वैसे तो मेरा घà¥à¤®à¤¨à¥‡ का जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° पà¥à¤²à¤¾à¤¨ औचक ही बनता है परनà¥à¤¤à¥ पिछले सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ ही मैंने à¤à¤• योजनाबदà¥à¤§ टà¥à¤°à¤¿à¤ª बनाई | योजना का कारण यह था की मेरा कà¥à¤› वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त कारà¥à¤¯ रूड़की में था और कई दिनों से घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी कीड़ा काट रहा था | आठदिन और दस रातों का à¤à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ मधà¥à¤¯à¤® गति का पà¥à¤²à¤¾à¤¨ था जिसमे अहमदाबाद से दिलà¥à¤²à¥€, ऋषिकेश, चमà¥à¤¬à¤¾, धनोलà¥à¤Ÿà¥€, देहरादून से वापस दिलà¥à¤²à¥€ होते हà¥à¤ अहमदाबाद की योजना थी | योजनानà¥à¤¸à¤¾à¤° आने जाने के लिठटà¥à¤°à¥‡à¤¨ की टिकट ले ली गई और रà¥à¤•ने के लिठGMVNL के TRH बà¥à¤• कर लिया गया |
à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• साबरमती सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ से आशà¥à¤°à¤® à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिलà¥à¤²à¥€ के लिठसपतà¥à¤¨à¥€ रवानगी हà¥à¤ˆ | टà¥à¤°à¥‡à¤¨ में बैठते ही मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¸à¤¾ महसूस होता है रà¥à¤•ी हà¥à¤ˆ जिंदगी चल दी है और चलने का हलà¥à¤•ा हलà¥à¤•ा à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ टà¥à¤°à¥‡à¤¨ देती à¤à¥€ रहती है | मà¥à¤à¥‡ टà¥à¤°à¥‡à¤¨ के इस पालने में नींद à¤à¥€ बड़ी पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥€ आती है | येन केन पà¥à¤°à¤•ारेण मैंने मिडिल बरà¥à¤¥ का जà¥à¤—ाड़ किया जिसके लिठकई लोगों से बड़े तमीज, अदब à¤à¤µà¤‚ धैरà¥à¤¯ से वारà¥à¤¤à¤¾ को अंजाम देना पड़ा | मिडिल बरà¥à¤¥ के अपने अलग फायदे है; इस पर आप लेटे लेटे बाहर देख सकते हैं और खिड़की से आती हà¥à¤ˆ हवा का आननà¥à¤¦ à¤à¥€ ले सकते है | अगर बाहर चाà¤à¤¦ निकला हो तो हलकी दà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾, सिलà¥à¤µà¤° जैसी रौशनी में नजरें à¤à¥€ डà¥à¤¬à¥‹ सकते है | खिड़की के बाहर साथ साथ चलता चाà¤à¤¦ और à¤à¥€ खूबसूरत लगता है | चाà¤à¤¦ के साथ कà¥à¤› घंटे वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करने के बाद मà¥à¤à¥‡ नीद आ गई और अगली सà¥à¤¬à¤¹ खिड़की से उगते हà¥à¤ सूरज को देखते हà¥à¤ हà¥à¤ˆ | सà¥à¤¬à¤¹ गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ बजे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ दिलà¥à¤²à¥€ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर पहले से बà¥à¤• किये रिटायरिंग रूम में गठजिसकी हालत अतà¥à¤¯à¤‚त दयनीय थी | हमारी आगे की यातà¥à¤°à¤¾ दिलà¥à¤²à¥€ से रात की मसूरी à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ से हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के लिठथी | दोपहर à¤à¤• बजे हम दोनों ने अपने सà¥à¤•ूल के दोसà¥à¤¤ और उसकी à¤à¤¾à¤µà¥€ हमसफ़र से मà¥à¤²à¤¾à¤•ात की और साथ में सरोजनी नगर मारà¥à¤•ेट से शादियों के मौसम को देखते हà¥à¤ शौपिंग की | शाम को दिलà¥à¤²à¥€ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर खाना खाने के बाद कà¥à¤²à¥‹à¤• रूम से सामान लेकर हम मसूरी à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ से आगे की यातà¥à¤°à¤¾ के लिठचल दिठ| अगली सà¥à¤¬à¤¹ सात बजे हम हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर थे |

हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ से बाहर का दृशà¥
मà¥à¤à¥‡ आम यातà¥à¤°à¥€ की तरह आम सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं के साथ यातà¥à¤°à¤¾ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आनंद दायक लगती है | हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के बाहर ठेले पर चाय पीने के बाद हमने बस अडà¥à¤¡à¥‡ से ऋषिकेश के लिठबस ले ली | हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° घà¥à¤®à¤¨à¥‡ का मेरा कोई मन नहीं था कà¥à¤¯à¥à¤•ी मैं धारà¥à¤®à¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ नहीं हूठऔर न ही मंदिरों में à¤à¤—वन के नाम पर होने वाले कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤•लापों को देख पाता हूठ| मंदिर मेरे लिठआरà¥à¤•िटेकà¥à¤šà¤° के हिसाब से ही देखने लायक होते हैं या फिर मूरà¥à¤¤à¤¿à¤•ला के लिठ| मूरà¥à¤¤à¤¿à¤•ला में कॉरà¥à¤ªà¥‹à¤°à¥‡à¤Ÿ सà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤² विदेशी गà¥à¤°à¥à¤ª इसà¥à¤•ॉन आजकल नठमानदंड सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किये हà¥à¤ है जिसके सामने अनà¥à¤¯ मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ फीकी पड़ जाये | ऋषिकेश पहà¥à¤‚चकर हमने GMVNL-TRH(Tourist Rest House) में चेक इन किया |

TRH ऋषिकेश
जिस पà¥à¤°à¤•ार मà¥à¤à¥‡ घà¥à¤®à¤¨à¥‡ का शौक है उसी पà¥à¤°à¤•ार मेरी ‘बेटर हाफ’ के लिठलोकल फ़ूड टेसà¥à¤Ÿ करना à¤à¤• मà¥à¤–à¥à¤¯ उदà¥à¤¦à¥à¤¯à¥‡à¤¶à¥à¤¯ है | टà¥à¤°à¤¿à¤ª के दौरान वो लोकल फ़ूड ही ढूढती हैं | TRH रेसà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤‚ में लोकल फ़ूड लिसà¥à¤Ÿ में कोई à¤à¥€ वसà¥à¤¤à¥ उपलबà¥à¤§ नहीं थी | पेट की आवशà¥à¤¯à¤•ता को देखते हà¥à¤ हमने पूरी सबà¥à¤œà¥€ खाया और बाहर रिवर राफà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग के लिठपता करने निकले | पास में ही à¤à¤• रिवर राफà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग की बà¥à¤•िंग की जिसने हमें à¤à¤• बजे का समय दिया |

सेलà¥à¤«à¥€ का à¤à¤• और असफल पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸
हमारे पास à¤à¤• घंटे थे और इसमे हम लोकल फ़ूड ढूढने निकले | हर ढाबे, रेसà¥à¤¤à¥Œà¤°à¥‡à¤‚ट में वही पंजाबी, साउथ इनà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¨ फ़ूड उपलबà¥à¤§ थे | मà¥à¤à¥‡ जानकार बड़ा अजीब लगा जब लोगों ने कहा की लोकल फ़ूड तो गाà¤à¤µà¥‹à¤‚ में ही मिलेगा | à¤à¤¸à¤¾ टूरिसà¥à¤Ÿ के डिमांड के कारण ही है लोग कही à¤à¥€ जायेंगे छोले à¤à¤Ÿà¥à¤°à¥‡ और इडली की ही मांग करेंगे | खैर यह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त इचà¥à¤›à¤¾ है | फाइनली हमें कà¥à¤› मिला नहीं और हम à¤à¤• बजे राफà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग के लिठनियत सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर पहà¥à¤à¤š गये | राफà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग के लिठ8 लोग थे | बाकियों से हम शà¥à¤°à¥‚ में अपरिचित थे परनà¥à¤¤à¥ राफà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग के दौरान बेसिक जà¥à¤žà¤¾à¤¨ इकठà¥à¤ ा करने में सकà¥à¤·à¤® रहे |

