à¤à¤¾à¤— 2
अगली सà¥à¤¬à¤¹ यानि 18 जून 2017 को नींद तो छै बजे ही खà¥à¤² गयी थी लेकिन ठणà¥à¤¡ के कारण रजाई से बहार निकलते निकलते सात बज गà¤à¥¤ तब तक कपिल à¤à¥€ हमारे कमरे में आ गया और फटा फट सामान बांधने में हमारी मदद करने लगा। ठीक आठबजे हम फॉरेसà¥à¤Ÿ ऑफिस पहà¥à¤‚चे और परमिट की à¤à¤‚टà¥à¤°à¥€ करवाई  तथा कैंपिंग चारà¥à¤œà¥‡à¤œà¤¼ और गारà¥à¤¬à¥‡à¤œ चारà¥à¤œà¥‡à¤œà¤¼ जमा करवा के वापस अपने कमरे पे सामन उठाने पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤ टà¥à¤°à¥‡à¤• शà¥à¤°à¥‚ करने से पहले फॉरेसà¥à¤Ÿ डिपारà¥à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट वाले गारà¥à¤¬à¥‡à¤œ चारà¥à¤œà¥‡à¤œ लेते हैं जो की टà¥à¤°à¥‡à¤• के दौरान आपके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ फैलाये गठकूड़े कटकर के लिठहोते हैं।  ये चारà¥à¤œà¥‡à¤œ रिफंडेबल होते हैं अगर आप टà¥à¤°à¥‡à¤• से वापस आने के बाद अपना सारा कूड़ा वापस लेके आये हों तो। सारी तैयारियां पूरी होने के बाद हम अपने सफर पर निकल पड़े जो की सूरà¥à¤¯ कà¥à¤‚ड को पार करके शà¥à¤°à¥‚ से ही खड़ी चढाई से शà¥à¤°à¥‚ होता है।
इस टà¥à¤°à¥‡à¤• पर निकलने से पहले मैंने दिलà¥à¤²à¥€ में इंटरनेट पर इस यातà¥à¤°à¤¾ के बारे में काफ़ी खोज की थी लेकिन कà¥à¤› ख़ास नहीं मिला, हाठये ज़रूर पता चला की गंगोतà¥à¤°à¥€ से केदारताल की दूरी 17 किलोमीटर है और रसà¥à¤¤à¥‡ में दो जगह रात को रà¥à¤•ना पड़ेगा। मैं बहà¥à¤¤ सालों से पहाड़ो में टà¥à¤°à¥‡à¤• करता आया हूठलेकिंग मैंने पैदल पहाड़ी रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को कà¤à¥€ किलोमीटर की दूरी को तवजà¥à¤œà¥‹ नहीं दी, मैं हमेशा पहाड़ी रसà¥à¤¤à¥‡ की दूरी को घंटों में नापता हूठजैसे किस जगह से किस जगह पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ में कितने घंटे लगते हैं। इंटरनेट पर जो à¤à¥€ जानकारी मिली उससे पता चला की हमारा पहला पड़ाव à¤à¥‹à¤œ खड़क होने वाला है और वहां पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ में हमें छै से सात घंटे लगेंगे। पूरा रासà¥à¤¤à¤¾ ही दà¥à¤°à¥à¤—म है और खड़ी चढाई है तथा केदार गंगा के साथ साथ चलता है। कई जगहों पर रासà¥à¤¤à¤¾ बहà¥à¤¤ खतरनाक है और  बहà¥à¤¤ सावधानी बरतने ज़रà¥à¤°à¤¤ पड़ती है। हर थोड़ी थोड़ी देर बाद चढ़ी हà¥à¤ˆ सांस को नॉरà¥à¤®à¤² करने के लिठरà¥à¤•ना ही पड़ता है। अगर टà¥à¤°à¥‡à¤• मà¥à¤¶à¥à¤•िल हो तो मैं अपनी चाल को सांगत करने के लिठक़दमों में बाà¤à¤Ÿ देता हूà¤à¥¤
