चमà¥à¤¬à¤¾, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के लिठऋषिकेश से बस शाम में 4 बजे चल दी | जिस गति से बस पहाड़ों के घà¥à¤®à¤¾à¤µà¤¦à¤¾à¤° रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ पर बढ़ रही थी उसी गति से सूरज ढल रहा था | कà¤à¥€ सामने वाले पहाड़ पर सूरज की शाम की हलकी रौशनी दिखती तो कà¤à¥€ हम खà¥à¤¦ रौशनी में à¤à¥€à¤— रहे होते | à¤à¤¸à¤¾ लगता मानो हम शाम का पीछा कर रहे हों | ऊपर जाते ही सूरज फिर से दीखता और à¤à¤• और ढलती शाम का नज़ारा पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ हो जाता | खैर मैंने लगà¤à¤— चार-पांच शामों का आनंद तीन घंटे में उठाया और शाम के सात बजे के आस पास चमà¥à¤¬à¤¾ पंहà¥à¤šà¥‡ | बस चमà¥à¤¬à¤¾ मारà¥à¤•ेट में छोडती है जहाठसे TRH चमà¥à¤¬à¤¾ करीब 3km है | माहौल धीरे धीरे ठणà¥à¤¡à¤¾ हो रहा था | हलकी हलकी हवा à¤à¥€ चलने लगी थी जो कपड़ों के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कोने से अनà¥à¤¦à¤° जाती और सिहरन दे जाती | इस ठणà¥à¤¡ में वाक करना à¤à¤• और आनंद का अनà¥à¤à¤µ है | ऊà¤à¤šà¥‡ व ढलान à¤à¤°à¥‡ रासà¥à¤¤à¥‡ मà¥à¤à¥‡ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पसंद हैं | शायद पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ के आस पास का समय था; बड़ा सा चाà¤à¤¦ आवशà¥à¤¯à¤•ता से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ समीप लग रहा था | सड़क खाली थी; बस केवल कà¥à¤› बचà¥à¤šà¥‡ शायद कोचिंग/टà¥à¤¯à¥‚शन से वापस आ रहे थे | इनमें जोश देखकर अकà¥à¤¸à¤° अपने वही सà¥à¤•ूली दिन वापस खà¥à¤¯à¤¾à¤² आ जाते हैं | उनà¥à¤¹à¥€ दिनों की आतें करते हम लगà¤à¤— तीस मिनट में होटल पंहà¥à¤šà¥‡ |
रासà¥à¤¤à¤¾ होटल पर जाकर ही ख़तà¥à¤® होता था | हम अनà¥à¤¦à¤° गठतो रिसेपà¥à¤¶à¤¨ पर कोई नहीं था | हलकी हलकी हवा चल रही थी बाहर लगे चीड के पेड़ à¤à¥‚म रहे थे | हमने आवाज दी “कोई है….†| दो चार बार आवाज देने पर à¤à¥€ कोई उतà¥à¤¤à¤° नहीं मिला | पतà¥à¤¨à¥€ जी के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी और मैं à¤à¥€ कà¥à¤› सोचने की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में नहीं था | हमने तय किया की अनà¥à¤¦à¤° जाकर देखते हैं | नीचे दो ही कमरे थे और दोनों बंद थे | वहां आस पास बाहर कोई à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ नहीं दिखाई दे रहा था | हम लोग काफी थक चà¥à¤•े थे और ऊपर से ये आफत थी | इतने में पीछे से आवाज आई “बताइठसर, मैं कà¥à¤¯à¤¾ कर सकता हूà¤â€ | à¤à¤• 30-35 साल का à¤à¤• आदमी कैप लगाये जैकेट पहने पीछे खड़ा था | मेरे दिमाग में ‘पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ हवेली का चौकीदार’ जैसे कà¥à¤› à¤à¥‚तिया चितà¥à¤° उà¤à¤° आये और | सब सà¤à¤à¤¾à¤²à¤¤à¥‡ हà¥à¤ मैंने अपने रिजरà¥à¤µà¥‡à¤¶à¤¨ की बात कही तो उसने मà¥à¤à¥‡ नीचे का à¤à¤• रूम खोलकर दे दिया | पूछने पर पता चला की वहां किसी और का कमरा बà¥à¤• नहीं है और अगली तीन रातों के लिठहम लोग अकेले ही वहां रूकने वाले हैं | हम लोग रूम में पहà¥à¤‚चे और ‘मेरे दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सरकारी होटल के चयन’ विषय पर पतà¥à¤¨à¥€ जी का à¤à¤¾à¤·à¤£ सà¥à¤¨à¤¾ | à¤à¤• बार फिर मामले को सà¤à¤à¤¾à¤²à¤¤à¥‡ हà¥à¤ मैंने शीघà¥à¤° सोने का पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ रखा जो कà¥à¤› संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ टिपणà¥à¤£à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ के बाद मंजूर हो गया |
अगली सà¥à¤¬à¤¹ मà¥à¤à¥‡ जीवन में हमेशा याद रहेगी | जब मैं सोकर उठा तो सà¥à¤¬à¤¹ के सात बज रहे होंगे | शायद थकने के कारण बीती रात बहà¥à¤¤ गहरी नीद आई थी और à¤à¤¸à¥€ नीद के बाद उठने पर मन à¤à¤• अनोखे अजीब से आलसà¥à¤¯à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ à¤à¤¾à¤µ से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ रहता है | मैं à¤à¥‚ल à¤à¥€ गया था की मैं चमà¥à¤¬à¤¾ में हूठ| पतà¥à¤¨à¥€ जी ने उठाते हà¥à¤ कहा “बाहर सूरज निकल आया है |†मैंने आखें खोली तो कà¥à¤› ही पलों में चेतना वापस लौट आई और मैं नंगे पाà¤à¤µ ही बाहर आ गया | होटल के सामने से चीड़ के पेड़ों के पीछे से à¤à¤¿à¤²à¤®à¤¿à¤²à¤¾à¤¤à¤¾ हà¥à¤† सूरज निकल रहा था |

