नकथान से आगे बढ़ने पर मारà¥à¤— में रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¨à¤¾à¤— नामक धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤² है. धारà¥à¤®à¤¿à¤• महतà¥à¤¤à¤¾ के अतिरिकà¥à¤¤ यह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ अपने विशिषà¥à¤Ÿ पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक सौंदरà¥à¤¯ के लिठà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ है.

नकथान से रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¨à¤¾à¤— की ओर.
चारों ओर पहाड़ियों से घिरा à¤à¤—वान शिव का पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मंदिर, मंदिर के पीछे से बहता आकरà¥à¤·à¤• à¤à¤°à¤¨à¤¾ (Rudra-Nag waterfall) और बहते हà¥à¤ à¤à¤°à¤¨à¥‡ के पानी से बना छोटा-सा नाला और नाले को पार करने के लिठबना हà¥à¤† पà¥à¤². ये सब मिलकर इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की शोà¤à¤¾ बढ़ाते हैं. पà¥à¤² पर खड़े होकर देखने पर लगता है जैसे किसी कलाकार ने पà¥à¤°à¤•ृति का कोई सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° चितà¥à¤°à¤£ किया है और उस चितà¥à¤° में आप à¤à¥€ समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हैं.

पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ से परिपूरà¥à¤£ रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¨à¤¾à¤— धरà¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤²à¥€
अदà¥à¤à¥à¤¤, आकरà¥à¤·à¤• और मन को शांति पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने वाले इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर कà¥à¤› देर रà¥à¤•ने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ तन, मन और आतà¥à¤®à¤¾ तृपà¥à¤¤ हो जाते हैं. आगे बढ़ने के लिठफिर से नया जोश और उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो जाता है. इस पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ को शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में संजोना संà¤à¤µ नहीं है. नीचे दिया विडियो लिंक इसका जीवंत वरà¥à¤£à¤¨ कर सकता है.
यहाठसे आगे खीरगंगा के लिठमारà¥à¤— थोड़ा कठिन हो जाता है. खड़ी चढ़ाई और जगह-जगह पानी के छोटे-छोटे रिसाव से मारà¥à¤— में कहीं-कहीं फिसलन à¤à¥€ हो जाती है. सावधानी और संयम से आगे बढ़ते हà¥à¤ पà¥à¤°à¤•ृति के समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ का आनंद मिलता है. इससे आगे खीर गंगा तक मारà¥à¤— देवदार के घने जंगलों से होकर जाता है.

रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¨à¤¾à¤— से खीरगंगा की ओर
पà¥à¤°à¤•ृति पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ ही धारà¥à¤®à¤¿à¤• आसà¥à¤¥à¤¾ रखने वालों तथा यहाठबने हà¥à¤ गरà¥à¤® पानी के कà¥à¤‚ड “पारà¥à¤µà¤¤à¥€ कà¥à¤‚ड†में सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ से शरीर के अनेक रोगों में चमतà¥à¤•ारी लाठलेने वालों को à¤à¥€ खीर गंगा अपनी और आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करता है. à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है की à¤à¤—वन शिव ने इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर 3000 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक तप किया था. वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में खीर गंगा à¤à¤• असà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ गांव है जहाठगà¥à¤°à¥€à¤·à¥à¤®à¤•ाल (मारà¥à¤š से अकà¥à¤Ÿà¥‚बर) में देश-विदेश से आने वाले लोगों की संखà¥à¤¯à¤¾ हज़ारों में होती है तथा शीतकाल (नवमà¥à¤¬à¤° से फरवरी) में यहाठकà¥à¤› गिने-चà¥à¤¨à¥‡ लोग ही मिलते हैं.
खीर गंगा का पà¥à¤°à¤®à¥à¤– आकरà¥à¤·à¤£ यहाठबना हà¥à¤† पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक गरà¥à¤® पानी का कà¥à¤‚ड “पारà¥à¤µà¤¤à¥€ कà¥à¤‚ड†है. पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° खीर गंगा में पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ समय में खीर बहती थी जो पहाड़ों के बीच से होकर पारà¥à¤µà¤¤à¥€ कà¥à¤‚ड में गिरती थी. वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में à¤à¥€ पारà¥à¤µà¤¤à¥€ कà¥à¤‚ड के पानी का रंग सफ़ेद है और खीर की मलाई जैसे छोटे-छोटे कतरे पारà¥à¤µà¤¤à¥€ कà¥à¤‚ड के पानी में देखे जा सकते है. इसी कारण से इसका नाम खीर गंगा पड़ा. पारà¥à¤µà¤¤à¥€ कà¥à¤‚ड में नहाने से पहले कà¥à¤‚ड की पवितà¥à¤°à¤¤à¤¾ बनाये रखने के लिठकà¥à¤‚ड के बाहर गिरते पानी में नहाना आवशà¥à¤¯à¤• है.
पारà¥à¤µà¤¤à¥€ कà¥à¤‚ड से गिरते गरà¥à¤® पानी का तापमान इतना अधिक है की जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ देर तक इसके नीचे रहना असंà¤à¤µ है. पारà¥à¤µà¤¤à¥€ कà¥à¤‚ड में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करते ही शरीर की पूरे दिन की थकान à¤à¤¸à¥‡ गायब हो गयी जैसे कोई चमतà¥à¤•ार हो. पारà¥à¤µà¤¤à¥€ कà¥à¤‚ड से चारों और ऊà¤à¤šà¥‡ पहाड़ों पर फैली हरियाली और बरà¥à¤« से ढके हà¥à¤ पहाड़ों के शिखरों को निहारना à¤à¤• अतà¥à¤¯à¤‚त ही मनोहारी और आनंद देने वाला अनà¥à¤à¤µ था.

