आज हमे लेह से आगे “खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला” जाना था। लदà¥à¤¦à¤¾à¤– जाना का मतलब दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सबसे ऊà¤à¤šà¥‡ दरà¥à¤°à¥‹ को पार करके जाना। जिसमे लिखित रूप से “खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला” सबसे ऊà¤à¤šà¤¾ है। इसकी ऊंचाई 5602 मीटर (18379 फीट) है। जो à¤à¥€ लेह-लदà¥à¤¦à¤¾à¤– जाता है वो “खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला जरूर जाता है। वहां पहà¥à¤à¤š कर “जीत” का à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ होता है मानो आप à¤à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के गिने-चà¥à¤¨à¥‡ लोगों में से हो जो यहाठतक पहà¥à¤à¤š पाà¤à¥¤ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾-तर लोग यहीं से वापस लौट जाते हैं। लेकिन हमारे साथ à¤à¤¸à¤¾ नहीं हà¥à¤† कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि हम लोगों को तो “खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला” से à¤à¥€ आगे “हà¥à¤¨à¥à¤¡à¤°” जाना था और शाम तक फिर वापस à¤à¥€ आना था। जहाठलेह-खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला-लेह 80km है वहीठहमे आज लेह-हà¥à¤¨à¥à¤¡à¤°-लेह के सफ़र मे 254km तय करना था। मोबाइल का अलारà¥à¤® बजते ही सब उठगà¤à¥¤ अà¤à¥€ अà¤à¤§à¥‡à¤°à¤¾ ही था हम लोग सà¥à¤¬à¤¹ 05:30 बजे निकल गठथे। 12-सितमà¥à¤¬à¤° को जब लेह पहà¥à¤à¤šà¥‡ थे तà¤à¥€ गाड़ी का टैंक फà¥à¤² करवा लिया था। लेह से आगे जाने के लिठपरमिट की कॉपी के अलावा हमारे पास सिरà¥à¤« कैमरे थे। हमने और कà¥à¤› à¤à¥€ सामान साथ नहीं लिया। हम अब “खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला” की ओर बॠचले। यहाठसे सारे रासà¥à¤¤à¥‡ हमे ऊपर ही चà¥à¤¤à¥‡ रहे। हलà¥à¤•ा सा उजाला होने लग गया था। इस समय ठंड à¤à¥€ बहà¥à¤¤ थी। आज पहली बार अंकल ने à¤à¥€ पूरे बाजू की सà¥à¤µà¥‡à¤Ÿà¤° पहन ली थी।
“खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला” से पहले आरà¥à¤®à¥€ की चेक पोसà¥à¤Ÿ है उसका नाम “साउथ पà¥à¤²à¥à¤²à¥‚” है, और “खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला” के बाद à¤à¥€ à¤à¤• चेक पोसà¥à¤Ÿ आती है उसका नाम “नारà¥à¤¥ पà¥à¤²à¥à¤²à¥‚” है।
“खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला” तक जाने के लिठपरमिट की ज़रà¥à¤°à¤¤ नहीं है लेकिन इससे आगे जाने के लिठ“Inner-Line Permit” परमिट लेना होता है। “नारà¥à¤¥ पà¥à¤²à¥à¤²à¥‚” मे इसकी चेकिंग होती है। हम “साउथ पà¥à¤²à¥à¤²à¥‚” पहà¥à¤à¤š गठथे। यहाठपर à¤à¤• चाय की दà¥à¤•ान है, उसी के पास गाड़ी रोक कर चाय और बिसà¥à¤•à¥à¤Ÿ लिया गया। दà¥à¤•ान के अंदर कà¥à¤› मिनट आग à¤à¥€ सेकी गयी। “खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला” जाते वकà¥à¤¤ यहाठसे “काराकोरम” (karakoram) रेंज à¤à¥€ दिखाई देती है। सूरज उगने के बाद तो बरà¥à¤« से ढके पहाड़ो का नज़ारा देखने लायक होता है।