चीड़ के पेड़ों में à¤à¤¿à¤²à¤®à¤¿à¤²à¤¾à¤¤à¤¾ सूरज
हवा में ठणà¥à¤¡ थी, दूर दूर तक शांति बिखरी हà¥à¤ˆ थी, पकà¥à¤·à¥€ आसमान में घूम रहे थे और इन सबके बीच मैं अपनी आखें पूरी खोलने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहा था जो अà¤à¥€ à¤à¥€ गहरी नींद में अलसाई हà¥à¤ˆ थी | बड़े दिनों बाद दिन की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ à¤à¤• जगह शांत बैठकर कानों में पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के कलरव सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ हà¥à¤ हà¥à¤ˆ | आज यह लिखते हà¥à¤ à¤à¤• बार फिर से मà¥à¤à¥‡ वो सà¥à¤¬à¤¹ की याद ताजा हो आई और मेरे चेहरे पर अकारण ही मà¥à¤¸à¥à¤•ान तैर गई | (ऑफिस में आस पास बैठे लोग न जाने कà¥à¤¯à¤¾ सोच रहे होंगे !! )

TRH चमà¥à¤¬à¤¾

बनà¥à¤¦à¤°à¤ªà¥‚ंछ की पहाड़ियां
TRH चमà¥à¤¬à¤¾ टॉप पॉइंट पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है जो किसी ज़माने में PWD का गेसà¥à¤Ÿ हाउस हà¥à¤† करता था | सामने की ओर ढेर सारे फूल लगाये हà¥à¤ हैं जो à¤à¤• अलग ही छटा बिखरते हैं | हमने चमà¥à¤¬à¤¾ को टूरिंग सà¥à¤ªà¥‰à¤Ÿ के लिठइसलिठचà¥à¤¨à¤¾ था ताकि वहां जाकर हम लोग विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ जगहों के लिठदौड़े नहीं बलà¥à¤•ि वहीठरहकर कà¥à¤› दिन आनंद ले | या यूठकहे तो हम वहां घà¥à¤®à¤¨à¥‡ कम रहने जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ गये थे | अगर टूरिसà¥à¤Ÿ सà¥à¤ªà¥‰à¤Ÿ की बात करें तो चमà¥à¤¬à¤¾ में कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं है; है तो बस पहाड़ी वà¥à¤¯à¥‚ | GMVN के होटल के बगल से ही पूरी वैली का दृशà¥à¤¯ आसानी से उपलबà¥à¤§ होता है |

