परà¥à¤µà¤¤à¥‹à¤‚ का राजा, देवताओं की आतà¥à¤®à¤¾ और अनà¥à¤¯ न जाने कितने ही नामों से पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की उतà¥à¤¤à¤° दिशा में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ परà¥à¤µà¤¤à¤°à¤¾à¤œ हिमालय सदियों से अपने वैà¤à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª को लिठहà¥à¤ अपनी अपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤® सà¥à¤‚दरता के कारण पà¥à¤°à¤•ृति-पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अपनी ओर आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करता है. पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक सौंदरà¥à¤¯, अनेक जलसà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¤‚ और जीवनदायिनी वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अपनी गोद में समेटे हà¥à¤ अनेक जीव-जंतà¥à¤“ं का आशà¥à¤°à¤¯ सà¥à¤¥à¤² है परà¥à¤µà¤¤à¤°à¤¾à¤œ हिमालय. हिमालय का पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• à¤à¤¾à¤— किसी न किसी विशेषता के लिठजगपà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है.
हिमालय की अनेक परà¥à¤µà¤¤-शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खलाओं के समूह में धौलाधार परà¥à¤µà¤¤-शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला अपने अनोखे सौंदरà¥à¤¯ के लिठविशà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है. इसी परà¥à¤µà¤¤-शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला से समà¥à¤¬à¤¦à¥à¤§ हिमाचल पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के काà¤à¤—ड़ा ज़िले के धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ नामक आकरà¥à¤·à¤• परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है. तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ को तà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤£à¥à¤¡, Triund या टà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤£à¥à¤¡ आदि अनà¥à¤¯ नामों से à¤à¥€ उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ किया जाता है. धौलाधार परà¥à¤µà¤¤-शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला की गोद में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के आकरà¥à¤·à¤£ को कई गà¥à¤¨à¤¾ बढ़ा देता है. धौलाधार परà¥à¤µà¤¤-शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला के पल-पल परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ होते मनोहारी à¤à¤µà¤‚ आकरà¥à¤·à¤• दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का अवलोकन हà¥à¤°à¤¦à¤¯ के रोम-रोम को पà¥à¤°à¤«à¥à¤²à¥à¤²à¤¿à¤¤ कर देता है. धौलाधार परà¥à¤µà¤¤-शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला के अपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤® सौंदरà¥à¤¯ को निहारने का अति उतà¥à¤¤à¤® सà¥à¤¥à¤² है तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡.

तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡: आकरà¥à¤·à¤• परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°
परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ में रूचि रखने वालों को तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ अपनी ओर अनायास ही आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करता है. तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ पर सायंकालीन सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ और पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒà¤•ालीन सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ के समà¥à¤®à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ कर देने वाले दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का आनंद लेने तथा सघन, सà¥à¤µà¤šà¥à¤›, पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण-रहित आकाश में टिमटिमाते तारों को निहारने का अनà¥à¤à¤µ करने के लिठयहां रातà¥à¤°à¤¿-विशà¥à¤°à¤¾à¤® की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¥€ है. खà¥à¤²à¥‡ आकाश के नीचे टेंट और कैमà¥à¤ªà¥‹à¤‚ में यहाठरà¥à¤•ा जा सकता है.
जिस पà¥à¤°à¤•ार सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ वà¥à¤¯à¤‚जनों की चरà¥à¤šà¤¾ à¤à¥‚खे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की à¤à¥‚ख को ओर अधिक बढ़ा देती है उसी पà¥à¤°à¤•ार तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ के पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक सौंदरà¥à¤¯ की चरà¥à¤šà¤¾ ने घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ों की लालसा को à¤à¥€ बढ़ा दिया होगा. जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ की घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी नहीं की है उनके मन में अवशà¥à¤¯ ही ये पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ उठरहे होंगे कि तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ कैसे पहà¥à¤‚चा जाà¤, किस समय जाया जाये और कहाठपर ठहरा जाठआदि-आदि. आगे अब इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ विषयों पर कà¥à¤› चरà¥à¤šà¤¾ की जाये.
वैसे तो पूरे वरà¥à¤· देश-विदेश से लाखों की संखà¥à¤¯à¤¾ में सà¤à¥€ आयॠवरà¥à¤— के महिला-पà¥à¤°à¥à¤· परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ की अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ पूरà¥à¤£ करने के लिठयहाठआते हैं लेकिन जनवरी और फरवरी के महीने में अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• हिमपात होने के कारण तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ पर पहà¥à¤‚चना लगà¤à¤— असंà¤à¤µ होता है. अतः यह समय तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ के लिठउचित नहीं है.
तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ के लिठधरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ से 9 -10 किलोमीटर दूरी पर मकà¥à¤²à¥‹à¤¡à¤—ंज ठहरने के लिठउतà¥à¤¤à¤® सà¥à¤¥à¤² है. यहाठपर सà¤à¥€ वरà¥à¤— की आवशà¥à¤¯à¤•ता अनà¥à¤¸à¤¾à¤° विशà¥à¤°à¤¾à¤®-सà¥à¤¥à¤² होटल आदि सà¥à¤²à¤ हैं.
दिलà¥à¤²à¥€ से तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ वायà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤—, रेलमारà¥à¤— à¤à¤µà¤‚ बस किसी à¤à¥€ माधà¥à¤¯à¤® से आसानी से पहà¥à¤‚चा जा सकता है. गगà¥à¤—ल हवाई अडà¥à¤¡à¤¾ धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ से लगà¤à¤— 15 किलोमीटर की दूरी पर है. धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ से सबसे समीप बà¥à¤°à¥‰à¤¡à¤—ेज रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पठानकोट (85 किलोमीटर) तथा टॉय-टà¥à¤°à¥‡à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ काà¤à¤—ड़ा रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ (17 किलोमीटर) है. इन सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ पर बस अथवा टैकà¥à¤¸à¥€ से मकà¥à¤²à¥‹à¤¡à¤—ंज पहà¥à¤‚चा आसानी से पहà¥à¤‚चा जा सकता है. बस दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिलà¥à¤²à¥€ से सीधे मकà¥à¤²à¥‹à¤¡à¤—ंज के लिठबस उपलबà¥à¤§ है. दिलà¥à¤²à¥€ से धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ अथवा कांगड़ा के लिठà¤à¥€ वॉलà¥à¤µà¥‹, डीलकà¥à¤¸ और साधारण बस सेवा उपलबà¥à¤§ है. इन सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹ पर बस दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रातà¥à¤°à¤¿ यातà¥à¤°à¤¾ करके पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ पहà¥à¤‚चा जा सकता है.
मकà¥à¤²à¥‹à¤¡à¤—ंज मà¥à¤–à¥à¤¯ चौराहे से लगà¤à¤— दो किलोमीटर की दूरी पर धरà¥à¤®à¤•ोट के समीप माता गालू दà¥à¤°à¥à¤—ेशà¥à¤µà¤°à¥€ मंदिर (गालू मंदिर) तक ऑटो-रिकà¥à¤¶à¤¾ या निजी वाहनों से à¤à¥€ पहà¥à¤‚चा जा सकता है. गालू देवी मंदिर से आगे वाहनों का जाना संà¤à¤µ नहीं है इससे आगे की रोमांचकारी यातà¥à¤°à¤¾ पैदल ही की जाती है. परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ का समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ आनंद लेने के लिठमकà¥à¤²à¥‹à¤¡à¤—ंज से पैदल ही यातà¥à¤°à¤¾ आरमà¥à¤ की जा सकती है.