यहाठसे आगे का रासà¥à¤¤à¤¾ बहà¥à¤¤ ही खराब था। रासà¥à¤¤à¥‡ मे पतà¥à¤¥à¤°, पहाड़ से रिसता हà¥à¤† पानी, जमी हà¥à¤ˆ चिकनी बरà¥à¤«à¥¤ दो-तीन बार सामने से आती हà¥à¤ˆ गाड़ी को जगह देने के लिठगाड़ी रोक कर पीछे à¤à¥€ करनी पड़ी थी।

“खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला†की ओर जाते हà¥à¤â€¦..संकरी पथरीली सड़क।
अब हरी का दिल तेजी से धड़कने लग गया था। इस बार मैं मज़ाक नहीं कर रहा, सही मे हरी घबरा गया था। वो इंगà¥à¤²à¤¿à¤¶ मे बोला “टेल हिम टॠडà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µ केयरफà¥à¤²à¥€” Or “आसà¥à¤• हिम टॠसà¥à¤Ÿà¥‰à¤ª à¤à¤‚ड यू डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µ”। उसकी ये बात सà¥à¤¨à¤•र हम हंसने लगे। इस बार अंकल की छटी इंदà¥à¤°à¥€ जाग गई और बोले कि “हरी तू बहà¥à¤¤ घबराता है, मनोज à¤à¥€ तो पहली बार आया है वो तो चà¥à¤ª-चाप बैठा है”। अब अंकल को कà¥à¤¯à¤¾ पता की मनोज तो इतना घबराया हà¥à¤† था कि मà¥à¤¹ से à¤à¤• शबà¥à¤¦ à¤à¥€ नहीं बोल पा रहा था। लेकिन अंकल अपनी चाल मे ही गाड़ी चलाते रहे और हरी à¤à¥€ “खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला” तक इंगà¥à¤²à¤¿à¤¶ मे कà¥à¤› ना कà¥à¤› बडबडाता ही रहा। सही बोलूठतो राहà¥à¤² और मेरा अचà¥à¤›à¤¾ à¤à¤¨à¥à¤œà¥‹à¤¯à¤®à¥‡à¤‚ट होता रहा। हम “खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला” टॉप पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤ हरी ने जलà¥à¤¦à¥€ गाड़ी से नीचे उतरने की शिफारिश की और चैन की साà¤à¤¸ à¤à¤°à¥€à¥¤ अब जाकर बेचारा मà¥à¤¸à¥à¤•राया था।

“खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला†टॉप पर अंकल फà¥à¤² बाजू की सà¥à¤µà¥‡à¤Ÿà¤° मे।

“खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला†पर Col. Chewang Rinchen की वीरता का पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¥¤ खà¥à¤¦ ही पॠलीजिà¤à¥¤ आपका सर à¤à¥€ गरà¥à¤µ से ऊà¤à¤šà¤¾ हो जाà¤à¤—ा। à¤à¤¸à¥‡ वीर योदà¥à¤§à¤¾ सिरà¥à¤« à¤à¤¾à¤°à¤¤-वरà¥à¤· मे ही जनà¥à¤® लेते है।
हम लोग सà¥à¤¬à¤¹ लेह से जलà¥à¤¦à¥€ निकल आठथे तो कोई खास परेशानी नहीं हà¥à¤ˆà¥¤ लेकिन वहाठपर तैनात फ़ौजी के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• अकà¥à¤¸à¤° परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ की वजह से “खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला” मे टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• जाम हो जाता है। यहाठपर आरà¥à¤®à¥€ की à¤à¤• “डिसà¥à¤ªà¥‡à¤‚सरी” (Dispensary) à¤à¥€ है। इतनी ऊà¤à¤šà¤¾à¤ˆ पर आने की वजह से परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• की तबीयत बिगड़ सकती है इसी को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ मे रखते हà¥à¤ यहाठपर चेक-उप, दवाई, ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ जैसी सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤ उपलबà¥à¤§ हैं। चाय-पानी की à¤à¤• कैंटीन à¤à¥€ है। हमने कà¥à¤› देर पहले ही “साउथ पà¥à¤²à¥à¤²à¥‚” मे हलà¥à¤•ा सा नाशà¥à¤¤à¤¾ किया था तो अब “खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग” से आगे निकलना ही ठीक समà¤à¤¾à¥¤
