प्रिय मित्रों जय माता की. माता वैष्णोदेवी का धाम एक ऐसा धाम हैं जो मुझे बार बार बुलाता हैं. लगभग २२ – २३ साल से लगातार हर वर्ष माता वैष्णोदेवी मुझे और मेरे परिवार को अपने धाम पर बुला रही हैं. बचपन से जा रहा हूँ. पहले पापा और अम्मा के साथ, फिर जब कालेज में पहुंचे तो दोस्तों के साथ, फिर बच्चो के साथ. अब तक करीब २७ -२८ बार माता के धाम पर जा चुका हूँ. अपनी इस यात्रा वृत्तान्त में मैंने कुछ पुरानी यात्राओ के चित्र भी रोचकता और सम्पूर्णता लाने के लिए लगाए हैं. यह यात्रा करीब आठ भाग में जारी रहेगी. आशा हैं आप सभी भाई लोगो को पसंद आएगी. और हमारे अनुभव से नए जाने वाले यात्री कुछ फायदा उठा सके, इसी लिए इस यात्रा वृत्तान्त में मैंने ज्यादा से ज्यादा चित्र अलग अलग स्थानों के देने की कोशिश की हैं. अधिकतर चित्र डिजिटल कैमरे से लिए हुए हैं, कुछ चित्र जो की पुराने हैं वो स्कैन करके लिए हैं. हम लोग अधिकतर अगस्त के आखिर में या सितम्बर के पहले हफ्ते में जाते हैं. इस समय पूरे साल भर में सब से कम भीड़ होती हैं. एक बात और त्योहारों के समय, सरकारी छुट्टियों में, और गर्मी की छुट्टियों में यदि किसी भी तीर्थ स्थान या पर्यटन स्थल पर जाने से बचा जाए तो अच्छा हैं. क्योंकि भारी भीड़ के कारण तीर्थ यात्रा या घूमने का मज़ा किरकिरा हो जाता है.
(मित्रों यह चित्र मैंने चार साल पहले गौरी भवन से लिया था. उस समय बारिश हो रही थी. और मेरे पास एक पुराना कैनन का डिजिटल कैमरा था.)
इस वर्ष हमें वैष्णोदेवी जाने के लिए २९ अगस्त का आरक्षण शालीमार एक्सप्रेस (१४६४५) में मुज़फ्फरनगर से जम्मू तक के लिए जाने के लिए और वापसी का २ सितम्बर को शालीमार एक्सप्रेस (१४६४६) में सीधे तीन महीने पहले करा लिया था. इतना जल्दी आरक्षण भीड़ की वजह से कराना पड़ता हैं. मुज़फ्फरनगर से जाने का किराया सेकण्ड स्लीपर में २२८ रूपये और वापसी का २३८ रूपये हैं. जिस दिन हमें दर्शन करने थे यानिकी ३० अगस्त को, उसके ठीक तीस दिन पहले हमें ऊपर भवन पर स्थित मनोकामना भवन में बेड बुक कराने थे. ठीक रात के बारह बजे इन्टरनेट पर मै वेब साईट “maavaishnodevi.org” खोल कर के बैठ गया. यह वेब साईट माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेब साईट हैं. इस पर आप गौरी भवन, मनोकामना भवन, कालिका भवन पर कमरे या बैड बुक करा सकते हैं. इस पर हेलिकोप्टर की बुकिंग भी करा सकते हैं. इस पर ही आप माता वैष्णो देवी की अटका आरती में बैठने के लिए बुकिंग करा सकते हैं. इसके अलावा दान भी कर सकते हैं. इस साईट पर पहले अपने आप को पंजीकृत कराना पड़ता हैं. और बुकिंग केवल क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के द्वारा ही होती हैं. मैंने ठीक बारह बजे बुकिंग के लिए एंटर किया तो केवल मुझे एक बैड ही मिल पाया जबकि जरुरत ४ बैड की थी. बाकी के तीन बैड मुझे कटरा पहुँच कर निहारिका कोम्प्लेक्ष में बुक करा के मिल गए थे. मित्रों यदि आपके बैड इंटरनेट से ना बुक हो पाए तो आप लोग कटरा पहुँच कर सबसे पहले बस स्टैंड के पास निहारिका कोम्प्लेक्स में जाए, यदि ऊपर भवन पर कमरा या बैड खाली हैं तो आपको ८० रूपये पर बैड मिल जाएगा , कमरे का रेट अलग होता हैं. इसके अलावा यदि आपको कटरा में भी बैड या कमरा चाहिए तो वह भी निहारिका में ही बुक हो जाता हैं. निहारिका का पता में नीचे दे रहा हूँ.