चढाई को देखते हà¥à¤, गिनती करके, हर बीस कदम या तीस कदम पे रà¥à¤•ता हूठऔर तीस चालीस सेकंड का बà¥à¤°à¥‡à¤• लेके फिर आगे बड़ जाता हूà¤à¥¤ à¤à¤¸à¤¾ ही मैं यहाठà¤à¥€ कर रहा था। करीब दो घंटे का रासà¥à¤¤à¤¾ तय करने के बाद हम à¤à¤• कà¥à¤› लमà¥à¤¬à¥‡ बà¥à¤°à¥‡à¤• के लिठरà¥à¤•े और बिसà¥à¤•à¥à¤Ÿ और चॉकलेट खा कर पेट की आवाज़ को शांत किया। मैंने इंटरनेट पैर ये à¤à¥€ पड़ा था की इस रसà¥à¤¤à¥‡ में पानी कहीं नहीं मिलगा इसलिठअपने साथ पानी का पà¥à¤–à¥à¤¤à¤¾ इंतज़ाम कर के चलना चाहिठलेकिन जून के महीने में हमें à¤à¤¸à¥€ कोई परेशानी नहीं हà¥à¤ˆà¥¤ जगह जगह पहाड़ों से à¤à¤°à¤¨à¥‡ बह रहे थे और पानी à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ था। कà¥à¤› देर यहाठरà¥à¤•ने के बाद हम फिर से आगे बड़ चले।  शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ के दो ढाई घंटों का सफर à¤à¥‹à¤œà¤ªà¤¤à¥à¤° के जंगल से होता हà¥à¤† गà¥à¤œà¤¼à¤°à¤¤à¤¾ है और आपके बाईं तरफ केदार गंगा का तेज़ बहाव से बहता हà¥à¤† पानी आपके कानो में निरंतर गूंजता रहता रहता है।
पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त का यह पहला औपचारिक टà¥à¤°à¥‡à¤• था इसलिठउसकी हालत काफी टाइट हो रही थी। चढाई इतनी कठिन थी की हालत तो मेरी à¤à¥€ टाइट हो रही थी।  पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त हमारे गाइड कपिल से हर थोड़ी देर में पूछता की à¤à¤¾à¤ˆ à¤à¥‹à¤œ खड़क अब कितनी दूर है और कपिल हर बार कहता की बस अब थोड़ा ही रह गया और हमे आगे बढ़ने को कह देता। करीब पांच घंटे का रासà¥à¤¤à¤¾ तय करने के बाद हम उस जगह पर पहà¥à¤à¤š जिसके बारे में तकरीबन मैंने सà¤à¥€ बà¥à¤²à¥‰à¤—à¥à¤¸ में पड़ा था और उसे सà¥à¤ªà¤¾à¤‡à¤¡à¤° वाल कहते हैं। इस जगह के बारे में तकरीबन सà¤à¥€ लोगों ने लिखा था के ये बहà¥à¤¤ खतरनाक जगह है लेकिन वहां पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ पर मà¥à¤à¥‡ तो कोई ख़ास परेशानी नहीं  हà¥à¤ˆà¥¤ यह केवल à¤à¤• बड़ी सी चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨ हैं जिसको à¤à¤¹à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¤ के साथ पार करना पड़ता है।  अगर आप रेगà¥à¤²à¤° टà¥à¤°à¥‡à¤•र हैं तो आपको यहाठपर कोई दिकà¥à¤•त नहीं होगी।  यहीं पर ऊपर पहाड़ से गà¥à¤²à¥‡à¤¸à¤¿à¤¯à¤° का पिगलता हà¥à¤† à¤à¤• छोटा सा à¤à¤°à¤¨à¤¾ à¤à¥€ है। सà¥à¤ªà¤¾à¤‡à¤¡à¤° वाल को पार करने के बाद ही à¤à¥‹à¤œ खड़क का छोटा सा कैंप साइट है। कपिल ने जब बताया की आज रात हमें यहीं  रà¥à¤•ना है तो पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त की जान में जान आई।

