मन में आज à¤à¤• विशेष ऊरà¥à¤œà¤¾ और उमंग उमड़ रही थी जो अनायास ही मà¥à¤à¥‡ परà¥à¤µà¤¤à¥‹à¤‚ और जंगलों की खूबसूरत दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में ले जाने को उतà¥à¤¸à¥à¤• हà¥à¤ जा रहा था। यह कैसा उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ है जो तड़के ही मेरी आà¤à¤–ों से नींद को उड़ा ले गया ? इसी पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ का उतà¥à¤¤à¤° ढूंढते हà¥à¤ मेरी आà¤à¤– खà¥à¤² गयी और मैं पूरी सà¥à¤«à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ के साथ जाग गया। अधिक पहेलियाठन बà¥à¤à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ अपने पाठकों को बता देता हूठकी यह हम दोनों (मैं और मेरी अरà¥à¤§à¤¾à¤‚गिनी) की विवाहोपरांत पहली उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड यातà¥à¤°à¤¾ थी जिसे पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ करने के लिठहमने दिनांक 10 दिसंबर 2021 का दिन चà¥à¤¨à¤¾ था। हमारी यह चार दिनों की यातà¥à¤°à¤¾ दिलà¥à¤²à¥€ से शà¥à¤°à¥‚ होकर नैनीताल में पूरà¥à¤£ होनी थी जिसकी तैयारी हमने केवल à¤à¤• दिन पहले ही की थी और सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ तथà¥à¤¯ यह की उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंडी समाज से संबंधित होने के बावजूद हम दोनों में से किसी ने à¤à¥€ इससे पूरà¥à¤µ नैनीताल à¤à¥à¤°à¤®à¤£ नहीं किया था। अतः à¤à¤• बात तो तय थी की हमारी यह यातà¥à¤°à¤¾ रोचक होने के साथ-साथ अतà¥à¤¯à¤‚त आनंददायक à¤à¥€ होने वाली थी । जून में ‘रोका’ और दिसंबर में ‘विवाह’ काज संपनà¥à¤¨ होने के बाद अब बारी थी सà¥à¤µà¤¯à¤‚ के लिठकà¥à¤› समय निकालने की जिसे हम अपनी कोड लैंगà¥à¤µà¥‡à¤œ में ‘वी टाइम’ कहते है। वैसे à¤à¥€ पिछले छह माह में विवाह की तैयारियों में जो आपा-धापी और à¤à¤¾à¤—-दौड़ हà¥à¤¯à¥€ उसके ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ कà¥à¤› सà¥à¤•ून के पलों के à¤à¥€ अपनी ही महतà¥à¤¤à¤¾ होती है। और इस बार तो दिलà¥à¤²à¥€ से बाहर निकलने में पूरे ढाई वरà¥à¤· का समय à¤à¥€ लग गया कà¥à¤¯à¥‚ंकि अधिकांश समय तो वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ आपातकालीन सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के मदà¥à¤¦à¥‡à¤¨à¤œà¤° हिमà¥à¤®à¤¤ जà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‡ में ही निकल गया था की परिवार के साथ कहीं जाना चाहिये अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ नहीं ? खैर ईशà¥à¤µà¤° की कृपा से अब अलà¥à¤ªà¤¾à¤µà¤§à¤¿ के लिठही सही किनà¥à¤¤à¥ हालात नियंतà¥à¤°à¤£ में थे और पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ की तरफ से à¤à¥€ अब काफी मामलों में पà¥à¤°à¤œà¤¾ को, नियमों का पालन करते हà¥à¤, छूट दी जा चà¥à¤•ी थी।