मकà¥à¤²à¥‹à¤¡à¤—ंज का मà¥à¤–à¥à¤¯ चौराहा

माता गालू दà¥à¤°à¥à¤—ेशà¥à¤µà¤°à¥€ मंदिर (परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ आरमà¥à¤ सà¥à¤¥à¤²)

तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ आरमà¥à¤ करने से पहले à¤à¤• निवेदन
तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ पर जैसे-जैसे आप पथ पर आगे बढ़ते जाते हैं मानव-निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ वाहनों का कोलाहल और पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण का तनाव पीछे छूटता जाता है. पà¥à¤°à¤•ृति अपने मनोहारी सौंदरà¥à¤¯ पाश में आपको बंधने लगती है. तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ की और बढ़ता पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• पग आपको पà¥à¤°à¤•ृति के समीप ले जाता है. घने वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ की हरियाली, परà¥à¤µà¤¤à¥‹à¤‚ के उनà¥à¤¨à¤¤ शिखर, पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ के ऊà¤à¤šà¥‡-नीचे टेढ़े-मेढ़े रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के बीच पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का मधà¥à¤° कलरव, सूखे पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के हवा से हिलने की सरसराहट मनो-मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• में पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक संगीत उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करती है. पल पल परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ होते पà¥à¤°à¤•ृति के दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के समà¥à¤®à¥‹à¤¹à¤¨ से अपने आप ही पग आगे आगे बढ़ते जाते है. तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ पर पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ हà¥à¤ मारà¥à¤— में आने वाले देवदार और ओक के घने मनोहारी जंगल आपकी थकान को मिटा देते हैं.

तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ मारà¥à¤— पर कà¥à¤› मनोहारी दृशà¥à¤¯
तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ पर परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ को कठिन तो नहीं कह सकते पर इतना सरल à¤à¥€ नहीं है के आप बिना रà¥à¤•े हà¥à¤ गंतवà¥à¤¯ तक पहà¥à¤à¤š जाà¤à¤. पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ में कà¥à¤› दूर तक तो आसानी से पहà¥à¤‚चा जा सकता है परनà¥à¤¤à¥ अंतिम लगà¤à¤— दो किलोमीटर का मारà¥à¤— कà¥à¤› दà¥à¤°à¥à¤—म है. कà¥à¤› सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर तो चढ़ना इतना कठिन है की ऊपर चढ़ने से पहले कà¥à¤› देर रà¥à¤•कर सोचना पड़ता है के किस तरह आगे बढ़ा जाà¤. कà¥à¤› जगहों पर छोटी पगडंडियां à¤à¥€ आपको मà¥à¤–à¥à¤¯ मारà¥à¤— से à¤à¤Ÿà¤•ा सकती है. तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ पर परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ करते हà¥à¤ मारà¥à¤— पर à¤à¤Ÿà¤•ने से बचने के लिठअपने आगे और पीछे चलने वाले अनà¥à¤¯ परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर विशेष धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना चाहिà¤. मारà¥à¤— में अनेक सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ के लिठचाय की दà¥à¤•ानें à¤à¥€ हैं. यहाठसे आप अपनी आवशà¥à¤¯à¤•ता के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° चाय, बिसà¥à¤•à¥à¤Ÿ, पानी, नूडलà¥à¤¸ आदि अनà¥à¤¯ खाने-पीने की सामगà¥à¤°à¥€ ले सकते है.

सावधानी और संयम अति आवशक है

तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ की ओर जाते हà¥à¤ कà¥à¤› परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¥€