Bhojpatra Trees

on the way to Bhoj Kharak

Spider Wall
हम दोपहर दो बजे यहाठपहà¥à¤à¤š गठथे और हमने गंगोतà¥à¤°à¥€ से à¤à¥‹à¤œ खड़क तक का सफर करीब छै घंटे में तय किया था। इन छै घंटों में हमारा सामना à¤à¤• à¤à¥€ इंसान से नहीं हà¥à¤†à¥¤ ख़ैर à¤à¥‹à¤œ खड़क पहà¥à¤à¤š कर हमने अपने कंधों का बोठहलà¥à¤•ा किया और कà¥à¤› देर बैठकर आराम किया। थोड़ी देर आराम करने के बाद कपिल और बहादà¥à¤° (हमारा पोरà¥à¤Ÿà¤°) दिन का खाना बनाने की तैयारी करने में लग गà¤à¥¤ वहीठपर पड़े कà¥à¤› पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ से चूलà¥à¤¹à¤¾ तैयार किया गया और सà¥à¤ªà¤¾à¤‡à¤¡à¤° वाल के पास बहते हà¥à¤ à¤à¤°à¤¨à¥‡ से पानी का इंतज़ाम किया गया। सबसे पहले तो हमने सूप बनाया और फिर खिचड़ी तैयार की। करीब दोपहर तीन बजे हमने लंच किया और उसके बाद रात को सोने के लिठअपने तमà¥à¤¬à¥‚ गाड़ लिà¤à¥¤ रात होने में अà¤à¥€ समय था इसलिठपà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त और मैं कà¥à¤› दूर टहलने निकल पड़े। रासà¥à¤¤à¥‡ में हमे à¤à¤• जगह à¤à¤°à¤² (Himalayan blue sheep) के à¤à¤¡à¤¼à¥‡ हà¥à¤ बहà¥à¤¤ से बाल मिले। à¤à¤¸à¤¾ लग रहा था की यहाठपर किसी हिम तेंदà¥à¤ ने à¤à¤°à¤² का शिकार किया हो। à¤à¥‹à¤œ खड़क कैंप साइट पे à¤à¤• नर à¤à¤°à¤² की सींगों समेत à¤à¤• खोपड़ी à¤à¥€ देखने को मिली।

Bhoj Kharak camp site

Bharal hair

Bharal Skull
थकान काफी हो रही थी इसलिठहम जलà¥à¤¦à¥€ ही कैंप वापस आ गà¤à¥¤ रात को गरम कपड़ों में पूरी तरह से अपने आपको ढकने के बाद हम  टेंट में अपने अपने सà¥à¤²à¥€à¤ªà¤¿à¤‚ग बैग के अंदर घà¥à¤¸ गà¤à¥¤ यहाठमà¥à¤à¥‡ पहली बार पता चला की मेरा सà¥à¤²à¥€à¤ªà¤¿à¤‚ग बैग high altitude के लिठकिसी काम का नहीं है। शà¥à¤°à¥‚ में तो कà¥à¤› घंटे थकान की वजह से नींद आ गई लेकिन रात को तीन बजे के करीब ठणà¥à¤¡ के मारे नींद खà¥à¤² गई। काफी देर तक करवटें बदलता रहा लेकिन ठणà¥à¤¡ बड़ती ही जा रही थी। आखिरकार मैंने अपना butane गैस सिलेंडर और बरà¥à¤¨à¤° बहार निकाला और टेंट के अंदर ही उसे जला कर अपने हाथ पाà¤à¤µ सेकने लगा।  करीब पंदà¥à¤°à¤¹ बीस मिनट तक गैस पे आग सेकने के बाद मैं फिर से सोने की कोशिश करने लगा लेकिन नींद का कहीं नमो निशान नहीं था। किसी तरह करवटें बदल बदल कर टाइम बिताया और सà¥à¤¬à¤¹ पांच बजे ही टेंट से बहार आ गया और चूलà¥à¤¹à¥‡ में आग जला ली। à¤à¤• बरà¥à¤¤à¤¨ में चाय का पानी à¤à¥€ उबलने को रख दिया। मेरे अलावा बाकी तीनो लोग अपने अपने टेंटों में मज़े में सो रहे थे।
बहार ठणà¥à¤¡ इतनी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ थी की चाय बनने में à¤à¥€ बीस मिनट लग गà¤à¥¤ मैं चाय का à¤à¤• कप लेके पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त के टेंट में गया और चाय के लिठपà¥à¤›à¤¾ तो उसने मà¥à¤‚डी हिला कर ना का इशारा कर दिया और फिर अपनी मà¥à¤‚डी ढक ली। à¤à¤¸à¤¾ ही कपिल और बहादà¥à¤° ने à¤à¥€ किया और मैं अपनी मà¥à¤‚डी लटका कर वापस चूलà¥à¤¹à¥‡ के पास आकर बैठगया और सà¥à¤¬à¤¹ होने का इंतज़ार करने लगा। टेंट के अंदर ठणà¥à¤¡ में ठिठà¥à¤°à¤¨à¥‡ से तो यहाठचूलà¥à¤¹à¥‡ के पास आग सेकने में ही ठीक महसूस हो रहा था। चूलà¥à¤¹à¥‡ के पास बैठे बैठे मैं अकेले ही चारों के हिसà¥à¤¸à¥‡ की चाय पी गया । सà¥à¤¬à¤¹ के करीब छै बजे के आस पास पौ फटने लगी तो दिल को कà¥à¤› सà¥à¤•ून मिला की अब तो जलà¥à¤¦à¥€ ही सà¥à¤¬à¤¹ हो जाà¤à¤—ी। सà¥à¤¬à¤¹ लगà¤à¤— सात बजे सबसे पहले पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त अपने टेंट से अंगड़ाई लेता हà¥à¤† बहार निकला और फिर धीरे धीरे कपिल और बहादà¥à¤° à¤à¥€ अपने टेंट से बहार आ गà¤à¥¤ बहादà¥à¤° ने फिर से चाय बनाई और चाय पीने के बाद और सà¤à¥€ नितà¥à¤¯ नियम से निपटने के बाद नाशà¥à¤¤à¥‡ की तैयारी में लग गà¤à¥¤ नाशà¥à¤¤à¥‡ में मैगी बनाई और सारा काम निपटने के बाद ठीक दस बजे हम अपने अगले गनà¥à¤¤à¤µà¤¯, जो की केदार खड़क था, की ओर चल पड़े।