अब हम यहाठसे आगे चल दिà¤à¥¤ 15km नीचे उतरने बाद “नारà¥à¤¥ पà¥à¤²à¥à¤²à¥‚” आ गया। यहाठतक à¤à¥€ रासà¥à¤¤à¤¾ बहà¥à¤¤ करब था। अगर आपके पास “Inner-Line Permit” नहीं है तो यहाठसे आगे नहीं जा सकते। आपको वापस à¤à¥‡à¤œ दिया जाà¤à¤—ा। यहाठपर कतार मे 5-6 गाड़ियाठखड़ी थी, à¤à¤• सà¤à¥à¤¯ नागरिक होने के नाते हम à¤à¥€ चà¥à¤ª-चाप कतार मे लग गà¤à¥¤ मिलिटà¥à¤°à¥€ जोन मे पहà¥à¤à¤š कर तो अचà¥à¤›à¥‡-से-अचà¥à¤›à¤¾ टेà¥à¤¾ आदमी à¤à¥€ सीधा हो जाता है। यहाठसिरà¥à¤« फ़ौज का डंडा चलता है। हमारा नंबर आने मे टाइम था परमिट अंकल को पकड़ा कर हम गाड़ी से नीचे उतर गà¤à¥¤ इस जगह का माहौल देखते ही बनता था। 2-3 चाय-पानी की दà¥à¤•ाने थी। इनà¥à¤¹à¥€ दà¥à¤•ानों के बाद चेक पोसà¥à¤Ÿ थी। ये जगह चेक पोसà¥à¤Ÿ न होकर à¤à¤• छोटे आरà¥à¤®à¥€ के बेस कैंप जैसी लग रही थी।
यहीं पर कैंप के दूसरी तरफ घास का मैदान सा था। यहाठपर बरà¥à¤« पिघलने की वजह से à¤à¤• छोटी सी जल-धारा à¤à¥€ थी और यहीं कà¥à¤› याक (Yak) घास चर रहे थे। ये सब देखते ही मैं और राहà¥à¤² उस ओर चल पड़े। अपने हनीमून पर मैं 2007 मे मनाली गया था। उस वक़à¥à¤¤ à¤à¤• पालतू याक के साथ à¤à¤• फोटो खिंचवाया था। लेकिन खà¥à¤²à¥‡ मैदान मे घास चरते हà¥à¤ याक देखूà¤à¤—ा ये कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥€ नहीं की थी।

जल-धारा, या यूठकह लो आधा पानी और आधी बरà¥à¤«à¥¤
“नारà¥à¤¥ पà¥à¤²à¥à¤²à¥‚” मे पंजीकरण कराने के बाद हम आगे निकल पड़े। अब डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤µà¤° सीट पर मैं था। अंकल ने हरी को टोन कसते हà¥à¤ कहा अब तो रोड à¤à¥€ अचà¥à¤›à¥€ हो गई है। यहाठसे आगे का रासà¥à¤¤à¤¾ à¤à¤• दम मसà¥à¤¤ था। गाड़ी à¤à¤¸à¥‡ चल रही थी मानो जैसे बà¥à¤°à¥‡à¤¡ के ऊपर अमूल का मकà¥à¤–न लगा हà¥à¤† हो। à¤à¤• à¤à¥€ धचका नहीं लग रहा था। 2-3km आगे ही अपने फ़ौजी à¤à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ की à¤à¤• छोटी से टà¥à¤•ड़ी दिखाई दी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ठंड से निपटने के सारे साजो सामान पहने हà¥à¤ थे। जैसे की टोपी, गॉगलà¥à¤¸, जैकेट, सà¥à¤¨à¥‹ बूटà¥à¤¸à¥¤ à¤à¤•ाà¤à¤• सड़क से हटकर ये सब पहाड़ की ओर चल दिठऔर चà¥à¤¨à¥‡ लगे। मेरा अंदाज़ा सही था “नारà¥à¤¥ पà¥à¤²à¥à¤²à¥‚” चेक-पोसà¥à¤Ÿ होने के साथ-साथ à¤à¤• छोटा आरà¥à¤®à¥€ का बेस कैंप à¤à¥€ था। “खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला” से “सियाचिन” बेस कैंप की दूरी मातà¥à¤° 164km ही है। “सियाचिन” दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का सबसे ऊà¤à¤šà¤¾ यà¥à¤¦à¥à¤§ छेतà¥à¤° है। वहाठके वातावरण के अनà¥à¤•ूल ढालने के लिठयह à¤à¤• अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ का हिसà¥à¤¸à¤¾ लग रहा था। इनकी डà¥à¤°à¥‡à¤¸ का कलर जैसे पहाड़ में कहीं घà¥à¤²-मिल(Camouflage) गया था और थोड़ी दूर चà¥à¤¨à¥‡ के बाद ये हमारी नज़र से ओà¤à¤² हो गà¤à¥¤