छोरा गंगा किनारे वाला

राफà¥à¤Ÿ पर लोगों में जोश
‘जय गंगा मैया’ की धà¥à¤µà¤¨à¤¿ के साथ हम लोग राफà¥à¤Ÿ लेकर चल पड़े | राफà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग में सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• आनंद परà¥à¤µà¤¤à¥‹à¤‚ के बीच से बहती तेज नदी के बीच à¤à¤• छोटे से राफà¥à¤Ÿ से बड़े बड़े हरे-हरे परà¥à¤µà¤¤à¥‹à¤‚ को देख कर होता है | à¤à¤¸à¤¾ लगता है मानो मनà¥à¤·à¥à¤¯ न जाने कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ गरà¥à¤µ करता है पà¥à¤°à¤•ृति के सामने उसकी कोई सतà¥à¤¤à¤¾ नहीं है | बड़े बड़े खड़े परà¥à¤µà¤¤ किसी साधना में लीन साधॠकी तरह लग रहे थे | उनके ऊपर उगे पेड़ à¤à¤¾à¤¡à¤¼à¤¿à¤¯à¤¾à¤ उनके बढ़ी हà¥à¤ˆ दाढ़ी की तरह और चोटियाठसर के चोटी की तरह पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ हो रही थी | यही शांत, सà¥à¤–मय वातावरण मानसिक और आतंरिक रूप से संतà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है | अकà¥à¤¸à¤° चारों ओर देखने में, मैं à¤à¤• दो पल के लिठà¤à¥‚ल à¤à¥€ जाता था; की राफà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग कर रहा हूठ| होश तब आता जब हमारे कमांडर आगे आने वाले रैपिड के लिठआगाह करते | शिवपà¥à¤°à¥€ से राम à¤à¥à¤²à¤¾ तक लगà¤à¤— 16km की राफà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग में कà¥à¤² नौ रैपिड आते हैं जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤• से लेकर 5 डिगà¥à¤°à¥€ तक चिनà¥à¤¹à¤¿à¤¤ किया गया है | आगे आने वाले रैपिड का नाम रोलर कोसà¥à¤Ÿà¤° था जो 5 डिगà¥à¤°à¥€ का था इसमे राफà¥à¤Ÿ बाहर से घूमकर अनà¥à¤¦à¤° की ओर तेजी से आती है | हम सà¤à¥€ लोग तेज से चिलà¥à¤²à¤¾à¤¯à¥‡ | उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ दिखाने के लिठसबके अपने अपने चिलà¥à¤²à¤¾à¤¨à¥‡ के तरीके होते हैं | वैसे कमांडर ने रैपिड के बीच में शोर से मना किया था ताकि उसके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिठगये कमांड को हम लोग सà¥à¤¨ सके | लहरों पर राफà¥à¤Ÿ ऊपर नीचे हो रही थी और ठनà¥à¤¡à¥‡ पानी की बड़ी बड़ी बौछारें हमें à¤à¤¿à¤—ो रही थी | à¤à¤¸à¥‡ ही ‘वà¥à¤¹à¤°à¥à¤²à¤ªà¥‚ल रैपिड’ और ‘बैक टू सेंटर रैपिड’ à¤à¥€ काफी à¤à¤¡à¤µà¥‡à¤‚चरस था जिसमे पानी का तेज à¤à¤‚वर बनता था जिससे राफà¥à¤Ÿ को निकालने की जिमà¥à¤®à¥‡à¤µà¤¾à¤°à¥€ थी |

