सà¤à¥€ घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ साथियों को कविता का नमसà¥à¤•ार. à¤à¤• लमà¥à¤¬à¥‡ अंतराल के बाद घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ पर कà¥à¤› लिखने का मन हà¥à¤† तो मैंने सोचा की कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न आप लोगों को अपना शहर इंदौर घà¥à¤®à¤¾à¤¯à¤¾ जाà¤, तो बस इंदौर के बारे में लिखने का मन पकà¥à¤•ा कर लिया, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वैसे à¤à¥€ घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ पर मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की शान यानी इंदौर के बारे में अब तक कà¥à¤› लिखा नहीं गया है.
वैसे हम लोग इंदौर से कà¥à¤› 30 किलोमीटर दूर रहते हैं फिर à¤à¥€ हफà¥à¤¤à¥‡ में à¤à¤• दो बार इंदौर जाना हो ही जाता है, हर तरह की खरीदारी के लिà¤, मनोरंजन के लिà¤, रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के लिठबचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के सà¥à¤•ूल आदि के लिठहमारा इंदौर आना जाना लगा ही रहता है. और वैसे à¤à¥€ इंदौर है ही इतना सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° शहर की बस जब मन हà¥à¤† गाड़ी उठाई और चल दिठइंदौर की ओर.
काफी लमà¥à¤¬à¥‡ समय से हम लोगों ने सिनेमा घर (थियेटर) में कोई पिकà¥à¤šà¤° नहीं देखी थी और बीते दिनों राउड़ी राठोड़ फिलà¥à¤® का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° à¤à¥€ बड़े जोर शोर से हो रहा था, तो हम सब आनेवाले संडे इंदौर जाकर राउड़ी राठोड़ देखने पर सरà¥à¤µà¤¸à¤®à¥à¤®à¤¤ हो गà¤. चूà¤à¤•ि इंदौर जा ही रहे थे और सनà¥à¤¡à¥‡ होने से किसी बात की जलà¥à¤¦à¥€ à¤à¥€ नहीं थी तो कà¥à¤› खरीदारी और कà¥à¤› घà¥à¤®à¤¨à¥‡ फिरने, कà¥à¤› मदिरों के दरà¥à¤¶à¤¨ करने की योजना बना ली.
चूà¤à¤•ि दिनà¤à¤° का पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® था अतः सà¥à¤¬à¤¹ जलà¥à¤¦à¥€ ही निकलने का मन बनाया था. बस फिर कà¥à¤¯à¤¾ था, मà¥à¤•ेश जी सà¥à¤¬à¤¹ छः बजे उठते ही à¤à¤¿à¤¡à¤¼ गठअपनी सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥à¤• (कार) को चमकाने में, बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को हमारे इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की कोई जानकारी नहीं थी. सनà¥à¤¡à¥‡ को बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को सà¥à¤•ूल नहीं जाना होता है अतः वे देर तक सोने के मूड में होते हैं, जब मैंने संसà¥à¤•ृति à¤à¤µà¤‚ शिवमॠको जगाना चाहा तो वे लोग उठने को बिलकà¥à¤² तैयार नहीं थे और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बिसà¥à¤¤à¤° में से ही दो टà¥à¤• जवाब दे दिया की हमें नहीं जाना इंदौर आप दोनों ही हो आओ. लेकिन जैसे ही मैंने कहा की आज पिकà¥à¤šà¤° à¤à¥€ देखेंगे तो दोनों फटाक से बिसà¥à¤¤à¤° से बाहर आ गठऔर जाने के लिठतैयार होने लगे. वैसे इंदौर जाना बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठकोई विशेष बात नहीं थी लेकिन आज बड़े समय के बाद मूवी देखने का पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® था इसलिठबचà¥à¤šà¥‡ कà¥à¤› जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ही उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ थे. मà¥à¤•ेश जी की गाड़ी साफ़ होने तक हम सब तैयार थे, और करीब सात बजे हम सब निकल पड़े इंदौर के लिà¤.