आनंद ही आनंद

परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ घाटियाà¤
तीन दिन की यातà¥à¤°à¤¾ के बाद अदà¥à¤à¥à¤¦ आनंद मिल रहा था | हमने à¤à¤• दिन वहीठरहने का निशà¥à¤šà¤¯ किया | सà¥à¤¬à¤¹ गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ बजे तक हम बाहर बैठकर धूप सेंके और जीवन की कई मनोरंजक कथाओं पर चरà¥à¤šà¤¾ किये à¤à¤µà¤‚ हंसी के बड़े बड़े ठहाके लगाये |

पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥€ धूप
धीरे धीरे पेट ने à¤à¥‹à¤œà¤¨ की मांग पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकी | हमने सोचा की वहीठखा लिया जाये | लेकिन कई तरà¥à¤•ों के बाद तय हà¥à¤† की चूà¤à¤•ि आज हम कहीं घà¥à¤®à¤¨à¥‡ नहीं गठहैं इसीलिठमारà¥à¤•ेट चलकर खाना ही खा आते हैं | नहा धोकर हम à¤à¤• बजे मारà¥à¤•ेट पंहà¥à¤š गये | फिर से वही कहानी सà¥à¤Ÿà¤¾à¤°à¥à¤Ÿ हà¥à¤ˆ हम लोकल फ़ूड ढूढने लगे | à¤à¤• बार फिर से निराशा ही हाथ लगी | अंततः हमने à¤à¤• रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट में अनà¥à¤¯ शाकाहारी महानà¥à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ की तरह पनीर का आरà¥à¤¡à¤° दिया | शायद à¤à¥‚ख लगने की वजह से मà¥à¤à¥‡ खाना ठीक ही लगा परनà¥à¤¤à¥ मेरी पतà¥à¤¨à¥€ जी के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वह ‘मसाले में घोली हà¥à¤ˆ पनीर’ थी | खाने के बाद हम बाज़ार में टहले, कà¥à¤› फल ख़रीदे, मूंगफलियाठखरीदी और वापस होटल लौट चले |

कहीं दूर जब दिन ढल जाये
3km की चढाई करके चार बजे तक हम वापस होटल पंहà¥à¤šà¥‡ तो à¤à¤¸à¤¾ लग रहा था की मानो कà¥à¤› खाया ही नहीं | शायद खाली रहने पर à¤à¥‚ख जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लगती है इसलिठबाहर कà¥à¤°à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर बैठकर मूंगफली के साथ चरà¥à¤šà¤¾ का à¤à¤• और दौर चला | थोड़ी ही देर में आस पास के कà¥à¤› बचà¥à¤šà¥‡ खेलने आ गठ| मैं à¤à¥€ पंहà¥à¤š गया उनके साथ खेलने | कूदम-कूद, छà¥à¤ªà¤¾à¤¨-छà¥à¤ªà¤¾à¤ˆ, वीस-अमृत जैसे कई खेले हम लोगों ने | कई नठखेल à¤à¥€ सीखे | वहां पर अपने बचपन के खेलों के मॉडिफाइड वरà¥à¤¸à¤¨ देखकर à¤à¤¨à¤¾à¤²à¤¿à¤¸à¤¿à¤¸ करने की इचà¥à¤›à¤¾ हो आई | धीरे धीरे सूरज अपनी यातà¥à¤°à¤¾ पूरी करके पशà¥à¤šà¤¿à¤® की पहाड़ियों की ओर बढ़ रहा था | हम लोग पहà¥à¤à¤š गये उसी सà¥à¤ªà¥‰à¤Ÿ पर जहाठसे पूरी चमà¥à¤¬à¤¾ वैली का दृशà¥à¤¯ मिलता है | à¤à¤• ओर सूरज डूब रहा था और दूसरी ओर हलकी ठंडी तेज हवा चल रही थी | ऑंखें मूंदकर पलकों पर सूरज की डूबती किरण पड़ रही थी साथ ही साथ पूरे चेहरे पर हवा रोमांचित कर रही थी |

