दिसमà¥à¤¬à¤° माह की सिविल सेवा की लमà¥à¤¬à¥€ मà¥à¤–à¥à¤¯ परीकà¥à¤·à¤¾ से मन बोà¤à¤¿à¤² सा हो चà¥à¤•ा था और उसके ततà¥à¤•ाल बाद नौकरी जà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤¨ करने से यह और बढ़ता ही गया गया | à¤à¤¸à¥‡ में रिलीफ हेतॠà¤à¤• यातà¥à¤°à¤¾ की तà¥à¤°à¤‚त आवशà¥à¤¯à¤•ता थी | पिछले सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ सà¥à¤¬à¤¹ उठकर मैंने गूगल शà¥à¤°à¥‚ कर दिया और पता चला की अहमदाबाद से मातà¥à¤° 35 km की दूरी पर ठोल बरà¥à¤¡ सैंकà¥à¤šà¥à¤…री है । फिर कà¥à¤¯à¤¾ था बन गया पà¥à¤²à¤¾à¤¨ और मैंने पतà¥à¤¨à¥€ जी को आधे घंटे का समय दिया और बोला जो हो सके खाने पीने का ले लो और चलने को तैयार हो जाओ | अचानक घर में दौड़ à¤à¤¾à¤— शà¥à¤°à¥‚ हो गई कोई कà¥à¤› माà¤à¤— रहा था और कोई कहीं दौड़ रहा था | इसी बीच ऑफिस के ही कमलेश जी का फ़ोन आ गया और मैंने अपने पà¥à¤²à¤¾à¤¨ से अवगत कराया | पतà¥à¤¨à¥€ जी पीछे से आवाज लगाईं नहा धो लो नहीं तो देरी का इलà¥à¤œà¤¾à¤® मेरे ऊपर ही आà¤à¤—ा | मैंने अपनी असमरà¥à¤¥à¤¤à¤¾ जाहिर करते हà¥à¤ वारà¥à¤¤à¤¾à¤²à¤¾à¤ª को विराम दिया | में अà¤à¥€ टॉवल ढूढ़ ही रहा था की महोदय का पà¥à¤¨à¤ƒ फ़ोन आया और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा की वो à¤à¥€ चलने को तैयार हैं विद फà¥à¤² फॅमिली | फिर कà¥à¤¯à¤¾ था यातà¥à¤°à¤¾ में और à¤à¥€ शà¥à¤°à¥‚आती रोमांच आ गया | हम आधे घंटे में तैयार हो गये और कमलेश जी à¤à¤• घंटे बाद नियत सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर मिले | हमने बाईक में पेटà¥à¤°à¥‹à¤² ली और चल दिठठोल बरà¥à¤¡ सैंकà¥à¤šà¥à¤…री की ओर |

रासà¥à¤¤à¥‡ का à¤à¤• चितà¥à¤°
किसी ने सच ही कहा है की रासà¥à¤¤à¤¾ मंजिल से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ खूबसूरत होता है | हम à¤à¥€ रासà¥à¤¤à¥‡ को à¤à¤¨à¥à¤œà¥‰à¤¯ करते हà¥à¤ आगे बढ़ रहे थे | मंजिल तक पहà¥à¤šà¤¨à¥‡ की कोई जलà¥à¤¦à¥€ नहीं थी बलà¥à¤•ि हम रासà¥à¤¤à¥‡ के वादियों और सड़क के किनारे लगे पौधों का लà¥à¤¤à¥à¤«à¤¼ उठाते चल रहे थे । गूगल मैप नेविगेशन लेकर मेरी संगिनी जी बाइक के पीछे की सीट पर थी और कमलेश जी अपनी दो पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥€ बचà¥à¤šà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ और अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ पतà¥à¤¨à¥€ के साथ बाइक से चल रहे थे । छोटी बेटी अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ आपने पापा को बार बार तेज चलकर बाइक मà¥à¤à¤¸à¥‡ आगे निकालने को बोल रही थी । इसी तरह चलते हà¥à¤ लगà¤à¤— 10km की यातà¥à¤°à¤¾ के बाद à¤à¤• नहर आई ।

अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ और उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ नहर के किनारे
हमने गाडी à¤à¤• साइड लगा दी और चल पड़े नहर के किनारे किनारे । नहर के आस पास कà¥à¤› नठपà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ की चिड़ियाठà¤à¥€ दिखी और अपने गाà¤à¤µ की सà¥à¤–द सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¥€ हो आई । नहर में नहाते अधनंगे बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को देख मन दà¥à¤–ित हà¥à¤† ।

