आगरा में à¤à¤—वान शिव जहाठसà¥à¤µà¤¯à¤‚ आये थे कहते हैं कि आगरा के मनकामेशà¥à¤µà¤° मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शिवलिंग की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ à¤à¤—वन शिव ने की थी जब à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ मथà¥à¤°à¤¾ में जनà¥à¤® ले चà¥à¤•े थे. पौराणिक दृषà¥à¤Ÿà¤¿ इस मंदिर का इतिहास लगà¤à¤— साà¥à¥‡ पांच हजार वरà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ हमें दà¥à¤µà¤¾à¤ªà¤° यà¥à¤— की याद दिलाता है, जब à¤à¤—वान शिव कैलाश परà¥à¤µà¤¤ से इस सà¥à¤¥à¤² पर आये थे. वह बà¥à¤°à¤œ मणà¥à¤¡à¤² में अवतार लेने वाले à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•ृषà¥à¤£ के दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठयहां से नितà¥à¤¯-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ निकलते थे और लौटकर आने पर यहीं विशà¥à¤°à¤¾à¤® किया करते थे. यह पहले यमà¥à¤¨à¤¾ नदी का किनारा था और शà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¨ à¤à¥‚मि थी. उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ सोचा था कि यदि शà¥à¤°à¥€à¤•ृषà¥à¤£ को अपने गोद में लेकर कà¥à¤°à¥€à¤¡à¤¾ करने को पाऊंगा तो यहां à¤à¤• शिवलिंग सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर इस सà¥à¤¥à¤² को चिरसà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ बना दूंगा. उसी के परिणाम सà¥à¤µà¤°à¥‚प यहां बाबा à¤à¥‹à¤²à¥‡ ने शिवलिंग की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की थी
बताया जाता है कि शिव जी à¤à¤—वन कृषà¥à¤£ के बाल सà¥à¤µà¤°à¥‚प के दरà¥à¤¶à¤¨ करना चाहते थे. कैलाश परà¥à¤µà¤¤ से मथà¥à¤°à¤¾ जाने के लिठनिकलते समय उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इसी सà¥à¤¥à¤² को अपना विशà¥à¤°à¤¾à¤® सà¥à¤¥à¤² चà¥à¤¨à¤¾. शिव जी ने तब यहाठतपसà¥à¤¯à¤¾ à¤à¥€ की थी.
à¤à¤• अगले दिन जब शिव जी मथà¥à¤°à¤¾ गà¤, तब यशोदा माठने उनका रूप देखते ही उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कृषà¥à¤£ जी से मिलने के लिठअनà¥à¤®à¤¤à¤¿ नहीं दी. उनका कहना था कि बालक कृषà¥à¤£ आपके à¤à¤¸à¥‡ रूप को देख कर डर जायेंगे, लेकिन इसके विपरीत इस दृशà¥à¤¯ को देखने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ कृषà¥à¤£ जी ने अपनी लीला पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ कर दी, और रोना शà¥à¤°à¥ कर दिया. रोते-रोते उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने शिव जी तरफ इशारा किया जो बरगद के पेड़ के नीचे समाधि लीन मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ की अवसà¥à¤¥à¤¾ में बैठे हà¥à¤ थे.
कृषà¥à¤£ जी को à¤à¤¸à¥‡ रोते हà¥à¤ देख यशोदा माठने शिव जी को बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ और कहा कि आप उनके पà¥à¤¤à¥à¤° को अपनी शà¥à¤à¤•ामनायें दे सकते हैं. इस पà¥à¤°à¤•ार उनकी मनोकामना पूरी हà¥à¤ˆ. गोकà¥à¤² से वापस लौटते समय, शिव वापस यहाठआये और अपने शिवलिंग सà¥à¤µà¤°à¥‚प की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि यहाठमेरी सà¤à¥€ इचà¥à¤›à¤¾ पूरà¥à¤£ हो गयी है, à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में जो à¤à¥€ अपनी मनोकामनाà¤à¤‚ लेकर यहाठआà¤à¤—ा, यह लिंगसà¥à¤µà¤°à¥‚प उनकी वो मनोकामना अवशà¥à¤¯ पूरà¥à¤£ करेगा. आगरा शहर के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ हिसà¥à¤¸à¥‡ रावतपाड़ा में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है यह मनà¥à¤¦à¤¿à¤°.