Kapil and Prashant getting Lunch ready

Prashant and me at Bhoj Kharak

Me at Bhoj Kharak
yatra chalu rahe….Jai Ho….
Chalu hai dada…Thank you _/\_
Aapki yatra ka maza mai bhi le raha hu, magar aagey ki batey Kab batogey…….. Intzaar hai mujhey
Thank you, Anil Sharma Ji…Aagey ki yatra bhi jaldhi hi aapke samne aane wali hai :-)
Ohhh…..Itna interest aa raha tha…………. ab agle part ke liye wait karna hoga…. Wonderful post Harish Ji.
Thank you, Saurabh Ji. Nex part ab aa chuka hai…please enjoy and do leave a comment whether you liked it or not. Many thanks again.
पहाड़ी यातà¥à¤°à¤¾ बड़ी कठिन à¤à¤²à¥‡ ही होती है लेकिन मजा बहà¥à¤¤ आता है बाद में, यानी वापस आकर, मà¥à¤à¥‡ कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ ही अनà¥à¤à¤µ होता है गांव से लौटकर आने पर.
जय केदार!
सही कहा कविता जी आपने। पहाड़ों में घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी करने का मज़ा ही कà¥à¤› और है। शरीर तंदà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤¤ रहता है और मन शांत।
समय निकालने के लिठआà¤à¤¾à¤° _/\_
दà¥à¤°à¥à¤—म जगह, à¤à¤•ांत, सरà¥à¤¦à¥€ की वह ठिठà¥à¤°à¤¨, सà¥à¤¬à¤¹ की वह चाय जो आपने बनाई और सारी पी à¤à¥€ डाली। à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ साहब आपका जवाब नही,,, बहà¥à¤¤ बढिया….
LOL!!! धनà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¾à¤¦ सचिन à¤à¤¾à¤ˆ _/\_
मैंने टाइटल थोड़ा चेंज कर दिया है | सà¥à¤ªà¤¾à¤‡à¤¡à¤° वाल देख कर तो खतरनाक ही लग रहा है | जय केदार |
थैंक यू, नंदन ! ये आपने बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ किया।
Spider Wall देखने में ही खतरनाक है असल में है नहीं, लेकिन सावधानी तो बरतनी ही पड़ती है।
कमाल है à¤à¤¾à¤ˆ सारी चाय अकेले ही पी गà¤.. सच कहॠअचà¥à¤›à¤¾ लिखते हो…à¤à¤¾à¤ˆ घूमते रहो लिखते रहो और घà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥‡ रहो
शà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾, पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤ˆà¥¤ लिखने का मà¥à¤à¥‡ कोई ख़ास तज़à¥à¤°à¥à¤¬à¤¾ नहीं है , बस जो घटित हà¥à¤† उसको कागज़ पर उतार दिया। आपको अचà¥à¤›à¤¾ लगा इस बात की मà¥à¤à¥‡ पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ है।