तेज हवाओं में à¤à¥‚मता वृकà¥à¤·
हमारे साथ वो बचà¥à¤šà¥‡ अà¤à¥€ à¤à¥€ थे जो अब तक हमसे खूब घà¥à¤² मिल गठथे | उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤à¥‡ डांस के कà¥à¤› सà¥à¤Ÿà¥‡à¤ª सिखाने को बोला कà¥à¤¯à¥à¤•ी उनके सà¥à¤•ूल में कोई फंकà¥à¤¶à¤¨ था | मैंने डांस के मामले में अपनी असमरà¥à¤¥à¤¤à¤¾ जाहिर करते हà¥à¤ माहौल को कविता और गीतों की ओर मोड़ा | बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने अपनी मिरà¥à¤¦à¥à¤à¤¾à¤·à¤¾ में कई अचà¥à¤›à¥‡ गीत और कवितायेठसà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ | वैली की ओर मà¥à¤– किये सूरज की धीरे धीरे कम होती किरणों और तेज चलती हवायों के बीच कई मधà¥à¤° सà¥à¤µà¤° गूà¤à¤œ रहे थे | सूरज के डूबने का पता तब चला जब बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को उनकी माठने बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ | बचà¥à¤šà¥‡ अपनी घर की ओर दौड़े और हम लोग अपने रूम की ओर चल दिठ|
à¤à¤• बार फिर से वही अकेला सूना सूना पूरा बंगला जिसमे कोई नहीं था हम दोनों के सिवा (à¤à¤¸à¤¾ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ करके हम रà¥à¤•े हà¥à¤ थे) | थोड़ी देर बचपन के à¤à¥‹à¤²à¥‡à¤ªà¤¨ की बातें हो रही थी की कल रात वाला वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ पानी लेकर आया | पूछने पर पता चला की उसकी रात की डà¥à¤¯à¥‚टी होती है और वो रात में जसà¥à¤Ÿ बगल में ही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सà¥à¤Ÿà¤¾à¤« कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤° में चला जाता है | ये सà¥à¤¨ के पतà¥à¤¨à¥€ जी ने कहा की मतलब हम लोग पूरे होटल में कल रात अकेले ही थे मैंने कहा कल की छोडो आज à¤à¥€ अकेले ही रहना है | खैर कà¥à¤¯à¤¾ कर सकते थे हमने उससे खाने के बारे में पूछा | तो उसने होटल का मेनà¥à¤¯à¥ कारà¥à¤¡ थमा दिया | लिसà¥à¤Ÿ में काफी ऊपर नीचे करने के बाद हमने à¤à¤— करी खाने का निशà¥à¤šà¤¯ किया | वह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ मितà¤à¤¾à¤·à¥€ था | उसने हाठमें सर हिलाया और चला गया |