पोज़ देती अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾
कà¥à¤› सरकारी परियोजनाओं की यथासà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ à¤à¥€ देखा हमने ।

सड़क से काफी à¤à¥€à¤¤à¤° लगा बोरà¥à¤¡
फिर वापस हम चलने को तैयार हà¥à¤ । इस बार अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ ने गेम बदला और बोली मैं अंकल के बाइक पर बैठूà¤à¤—ी (इसका à¤à¤• ही उदà¥à¤¯à¥‡à¤¶à¥à¤¯ था की आगे रहा जा सके) । हम वहां से आगे बढे । मंद गति से हम आस पास देखते आगे बढ़ रहे थे । रासà¥à¤¤à¤¾ गाà¤à¤µ कसà¥à¤¬à¥‹à¤‚ के बीच से जाता था इसलिठआस पास बड़ी हरियाली थी खेतों में पूरा परिवार कारà¥à¤¯ में लगा हà¥à¤† था । à¤à¤¾à¤°à¤¤ का à¤à¤• गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ समाज का चितà¥à¤°à¤¾à¤‚कन à¤à¥€ हà¥à¤† । बीच बीच में अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ कोई जानवर देखकर काऊ और बोफॉलो चिलà¥à¤²à¤¾ रही थी ।मैंने अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ से पोà¤à¤® सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‡ को कहा उसने मछली जल की रानी से लेकर कई पोà¤à¤® सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ । फिर हम सबने साथ मिलकर फ़िलà¥à¤®à¥€ गाने à¤à¥€ गाये । और अंततः थोल सैंकà¥à¤šà¥à¤…री कà¥à¤› ही दूर पर रह गई थी ।

कà¥à¤› दूरी और
आगे का 1.5km का रासà¥à¤¤à¤¾ काफी नैरो था । à¤à¤• समय में à¤à¤• ही फोर वà¥à¤¹à¥€à¤²à¤° निकल सकती थी । à¤à¤¡à¤œà¤¸à¥à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट से होते हà¥à¤ अंततः हम गंतवà¥à¤¯ तक पहà¥à¤à¤šà¥‡ ।

सà¥à¤µà¤¾à¤—त छे
गाड़ी को अंदर तक ले जाना अलाउ था लेकिन हमने गाड़ी को शà¥à¤°à¥‚ में ही पारà¥à¤•िंग में लगाई और पैदल यातà¥à¤°à¤¾ करने का निशà¥à¤šà¤¯ किया । और सही बात तो यही है की अगर बरà¥à¤¡ वाचिंग के लिठगठहैं तो आपको संयम रखने की जरà¥à¤°à¤¤ है और बरà¥à¤¡ आपको कहीं à¤à¥€ दिखाई दे सकती हैं ।

थोल
हमने लेक के किनारे बने पैदल पथ पर यातà¥à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ की | मौसम सà¥à¤¹à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ हो चला था और हलकी हलकी बयारॠबह रही थी जिसने माहौल को खà¥à¤¶à¤¨à¥à¤®à¤¾ बना दिया था | इतने बड़ी à¤à¥€à¤² को देखकर सà¥à¤•ून महसूस हà¥à¤† और à¤à¤¸à¤¾ लगा की मै पहले यहाठकà¥à¤¯à¥‚ठनहीं आया ? हम रासà¥à¤¤à¥‡ से नीचे उतरकर à¤à¥€à¤² के किनारे तक गये और वहां बैठकर सà¥à¤¬à¤¹ की बनाई थेरà¥à¤®à¥‹à¤«à¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤• में रखी गरम चाय (जो अà¤à¥€ तक परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ गरम थी) का आनंद लिया |

à¤à¥€à¤² के किनारे आनंद के कà¥à¤·à¤£
किनारे हमने à¤à¤• घंटे बिठाये और जीवन के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पहलà¥à¤“ं पर चरà¥à¤šà¤¾ की | कà¥à¤› समय तक शांत बैठकर सबने सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ बात चीत बंद कर दी और दूर तक फैले à¤à¥€à¤² और उड़ते पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को देखते रहे |