तय दिन पर पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ 8 बजे हम दोनों ने अपनी दिलà¥à¤²à¥€ से नैनीताल की यातà¥à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤à¥ का नाम लेते हà¥à¤ और बारापà¥à¤²à¤¾ मारà¥à¤— से होते हà¥à¤ आरमà¥à¤ की । यातà¥à¤°à¤¾ पूरà¥à¤µ हमने अपने टीकाकरण के पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤° की सॉफà¥à¤Ÿ कॉपी अपने-अपने मोबाइल में सेव करके रख ली थी और कà¥à¤› जरà¥à¤°à¥€ पहचान पतà¥à¤° à¤à¥€ साथ में रख लिठथे। हमेशा की तरह à¤à¤• दिन पहले ही सारे कपडे अपने टà¥à¤°à¤¾à¤²à¥€ बैग में रख लिये थे और यातायात के साधन के रूप में वही अपनी विशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥€à¤¯ वैगन-आर साथ में थी जिसकी टंकी यातà¥à¤°à¤¾ वाले दिन ही फà¥à¤² करवा ली थी। हमारी यह यातà¥à¤°à¤¾ दिलà¥à¤²à¥€ से होते हà¥à¤ गाजियाबाद-हापà¥à¤¡à¤¼-मोरादाबाद-हलà¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤¨à¥€ जैसे पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ नगरों से चलती हà¥à¤¯à¥€ नैनीताल में जाकर संपनà¥à¤¨ हà¥à¤¯à¥€ जिसमे हमे लगà¤à¤— 9 घंटो का समय लगा। यातà¥à¤°à¤¾ में समय थोड़ा अधिक लगा किनà¥à¤¤à¥ चाय, फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€, शिकंजी और लंच के लिये हमने तीन बार अलà¥à¤ªà¤¾à¤µà¤§à¤¿ बà¥à¤°à¥‡à¤• लिये थे जिसमे लगà¤à¤— डेढ़ घंटे यूठही निकल गये।



खैर शाम होते होते हम परà¥à¤µà¤¤ मारà¥à¤— पर अपनी गाडी दौड़ा रहे थे और ठीक छह बजे हमारी यातà¥à¤°à¤¾ नैनीताल में जाकर समापà¥à¤¤ हà¥à¤¯à¥€à¥¤ अब बारी थी अपने रहने के लिये à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ सा होटल देखने की जो की रात के अà¤à¤§à¥‡à¤°à¥‡ में मिलना थोड़ा मà¥à¤¶à¥à¤•िल था किनà¥à¤¤à¥ असंà¤à¤µ नहीं। माल रोड पर à¤à¤‚टà¥à¤°à¥€ फी देते हà¥à¤ à¤à¤• महाशय ने बताया की उनका ज़ू रोड पर ‘विकà¥à¤°à¤¾à¤‚त’ नाम से à¤à¤• बेहद खूबसूरत होटल है जिसमे सà¥à¤ªà¥‡à¤¸à¤¿à¤¯à¤¸ रूम होने के साथ-साथ फà¥à¤°à¥€ पारà¥à¤•िंग, वाई फाई, पिक à¤à¤‚ड डà¥à¤°à¤¾à¤ª और इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤• बà¥à¤²à¥ˆà¤‚केट आदि जैसी आवशà¥à¤¯à¤• सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚ à¤à¥€ है। जहाठतक किराये की बात है तो ऑफ सीजन होने के कारण मातà¥à¤° रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ 2200 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ के हिसाब से आपको रूम मिल जायेगा। हम तो जरूरतमंद थे ही इसलिठबिना किसी तामà¤à¤¾à¤® में पड़ते हà¥à¤ हमने उन महाशय पर à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ किया और अपनी गाडी को सीधे उनके होटल में ले गये जहाठरूम देखते ही, जो की वासà¥à¤¤à¤µ में चार लोगों हेतॠà¤à¤• फॅमिली रूम था, पहली नजर में ही हमे पसंद आ गया और रूम से बाहर का नयनाà¤à¤¿à¤°à¤¾à¤® दृशà¥à¤¯ तो और à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आकरà¥à¤·à¤• और खूबसूरत था जिसमे पूरी नैनी à¤à¥€à¤² दिखाई पड़ती थी। आज दिनà¤à¤° की थकान थी इसलिठरातà¥à¤°à¤¿ में बाहर जाने की कोई योजना तो नहीं थी अतः हमने होटल ककà¥à¤· में ही रातà¥à¤°à¤¿ का à¤à¥‹à¤œà¤¨ मंगवा लिया था और फिर खा-पी कर गहरी नींद में सो गये इस उमà¥à¤®à¥€à¤¦ के साथ की कल की सà¥à¤¬à¤¹ à¤à¤• और नयी यातà¥à¤°à¤¾ पर जाना है जिसमे हिमालय दरà¥à¤¶à¤¨ और कैंची धाम को पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•ता दी जायेगी।