होटल का किचन रूम से पास ही था | हम लोग बैठकर बातें कर रहे थे तो पतà¥à¤¨à¥€ जी की इचà¥à¤›à¤¾ जागृत हà¥à¤ˆ कà¥à¤¯à¥‚ठन चलकर देखा जाये की कैसे बना रहा है | हम लोग पहà¥à¤à¤š गये किचन में | à¤à¤• ओर अंडे उबल रहे थे और दूसरी ओर पà¥à¤¯à¤¾à¤œ कटाई का दौर चल रहा था | हम लोग वहीठबैठकर वहां के लोगों, टूरिजà¥à¤®, लोक मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं पर चरà¥à¤šà¤¾ शà¥à¤°à¥‚ की | हमारी इस यातà¥à¤°à¤¾ का à¤à¤• बढ़ा उदà¥à¤¯à¥‡à¤¶à¥à¤¯ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड में शिफà¥à¤Ÿ होने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं की तलाश करना था | उसने हमें पहाड़ों के बारे में काफी कà¥à¤› बताया | उसकी बातों में, मैं बाद में चलकर पहाड़ों में बसने के अपने निरà¥à¤£à¤¯ को मन ही मन सही ठहरा रहा था | आधे पौने घंटे में à¤à¤— करी बनकर तैयार हो गई जिसकी महक ने काफी पहले से à¤à¥‚ख को बढ़ा दिया था | करी (curry) बहà¥à¤¤ ही बेहतरीन बनी थी | लोकल टेसà¥à¤Ÿ और लोकल सà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤² साफ़ à¤à¤²à¤• रहा था | पतà¥à¤¨à¥€ जी के चेहरे पर à¤à¥€ संतà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ के à¤à¤¾à¤µ थे जो चिलà¥à¤²à¤¾ चिलà¥à¤²à¤¾ के कह रहे थे की “देखा ये होता है लोकल टेसà¥à¤Ÿ और मैं इसकी बात कर रही थी |†वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤à¤¤à¤¾ à¤à¤°à¤¾ दिन और à¤à¤• बेहतरीन हलà¥à¤•ा रातà¥à¤°à¤¿ à¤à¥‹à¤œà¤¨; à¤à¤• आनंददायक नीद के लिठऔर कà¥à¤¯à¤¾ चाहिठ| कà¥à¤› मिनटों में ही मैं सो गया और à¤à¤• बार फिर सà¥à¤¬à¤¹ उसी ताजगी के साथ उठा |
हम लोग आठबजे तक रेडी होकर मारà¥à¤•ेट पंहà¥à¤š चà¥à¤•े थे | जलà¥à¤¦ ही नà¥à¤¯à¥‚ टिहरी की बस मिल गई और हम चल दिठ| नà¥à¤¯à¥‚ तिहरी वहां से 15km के आस पास है लेकिन घà¥à¤®à¤¾à¤µà¤¦à¤¾à¤° सड़कों से वà¥à¤¯à¥‚ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मिलता है और समय जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लगता है | बस में ढेर सारे कॉलेज के सà¥à¤Ÿà¥‚डेंट à¤à¥€ थे जो बीच में à¤à¤• जगह उतर गये | नठनठवà¥à¤¯à¥‚ देती बस चलती जा रही थी | हमें ‘डी केबिन’ पर उतरना था परनà¥à¤¤à¥ कंडकà¥à¤Ÿà¤° की सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ की कम कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ बस के शोर के कारण हम ‘बी केबिन’ पर ही उतर गये |