निहारिका भवन, निकट कटरा बस स्टैंड, कटरा, फोन न. 01991-234053, 2328887,
email: online@matavaishnodevi.org
हमारी ट्रेन का समय ठीक ६.३० शाम को था. हम लोग ठीक ६ बजे स्टेशन पहुँच गए. स्टेशन पर भी प्रतीक्षा करने का एक अलग ही आनंद होता हैं. पता चला की ट्रेन १५ मिनट लेट हैं. दरअसल मेरठ से मुज़फ्फरनगर और सहारनपुर के बीच में सिंगल लाइन हैं. जिस कारण से करीब करीब सभी ट्रेन लेट होती हैं. हमारा आरक्षण S-6 डिब्बे में था. डिब्बे में चढ़ने के बाद वही समस्या जो की पूरे हिन्दुस्तान में रेलवे में हैं. दैनिक यात्री आरक्षित डिब्बों में घुसे रहते हैं. और बड़ा अहसान जताते हुए वे हमें हमारी सीट पर बैठने देते हैं. कहते है की सहारनपुर, यमुनानगर तक की ही तो बात हैं. पता नहीं रेलवे से ये समस्या कब दूर होगी. खैर सहारनपुर के बाद आराम से एडजस्ट हुए, हम घर से आलू ,पूरी, अचार आदि खाने में लेकर के आये थे. खाना खाकर के लंबी तान कर सो गए. सुबह ठीक पांच बजे ट्रेन जम्मू पहुँच गयी. स्टेशन पर अन्धेरा छाया हुआ था. हम लोग अपने सामान सहित बाहर बस स्टैंड पर आ गए.
जम्मू रेलवे स्टेशन के बाहर ही बस स्टैंड बना हुआ हैं. जंहा से आपको कटरा, श्रीनगर आदि के लिए बस और टैक्सी मिल जाएगी. कटरा जाने के लिए सरकारी बसे (JNURM) की मिल जाती हैं. कटरा का किराया इसमें ७० रूपये हैं. यह बसे बहुत आराम देह और बिना रुके जाती हैं. कोई भी फ़ालतू सवारी नहीं बैठाती हैं. जितनी सीट उतनी सवारी.
जम्मू से चलकर नंदिनी सुरंग होते हुए कटरा करीब ४२ किलोमीटर पड़ता हैं. जम्मू से कटरा तक करीब डेढ़ से दो घंटे लगते हैं. कटरा माता वैष्णोदेवी जाने के लिए आधार स्थल हैं. और अब एक बड़ा व विस्तार में फैला हुआ नगर हैं. कटरा जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में पड़ता हैं. और ७५० मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं. हम लोग ठीक ७ बजे कटरा पहुँच गए. और कटरा के मुख्य चौराहे पर उतर गए. यह एक बड़ा चौक हैं जिस पर चारों और होटल बने हुए हैं. और पांच तरफ सड़के जाती हैं. यह चौक ही कटरा की अधिकतर गतिविधियों का केंद्र हैं. नवरात्र के दिनों में इस चौक पर नो दिन तक माता भगवती का जागरण होता हैं, जिसमे देश भर के भजन गायक भाग लेते हैं.
बस से उतर कर हम सीधे अपने होटल मालती पैलेस पहुंचे. यह होटल कश्मीर रोड पर हैं. और बस स्टैंड से करीब एक फर्लांग दूर हैं. आठ सौ रूपये में हमें एक अच्छा वातानुकूलित शानदार कमरा मिल गया. वैसे कटरा में हर बजट के होटल हैं. बहुत सारी धर्मशालाये भी उपलब्ध हैं. जिनमे क्लोक रूम भी हैं. मालती पैलेस के पीछे ही मानसी गेस्ट हाउस में आपको २००-३०० में अच्छा कमरा मिल जाएगा. कमरे की बुकिंग हम लोग २ दिन के लिए रखते हैं. सबसे पहले जाकर के निहारिका में ऊपर के लिए मनोकामना भवन में बैड बुक कराये, और ऊपर दर्शन के जाने के लिए यात्री पर्ची कटवाई, जो की अनिवार्य हैं. इस पर्ची के कटवाने के ६ घंटे के अंदर बाण गंगा को पार करना पड़ता हैं. रास्ते में २-३ स्थानों पर पर्ची की चेकिंग होती हैं. और ऊपर पहुँच कर पर्ची पर नंबर डलवाना जरुरी होता हैं.