योजनाबदà¥à¤§ तरीके से अगले दिन की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ हà¥à¤¯à¥€ और माल रोड पर इडली, डोसा, सांà¤à¤° और चाय का नाशà¥à¤¤à¤¾ करने के बाद सबसे पहले हमने à¤à¤• नौका (नाव) के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नैनी à¤à¥€à¤² का à¤à¥à¤°à¤®à¤£ किया जिसका शà¥à¤²à¥à¤• रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ 210 था। नौका वाले à¤à¥ˆà¤¯à¤¾ ने चपà¥à¤ªà¥‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हमें पूरी नैनी à¤à¥€à¤² घà¥à¤®à¤¾à¤¯à¥€ जिसमे हमने शीतल पवन और गà¥à¤¨à¤—à¥à¤¨à¥€ धूप दोनों का ही आनंद उठाया। ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ माल रोड से ही à¤à¤• बà¥à¤²à¥‡à¤Ÿ बाइक किराये पर लेकर अपनी आगे की यातà¥à¤°à¤¾ का शà¥à¤°à¥€ गणेश किया । अब बात करते हैं बाइक समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€ फॉरà¥à¤®à¤²à¤¿à¤Ÿà¥€à¤œ और दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‡à¤œà¥‹à¤‚ की। यहाठपर आपको सà¥à¤•ूटी से लेकर बà¥à¤²à¥‡à¤Ÿ बाइक तक सबकà¥à¤› किराये में मिल जाता है जिस पर सवारी करते हà¥à¤ आप नैनीताल और उसके आस पास की काफी जगह à¤à¤•à¥à¤¸à¥à¤ªà¥à¤²à¥‹à¤° कर सकते हो। बाइक किराये पर लेने हेतॠआपके पास à¤à¤• वैध डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤¿à¤‚ग लाइसेंस और पहचान पतà¥à¤° होना अनिवारà¥à¤¯ है। हमे बà¥à¤²à¥‡à¤Ÿ बाइक रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ 800 के हिसाब से à¤à¤• दिन के लिये मिली थी जिसमे पेटà¥à¤°à¥‹à¤² का खरà¥à¤šà¤¾ शामिल नहीं है और गà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤• को इसे अपनी जेब से देना होता है। हमारा जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ दूर का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® नहीं था और पचास किलोमीटर के दायरे में ही हमे घूमना था अतः रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ चार सौ का पेटà¥à¤°à¥‹à¤² बाइक में डलवाया और सीधे पहà¥à¤‚चे हिमालय दरà¥à¤¶à¤¨ हेतà¥à¥¤ नैनीताल की सड़के बेहद साफ़ और मजबूत हैं किनà¥à¤¤à¥ रासà¥à¤¤à¥‡ घà¥à¤®à¤¾à¤µà¤¦à¤¾à¤° और ऊà¤à¤šà¥‡ नीचे हैं जिसकी वजह से सावधानी पूरà¥à¤µà¤• चलने में ही à¤à¤²à¤¾à¤ˆ है। खैर परà¥à¤µà¤¤à¤®à¤¾à¤²à¤¾à¤“ं में अपनी बाइक को दौड़ाते हà¥à¤¯à¥‡ हम दोनों कà¥à¤› ही देर में हिमालय दरà¥à¤¶à¤¨ पॉइंट पर पहà¥à¤à¤š गये जहाठसे हिम आचà¥à¤›à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ हिमालय परà¥à¤µà¤¤à¤®à¤¾à¤²à¤¾ का बेहद चमतà¥à¤•ारी दृशà¥à¤¯ दिखाई पड़ रहा था। इस दृशà¥à¤¯ को देखते ही हम दोनों तो कà¥à¤› पलों के लिये मंतà¥à¤°à¤®à¥à¤—à¥à¤§ हो गये । उसके बाद यहीं पर फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€ का दौर चला और मैगà¥à¤—ी विथ चाय का लà¥à¤¤à¥à¤«à¤¼ à¤à¥€ हमने लिया। उसी दौरान हमारी मोहतरमा को à¤à¤• सफ़ेद घोडा दिखाई दिया जिस पर अनà¥à¤¯ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• बैठकर अपनी फोटो खिंचवा रहे थे, बस अब कà¥à¤¯à¤¾ था उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¥€ जिदà¥à¤¦ पकड़ ली की मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ इस घोड़े पर बैठकर फोटो लेनी है । आजà¥à¤žà¤¾ का पालन करते हà¥à¤¯à¥‡ घोड़े वाले से बात की गयी और वो à¤à¤²à¤¾à¤®à¤¾à¤¨à¤¸ बोला की मातà¥à¤° à¤à¤• सौ रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ दीजिये और फोटो लीजिये। सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ ही मैंने तो तà¥à¤°à¤‚त मना कर दिया की इतनी सी बात के इतने रूपठकिनà¥à¤¤à¥ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जी ने अपने करà¥à¤•श सà¥à¤µà¤° में उस à¤à¤²à¥‡à¤®à¤¾à¤¨à¤¸ को पचास रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ में मना लिया। अब बचने का कोई विकलà¥à¤ª न देखते हà¥à¤¯à¥‡ मैंने à¤à¥€ हामी à¤à¤° दी और इस पà¥à¤°à¤•ार हमारी घोडा सेलà¥à¤«à¥€ का लकà¥à¤·à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤†à¥¤