पंकà¥à¤·à¥€ नदियाठपवन के à¤à¥‹à¤‚के

चल उड़ जा रे पंकà¥à¤·à¥€
फिर हम वापस किनारे के रसà¥à¤¤à¥‡ पर आ बरà¥à¤¡ वाच पॉइंट की ओर बढे | रासà¥à¤¤à¥‡ में à¤à¤• मैन-मेड वृकà¥à¤· आकार का पॉइंट मिला जिस पर जाने के लिठबचà¥à¤šà¥‡ उतावले हो गये | और अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ जलà¥à¤¦à¥€ से जाकर ऊपर चढ़ गई |

अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ की अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾
रासà¥à¤¤à¥‡ के किनारे उगे कई नीम के पेड़ में से सबसे आसान पेड़ पर मैंने चढाई का पà¥à¤²à¤¾à¤¨ बनाया ताकि अपनी बचपन की कहानियों को सिधà¥à¤§ किया जा सके की मे पेड़ पर चढ़ने में माहिर हूठ| सबके मना करने के बाद à¤à¥€ मे पेड़ की सबसे नीचे डाली पर चढ़ा और रों धोकर अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¥€ आ गई थोड़ी देर में |

में और अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾
आगे चलकर हम बरà¥à¤¡ वाचिंग पॉइंट पर पहà¥à¤‚चे | लेकिन वहां से बरà¥à¤¡ काफी दूर थी | हमें पता चला की शाम के समाय या बिलकà¥à¤² à¤à¥‹à¤° में पकà¥à¤·à¥€ किनारे को आते हैं | हमने दूर से पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के à¤à¥à¤£à¥à¤¡ को देखा |

Flock of Birds

पानी में खेलती अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾

came out naturally
इसके बाद लौटने का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ हà¥à¤ˆ | सà¤à¥€ लोग थक चà¥à¤•े थे परनà¥à¤¤à¥ में अधिक सà¥à¤«à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ महसूस कर रहा था | बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में तो उरà¥à¤œà¤¾ सà¥à¤¬à¤¹ की तरह ही बरकरार थी | वापस उसी रासà¥à¤¤à¥‡ नठदृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को निहारते हम पारà¥à¤•िंग की ओर बढे | सूरज ढल रहा था और à¤à¥€à¤² में नई खूबसूरती पनप रही थी | रासà¥à¤¤à¥‡ के मोहक दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को में कैमरे में कैद करना चाह रहा था | पर यह उस सà¥à¤¤à¤° पर संà¤à¤µ नहीं था

अतà¥à¤¯à¤‚त सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° दृशà¥à¤¯
लौटते वक़à¥à¤¤ हमने आस पास उगे पेड़ पौधों का मà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¨à¤¾ à¤à¥€ किया | और à¤à¤• अनजान पौधे में कà¥à¤› फल लगे थे और वह वृकà¥à¤· सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° लग रहा था |
à¤à¤• बेहतरीन अनà¥à¤à¤µ और आनंद के पलों के संचयन के साथ यातà¥à¤°à¤¾ समापà¥à¤¤à¤¿ की ओर अगà¥à¤°à¤¸à¤° हà¥à¤ˆ | à¤à¤• घंटे के बाद हम वापस अहमदाबाद आ गये | यातà¥à¤°à¤¾ से रोमांचित हो हम जलà¥à¤¦ ही नालसरोवर बरà¥à¤¡ सैंकà¥à¤šà¥à¤…री का पà¥à¤²à¤¾à¤¨ बना रहे हैं जिसका वरà¥à¤£à¤¨ आप लोगों से शेयर करूà¤à¤—ा |
आपका सफर बड़ा ही मजेदार रहा है।
आपने इसे बड़े ही मनोहारी ढंग से लिखा है। फ़ोटोग्राफ़ भी अच्छे आये हैं।
ऐसे ही घूमते रहा करिये तथा अपने संस्मरण हमें पढ़ते रहें।
धन्यवाद।
Thanks a lot Uday ji. Ghumne ke sath sath ab share karna ek mahatvpurn udyeshy ho gya hai.
Seems like a great day outing place near Ahemadabad. And I believe this is the first log on ‘Thol’ sanctuary so thank you for sharing this with us.
Thanks Nandan. Thol is a beautiful and peaceful place to visit. Even the local ahmedavadi don’t know about it. its an awesome feeling while sharing the unexplored gems.
Recently I visited Thol its a beautiful place in winter to hang up with family. Its a feel good experience mine there with my wife. It also makes me smile by seeing your masti with Abhilasha. Thanks for the remiding the memories