अà¤à¥€ 50km और आगे जाना था। रासà¥à¤¤à¥‡ मे बहà¥à¤¤ सी जगह रà¥à¤•ने का मन हà¥à¤† पर अब टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• लगातार चल रहा था तो रà¥à¤•ना ठीक नहीं समà¤à¤¾à¥¤ हम “हà¥à¤¨à¥à¤¡à¤°” की तरफ बॠरहे थे। रासà¥à¤¤à¥‡ मई लगे हà¥à¤ साइन बोरà¥à¤¡ का इशारा देख कर गाड़ी को बाà¤à¤ ओर मोड़ दिया। अब à¤à¤• शानदार और नाक की तरह सीधी सड़क थी। गाड़ी के पंख लग गठथे और वो चिड़िया की तरह उड़ रही थी। इस सड़क के दोनों ओर रेत दिखाई दी, हम गाड़ी को रोक कर रेत मे उतर गà¤à¥¤

फोटो मे बाà¤à¤ ओर “हà¥à¤¨à¥à¤¡à¤°â€ जाती हà¥à¤ˆ सड़क और दाà¤à¤ और “पनामिक†है। ये दोनों जगह Nubra Valley मे ही हैं।
हम अब “Diskit” पहà¥à¤à¤š गठथे। यहाठपर हमारी दाà¤à¤ ओर à¤à¤• पेटà¥à¤°à¥‹à¤² पंप था। उजाड़ सी जगह मे बना हà¥à¤† था, मशीनें à¤à¥€ बाबा आदम के ज़माने की थी। इन मशीनों को हाथ से घà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥‡ वाले लीवर से सà¥à¤Ÿà¤¾à¤°à¥à¤Ÿ किया जाता था। जन मैं छोटा था तब ये मशीनें देखी थी। पूछने पर पता चला की तेल à¤à¥€ ख़तà¥à¤® था टà¥à¤°à¤• आने वाला था। हमने तो वैसे ही पूछ लिया था कोई अनाड़ी ही होगा जो इस पेटà¥à¤°à¥‹à¤² पंप के à¤à¤°à¥‹à¤¸à¥‡ यहाठतक आà¤à¤—ा।
“Diskit” मे à¤à¤• “monastery” à¤à¥€ है। हम समय की कमी होने की वजह से “Diskit Monastery” को देखने नहीं जा पाठथे। यहाठपर बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¾ (Buddha) का 32 मीटर ऊà¤à¤šà¤¾ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤šà¥‚ है। ये दूर से à¤à¥€ बहà¥à¤¤ सà¥à¤‚दर लगता है।
“Diskit” से 8km आगे “हà¥à¤¨à¥à¤¡à¤°” आ जाता है। “हà¥à¤¨à¥à¤¡à¤°” à¤à¤• गाà¤à¤µ हैं, यहाठपर लोगों ने छोटी-मोटी खेती करी हà¥à¤ˆ थी, फलों के बाग à¤à¥€ दिख रहे थे। इसके साथ-साथ ठंडा रेगिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ à¤à¥€ था। à¤à¤• ही जगह मे इतनी अलग-अलग चीजें देख कर हैरानी हो रही थी। यहाठसे आगे जाने का रासà¥à¤¤à¤¾ बंद था। यहाठपर à¤à¥€ मिलिटà¥à¤°à¥€ की मौजूदगी थी। सिरà¥à¤« आरà¥à¤®à¥€ को ही आगे जाने की अनà¥à¤®à¤¤à¥€ रही होगी। हमे à¤à¤• फ़ौजी ने बताया था कि यहाठसे पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का बॉरà¥à¤¡à¤° बहà¥à¤¤ पास है। यहीं पर आरà¥à¤®à¥€ की CSD कैंटीन थी। CSD कैंटीन मे फ़ौजियों को और उनके परिवार के लोगों को ससà¥à¤¤à¤¾ सामान मिलता है। हम Civilians CSD कैंटीन से सामान नहीं खरीद सकते। कैंटीन मे किचन देख हम अंदर घà¥à¤¸ गठऔर जम कर नाशà¥à¤¤à¤¾ किया।