इस पूरे पà¥à¤°à¤•रण के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ अब हमने अपनी बà¥à¤²à¥‡à¤Ÿ बाइक को कैंची धाम की तरफ मोड़ दिया और 20 -22 किलोमीटर की खूबसूरत यातà¥à¤°à¤¾ करते हà¥à¤¯à¥‡ और नयनाà¤à¤¿à¤°à¤¾à¤® दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को अपनी आà¤à¤–ों में सहेजते हम सीधे पहà¥à¤‚चे शà¥à¤°à¥€ कैंची धाम। यहाठपर नीब करौरी बाबा जी का à¤à¤• छोटा सा मंदिर है जिसमे शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ अपनी à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µ से दरà¥à¤¶à¤¨ करने आते है और बाबा से अपनी मनà¥à¤¨à¤¤ मांगते हैं। मंदिर पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण के समीप ही à¤à¤• सà¥à¤µà¤šà¥à¤› जल की नदी बहती है जो की इस पूरे सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ को à¤à¤• दैवीय रूप पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती है । मंदिर के à¤à¥€à¤¤à¤° फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€ निषेध है इसलिठहमने अधिकतर फोटोज मंदिर से बाहर आकर ही लिये । मंदिर के आस पास जलपान की à¤à¥€ अचà¥à¤›à¥€ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ है जिसमे आपको हर पà¥à¤°à¤•ार का वà¥à¤¯à¤‚जन मिल जाता है और पेट पूजा बड़ी ही आसानी से हो जाती है। शाम का वकà¥à¤¤ था और हमे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¥‚ख à¤à¥€ नहीं थी अतः हमने सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤‚ग रोलà¥à¤¸, गà¥à¤²à¤¾à¤¬ जामà¥à¤¨ और चाय का ही आरà¥à¤¡à¤° किया और कà¥à¤› देर आराम करने के बाद अपनी बà¥à¤²à¥‡à¤Ÿ बाइक से वापिस नैनीताल की तरफ चल पड़े । शाम को छह बजे हम नैनीताल पहà¥à¤‚चे और माल रोड पर सबसे पहले अपनी बाइक को वापिस किया फिर दो कप कॉफ़ी पी कà¥à¤¯à¥‚ंकि रात को यहाठटेमà¥à¤ªà¤°à¥‡à¤šà¤° बहà¥à¤¤ डाउन हो जाता है जिसमे ठिठà¥à¤°à¤¨ बढ़ जाती है। घर के बाकी सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिये कà¥à¤› छोटे मोटे गिफà¥à¤Ÿ लेने के बाद अब बारी थी अपने रूम में जाकर रातà¥à¤°à¤¿ à¤à¥‹à¤œà¤¨ और उसके बाद आराम करने की। अगले दिन के लिये à¤à¥€ तो योजना बनानी थी हमे इसलिठबिना समय गंवाठहम सीधे अपने होटल पहà¥à¤‚चे और खा-पी कर सो गये।

अगले दिन पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ नहा-धो कर रूम में ही परांठे और चाय का आरà¥à¤¡à¤° किया जिसका सेवन करने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ आज हमने माठनयना देवी जी के दरà¥à¤¶à¤¨ हेतॠमंदिर जाने का निरà¥à¤£à¤¯ लिया । माल रोड पर निकलते ही अनायास ही मन à¤à¤• बार फिर से नौका के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ हो गया और इस बार मैंने नौका सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही चलाने का निरà¥à¤£à¤¯ लिया । यह à¤à¤• पैडल बोट थी जिसे दो लोग मिलकर