हम लोगों के घर से इंदौर जाने के लिठहमें इंदौर – अहमदाबाद रोड से जाना होता है. इंदौर अहमदाबाद रोड पर अà¤à¥€ पिछले दो वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से इसे फोर लेन रोड में परिवरà¥à¤¤à¥€à¤¤ करने का कारà¥à¤¯ चल रहा है. हमारे घर से कà¥à¤› 10 किलोमीटर इंदौर के रासà¥à¤¤à¥‡ रोड के à¤à¤•दम किनारे पर à¤à¤• बहà¥à¤¤ ही सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° सा हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी का मंदिर है, इस मंदिर में हमारी बहà¥à¤¤ आसà¥à¤¥à¤¾ है, जब कà¤à¥€ à¤à¥€ हम इधर से गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥‡ हैं चाहे बाइक पर हों या कार से, यहाठरूककर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी के दरà¥à¤¶à¤¨ करके ही आगे बढ़ते हैं. जब हम कà¥à¤› दिन पहले इस रोड से गà¥à¤œà¤°à¥‡ थे तब हमें पता चला था की यह मंदिर फोर लेन सड़क निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की चपेट में आ रहा है और अब यह मंदिर टूटने वाला है. यह खबर सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ ही हमारे तो होश ही उड़ गठथे, जिस आसà¥à¤¥à¤¾ के केंदà¥à¤° पर हम बरसों तक अपना माथा टेकते हैं, à¤à¤• दिन अचानक यह पता चले की अब यह टूटने वाला है तो सोचिये आप पर कà¥à¤¯à¤¾ गà¥à¤œà¤°à¥‡à¤—ी, यह खबर सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ के बाद हमने उस मंदिर में दरà¥à¤¶à¤¨ किये यह सोचकर की शायद आखरी बार दरà¥à¤¶à¤¨ कर रहे हैं, पता नहीं कब यह मंदिर टूट जाà¤.
आज जब हम पà¥à¤¨à¤ƒ उस रासà¥à¤¤à¥‡ से कà¥à¤› पंदà¥à¤°à¤¹ बीस दिन बाद गà¥à¤œà¤° रहे थे तो मंदिर आने से कà¥à¤› दà¥à¤°à¥€ पहले ही मà¥à¤•ेश ने बड़े ही à¤à¤¾à¤µà¥à¤• होकर कहा की अब मंदिर तो टूट चूका होगा. और जब हम मंदिर के करीब पहà¥à¤‚चे तो हमने वहां अपनी गाडी खड़ी कर दी. हमारे आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ का ठिकाना नहीं रहा जब हमने उस मंदिर के कà¥à¤› पंदà¥à¤°à¤¹ बीस फिट पीछे à¤à¤• दम वैसा ही नया मंदिर देखा जो अà¤à¥€ निरà¥à¤®à¤¾à¤£à¤¾à¤§à¥€à¤¨ अवसà¥à¤¥à¤¾ में था, हम सब उस नठमंदिर को देखकर बहà¥à¤¤ खà¥à¤¶ हà¥à¤. कà¥à¤› ही देर में हमें सब समठमें आ गया की रोड निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कमà¥à¤ªà¤¨à¥€ ने पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ मंदिर को तोड़ने से पहले उसके पीछे à¤à¤• सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° सा नया मंदिर बनाने का निरà¥à¤£à¤¯ लिया है. यह देखकर बड़ा सà¥à¤–द अनà¥à¤à¤µ हà¥à¤† की लोगों के दिलों में आज à¤à¥€ ईशà¥à¤µà¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤—ाढ़ आसà¥à¤¥à¤¾ है.
खैर, गाड़ी के मà¥à¤¯à¥à¤œà¤¼à¤¿à¤• सिसà¥à¤Ÿà¤® में गाने सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ कब à¤à¤• घंटा हो गया और और हम कब इंदौर पहà¥à¤à¤š गठपता ही नहीं चला. आइये अब मैं आपलोगों का इस सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° शहर से à¤à¤• छोटा सा परिचय करवाती हूà¤.
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· के हृदयसà¥à¤¥à¤² पर बसा है राजà¥à¤¯ मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ और मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के मालवा पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है इंदौर जो मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का सबसे बड़ा शहर है तथा करीब बीस लाख की जनसà¤à¤–à¥à¤¯à¤¾ के साथ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के बड़े शहरों में चौदहवें कà¥à¤°à¤® पर विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ है. इंदौर को à¤à¤®.पी. की वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• राजधानी à¤à¥€ कहा जाता है. इंदौर मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सबसे धनी तथा पà¥à¤°à¤—तिशील शहर है, इंदौर की पà¥à¤°à¤—तिशीलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इंदौर à¤à¤¾à¤°à¤¤ का à¤à¤•मातà¥à¤° शहर है जहाठहमारे देश के दोनों विशà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¤° के शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ IIM (à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨) à¤à¤µà¤‚ IIT (à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िक संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨) सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं. यहाठकी जीवनशैली मà¥à¤‚बई से मिलती जà¥à¤²à¤¤à¥€ होने के कारण इंदौर को यहाठके सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ निवासियों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ “मिनी मà¥à¤‚बई” के नाम से à¤à¥€ जाना जाता है.
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ इतिहास की à¤à¤• महान महिला शासिका रानी (देवी) अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई होलकर ने कई वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक इंदौर पर शासन किया है. वे इंदौर की महारानी थीं तथा उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने ससà¥à¤° इंदौर के सूबेदार महाराजा मलà¥à¤¹à¤¾à¤° राव होलकर की मृतà¥à¤¯à¥ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ सन 1767 से 1795 तक राजà¥à¤¯ किया. बाद में देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई ने अपनी राजधानी को इंदौर से महेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤¾à¤‚तरित कर दिया.
पहले इंदौर नगर का नाम इनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° था, जो की शहर में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ राजा à¤à¥‹à¤œ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ इनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° महादेव मंदिर के नाम पर पड़ा. शहर का वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ नाम इंदौर, इसके पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ नाम इनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° का ही बिगड़ा हà¥à¤† रूप है.
उसà¥à¤¤à¤¾à¤¦ आमिर खान, जानी वाकर, लता मंगेशकर, à¤à¤®. à¤à¤«. हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨, सलमान खान, सà¥à¤µà¤¾à¤¨à¤‚द किरकिरे, राहत इनà¥à¤¦à¥Œà¤°à¥€ उन लोगों की लमà¥à¤¬à¥€ फेहरिसà¥à¤¤ में से कà¥à¤› नाम हैं जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इंदौर में जनà¥à¤® लिया.
ये तो था à¤à¤• छोटा सा परिचय इंदौर से अब आगे बढ़ते हैं हमारी यातà¥à¤°à¤¾ की ओर, आज छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ का पूरा दिन हमें इंदौर में ही बिताना था और अब नाशà¥à¤¤à¥‡ का समय हो चला था सो हमारे उदरों से à¤à¥€ हमें संकेत मिल रहे थे की सबसे पहले थोड़ी पेट पूजा की जाये फिर आगे बढ़ेंगे.
आपलोगों में से बहà¥à¤¤ से लोग जानते होंगे की इंदौर में नाशà¥à¤¤à¥‡ के तौर पर लोगों की पहली पसंद होती है पोहा जलेबी, और इंदौर में सà¥à¤¬à¤¹ सात बजे से लेकर गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ बजे तक हर गली नà¥à¤•à¥à¤•ड़ पर, हर छोटे बड़े रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट पर आपको पोहे का बड़ा सा कड़ाहा तथा गरमा गरम जलेबी बनती हà¥à¤ˆ दिखाई दे जायेगी और सोने पे सà¥à¤¹à¤¾à¤—े वाली बात यह है की हमारे मà¥à¤•ेश जी को à¤à¥€ पोहे दीवानगी की हद तक पसंद हैं. अगर इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पोहे मिल जाà¤à¤ तो ये किसी और चीज़ की ओर देखना à¤à¥€ पसंद नहीं करते. करीब दो वरà¥à¤· पहले जब हम शà¥à¤°à¥€à¤¸à¥ˆà¤²à¤® à¤à¤µà¤‚ तिरà¥à¤ªà¤¤à¤¿ की यातà¥à¤°à¤¾ के लिठआठदस दिन के लिठआंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ गठथे तो वहां कई दिनों तक लगातार इडली, संà¤à¤¾à¤° à¤à¤µà¤‚ डोसा, वडा खाकर मà¥à¤•ेश जी इतना उकता गठथे की आखिरी के दो दिन इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ खाना ही बंद कर दिया था और रट लगाठबैठे थे की अब तो à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² पहà¥à¤‚चकर पोहे ही खाऊंगा, और जब वापसी में हम à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² पहà¥à¤‚चे तो टà¥à¤°à¥‡à¤¨ से उतरते ही इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ तीन पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿ पोहे खाने के बाद ही दम लिया.