अगà¥à¤°à¤µà¤¨ के टीले पर बसे हà¥à¤ आगरा नगर के चारों कोनों पर à¤à¤• à¤à¤• शिव मंदिर, उनके गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹à¥‡à¤‚ अवतार रूदà¥à¤° तथा à¤à¥Œà¤°à¤µ नाथ आदि मंदिरों का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हà¥à¤† है. यहां नियमित तथा सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¾à¤¨à¥à¤¤ बनà¥à¤¦à¥€ के दिन सोमवार को दरà¥à¤¶à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की à¤à¤¾à¤°à¥€ संखà¥à¤¯à¤¾ देखा जा सकता है. असाधारण वासà¥à¤¤à¥à¤•ला, अà¤à¤¿à¤¨à¤µ ले आउट तथा परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ यह बना हà¥à¤† है. शानदार डिजाइन, रंगीन परिदृशà¥à¤¯, मनोरंजक अकà¥à¤·à¤°, संगीतमय परिवेश, रंगमंच की सामगà¥à¤°à¥€ आदि सà¤à¥€ दà¥à¤°à¥à¤²à¤ सामगà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ आदिं यहां मिलती हैं. यहां आने पर शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को शानà¥à¤¤à¤¿ तथा दिवà¥à¤¯à¤¤à¤¾ का अनà¥à¤à¤µ होता है. यहां के शिवलिंग के ऊपर चांदी का आवरण लगा हà¥à¤† है. मंदिर में à¤à¤• गरà¥à¤ गृह है. इसमें पà¥à¤°à¤à¥ का विगà¥à¤°à¤¹ à¤à¥€ है. पास में परिवार के अनà¥à¤¯ सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की à¤à¥€ दिवà¥à¤¯ मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ापित हà¥à¤ˆ हैं. यहां पहà¥à¤‚चने के लिठसीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से नीचे उतरना पड़ता है.
बाद में इस लिंगसà¥à¤µà¤°à¥‚प का नाम शà¥à¤°à¥€ मनकामेशà¥à¤µà¤° पड़ गया. यह देश के उन पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मंदिरों में से à¤à¤• है जो à¤à¤—वान शिव को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ हैं. अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ मनकामेशà¥à¤µà¤° मनà¥à¤¦à¤¿à¤° लखनऊ, रानीखेत तथा इलाहाबाद में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं. यह मंदिर अपने आप में बहà¥à¤¤ अनोखा इसलिठà¤à¥€ है कà¥à¤¯à¥‚ंकि यहाठसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पूरे शिवलिंग को चांदी से कवर किया गया है.
मंदिर के केंदà¥à¤° में गरà¥à¤à¤—ृह है जहां शिव जी की विशिषà¥à¤Ÿ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ को सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया गया है. इस पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ के चारों ओर शिव जी के परिजनों की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤à¤‚ है. इनमें गणेश, पारà¥à¤µà¤¤à¥€ माà¤, कारà¥à¤¤à¤¿à¤•े, कीरà¥à¤¤à¤¿à¤®à¥à¤–, मंडी गण, माठगौरा, अरà¥à¤§à¤¨à¤¾à¤°à¥€à¤¶à¥à¤µà¤° और माठअनà¥à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤à¤‚ शामिल हैं. नीचे जाने के लिठकई सीà¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ बनी हैं. यदि कोई à¤à¤•à¥à¤¤ यहाठजाना चाहता है जहां इन सबकी मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हैं तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इन सà¤à¥€ सिदà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पार करना होता है.
परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों को à¤à¤—वान शिव की मà¥à¤–à¥à¤¯ मूरà¥à¤¤à¤¿ के नजदीक जाने की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ है पर यह सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ किया जाता है कि वह कोई à¤à¥€ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ या अ-à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वसà¥à¤¤à¥à¤° धारण नहीं किये हों जैसे सलवार सूट व पैंट तथा शरà¥à¤Ÿ. यह à¤à¥€ देखा जाता है कि उनके पास किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•ार की चमड़े की वसà¥à¤¤à¥ साथ न हो.
सोमवार के दिन इस मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की à¤à¤¾à¤°à¥€ à¤à¥€à¥œ उमड़ती है. महाशिवरातà¥à¤°à¤¿ और सावन के दिनों में यहाठà¤à¤• वृहद मेला-सा लग जाता है. अनà¥à¤¯ शिव मनà¥à¤¦à¤¿à¤°à¥‹à¤‚ में दिन में चार बार आरती होती है, जबकि इस मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में पांच बार शिव सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ की जाती है. पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ चार बजे मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के कपाट खà¥à¤² जाते हैं. गाय के शà¥à¤¦à¥à¤§ उपलों की राख से बनी à¤à¤¸à¥à¤® से शिव मूरà¥à¤¤à¤¿ का लेपन किया जाता है. वैदिक अनà¥à¤·à¥à¤ ानिक विधि से की जाने वाली इस पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ में आधा घंटा लगता है. तदà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤‚त मंगला आरती, फिर षोडसोपचार विधि से शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार किया जाता है. सोमवार को विशिषà¥à¤Ÿ शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार किया जाता है जिसमे ढाई घंटे का समय लगता है.
मà¥à¤–à¥à¤¯ गरà¥à¤ गृह के पीछे, कई छोटे छोटे मंदिर हैं. यह सà¤à¥€ मंदिर à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨-à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ देवी-देवताओं की सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ हैं जैसे माता गंगा, माता सरसà¥à¤µà¤¤à¥€, माता गायतà¥à¤°à¥€, à¤à¤—वान हनà¥à¤®à¤¾à¤¨, à¤à¤—वान कृषà¥à¤£, कैला देवी, à¤à¤—वान नरसिंह, और à¤à¤—वान राम.
गोकà¥à¤² से वापस लौटते समय, शिव वापस यहाठआये थे और अपने लिंग (शिवलिंग) सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ कर दी. यहाठउनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि “इस सà¥à¤¥à¤² पर मेरी सà¤à¥€ इचà¥à¤›à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ पूरà¥à¤£ हो गयी है, à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में जो à¤à¥€ अपनी मनोकामनाà¤à¤‚ लेकर यहाठआà¤à¤—ा ये लिंगसà¥à¤µà¤°à¥‚प उनकी वो मनोकामना अवशà¥à¤¯ पूरà¥à¤£ करेगाâ€à¥¤ इसके बाद से इस लिंगसà¥à¤µà¤°à¥‚प का नाम शà¥à¤°à¥€ मनकामेशà¥à¤µà¤° पड़ गया। यह à¤à¥€ कहा जाता है कि à¤à¤—वान शिव ने यह वचन दिया था कि जो à¤à¥€ यहाठआà¤à¤—ा और इस शिवलिंग की पूजा करेगा, उसकी मनोकामना को शिव जी सà¥à¤µà¤¯à¤‚ पूरà¥à¤£ करेंगे. इस शिवलिंग के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ होने का यही मà¥à¤–à¥à¤¯ कारण है कि शà¥à¤°à¥€ मनकामेशà¥à¤µà¤° नाथजी के रूप में शिव जी सबकी इचà¥à¤›à¤¾à¤à¤‚ पूरà¥à¤£ करते है. मंदिर में देसी घी से पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ की जाने वाली 11 अखणà¥à¤¡ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ 24 घंटे पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤² रहती है. अपनी इचà¥à¤›à¤¾ पूरà¥à¤£ होने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ à¤à¤•à¥à¤¤ इस मंदिर में आते है और à¤à¤• दà¥à¤µà¥€à¤ª पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ करते हैं.