रिउणà¥à¤¡ की ओर जाते हà¥à¤ कà¥à¤› परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹
à¤à¤• बार तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ पर पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के बाद जो दृशà¥à¤¯ आपकी आà¤à¤–ों के सामने होता है वो आपकी सारी थकान को à¤à¥à¤²à¤¾ देता है. तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ से जहाठà¤à¤• ओर मनोहारी धौलाधार परà¥à¤µà¤¤-शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला को निहारा जा सकता है वहीठदूसरी ओर धारà¥à¤®à¤¿à¤• आसà¥à¤¥à¤¾, पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¤¤à¤¾ और à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤•ता से समृदà¥à¤§ कांगड़ा घाटी के दरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¥€ सà¥à¤²à¤ होते हैं. तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ से आगे और अधिक ऊंचाई पर अनà¥à¤¯ परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ सà¥à¤¥à¤² जैसे सà¥à¤¨à¥‹à¤²à¤¾à¤‡à¤¨, लाका गà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¿à¤¯à¤° तथा इंदà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤° पास तक जाने के लिठतà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ उपयà¥à¤•à¥à¤¤ विशà¥à¤°à¤¾à¤® सà¥à¤¥à¤² है. किसी समय में पदयातà¥à¤°à¥€ काà¤à¤—ड़ा से चमà¥à¤¬à¤¾ तक इस मारà¥à¤— से जाते थे.

रिउणà¥à¤¡ शिखर का मनोहारी दृशà¥à¤¯
तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ के शिखर पर पहà¥à¤à¤š कर धीरे से आà¤à¤–ों को मूà¤à¤¦ कर बैठने पर जिस आनंद का अनà¥à¤à¤µ होता है उसके आगे संसार के सारे सà¥à¤–-आनंद तà¥à¤šà¥à¤› लगते है. तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ पर पहà¥à¤‚चना जितना कठिन लगता है वहां के मनोहारी अदà¥à¤à¥à¤¤ दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को छोड़कर वापिस आना उससे à¤à¥€ अधिक कठिन हो जाता है. इस पà¥à¤°à¤•ार रोमांचक, अविसà¥à¤®à¤°à¤£à¥€à¤¯ तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ का समापन होता है. तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ के मनोहारी दृशà¥à¤¯ मनो मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• पर जो छाप छोड़ देते हों उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आजीवन à¤à¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ नहीं जा सकता.

रिउणà¥à¤¡ शिखर पर शानà¥à¤¤à¤¿ के पल
धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ और मकà¥à¤²à¥‹à¤¡à¤—ंज के आस-पास तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ के अतिरिकà¥à¤¤ अनà¥à¤¯ अनेक आकरà¥à¤·à¤• दरà¥à¤¶à¤¨à¥€à¤¯, धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक सौंदरà¥à¤¯ से परिपूरà¥à¤£ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ सà¥à¤¥à¤² हैं. तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ के समापन पर रातà¥à¤°à¤¿à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤°à¤¾à¤® के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ इन सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ पर अगले दिन à¤à¥à¤°à¤®à¤£ का आनंद लिया जा सकता है. आगामी लेख में इन सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ पर चरà¥à¤šà¤¾ का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ रहेगा. इसी आशा के साथ घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी की शà¥à¤à¤•ामनाà¤à¤‚…
बहुत खूब, हिंदी पोस्ट पढ़ने का अपना अलग ही मजा आता है।
ख़ूबसूरत शब्दों में पिरोई हुई पोस्ट और एक नवीन स्थान की जानकारी देने हेतु आपका शुक्रिया।
बहुमूल्य प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद अरुण जी.
त्रिउंड के बारे में जान कर ख़ुशी हुई. यात्रा के सभी चित्र बड़े ही खूबसूरत हैं. हिंदी तो सच में लाजवाब है. मैं अरुण से बिलकुल सहमत हूँ.
धन्यवाद.
लेख पसंद करने और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद उदय जी.
Very well written post.
Triund is in my wish list. Kindly let us know the distance of the trek and time required.
Thank you Mahesh ji for liking the post and commenting on this.
From Mcleodganj, Galu temple is 2 km and from here main trek is 7 kms.
Wishing your future trip to Triund in advance. Keep travelling…
I have been to McLeod ganj thrice but always (somehow) assumed that Triund is at least a 3 hour difficult trek. You have made Triund much more accessible via your fluid narration and inviting photos. Thank you.
Thank you Nandan ji for your inspirational comment.