बस से रासà¥à¤¤à¥‡ का à¤à¤• दृशà¥à¤¯
जिससे पूछा उसने बोला बस थोड़ी ही दूर है वहां से | इसलिठहम आगे ही बढ़ते गये | आधे घंटे पैदल चलने के बाद à¤à¥€ लोग यही जवाब दे रहे की बस थोड़ी देर और | धीरे धीरे आंतरिक रूप से मेरा और वाहà¥à¤¯ रूप से पतà¥à¤¨à¥€ जी का धैरà¥à¤¯ जवाब दे रहा था | जिसका पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ में कà¤à¥€ बस वाले को, कà¤à¥€ मà¥à¤à¥‡ शबà¥à¤¦ पà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤° à¤à¥‡à¤²à¤¨à¥‡ पड़ रहे थे | सड़क पर कोई पैदल चलने वाला नहीं था | à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ फायदा थाकी पैदल चलने से वà¥à¤¯à¥‚ और बेहतर और सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ मिल रहा था |

न जाने कितनी दूर अà¤à¥€ जाना है
बीच में à¤à¤• छोटी सी दà¥à¤•ान आई जहाठसे हमने चाय पानी नाशà¥à¤¤à¤¾ किया | पहले उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड में टिहरी नगर था जो टिहरी बाà¤à¤§ बनाने के कारण डूब गया | सà¤à¥€ लोगों को रिलोकेट किया गया जिसे आज नà¥à¤¯à¥‚ टेहरी के नाम से जाना जाता है | टेहरी बाà¤à¤§ बनने से टेहरी लेक का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हà¥à¤† | टेहरी हाइडà¥à¤°à¥‹ पॉवर जनरेशन में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ योगदान रखता है | शायद यह सबसे उंचाई पर बनाई गई तीसरी सबसे बड़ी à¤à¥€à¤² है |

टेहरी लेक का पहला वà¥à¤¯à¥‚
हम लोग लगà¤à¤— 5km चल चà¥à¤•े होंगे लेकिन घà¥à¤®à¤¾à¤µà¤¦à¤¾à¤° रासà¥à¤¤à¥‡ वापस वहीठलेकर आते थे; कम होती थी तो बस ऊंचाई | à¤à¤• जगह बैठने के लिठसीट बनी हà¥à¤ˆ थी | हम लोग वहीठà¤à¥€à¤² की ओर मà¥à¤– किये बैठगये और बैग से मूंगफली निकाल कर खाना शà¥à¤°à¥‚ किया | थोड़ी थोड़ी देर पर पीछे से गाड़ियाठनिकल रही थी | हम लोग à¤à¤• गिलहरी के साथ मूंगफली खाते हà¥à¤ शांत नीली à¤à¥€à¤² को निहार रहे थे |

पहाड़ियों के बीच रà¥à¤•ी हà¥à¤ˆ नदी
काफी देर हम वहीठबैठे रहे | हिमà¥à¤®à¤¤ जà¥à¤Ÿà¤¾à¤•र फिर चलने लगे | à¤à¤• तरफ बड़ी à¤à¥€à¤² थी और दूसरी ओर बड़े परà¥à¤µà¤¤ जिस पर ढेर सारे अनेक पà¥à¤°à¤•ार के पेड़-पौधे उगे थे | हम इधर-उधर वà¥à¤¯à¥‚ का आनंद उठाते, à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ का हाथ पकडे चलते रहे | सच कहा है किसी ने साथ चलने से मंजिल जलà¥à¤¦à¥€ नज़र आती है |

पहाड़ियों के बीच रà¥à¤•ी हà¥à¤ˆ नदी
हमने साथ में पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ डà¥à¤à¤Ÿ गीत गाने शà¥à¤°à¥‚ किये | वैसे तो मैं बेसà¥à¤°à¤¾ हूठपर अपनी पतà¥à¤¨à¥€ सà¥à¤° में संà¤à¤¾à¤² लिया करती हैं | मà¥à¤à¥‡ सà¤à¥€ गानों की लिरिकà¥à¤¸ याद रहती और इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उसकी लय | जब मैं गाता तो मà¥à¤à¥‡ लगता है की मई डिटà¥à¤Ÿà¥‹ ओरिजिनल गायक की तरह गा रहा हूठपर असलियत इससे कोसो दूर होती है | लेकिन फिर à¤à¥€ अकà¥à¤¸à¤° हम साथ साथ गाते हैं | ‘गीत गाता चल ओ साथी मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¾ चल’, ‘à¤à¤• तेरा साथ मà¥à¤à¥‡ दो जहाठसे पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾ है‘, ‘जब जब बाहर आई और फूल मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¯à¥‡ मà¥à¤à¥‡ तà¥à¤® याद आये’ जैसे गाने हमने गाठ| आधे घंटे में THDC के à¤à¤‚टà¥à¤°à¥€ गेट पर पंहà¥à¤š गये | पहà¥à¤šà¤•र लगा गाने का ये दौर थोड़ी देर और चलता तो ठीक था |

