
पांडव लेनी (गà¥à¤«à¤¾), नासिक की पदयातà¥à¤°à¤¾
नामकरण के किसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ को जानने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ मैं इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देखने के लिठऔर लालायित हो उठा. कदम तेजी से बढ़ने लगे और मैं गà¥à¤«à¤¾-वृनà¥à¤¦ के गेट पर आ गया. वहां २४ लाजवाब गà¥à¤«à¤¾à¤à¤‚ थीं. पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¤à¥à¤µ विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤• बोरà¥à¤¡ à¤à¥€ लगा हà¥à¤† था, जिसमें बताया गया की वे गà¥à¤«à¤¾à¤à¤‚ लगà¤à¤— २०० वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में बनीं थीं. कई गà¥à¤«à¤¾à¤à¤‚ ततà¥à¤•ालीन समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿà¥‹à¤‚ और धनिक-समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ लोगों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दान में दी गयी राशि से बनाई गयीं थीं और बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® के हीनयान समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उपयोग में लाई जातीं थीं.
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