गंगा नदी के किनारे से लिया गया चितà¥à¤°
राम à¤à¥‚ला के थोडा पहले राफà¥à¤Ÿ à¤à¤• जगह किनारे लगाईं जाती है जहाठबंजी जंपिंग पॉइंट है और परà¥à¤µà¤¤à¥‹à¤‚ से निकलता à¤à¤• à¤à¤°à¤¨à¤¾ नदी में आकर मिलता है | हम सà¤à¥€ लोग वहां रà¥à¤•े | पतà¥à¤¨à¥€ जी ने बंजी जंपिंग के लिठमना कर दिया जिसे मैंने सहरà¥à¤· सà¥à¤µà¥€à¤•ार कर लिया | हम लोग à¤à¤°à¤¨à¥‡ के बीच बैठे रहे | ठंडा पानी अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤®à¤¨ तक को à¤à¤¿à¤—ो रहा था | हमने à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ का हाथ पकडे, पहाड़ो के कठिन रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ पर चलकर à¤à¤°à¤¨à¥‡ के à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ बिंदॠतक पहà¥à¤šà¥‡ जहाठदो लोगों के बैठने की जगह थी | वहां मैंने साधना मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ में बैठकर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ लगाने का à¤à¥‚ठा पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ à¤à¥€ किया | अरà¥à¤§ à¤à¤¾à¤— जल में डूबा हà¥à¤† था, अगल बगल से जल बह रहा था और कानों में जल के हलचल की आवाज सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ दे रही थी | à¤à¤¸à¥‡ में अपने बचपन की जीवन संगिनी के साथ मैं असीम सà¥à¤– अनà¥à¤à¤µ कर रहा था | आप जल में हो और साथ में आपका पà¥à¤°à¥‡à¤® साकà¥à¤·à¤¾à¤¤ हो तो जल से खेल न हो; à¤à¤¸à¤¾ हो ही नहीं सकता | हमने à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ पर पानी फेंकना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया | वैसे तो हम दोनों लोग पूरी तरह à¤à¥€à¤—े हà¥à¤ थे पर हर बार के साथ पानी फेकने का उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ बढ़ता ही गया | वहां ढेर सारे गà¥à¤°à¥à¤ª थे जो फोटो खीचने खिचाने में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ थे | हम दोनों लोग फोटो से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ उस महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कà¥à¤·à¤£ को जीने में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ यकीन रखते हैं | हमारी फोटो à¤à¥€ अनà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सौहारà¥à¤¦ सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª ही ली गई होती है|

à¤à¤°à¤¨à¥‡ के बीच जल से खेलते हम लोग
वहां से आगे हम अपनी राफà¥à¤Ÿ लेकर आगे बढे | लोगों ने अपनी पोजीशन à¤à¥€ शिफà¥à¤Ÿ की कà¥à¤› फà¥à¤°à¤‚ट से पीछे आये और मैं फà¥à¤°à¤‚ट पर आ गया | फà¥à¤°à¤‚ट का अनà¥à¤à¤µ अलग होता है जिसमे और जिमà¥à¤®à¥‡à¤µà¤¾à¤°à¥€ का à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ होता है और राफà¥à¤Ÿ के सबसे आगे होने का नाते बौछारों से खेलने का और मौका मिलता है | बीच बीच में जय गंगा मैया का जयकारा सà¥à¤µà¤¯à¤®à¥‡à¤µ लग जाता था | आगे आकर à¤à¤• जगह पर कमांडर ने राफà¥à¤Ÿ से कूद कर नदी में उतरने का संकेत दिया | मैं à¤à¥€ पतà¥à¤¨à¥€ जी को थोडा मनाने के बाद जल में कूद गया | हम सेफà¥à¤Ÿà¥€ बेलà¥à¤Ÿ बांधे हà¥à¤ थे, सो डूबने का कोई डर नहीं था | मैंने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को पानी में खà¥à¤²à¤¾ छोड़ दिया व जल की सतह पर आकर दोनों हाथ फैलाकर लेट आ गया और आखे मूà¤à¤¦ ली | ऊपर सूरज पहाड़ों के बीच से ताक रहा था और नीचे गंगा का ठंडा जल बिसà¥à¤¤à¤° बना हà¥à¤† था | मन जिस असीम आनंद में गोते खा रहा था मेरे लिठउसका वरà¥à¤£à¤¨ शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में कर पाना मà¥à¤¶à¥à¤•िल है | राम à¤à¥‚ला के नीचे से निकलते हà¥à¤ हमारे कमांडर ने लेफà¥à¤Ÿ को फॉरवरà¥à¤¡ और राईट को बैकवरà¥à¤¡ का कमांड दिया जिससे पूरी राफà¥à¤Ÿ वही घà¥à¤®à¤¨à¥‡ लगी और हमारी आखें के सामने से परà¥à¤µà¤¤ नदी हरे पेड़ों का à¤à¤• चलचितà¥à¤° सा चलने लगा | राम à¤à¥‚ला के नीचे से हम घूमते हà¥à¤ निकले |