सामानà¥à¤¯à¤¤à¤ƒ वांछित इचà¥à¤›à¤¾ पूरà¥à¤£ होने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ वह à¤à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤¨à¤ƒ इस मंदिर में आते हैं और दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ करते है. इसकी कीमत शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ के अनà¥à¤°à¥‚प रà¥. 1.25 रूपठसे लेकर रà¥. 1.25 lac रूपठतक हो सकती है
पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• सोमवार को तो इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में निकलना मà¥à¤¶à¥à¤•िल हो जाता है. यहां जाम की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ बन जाती है. सà¥à¤¦à¥‚र से आने वाले à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का सैलाब यहां देखा जा सकता है. मेला जैसा दृशà¥à¤¯ हो जाता है. सावन तथा मलमास के महीने में यहां विशेष रौनक देखी जा सकती है. लोग गंगाजी से पैदल चलकर कांवर में जल लाकर यहां शिव जी को चà¥à¤¾à¤¤à¥‡ हैं.
महाशिवरातà¥à¤°à¤¿ का दिन à¤à¥€ यहां विशेष ही रहता है. इस दिन यहां à¤à¤—वान शिव का विवाह समारोह मनाया जाता है. à¤à¥‹à¤²à¥‡ बाबा का दूलà¥à¤¹à¥‡ के रूप में शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार किया जाता है. इस शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार का दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठà¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के à¤à¥€à¥œ का पूरा रेला देखने को मिलता है. पूरे दिन मंदिर में जागरण होता है. बाबा के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ सà¥à¤µà¤°à¥‚पोंकी à¤à¤¾à¤‚कियां बनाई जाती हैं. à¤à¤•à¥à¤¤ पूरे दिन और पूरी रात मंदिर में जागरण, और बाबा के विà¤à¤¿à¤¨à¤¨ रूपों के दरà¥à¤¶à¤¨ करते हैं. महाशिवरातà¥à¤°à¤¿ को अनà¥à¤¯ मंदिरों में चार बार तो इस मनकामेशà¥à¤µà¤° मंदिर में पांच बार आरती होती है. महा शिवरातà¥à¤°à¤¿ का परायण अगली सà¥à¤¬à¤¹ को होता है. इस मंदिर के चारों ओर राधा कृषà¥à¤£ के मंदिर हैं. इसे देखने के लिठबहà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¥€ संखà¥à¤¯à¤¾ में à¤à¥€à¥œ उमड़ती है. मनकामेशà¥à¤µà¤° à¤à¤• पीठया अखाड़े की तरह सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ का उपà¤à¥‹à¤— à¤à¥€ करता है. शैव समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ में इस पीठका बहà¥à¤¤ ही महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ होता है।
आगरा में इस मंदिर के बारे में पहले पता नहीं था अब अगर आगरा जाना हà¥à¤† तो यंहा à¤à¥€ दरà¥à¤¶à¤¨ अवशà¥à¤¯ करूà¤à¤—ा।
अनिरà¥à¤¦à¥à¤§,
बहà¥à¤¤ दिनोंके बाद मैंने घà¥à¤®à¤•à¥à¤•र में à¤à¤• हिंदी में लिखी हà¥à¤ˆ पोसà¥à¤Ÿ को पà¥à¤¾à¥¤ मैं अà¤à¥€ तक आगरा नहीं देखा पर जब जाना होगा तब जरूर इस मंदिर को à¤à¥€ जाके देखूà¤à¤—ी।
बहà¥à¤¤ धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ इस पोसà¥à¤Ÿ के लिà¤à¥¤
बेहद खूबसूरत पोसà¥à¤Ÿ है… पà¥à¤•र मजा आया… इसी तरह घूमते और घà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥‡ रहिये!