
आइठचलें à¤à¥à¤µà¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° से à¤à¤¿à¤¤à¤°à¤•निका के सफ़र पर…
हमारा अगला पड़ाव राजनगर (Rajnagar) था जो कि à¤à¤¿à¤¤à¤°à¤•निका जाने का पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤° है। केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾ और राजनगर के बीच की दूरी करीब 70 किमी है। इन दोनों के बीच पतामà¥à¤¨à¥à¤¦à¤ˆ (Patamundai) का छोटा सा कसà¥à¤¬à¤¾ आता है। ये पूरी सड़क à¤à¤• लेन वाली है और फिर तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° की गहमागहमी अलग से थी इसलिठचाहकर à¤à¥€ अपने गंतवà¥à¤¯ तक जलà¥à¤¦à¥€ नहीं पहà¥à¤à¤šà¤¾ जा सकता था। हर पाà¤à¤š छः गाà¤à¤µà¥‹à¤‚ को पार करते ही à¤à¤• मेला नज़र आ जाता था। गाà¤à¤µ के मेलों की रौनक कà¥à¤› और ही होती है… थोड़ी सी जगह में तरह तरह की वसà¥à¤¤à¥à¤à¤ बेचते फà¥à¤Ÿà¤•र विकà¥à¤°à¥‡à¤¤à¤¾ और रंग बिरंगी पोशाकों में उमड़ा जन समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ जो शायद à¤à¤• साल से इन मेलों की पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ में हो।
राà¤à¤šà¥€ और कटक की दà¥à¤°à¥à¤—ापूजा से अलग जगह जगह दà¥à¤°à¥à¤—ा के आलावा शिव पारà¥à¤µà¤¤à¥€, लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ और हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी की à¤à¥€ मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ मंडप में सजी दिखाई पड़ीं। बाद में पता चला कि इस इलाके का ये सबसे बड़ा तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° है और इसे यहाठगजलकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ पूजा (Gajlakshmi Puja) कहा जाता है।
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