पहाड़ों के मधà¥à¤¯ से निकलती गंगा नदी
अकà¥à¤¸à¤° लोगों को राफà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग शà¥à¤°à¥‚ होने के थोड़े ही देर बाद à¤à¤¸à¤¾ महसूस होने लगता है की वे à¤à¤• कà¥à¤¶à¤² राफà¥à¤Ÿà¤° हो चà¥à¤•े हैं और पूरी राफà¥à¤Ÿ वे ही चला रहे हैं या उनका योगदान ही सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है | कà¥à¤› लोग तो अनà¥à¤¯ को सिखाने à¤à¥€ लगते है की à¤à¤¸à¥‡ करो, वैसे करो | परनà¥à¤¤à¥ अंत में अपने कमांडर हरीश रावत से बात करने पर मà¥à¤à¥‡ पता चला की सबसे पीछे बैठकर वही सबकà¥à¤› हैंडल कर रहा है | हम लोग तो बस महसूस कर रहे थे की राफà¥à¤Ÿ हम चला रहे हैं |

कमांडर हरीश रावत के साथ
लगà¤à¤— 3 घंटे की राफà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग के बाद हम लोग राम à¤à¥à¤²à¤¾ पंहà¥à¤šà¥‡ | TRH राम à¤à¥‚ले से 10 मिनट के वालà¥à¤•िंग दूरी पर है | चà¥à¤•ी राफà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग में हम à¤à¥€à¤— चà¥à¤•े थे सो हमने सबसे विदा ली और वापस अपने होटल के लिठरवाना हà¥à¤ | होटल पहà¥à¤šà¤•र कपडे बदलकर आराम किया और होटल के अनà¥à¤¦à¤° ही घà¥à¤®à¥‡ | सरकारी होने के कारण होटल बहà¥à¤¤ सà¥à¤ªà¥‡à¤¸à¤¿à¤¯à¤¸ था तथा अनà¥à¤¦à¤° à¤à¤• बेहतर पारà¥à¤• और गà¥à¤°à¥€à¤¨à¤°à¥€ थी | à¤à¤• घंटे के बाद हम लोग पैदल चोटीवाला रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट में रातà¥à¤°à¥€ à¤à¥‹à¤œà¤¨ के लिठनिकले |

सड़क से गंगा का रातà¥à¤°à¤¿ दृशà¥à¤¯
चाà¤à¤¦ की उजली रोशनी में हम राम à¤à¥à¤²à¤¾ से होते हà¥à¤ गंगा नदी के उस पार चोटीवाला रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट की पंहà¥à¤šà¥‡ | चोटीवाला रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट ऋषिकेश का पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट है | इसकी खासियत यही है की सà¥à¤¬à¤¹ से शाम-रात तक इसके सामने छोटी लगाये मेक-अप किये हà¥à¤ à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ बैठा रहता है जिसके साथ लोग फोटो लेने के लिठलाइन लगाये रहते हैं | हमने होटल में जाकर कढ़ाई पनीर और दाल फà¥à¤°à¤¾à¤ˆ का आरà¥à¤¡à¤° दिया कà¥à¤¯à¥à¤•ी लोकल फ़ूड के नाम पर यहाठà¤à¥€ बस मेनà¥à¤¯à¥ में अंकित लिसà¥à¤Ÿ ही थी | हमने लोकल फ़ूड नहीं तो लोकल टेसà¥à¤Ÿ का ही आनंद उठाया और बाहर आकर चोटीवाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के साथ à¤à¤• फोटो ली |