आसानी से चला सकते है। नौका को नियंतà¥à¤°à¤£ में रखने हेतॠà¤à¤• छोटा सा हैंडल à¤à¥€ होता है जो नौका को दायें बायें घà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥‡ का कारà¥à¤¯ करता है। लगà¤à¤— à¤à¤• घंटे तक इस सफर का à¤à¥€ लà¥à¤¤à¥à¤«à¤¼ लेने के बाद अब हम कदमताल करते हà¥à¤¯à¥‡ पहà¥à¤‚चे माठनयना देवी जी मंदिर। à¤à¥€à¤² के किनारे बना हà¥à¤† यह मंदिर बेहद शांतिपूरà¥à¤£ और आकरà¥à¤·à¤• है । यहाठपर पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ ही आपको माठकी शकà¥à¤¤à¤¿ और सà¥à¤µà¤°à¥‚प की अनà¥à¤à¥‚ति होने लगती है जिसका शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में विवरण तो नहीं किया जा सकता किनà¥à¤¤à¥ आप सà¥à¤µà¤¯à¤‚ वहां जाकर इस दैवीय शकà¥à¤¤à¤¿ का अनà¥à¤à¤µ कर सकते हैं। माठके दरà¥à¤¶à¤¨ बहà¥à¤¤ ही सà¥à¤—मता से हो गये और पूरा मंदिर पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण केवल परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों से ही à¤à¤°à¤¾ हà¥à¤† था जिसमे अधिकांश परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• ख़à¥à¤¶à¥€ ख़à¥à¤¶à¥€ फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€ में लगे हà¥à¤¯à¥‡ थे । हमने à¤à¥€ अपने मोबाइल का सदà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— करते हà¥à¤¯à¥‡ फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€ में आपने हाथ आजमाये और धड़ाधड़ पूरे मंदिर में सेलà¥à¤«à¥€à¤œà¤¼ ले डाली । मंदिर के समीप ही कà¥à¤› दà¥à¤•ानें हैं जिनमे जलपान के साथ साथ गरà¥à¤® कपडे à¤à¥€ मिल जाते हैं । यदि आप को कà¥à¤› खरीदने में रूचि हो तो आप जरूर यहाठसे शॉपिंग कर सकते हैं, किनà¥à¤¤à¥ मोलà¤à¤¾à¤µ अवशà¥à¤¯ करें कà¥à¤¯à¥‚ंकि अकà¥à¤¸à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ बाजार में दाम बढ़ा-चढ़ा कर ही बताये जाते हैं ।



कà¥à¤› समय के बाद यहाठसे हम आगे बढ़ गये अपने अगले डेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‡à¤¶à¤¨ की तरफ जो की नैनीताल ज़ू था। नैनीताल ज़ू में जाने के लिये आपको सरकारी गाडी में जाना होता है जो की माल रोड से आपको पिक करके ज़ू से 100 मीटर की दूरी पर डà¥à¤°à¤¾à¤ª करती है । यह मातà¥à¤° 3 -4 मिनट का सफर है जिसमे आपको टिकट लेकर अपनी बारी का इंतज़ार करना होता है । ज़ू पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ ही ही आपको वहां पर à¤à¥€ नाममातà¥à¤° à¤à¤‚टà¥à¤°à¥€ शà¥à¤²à¥à¤• देना होता है जिसके बाद आप वनà¥à¤¯ जीवों के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर सकते है। ज़ू के बारे में à¤à¤• बात बता दूठकी इसके à¤à¥€à¤¤à¤° आपको समतल सड़क नहीं मिलेगी और पूरे ज़ू में केवल ऊà¤à¤šà¥€ नीची सड़के ही हैं जिनमे चलते हà¥à¤¯à¥‡ दम फूल जाता है। बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों के लिये तो यह बिलकà¥à¤² à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤œà¤¨à¤• नहीं है कà¥à¤¯à¥‚ंकि जवानों को ही हाà¤à¤«à¤¤à¥‡ हà¥à¤¯à¥‡ ज़ू à¤à¥à¤°à¤®à¤£ करना पड़ता है । हालाà¤à¤•ि यहाठआप टाइगर को बहà¥à¤¤ ही समीप से देख सकते हो जो आपको जिम कॉरà¥à¤¬à¥‡à¤Ÿ पारà¥à¤• में कà¤à¥€ नहीं दिखाई देता। इसी तरह अनà¥à¤¯ वनà¥à¤¯ जीवों को à¤à¥€ देखा जा सकता है जो आपसे केवल à¤à¤• लोहे की जाली जितनी दूरी पर ही होते है। वैसे हमारा होटल ज़ू रोड पर ही था इसलिठवापसी में हमने सरकारी गाडी का इंतज़ार नहीं किया और दो कप कॉफ़ी पीते हà¥à¤¯à¥‡ पैदल ही अपने होटल में पहà¥à¤à¤š गये जिसमे हमे पांच मिनट से à¤à¥€ कम समय लगा। अपने रूम में आकर पहले तो हमने रातà¥à¤°à¤¿ à¤à¥‹à¤œà¤¨ किया और उसके बाद रोज के नियम का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करते हà¥à¤¯à¥‡ आराम से सो गये।

