परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों को लà¥à¤à¤¾à¤¨à¥‡ वाली तमाम जगहों से à¤à¤°à¥€ राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की धरती में पà¥à¤·à¥à¤•र का à¤à¤• अलग सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बाकी जगहों की तरह यहाठकोई रेगिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨, महल या किला नहीं है, पà¥à¤·à¥à¤•र पूरे विशà¥à¤µ में अपनी पहचान रखता है अपनी धारà¥à¤®à¤¿à¤• और सांसà¥à¤•ृतिक विरासत के लिठI पूरे विशà¥à¤µ में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ जी का अकेला मंदिर पà¥à¤·à¥à¤•र में ही है, इस कारण हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® में पà¥à¤·à¥à¤•र का à¤à¤• बहà¥à¤¤ ख़ास सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ तो है ही पर उसके अलावा पà¥à¤·à¥à¤•र की इस विशà¥à¤µ सà¥à¤¤à¤°à¥€à¤¯ पहचान के पीछे, हर साल कारà¥à¤¤à¤¿à¤• के महीने में आयोजित होने वाले पà¥à¤·à¥à¤•र मेले की अहमॠà¤à¥‚मिका है I साल के वो आठदिन जब ये मेला चलता है, तो पà¥à¤·à¥à¤•र देश ही नहीं पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के मानचितà¥à¤° में होता है I
à¤à¤• दो बार अजमेर और पà¥à¤·à¥à¤•र की यातà¥à¤°à¤¾ का अवसर मà¥à¤à¥‡ पहले à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤† था, पर कà¤à¥€ à¤à¥€ मेले के दौरान नहीं जा पाया I हर बार सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोगों से मेले के दौरान पà¥à¤·à¥à¤•र की महिमा के लमà¥à¤¬à¥‡ लमà¥à¤¬à¥‡ चरà¥à¤šà¥‡ सà¥à¤¨à¥‡, खाली सूना मेला पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण देखा और चला आया I हर वरà¥à¤· यह मेला अकà¥à¤Ÿà¥‚बर से नवमà¥à¤¬à¤° के माह में आयोजित होता है और इस साल इसका आयोजन 28 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर से 4 नवमà¥à¤¬à¤° के बीच किया गया I इस बार फà¥à¤°à¥à¤¸à¤¤ के वक़à¥à¤¤ जब मेले का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® देखा ,तो सोचा शायद à¤à¤¸à¤¾ मौका फिर मिले न मिले, और मैं पà¥à¤·à¥à¤•र की यातà¥à¤°à¤¾ पे निकल पड़ा I
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ सड़क परिवहन के मामले में हाल में काफी विकसित हà¥à¤† है, चार चार लेन के राजमारà¥à¤— से ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ शहरों को जोड़ा गया है और उनपर लगातार चलने वाली वॉलà¥à¤µà¥‹ बसे परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों के लिठआने-जाने का बड़ा सà¥à¤—म साधन बन गयी हैं, वरà¥à¤¨à¤¾ टà¥à¤°à¥‡à¤¨ के रिज़रà¥à¤µà¥‡à¤¶à¤¨ या पà¥à¤²à¥‡à¤¨ के किराठघटने के इंतज़ार में कई सारी यातà¥à¤°à¤¾à¤à¤‚ तो लैपटॉप/मोबाइल में ही दम तोड़ देती हैं पर मेरे साथ à¤à¤¸à¤¾ नहीं हà¥à¤† I इतà¥à¤¤à¥‡à¤«à¤¾à¤• से लखनऊ से अजमेर के लिठसीधी वॉलà¥à¤µà¥‹ बस सेवा है, जिसका मैंने ततà¥à¤•ाल लाठउठाया I अà¤à¥€ ये बता दूं की चूकि, पà¥à¤·à¥à¤•र अजमेर जिले में आता है और वहां से महज़ 14 किमी की दूरी पर है इसलिठपà¥à¤·à¥à¤•र जाने के सीधे रासà¥à¤¤à¥‡ न खोजें, टà¥à¤°à¥‡à¤¨ /बस और अब विमान सेवा (अजमेर का किशनगढ़ à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ हो गया है ) सब अजमेर होकर ही मिलेंगे ! अजमेर से पà¥à¤·à¥à¤•र जाने हेतॠटैकà¥à¤¸à¥€ , टैमà¥à¤ªà¥‹ और बस लगातार उपलबà¥à¤§ रहते हैं, चूंकि हमारी बस जिस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड पर समापà¥à¤¤ हà¥à¤ˆ वहीठसे पà¥à¤·à¥à¤•र की सीधी बस मिल रही थी तो हम मातà¥à¤° 11 रॠके टिकट पर पà¥à¤·à¥à¤•र बड़े ही आराम से पहà¥à¤à¤š गठI Â
पà¥à¤·à¥à¤•र चूंकि देश विदेश के बड़े सारे सैलानियों के आकरà¥à¤·à¤£ का केंदà¥à¤° है , अतः यहाठछोटा शहर होने के बावजूद हर तरह के होटल / हॉसà¥à¤Ÿà¤² उपलबà¥à¤§ हैं I मेले के समय होटल में जगह मिलना थोडा मà¥à¤¶à¥à¤•िल होता है इसीलिठà¤à¤• दो दिन पहले से बà¥à¤•िंग करने में ही समà¤à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है I पà¥à¤·à¥à¤•र जाकर आपको à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ होगा की ये बड़ा छोटा सा शहर है , सारे शहर का केंदà¥à¤° पà¥à¤·à¥à¤•र सरोवर है, जो आयत के आकार का है और इसके चारों तरफ बने घाटों और मंदिरों में ही पà¥à¤·à¥à¤•र की आतà¥à¤®à¤¾ बसती है I विशà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ मंदिर à¤à¥€ सरोवर के तट पर ही है, घाटों को जोड़ने वाले इन रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ पर शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ à¤à¥€ करते हैं I परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ के इस रासà¥à¤¤à¥‡ पर कई सारे मंदिर, सराय, धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾à¤à¤‚, साज सजà¥à¤œà¤¾ के सामनो की दà¥à¤•ानें, खाने पीने की दà¥à¤•ाने, कैफेस आदि खà¥à¤² गठहैं जो मिलकर इसे à¤à¤• बेहतरीन वाकिंग मारà¥à¤•ेट की शकà¥à¤² देते हैं, इस वाकिंग मारà¥à¤•ेट को ‘सà¥à¤ªà¤¿à¤°à¤¿à¤šà¥à¤…ल वाकवे’ (आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ मारà¥à¤— ) का नाम दिया गया हैI
मेले के वक़à¥à¤¤ इस वाकवे की रौनक देखने लायक होती है I à¤à¤¾à¤‚ति à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ की वेशà¤à¥‚षा में सजे लोग और बचà¥à¤šà¥‡ , तरह तरह की खाने पीने की दà¥à¤•ाने ,रात के वक़à¥à¤¤ रौशनी से नहाठइस वाकवे की छटा ही अलग होती है I वाकवे से इतर बड़ा सा मेला कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° है जहाठमेला गà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤‚डà¥à¤¸ में मेले से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ तमाम कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित किये जाते हैं , इसी के ठीक पास में ही मेले का बाज़ार कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° होता है जहाठबिकà¥à¤°à¥€ के लिठलाये गठपशà¥à¤“ं को रखा जाता है, ऊटों और घोड़ों की à¤à¤• से à¤à¤• पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ इस मेले में बिकà¥à¤°à¥€ के लिठलाई जाती हैं I

पà¥à¤·à¥à¤•र मेले में à¤à¤¾à¤°à¤¤ के कोने कोने से ही नहीं , विशà¥à¤µ के 40 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ देशों के लोग आते हैं और मेले की धूमधाम का आनंद उठाते हैं I मेला गà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤‚डà¥à¤¸ में होने वाले मà¥à¤–à¥à¤¯ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ में तरह तरह के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोकगीत और लोकनृतà¥à¤¯ तथा तरह तरह की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िताà¤à¤‚ जैसे पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की मूछों की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता, महिलाओं की मटका दौड़, ऊटों की दौड़ और सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤¤à¤¾ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता , कबडà¥à¤¡à¥€ , वालीबाल , कà¥à¤°à¤¿à¤•ेट और महिलाओं हेतॠमà¥à¤¯à¥‚जिकल चेयर का आयोजन किया जाता है ! इसके अतिरिकà¥à¤¤ गायन और पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ के लिठ‘वाइस ऑफ़ पà¥à¤·à¥à¤•र’ के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का à¤à¥€ आयोजन किया जाता है I बड़े बड़े कलाकारों, गायकों, वादकों की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¥€ होती हैं I
मेले का पूरा कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® मेले के पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ होने के काफी पहले से ही मेले की वेबसाइट पर उपलबà¥à¤§ होता है, सà¤à¥€ आने वाले यातà¥à¤°à¥€ अपनी पसंद के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के तारीख और समय के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अपना घूमने का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® बना सकते हैं I अपनी सांसà¥à¤•ृतिक छटा के कारण देश विदेश के सैलानियों का आकरà¥à¤·à¤£ होने के अतिरिकà¥à¤¤, यह मेला फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¤°à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ बहà¥à¤¤ लà¥à¤à¤¾à¤¤à¤¾ है , देश विदेश के तमाम बड़े छोटे फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¤° अपने तरह तरह के कैमरा मशीनों के साथ यहाठजगह देखे जा सकते हैं जो मेले में दिखने वाली गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की अदà¥à¤à¥à¤¤ छटा को अपने कैमरे में कैद करने के लिठबेताब रहते हैं 