चोटीवाला
मारà¥à¤•ेट में घà¥à¤®à¤¤à¥‡ टहलते हम लोग वापस होटल पंहà¥à¤šà¥‡ | थके होने के कारण जलà¥à¤¦ ही हमें नींद आ गई | अगले दिन सà¥à¤¬à¤¹ मà¥à¤à¥‡ अपने वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त कारà¥à¤¯ के लिठरूड़की जाना था | सà¥à¤¬à¤¹ खा-पीकर हम उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड परिवहन निगम की बस से रूड़की के लिठनिकल लिठ| कारà¥à¤¯ समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ दोपहर का à¤à¥‹à¤œà¤¨ वहीठकिया और शाम में वापस ऋषिकेश के लिठबस पकड़ ली | चमà¥à¤¬à¤¾ जाने के लिठबस ऋषिकेश से ही मिलती है | ऋषिकेश से आगे की सेवा गढ़वाल बस निगम दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उपलबà¥à¤§ कराया जाता है | चमà¥à¤¬à¤¾ से धनोलà¥à¤Ÿà¥€ और देहरादून की यातà¥à¤°à¤¾ का विवरण अगले लेख में |
प्रिय शिवम् जी,
इस बार तो आपकी लेखनी ने कमाल कर दिया है. राफ्टिंग के लिए वह स्थान काफी प्रसिद्द है. स्थानीय भोजन के बारे में भी आपके विचार सही सिद्ध हो रहे हैं.
भावनाओं के साथ लिखी रचना मुझे बहुत अच्छी लगी. धन्यवाद.
शुभकामनाएं.
बहुत बहुत धन्यवाद उदय सर ।
आपका उत्साहवर्धन धीमी गति से लिखे जा रहे सीरीज के अगले लेख को गति प्रदान करेगा ।
पोस्ट के प्रथम चरण में यह कहना की मुझे मंदिर और मूर्ति में कोई विशेष रूचि नहीं है तथा ऋषिकेश पहुँच कर दैव्य शक्ति का अद्भुत अनुभव प्राप्त करते हुए उनके मुख से अनायास ही जय गंगे माँ निकलना या फिर पहाड़ो पर फैली हरियाली में तपस्वियों के दर्शन करना जैसे उदाहरण आपने बखूबी बताये है जिनसे केवल एक ही सार निकलता है की आप भी अन्य लोगों की भांति श्रद्धा भाव तो रखते हैं किन्तु व्याख्यान करने से बचते है। खैर यह आपकी व्यक्तिगत राय है, किन्तु पोस्ट पढ़कर अत्यंत पसननता हुई। आपकी अगली पोस्ट प्रतीक्षारत है।
कृपया रेस्ट हाउस की बुकिंग प्रक्रिया, रूम व्यवस्था, लोकेशन और चार्जेज के बारे में भी कुछ बताइये?
अरुण
प्रिय अरुण जी,
आपने सही कहा मैं श्रद्धा और मानवीयता वाला व्यक्ति हूँ और इसको जाहिर भी करता हूँ जो साधु व् गंगा मैया के रूप में सामने आई है लेकिन साथ साथ ही साथ मैं कर्मकांडो और धार्मिक प्रोपेगंडा व् अतार्किक परम्परा के पक्ष में नहीं हूँ । मैं भारतीय संस्कृति का सम्मान करता हूँ । जिसमे साधु और गंगा मैया की महिमा है लेकिन इन दोनों के वर्तमान स्वरुप पर श्रद्धा नही कर पाता । संस्कृति के छिपे हुए तत्व हैं जो उत्साह मे मुखरित हो उठे हैं ।
रेस्ट हाउस को GMVNL की वेब्सिते से ऑनलाइन बुक किया जा सकता है ।चार्जेज भी 600-800 हैं ।बेस्ट लोकेशन और रूम व्यवस्था भी बढ़िया थी ।
उत्साह वर्धन के लिए धन्यवाद । अगला लेख जल्द ही ।
Very Good write up Shivam Ji.
Rishikesh rafting is all-time favourite. I have also experienced the same many times.
Keep travelling & keep writing.
Waiting for your next post.
Regds
Thanks Pravesh Ji…
Rishikesh white-water rafting is quite a rage here (Delhi and around). I have been there a few times and we stayed at a riverside beach camp, that adds more cliche to this whole thing :-). Talking about the control, in one of our sojourns, the commander himself fell, hehe. Fortunately almost all of us (a part of group) have been to raft multiple times and within no time, everyone was acting as a commander. It was quite a chaos.
From Ahmedabad, it would have been a long journey. Delhi-Rishikesh is pretty well connected by roads. Buses are a bit uncomfortable but good Volvos are plying so you could have reached Rishikesh the same night.
Everytime I read about Rishikesh, I want to go again. Last I went was about an year back, in Nov 2014. There is a very quaint (and popular at the same time) cafe, called ‘Ganga Cafe’ right on the bank of river (on the other side, chotiwala side). The whole feel of this small town is very spiritual. Thank you Shivam for refreshing my memories. So on to Chamba now ?
Forgot to mention nowadays camping is banned in shivpuri by National Green Tribunal (NGT) and i support it by heart. Camping creating major encroachment in the rivet bed which is a long term impact on environment.
I had enjoyed camping+rafting few times during my college days in delhi.
Chamba done Dhanaulti in the pipe.
Thanks alot.