अगली सà¥à¤¬à¤¹ जब नींद खà¥à¤²à¥€ तो पता चला की आज हमारा नैनीताल में à¤à¤• दिन और शेष है जिसमे हमे न तो कहीं घूमने जाना है और न ही कोई नयी जगह à¤à¤•à¥à¤¸à¥à¤ªà¥à¤²à¥‹à¤° करनी है अतः हमने आज माल रोड पर बैठकर धूप सेकने का सोचा और तैयार होकर बाहर निकल गये। लेकिन यहाठहमारी योजना उतनी साकार नहीं हो पायी कà¥à¤¯à¥‚ंकि आज मौसम थोड़ा बेईमान हो रहा था और आसमान में बादल लगे हà¥à¤¯à¥‡ थे। खैर फिर à¤à¥€ हमने बाहर जाने का तय किया और टहलते हà¥à¤¯à¥‡ नयना देवी मंदिर के बाहर तक पहà¥à¤à¤š गये ताकि घरवालों के लिये कà¥à¤› लिया जा सके । खैर हमे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कà¥à¤› तो नहीं लेना था इसलिठकà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚ वूलेन शॉप से ही दो लेडीज सà¥à¤Ÿà¥‰à¤² लिये (माठऔर सासूमाठके लिये) और कà¥à¤› समय के बाद यहाठसे हम आगे बढ़ गये। आज का दिन केवल टहलने के लिये निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ था अतः लगे हाथ हमने निशानेबाजी में à¤à¥€ हाथ आजमा लिया और कà¥à¤› सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤Ÿ फ़ूड à¤à¥€ चख लिये। पूरा दिन यूठही माल रोड पर घà¥à¤®à¤¤à¥‡ हà¥à¤¯à¥‡ और à¤à¥€à¤² को निहारते हà¥à¤¯à¥‡ हमने इस सरà¥à¤¦ दिन का लà¥à¤¤à¥à¤«à¤¼ उठाया और शाम होते-होते वापिस अपने होटल में चले गये ताकि अगले दिन अपनी दिलà¥à¤²à¥€ यातà¥à¤°à¤¾ की à¤à¥€ तैयारी करने का समय मिल जाये। आज रात का खाना à¤à¥€ हमने होटल में ही लिया कà¥à¤¯à¥‚ंकि इनका खाना अतà¥à¤¯à¤‚त साधारण किसà¥à¤® का था अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ सामानà¥à¤¯à¤¤à¤ƒ बाहर का खाना बहà¥à¤¤ मसालेदार होता है किनà¥à¤¤à¥ होटल विकà¥à¤°à¤¾à¤‚त का खाना कà¥à¤›-कà¥à¤› हमें घर के खाने के जायके की याद दिला रहा था ।



हमारी नैनीताल की यह यातà¥à¤°à¤¾ दिनांक 10 दिसंबर को दिलà¥à¤²à¥€ से शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤¯à¥€ थी और दिनांक 14 दिसंबर को हमने वापिस दिलà¥à¤²à¥€ जाने के लिये अपनी यातà¥à¤°à¤¾ का आग़ाज़ किया। हमारी यह चार दिवसीय यातà¥à¤°à¤¾ छोटी होने के साथ बेहद सफल à¤à¥€ रही जिसमे जैसा हमने सोचा था वैसा ही हमे आनंद à¤à¥€ आया और रही बात उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ की तो à¤à¤• लमà¥à¤¬à¥‡ अंतराल के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ शहर से बाहर निकलने का à¤à¤• अलग ही रोमांच होता है जो की हमे à¤à¥€ महसूस हà¥à¤† इस पूरे सफर के दौरान। इस तरह हम दोनों फिर से 9 घंटे की सà¥à¤—म यातà¥à¤°à¤¾ करते हà¥à¤¯à¥‡ वापिस अपने घर पहà¥à¤à¤š गये और à¤à¤—वानॠको धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ देते हà¥à¤¯à¥‡ हमने अपनी इस यातà¥à¤°à¤¾ को विराम दिया ।
अगले यातà¥à¤°à¤¾ वृतांत के आने तक सà¤à¥€ पाठकों को नमसà¥à¤•ार। ​
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