मेले के दौरान पà¥à¤·à¥à¤•र के मंदिरों और घाटों को विशेष रूप से सजाया जाता है और पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ à¤à¥€ की जाती है, मेले का समापन कारà¥à¤¤à¤¿à¤• पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ के दिन होने वाली विशेष पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ से होता है I अपने तीन दिन के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के दौरान हमें ऊटों की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता, कबडà¥à¤¡à¥€, वालीबाल की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िताà¤à¤‚ देखने का अवसर मिला, सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोगों और परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों के उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ के कारण इन पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‹à¤—िताओं में रोमांच देखने लायक होता है I परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों को लà¥à¤à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठफिलà¥à¤® ‘लगान’ सरीखा कà¥à¤°à¤¿à¤•ेट मैच जिसमे विदेशी और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ खिलाड़ियों की टीमें खेलती है और महिलाओं का मà¥à¤¯à¥‚जिकल चेयर जिसमे देशी और विदेशी दोनों ही पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤— करते हैं à¤à¥€ आयोजित किया जाता है और कहने की ज़रूरत नहीं पूरे मेले में सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• रोमांच इनà¥à¤¹à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िताओं में होता है I मà¥à¤¯à¥‚जिकल चेयर के दौरान तो रोमांच इतना चरम पर था की अंतिम दो पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ी जिनमे à¤à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ और à¤à¤• विदेशी महिला थी, निरà¥à¤£à¤¾à¤¯à¤• गण अंतिम विजेता का फैसला ही न कर सके और दोनों दलों के अपार जन समरà¥à¤¥à¤¨ के चलते दोनों ही पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ियों को संयà¥à¤•à¥à¤¤ विजेता घोषित करना पड़ा I
मेला पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण में ही सà¥à¤¬à¤¹ शाम उड़ने वाले गरà¥à¤® हवा के गà¥à¤¬à¥à¤¬à¤¾à¤°à¥‡ में परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों को पà¥à¤·à¥à¤•र के हवाई दृशà¥à¤¯ दिखाने की à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ है I इसके अलावा बड़े बड़े à¤à¥‚ले , खेल तमाशे इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ जो आम तौर पर हमारे सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ मेलों में होते हैं उनका à¤à¥€ आनंद उठाया जा सकता है I बेहद खूबसूरती से सजाये गठऊटों की सवारी का अपना ही अलग मज़ा है , इसके अलावा बिकà¥à¤°à¥€ हेतॠलाये गठऊटों और घोड़ों की à¤à¤• से à¤à¤• पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¥€ बाज़ार कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में देखी जा सकती हैं I
हम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मेले में घूमे और पेटपूजा का खà¥à¤¯à¤¾à¤² न आये à¤à¤¸à¤¾ तो हो नहीं सकता, पà¥à¤·à¥à¤•र में à¤à¥€ जगह जगह राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€ और यहाठका सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ à¤à¥‹à¤œà¤¨ आपकी à¤à¥‚ख मिटाने हेतॠउपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है I सà¥à¤ªà¤¿à¤°à¤¿à¤šà¥à¤…ल वाकवे में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ तमाम बेहतरीन खाने पीने की दà¥à¤•ानों में पà¥à¤·à¥à¤•र की मशहूर रबड़ी और गà¥à¤²à¤•ंद यà¥à¤•à¥à¤¤ मकà¥à¤–निया लसà¥à¤¸à¥€ का आनंद कोई कैसे à¤à¥‚ल सकता है, इसके अलावा मीठे में मालपà¥à¤† और नमकीन में कढ़ी कचौरी और जोधपà¥à¤° के मशहूर मिरà¥à¤šà¥€ के पकौड़े à¤à¥€ बेहतरीन रहे, राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का मशहूर दाल बाटी चूरमा तो यहाठउपलबà¥à¤§ है ही इसके अलावा विशà¥à¤µ के तमाम देशों की वà¥à¤¯à¤‚जन तरह तरह के विदेशी à¤à¥‹à¤œà¤¨ के कैफेस में आराम से उपलबà¥à¤§ है I