CSD कैंटीन के बाहर हरी और मैं नाशà¥à¤¤à¤¾ पचाने की कोशिश करते हà¥à¤à¥¤
यहाठसे पैदल आगे निकल पड़े, अंकल à¤à¥€ हमारे साथ ही थे। “हà¥à¤¨à¥à¤¡à¤°” मे पानी, रेगिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨, हरियाली, कचà¥à¤šà¥€ मिटà¥à¤Ÿà¥€ के पहाड़, बरà¥à¥ž के पहाड़, ऊंट, à¤à¥‡à¥œ, बकरी, à¤à¥‹à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾ कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ सब कà¥à¤› à¤à¤• ही जगह मे था। ये जगह à¤à¤• अजूबे से कम नहीं थी और थकान मिटने के लिठपरफेकà¥à¤Ÿ पिकनिक सà¥à¤ªà¥‰à¤Ÿ जैसी थी। यहाठपर हमने खूब मसà¥à¤¤à¥€ की थी। आज à¤à¥€ याद करते ही दिल गारà¥à¤¡à¤¨-गारà¥à¤¡à¤¨ हो जाता है। तà¤à¥€ अंकल ने देखा की कà¥à¤› लोगों ने नदी के गाड़ी धो रहे हैं। अंकल बोले मैं à¤à¥€ गाड़ी धो लेता हूठतà¥à¤® लोग वापसी में वहीठपर मिलना। हमे तो रेत के टीलों तक जाना था। ठंडे रेगिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ को देखने के लिठसब लोग उतà¥à¤¸à¥à¤• थे। तà¤à¥€ हमे ऊंट दिखाई दिà¤à¥¤ ऊंट तो आप सà¤à¥€ लोगों ने देखे होंगे, ऊंट की पीठपर à¤à¤• उà¤à¤¾à¤° होता है जिसे इंगà¥à¤²à¤¿à¤¶ हमà¥à¤ª (Hump) कहते हैं। लेकिन पूरे देश मे सिरà¥à¤« इसी जगह दो हमà¥à¤ª वाले ऊंट होते है। टेलीविज़न मे तो कई बार देखा था लेकिन आज ये मेरी आà¤à¤–ों के सामने था, देख कर आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ हà¥à¤†à¥¤

ये फ़ोटो “नीरज जाट†के लिà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने लदà¥à¤¦à¤¾à¤– के à¤à¤• पोसà¥à¤Ÿ मे डबल हमà¥à¤ª वाले ऊंट के बारे मे पà¥à¤›à¤¾ था।
हम लोग रेत के टीलों की तरफ जाने लगे। तà¤à¥€ कà¥à¤› लड़के हमारे पास आठऔर बोले “सर ऊंट की सवारी” करनी है। पहले तो हमने साफ़ मना कर दिया। लेकिन उन लोगों के पूछने के बाद मन मे सवारी करने की इचà¥à¤›à¤¾ जाग गई। ऊपर से ये à¤à¤• लाइफ-टाइम अनà¥à¤à¤µ था। और हम जैसे परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों की वजह से वहां के लोगों की रोज़ी-रोटी चलती है। हम चारों सवारी के लिठतैयार हो गà¤à¥¤ à¤à¤• ऊंट 200 रूपठके हिसाब से हमने चार ऊंट ले लिà¤à¥¤ ऊंट पर चà¥à¤¨à¥‡ और उतरने समय थोडा सावधान रहना होता है। मैंने पहली बार ऊंट की सवारी की थी और किसà¥à¤®à¤¤ देखिये वो à¤à¥€ डबल हमà¥à¤ª वाले ऊंट पर। ऊंट चालक को बता दिया था कि हमे रेत के टीलों की तरफ ले चलो।

घास,पानी,रेत,कचà¥à¤šà¥‡ पहाड़, बरà¥à¤« के पहाड़। सब à¤à¤• साथ।

इसी à¤à¥‡à¥œ की ऊन से विशà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ पशà¥à¤®à¥€à¤¨à¤¾ शाल बनती है। और ऊन निकालने के बाद “मटन रोगन जोशâ€à¥¤