à¤à¤• चà¥à¤Ÿà¤•à¥à¤²à¤¾ याद आ रहा है, à¤à¤• बार इंदौर के à¤à¤• असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में à¤à¤• बचà¥à¤šà¥‡ ने जनà¥à¤® लिया और पैदा होते ही उसने नरà¥à¤¸ से पूछा की नाशà¥à¤¤à¥‡ में कà¥à¤¯à¤¾ है? नरà¥à¤¸ ने जवाब दिया पोहा जलेबी, यह सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ ही बचà¥à¤šà¤¾ सर पकड़कर बोला………ओफà¥à¤«à¥‹à¤¹ साला फिर इंदौर में पैदा हो गया.
तो ज़नाब, à¤à¤• नà¥à¤•à¥à¤•ड़ की दूकान से गरमा गरम पोहे जलेबी उदरसà¥à¤¥ करने के बाद अब हम बढ़ चले अपनी अगली मंजिल यानी उस माल की ओर जहाठहमें PVR मलà¥à¤Ÿà¥€à¤ªà¥à¤²à¥‡à¤•à¥à¤¸ में मूवी देखनी थी और कà¥à¤› शौपिंग à¤à¥€ करनी थी. इंदौर में वैसे तो कई सारे छोटे बड़े मॉलà¥à¤¸Â हैं लेकिन उनमें सबसे लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ à¤à¤µà¤‚ सबसे बड़ा माल है à¤à¤®.जी. रोड पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ “टà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¤° आईलेंड” और अपने नाम के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• सचमà¥à¤š यह à¤à¤• खजाना ही है और इंदौर की शान है.
टà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¤° आईलेंड के मà¥à¤–à¥à¤¯ आकरà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ में Max Retail, PVR, McDonalds, Pizza Hut आदि हैं, और ये सब मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में सबसे पहले यहीं यानी इंदौर के टà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¤° आईलेंड में ही शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤. हर बजट को सूट करती हà¥à¤ˆ शौपिंग के लिठइंदौर में टà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¤° आईलेंड से बढ़कर और कोई जगह नहीं है. इंदौर के यà¥à¤µà¤¾à¤“ं की तो यह जगह पहली पसंद है. लैंडमारà¥à¤• गà¥à¤°à¥à¤ª ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ में अपने पहले रिटेल सà¥à¤Ÿà¥‹à¤° की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ टà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¤° आईलेंड इंदौर से ही की थी. यह मॉल नॉà¤à¤¡à¤¾ तथा गà¥à¤¡à¤—ाà¤à¤µ के मॉलà¥à¤¸ की टकà¥à¤•र का है. सà¤à¥€ उमà¥à¤¦à¤¾ बà¥à¤°à¤¾à¤‚डà¥à¤¸ के शोरूमà¥à¤¸ से सजे धजे इस मॉल में सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ ऑफ़ आरà¥à¤Ÿ à¤à¤¸à¥à¤•ेलेटरà¥à¤¸ à¤à¥€ लगे हैं. यह इंदौर ही नहीं समूचे मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का सबसे बड़ा मॉल है. इंदौर के लोगों के लिठतो टà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¤° आईलेंड किसी टूरिसà¥à¤Ÿ सà¥à¤ªà¥‰à¤Ÿ से कम नहीं है.
कà¥à¤› देर मॉल में घà¥à¤®à¤¨à¥‡ और थोड़ी बहà¥à¤¤ शौपिंग करने के बाद करीब दस बजे हम कà¥à¤›Â पोपकोरà¥à¤¨à¥à¤¸ के पेकेट वगैरह साथ में लेकर हम PVR में राउड़ी राठोड मूवी देखने के लिठघà¥à¤¸ गà¤. जब हम मूवी देखकर बाहर निकले तो हम सब के चेहरों की मà¥à¤¸à¥à¤•ान देखने लायक थी, हम सब अति पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ थे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह फिलà¥à¤® थी ही इतनी मनोरंजक.
मूवी देखने के बाद अब बारी थी कà¥à¤› पेट पूजा की सो मॉल में ही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤• रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट से कà¥à¤› चाइनीज़ वà¥à¤¯à¤‚जन खाने के बाद हमने आइसकà¥à¤°à¥€à¤® का आनंद लिया. कà¥à¤› बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठतथा कà¥à¤› अपने लिठखरीदारी करने के बाद करीब ढाई बजे हम टà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¤° आईलेंड से बाहर निकल आये……………
आज के लिठबस इतना ही, आगे की कहानी सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठà¤à¤µà¤‚ आपको इंदौर के और à¤à¥€ नज़ारे के दिखाने के लिठज़लà¥à¤¦à¥€ ही लौट कर आउंगी इस शà¥à¤°à¤‚खला के अगले à¤à¤¾à¤— के साथ…………….