पà¥à¤·à¥à¤•र का मेला चकाचौंध à¤à¤°à¤¾ à¤à¤• आयोजन मातà¥à¤° नहीं हैं, यहाठखेलों, à¤à¥‚लों और तमाम बड़े कलाकारों की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बीच, गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ कलाकार के इकतारे की मीठी धà¥à¤¨ बरबस ही आपका धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ खींच लेती है, लोकगीत और लोकनृतà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की अदà¥à¤à¥à¤¤ सà¥à¤µà¤°à¤²à¤¹à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से मन à¤à¤° à¤à¥€ जाठतो पà¥à¤·à¥à¤•र सरोवर घाट की संधà¥à¤¯à¤¾ आरती को देखना बड़ा सà¥à¤•ून देता है और आरती के उपरानà¥à¤¤ पूरी शाम घाट पर गà¥à¤‚जायमान रहने वाली ‘राम राम सा’ की धà¥à¤¨ तो हमेशा के लिठहà¥à¤°à¤¦à¤¯ में बस जाती है I मेले में उमड़े देश विदेश के अपार जनसमूह को देखके अकà¥à¤¸à¤° यह विचार मन में आया कि रेगिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में बसे इस छोटे से कसबे के मेले और साधारण मिटटी से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ इन किसानो के जीवन में कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¸à¤¾ है जो दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के बड़े बड़े देशों के सैलानी इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देखने यहाठआते हैं, फिर मन ही मन लगा की शायद ये मेला इनके बीच के तमाम परदों को à¤à¤•दम से हटा देता है, जिसके बाद रह जाता है मातà¥à¤° à¤à¤• इंसान जो अपने ही समान दूसरे इंसान से सीधे मिलता है और संवाद करता है I
 à¤à¤• दूसरे से बिलकà¥à¤² जà¥à¤¦à¤¾ इन दो संसà¥à¤•ृतियों के लोगों के संगम को देखना सà¥à¤µà¤¯à¤‚ में ही à¤à¤• आनंद है I शायद à¤à¤¸à¥€ ही अनà¥à¤à¥‚तियों के कारण कहा जाता है कि धरà¥à¤®à¤‚, आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®, संसà¥à¤•ृति और परंपरा के इस मेले में आने वाला हर सैलानी मातà¥à¤° à¤à¤• सैलानी ही नहीं रहता, à¤à¤• यातà¥à¤°à¥€ बन जाता है I
Fantastic description of Pushkar Mela..awsum! While going through the description I have decided that wud be visiting te place next year for sure :) ..thanks for posting.
Thanks for the kind words Kapil ji… Pushkar Mela will be back with renewed fervour and grandeur next year as well somewhere during the month of Oct-Nov, I am sure you will have a great time there ..Happy Travelling !!
Welcome aboard, Shobhit.
I have been to Pushkar Fair once, for a few hours. Though I visited the main grounds where the fair is held, there was not much action there and of course we hardly saw anything else since we were to return to Jaipur the same evening. Since then, I have read about the fair many times but could never organise a trip.
Your narration though does give me a lot of idea. Thank you. May be in 2018 or may be later.
Wishing you many more travels.
Thanks a lot for the opportunity and your wishes, looking forward to sharing many more travel stories here….Amidst all the perils of modernization, Pushkar Mela has managed to maintain it’s earthiness and has remained honest to its core..I hope you will have lots to look forward to and will have a great time there next year !!
Hi Shobhit,
I had always seen pictures of the Pushkar fair that too on Instagram with those hashtags.. But, because of you I got the chance to read about it. I thoroughly enjoyed your post more so because it was in Hindi and Hindi has its own charm in story telling.
I kept reading your post and wished that it never ended.
You said it very right that maybe this fair is a way of bringing together different cultures and people of different ethnicity as simple human beings.
Rgds
These are really kind words, thanks a lot Pooja.
Hindi definitely has a charm of it’s own, or rather all mother tongues have that special X factor. The way words delve deeper into heart and touch our raw emotions is unmatched. I hope you will have a great time in Pushkar whenever you can manage a trip during the festival. Happy Travelling.
For Pushkar fans, there is another festival happening this weekend, it seems like an annual festival, called ‘The Sacred’. You can find more details here – http://thesacred.in
Its by Teamwork Arts, who do Jaipur LitFest and many other Arts/Music festivals across the world.
Thank you Nandan for sharing the link here.
Thanks for the link. Research starts straightaway.
Even if one is unable to actually reach there at such short notice, following the right twitter and Instagram hashtags and YT channels, you feel almost there.