low light photography

Photography : Practical Tips and Tricks

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This is true of every ghumakkar. If Vishal Rathore, DL, Amitava, Ritesh, Manu, Abhee, Jat Devta, SS, Praveen Wadhwa, Nirdesh, Vipin, Mala, Devasmitha and Sushant (or any of the rest of authors here) were wandering together in a city or village with our cameras on our shoulders, each of us would aim at different objects and would shoot from different angles and for different reasons. It hardly matters whether we own a DSLR or a mobile phone as far as selection of our subjects is concerned. Well, here are a few things which I have learnt in photography in all these years. May be you would find them interesting and useful.

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Getting the most out of your camera

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इससे पहले कि मैं किस्सा-ए-फोटोग्राफी शुरु करूं, अगर अनुमति-ए-आपकी हो तो पहले एक किस्सा सुनाना चाहूंगा। सुना है कि एक छात्र फोटोग्राफी सीखने के लिये मुंबई के एक प्रख्यात फोटोग्राफर के पास पहुंचा। पांच दिन तक कैमरे के सभी अंग-प्रत्यंगों का परिचय देने के बाद, गुरु ने अपने शिष्य से कहा कि अपने कैमरे में एक फिल्म डालो और निकल पड़ो मुंबई की फोटोग्राफी के लिये ! जो कुछ भी अच्छा लगे, उसकी फोटो खींच लाओ ! रात को थका-हारा शिष्य वापिस आया! फिल्म धुलवाई गई और प्रिंट बनवा कर मेज पर फैला दिये गये। गुरुजी ने शिष्य से पूछा, “बताओ, किस स्थान की फोटो सबसे अच्छी लगीं?” शिष्य ने जवाब दिया, मुझे तो गेट वे ऑफ इंडिया की फोटो सबसे अच्छी लग रही है। गुरुजी ने अगले दिन उस शिष्य को सारी की सारी फोटो गेटवे ऑफ इंडिया की खींचने का आदेश दे दिया। शिष्य ने विभिन्न कोणों से सारे के सारे चित्र गेटवे ऑफ ईंडिया के ही खींच डाले। शाम को फिल्म धुली, प्रिंट बने और फिर गुरुजी ने पूछा, “कौन का फोटो सबसे अच्छा लगा?” तो शिष्य ने बता दिया । गुरुजी ने पुनः एक फिल्म लोड कराई और कहा कि कल जाकर गेटवे ऑफ इंडिया के सारे के सारे फोटो इसी एंगिल के खींच कर लाओ! बेचारा शिष्य पुनः गया और सुबह से शाम तक उसी एंगिल से भिन्न-भिन्न प्रकाश में फोटो खींचता रहा। शाम को पुनः प्रिंट फैलाये गये और गुरुजी ने जब शिष्य से पूछा, “कौन सा फोटो पसन्द आया है?” तो शिष्य ने बता दिया कि मुझे तो सूर्यास्त के समय का यह चित्र सबसे अधिक भा रहा है! गुरुजी ने उसे कहा, “जाओ, तुम्हारी शिक्षा पूर्ण हुई!” तुम्हें photographic subject, various angles और various types of lighting का ज्ञान हो गया है। फोटोग्राफी यहीं से शुरु होती है, अब जीवन भर फोटोग्राफी करते रहो और सीखते रहो!

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