इस जगह पर थोड़ी गरà¥à¤®à¥€ लग रही थी। रेत à¤à¥€ गरà¥à¤® हो चà¥à¤•ी थी। अब हमने वापस चलने का फैसला किया। तà¤à¥€ राहà¥à¤² ने कहा बहता पानी देख कर नहाने का मन कर रहा है। मैंने कहा जिसका मन हो नहा लो, तबीयत ख़राब हो जाने के दर से मैंने मना कर दिया। सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ बताऊठतो à¤à¤•à¥à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾ “under wear” नहीं था। राहà¥à¤² और हरी तो पानी मे कूद चà¥à¤•े थे। दोनों ने मà¥à¤à¥‡ समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ की बहà¥à¤¤ कोशिश करी पर मैं नहीं माना। थोड़ी देर के बाद राहà¥à¤² बाहर आया और बोला चल नहीं तो कपडे समेत ही पानी मे धकेल दूà¤à¤—ा। उसने कहा “under wear” की टेंशन मत ले उसको सà¥à¤–ाने का तरीका मैं बता दूंगा। सà¥à¤–ाने का तरीका पूछे बिना उसकी बात मान कर मैं à¤à¥€ पानी मे जा कूदा। मनोज की तबीयत थोड़ी ढीली थी तो उसके साथ किसी ने जबरदसà¥à¤¤à¥€ नहीं की।
जम कर नाहने और छोटे बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की तरह खूब मसà¥à¤¤à¥€ की। कà¥à¤› देर सीधे और कà¥à¤› देर उलटे और लो जी सूख गया “under wear”। राहà¥à¤² ने सही कहा था। खड़े होकर घास-फूस à¤à¤¾à¥œà¥€ और कपड़े पहन कर तैयार हो गà¤à¥¤ वापस जाने का मन नहीं कर रहा था। à¤à¤• बार तो सोचा कि आज रात यहीं कैंप कर लेते हैं। अगर कैंप करते तो आगे के पà¥à¤²à¤¾à¤¨ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• à¤à¤• दिन à¤à¤•à¥à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾ लगने वाला था, जिससे हरी और मनोज को दिकà¥à¤•त हो सकती थी। नाईट कैंप का आईडिया डà¥à¤°à¤¾à¤ª कर दिया और अंकल की बताई हà¥à¤ˆ जगह की ओर चल दिà¤à¥¤ पहà¥à¤à¤š कर देखा तो अंकल ने Xylo को नया जैसा चमका दिया था।
अब à¤à¥‚ख à¤à¥€ लग चà¥à¤•ी थी, करीब à¤à¤• बजे हम लोग “हà¥à¤¨à¥à¤¡à¤°” से निकले थे। गाड़ी को “Diskit” मे रोक कर à¤à¥‹à¤œà¤¨ करने का सोचा कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि यहाठसे आगे लेह तक कà¥à¤› नहीं मिलने वाला था। अचà¥à¤›à¤¾ नॉन-वेज खाठहà¥à¤ चार-पांच दिन हो गठथे तो अंकल के लिठदाल-सबà¥à¤œà¥€ और अपने लिठमटन, चिकन, चावल और रोटी का आरà¥à¤¡à¤° दे दिया गया। पà¥à¤²à¤¾à¤¨ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• हमें “पनामिक” à¤à¥€ जाना था। जा तो सकते थे पर आज वापस लौटने मे देरी हो जाती। इस वजह से “पनामिक” जाना रदà¥à¤¦ कर दिया।

“Diskit†मेन रोड पर “Grand Canyon Restaurantâ€. यहीं रà¥à¤• कर à¤à¥‹à¤œà¤¨ किया था।
à¤à¤° पेट à¤à¥‹à¤œà¤¨ करने के बाद हम लोग वापस लेह के लिठनिकल पड़े। इस वक़à¥à¤¤ बहà¥à¤¤ गाड़ियाठलेह की ओर जा रही थी। सब अà¤à¤§à¥‡à¤°à¤¾ होने से पहले पहà¥à¤à¤šà¤¨à¤¾ चाहते थे। “नारà¥à¤¥ पà¥à¤²à¥à¤²à¥‚” से पहले आरà¥à¤®à¥€ की बहà¥à¤¤ बड़ी “Convoy” हमारे आगे चल रही थी। लेह मे आरà¥à¤®à¥€ का बहà¥à¤¤ बेस है। ये सब लगता है वहीठजा रहे थे। “Convoy” इतनी बड़ी थी की वो हमे चाह कर à¤à¥€ आगे निकलने के लिठसाइड नहीं दे सकते थे कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि सामने से à¤à¥€ टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• आ रहा था। à¤à¤• बड़े से मोड़ के पास “Convoy” रà¥à¤• गई तब जाकर कहीं हम आगे निकल पाठथे।