यह होटल कटरा के मध्यम रेंज के होटलों में हैं, ना ज्यादा महंगा, ना ही सस्ता. इसमें वाहन खड़ा करने के लिए सामने पार्किंग स्थल भी हैं. इसके सामने ही इनका एक और होटल हैं ” मयूर “. वह भी अच्छा होटल हैं. उसमे नीचे बहुत ही अच्छा वाजिब दाम पर खाने के लिए एक रेस्टोरेंट हैं. जंहा के खाने की क्वालिटी अच्छी हैं. होटल मालती पैलेस का पता निम्नलिखित हैं…
HOTEL MALTI PALACE
Kshmeer Road, KATRA, Ph. No. 01991-233500, 233501, Fax-01991-232733
टूरिस्ट सेंटर से आपको यंहा के बारे में पूरी जानकारी मिल सकती हैं.
पर्ची काउंटर बस अड्डे के पास ही मुख्य चौक पर स्थित हैं.
नहा धोकर हम लोग नाश्ता/खाना आदि के लिए निकले. खाने के लिए कटरा के मुख्य बाजार में कई अच्छे होटल हैं. बाज़ार में घुसते ही दाहिने ओर मुड़कर एक बहुत ही अच्छा होटल हैं. जिसमे अच्छा और स्वादिष्ट खाना वाजिब रेट पर मिल जाता हैं. खाना खाकर के और फिर लौटकर २-३ घंटे आराम किया . और उसके बाद करीब २ बजे बाणगंगा की और चल पड़े. दो पिट्ठू बैग में सारा सामान कर लिया था. एक बैग मैने और एक बैग बेटे ने ले लिया था. पहाड़ पर चढाई में कम से कम सामान होना जरुरी हैं. बाण गंगा के लिए टेम्पो थ्री व्हीलर मुख्य चौक से ही मिल जाते हैं. जो की ५०/- रूपये बाण गंगा तक लेते हैं.
यह ऊपर वाला फोटो हमने कटरा में सुबह ही सुबह होटल की छत से लिया था. कुछ और भी फोटो लिए थे वे नीचे दिए हैं.
यह सुन्दर मंदिर कटरा में चौक के पास बाण गंगा मार्ग पर स्थित हैं. बहुत सुन्दर मंदिर बना हुआ हैं. मंदिर के अंदर के विभिन्न फोटो नीचे दिए हैं.
यह माता वैष्णो देवी का पुराना मंदिर, कटरा के बाज़ार में दाहिने मुड़कर हैं.
त्रिकुटा निवास कटरा में स्थित माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड द्वारा निर्मित एक पांच मंजिला यात्री निवास हैं. इस में डोरमेट्री हैं. नेट के द्वारा या फिर ओन स्पोट भी बैड उपलब्ध हो जाते हैं. इसके सामने बहुत बड़ा पार्किंग स्थल हैं. जंहा पर आप अपने वाहन खड़े कर सकते हैं. इसके आस पास खाने पीने की सुविधा भी उपलब्ध हैं. यह भवन इतना विशाल हैं की ऊपर अर्ध कुंवारी और सांझी छत से भी दिखाई देता हैं.
कटरा के बाजार में हर तरह का प्रसाद का सामान व् गिफ्ट आइटम मिल जाते हैं.
करीब २ किलोमीटर लंबा कटरा का बाज़ार हैं. रात के समय सजा हुआ बहुत ही सुन्दर लगता हैं.
(यह कटरा के रात के फोटो हमने माता के दर्शन करके वापिस आकार लिए थे.)
थ्री व्हीलर के द्वारा हम लोग बाण गंगा पहुँच जाते हैं. और वंहा से चढाई शुरू कर देते हैं.
आगे का भाग आपको ” माता वैष्णोदेवी यात्रा भाग -२ {बाण गंगा से चरण पादुका}” में मिलेंगा . धन्यवाद, जय माता की.