खीरगंगा का महतà¥à¤¤à¥à¤µ
पारà¥à¤µà¤¤à¥€ कà¥à¤‚ड के पास ही शिवजी का à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मंदिर है. और इसके समीप ही à¤à¤• धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ à¤à¥€ बनी हà¥à¤ है. धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में सीमित लोगों के लिठठहरने और à¤à¥‹à¤œà¤¨ आदि की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¥€ है.

खीरगंगा, पारà¥à¤µà¤¤à¥€ कà¥à¤‚ड और पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ शिव मंदिर
इसके अतिरिकà¥à¤¤ यहाठछोटे बड़े अनेक असà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ ढाबे, कैफ़े, कैंप आदि किराये पर लेने के लिठउपलबà¥à¤§ हैं. यहाठआप अपनी आवशà¥à¤¯à¤•ता à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कैफ़े में बने सामूहिक हॉल अथवा दो या चार लोगों के लिठटेंट (camp) रातà¥à¤°à¤¿ विशà¥à¤°à¤¾à¤® के लिठले सकते है. चाय, नाशà¥à¤¤à¤¾, à¤à¥‹à¤œà¤¨ आदि की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¥€ इन कैफ़े में है.

रातà¥à¤°à¤¿à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤°à¤¾à¤® à¤à¤µà¤‚ चाय à¤à¥‹à¤œà¤¨ आदि की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾.
खीर गंगा में विदेशी परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• à¤à¥€ बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में आते हैं जिनमे अधिकतर इजराइल (Israel) से हैं. पारà¥à¤µà¤¤à¥€ घाटी में सà¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर इजराइली परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों को बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में देखा जा सकता है. इसी कारण पारà¥à¤µà¤¤à¥€ घाटी में सà¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर इजराइली फ़ूड à¤à¥€ उपलबà¥à¤§ है.
चारों और ऊà¤à¤šà¥‡ पहाड़ों पर बहती शीतल मंद वायॠऔर रातà¥à¤°à¤¿ के अंधकार में शांत आकाश में टिमटिमाते अनगिनत तारों के नीचे टेंट से बने हॉल (कैफ़े) में रातà¥à¤°à¤¿ विशà¥à¤°à¤¾à¤® का अनà¥à¤à¤µ अपने आप में अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ था.
खीर गंगा से बरशैणी वापसी टà¥à¤°à¥ˆà¤•िंग विवरण आगामी लेख में …
धन्यवाद मुनेश इस नई जगह के जानकारी और सैर के लिए । हालांकि हम लोग करीब ७-८ साल पहले कसोल गए थे और मलाना का ट्रेक भी किया था पर खीर गंगा की इल्म नहीं था ।
Thank you Nandan ji for the comment. Parvati Valley has many hidden gems in it.
मै मणीकरà¥à¤£ तक गया हूà¤à¥¤ आपका लेख पढकर खीरगगा जाने की इचà¥à¤›à¤¾ बलवती हो गई है। बड़ा ही सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° विवरण रोचक à¤à¤¾à¤·à¤¾ में। गाड़ी कहाठतक जा सकती है ?, इसकी सटीक जानकारी आपसे अपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ है। रोचक जानकारी के लिये धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦…
खीर गंगा लेख पर अपने विचार साà¤à¤¾ करने के लिठधनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦. मनिकरण से लगà¤à¤— 14 किलोमीटर की दूरी बरशैणी नामक सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है जहाठतक बस दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾, निजी वाहन à¤à¤µà¤‚ टैकà¥à¤¸à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जाया जा सकता है. खीर गंगा के लिठआगे की लगà¤à¤— 12 किलोमीटर की मनोहारी यातà¥à¤°à¤¾ पैदल ही करनी होती है. बरशैणी से पà¥à¤²à¤—ा, कलगा, तोष आदि आस पास के गांव तक जाने के लिठगाड़ियों का रासà¥à¤¤à¤¾ है.
बरशैणी से 12 किमी आगे का रासà¥à¤¤à¤¾ टà¥à¤°à¥‡à¤•िंग के लिहाज से आसान है या कठिन चà¥à¤¾à¤ˆ है ??
कितना समय लगेगा पैदल जाने में ?