जवानों को सलाम करके और “खरà¥à¤¦à¥à¤‚ग ला” को पार करने के बाद हम लेह की ओर चल दिà¤à¥¤ अà¤à¥€ पिकà¥à¤šà¤° बाकि है दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚, कृपया अगले पोसà¥à¤Ÿ का इंतजार करें…………

















Nice travelog Anoop. I also planned to visit ladakh by bike in the middle of June. What is there in Panamic for tourists? Just like Hunder is having sand dunes.
Hello Ankit. Panamik is the last village in the Nubra Valley. Beyond this no civilian is allowed. Panamik is famous for the hot water springs.
Very Interesting and Photos so good. Camel ride, yak, goat all are so beautiful. will wait for Picture abhi baki hai.
Thanks and regards
I am glad you like it….there is lot to come.. :-)
Enjoying your posts …………………..
Thanks Mahesh.
जबरदस्त अनूप भाई।
एक साथ 5 पोस्ट पढने का फायदा तो हुआ, काफी सस्पेंस ख़तम हो गए लेकिन पिक्चर अभी बाकी है। मेरी भी काफी टाइम से इच्छा है लद्धाख जाने की लेकिन पता नहीं कब पूरी होगी, लेकिन आपकी स्टोरी पढ़कर मजा आ गया। क्या जबरदस्त रोमांच और गज़ब की पिक्चर और अंकल की ड्राइविंग। अभी तो लगता है कि आज रात सपनो मे लद्धाख की ही यात्रा होगी।
अगले भाग का इन्तजार रहेगा।
सौरभ जी। आपको पोस्ट अच्छी लगी ये जानकर प्रसन्नता हुई। उम्मीद है आपको आने वाली पोस्ट भी ऐसे ही पसंद आए।
wow.. glued to your post..
waiting for next part..
Hi Naresh. I will try not to disappoint you till the last post. Thanks for the comments.
बहुत दिलचस्प यात्रा कथा है.. कराकोरम रेंज का चित्र अनुपम है
धन्यवाद SS जी।
That must have been a long ride Anoop. Last summers, Rishi Raj (https://www.ghumakkar.com/author/rrgwrites/) took us to Hundar and they stopped their for the night. I guess 250 odd Kms at that terrain must take a large part of day-light.
Loved the pictures, the narration and your ability to go beyond the obvious while writing about human interactions. Hope Hari felt better on the way back. :-) Thank you ASG.
Thanks for your comments Nandan. Doing the round trip in the same day makes one really tired. Specially those not driving and sitting ideal all the way.
Honestly, I was enjoying the drive in the terrain.
काफ़ी दिनों बाद घुमक्कड़ पर लेह के बारे में पसन्द की पोस्ट मिली, इसे देख कर अपनी बाइक वाली यात्रा की वो जोरदार बर्फ़बारी याद आ गयी, जिसे झेलते हुए हम दुनिया की सबसे ऊँची सड़क के इस दर्रे पर पहुँचे थे।
आर्मी की csd कैंटिन से हमें भी सामान लेने की छूट प्राप्त है। गाड़ी के पंख क्यों छिपा लिये, हमें भी दिखा देते। जबरदस्त विवरण।
जाट देवता को विवरण पसंद आया ये जानकार प्रसन्नता हुई। आपके कमेंट के लिए धन्यवाद्।