THDC à¤à¤‚टà¥à¤°à¥€ गेट

गेट से à¤à¥€à¤² तक का रासà¥à¤¤à¤¾
जिस बस ने हमें गलती से बी केबिन पर उतार दिया था वो हमें इस गेट पर उतारना था | वो अपने वापसी के यातà¥à¤°à¥€ बिठा रही थी | वहां से हम लेक तक चल कर गये | बाà¤à¤§ को अनà¥à¤¦à¤° से देखने की इतनी इचà¥à¤›à¤¾ नहीं थी (वैसे अनà¥à¤¦à¤° से देखने के लिठकिसी THDC à¤à¤®à¥à¤ªà¥à¤²à¥‹à¤ˆ का रेफ़रल चाहिठहोता है) हम लेक के पास कà¥à¤› देर खड़े रहे और वापस चल दिठ|

à¤à¥€à¤² का पास से छायांकन
ये महसूस हो गया की रासà¥à¤¤à¤¾ मंजिल से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आनंददायक होता है | वही बस पकड़कर हम लोग वापस चमà¥à¤¬à¤¾ के लिठचल दिठ| चार बजे शाम तक हम लोग चमà¥à¤¬à¤¾ होटल पर पंहà¥à¤š गये | वहां बचà¥à¤šà¥‡ हमारा पहले से इंतज़ार कर रहे थे | हमने फà¥à¤°à¥‡à¤¶ होकर खेल के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में उनके साथ कà¥à¤› नठपà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किये | गढ़वाली हिंदी और खड़ी बोली हिंदी में शबà¥à¤¦ परिवरà¥à¤¤à¤¨ का à¤à¥€ दौर चला और à¤à¤• बार फिर सूरज पहाड़ियों के पीछे छिपने लगा, बालà¥à¤¯ मधà¥à¤° गीत गूंजे और खूबसूरत शाम उसी तरह ढलने लगी |
प्रिय शिवम्
आपका यह पोस्ट पढ़ कर मजा आ गया. वैसे तो सरकारी संस्थाएं हमेशा शिकायतें ही सुनती हैं, परन्तु इनमें ठहरने का अनुभव भी बड़ा निराला होता है. बड़े ही मनमोहक अंदाज में अपने लिखा है. धन्यवाद.
धन्यवाद उदय सर ।
आपने सही कहा दोनों के अपने अलग अलग अनुभव हैं ।
Dear Shivam,
I found the same answers “bas thodi dur hai” almost in all hilly places and Himalayan regions. So these days I never ask anyone, how far it is. Because I know the answer :-) Anyway, a nice post. Thanks
Thanks alot Sir.
I think hilly ups and downs are in their daily routine so they are used to it. For us its a big task to accomplish. So its kind of relativity.
Dear shivam,
We have enjoyed a lot , oh what a style of writing, very well written, you have scrpitted it rather than writing, very nice
Dear Baldev,
Many many thanks for such a admiration. Glad you liked it.
+ 1 to Anupam’s comment on the ‘how long is left’ question. Bus ek pathhar aur ?
A very romantic holiday overall. I often visit Uttarakhand (Nainital side) and from whatever limited I have seen (all around) , the place looks like a fab place to stay. Wishes.
Yeah Nandan its a very calm and quiet place to stay with…
‘Bas ek patthar aur…” always gives a new energy and a kind of motivation.
Another great Post. Really enjoyed reading it.
I have also gone through the same experience of being single guest in entire Guest house in Lansdowne. Me & my wife spent 2 nights there. While we pursuit the silence in busy life of metros, the same silence was really uncomfortable in 1st night of our stay.
Pics are just great.
Keep writing….
Thanks Pravesh.
Calmness of hills is all i want.
बहुत बढ़िया और मनोरंजक विवरण… टिहरी झील में बोटिंग की भी सुविधा सुनी थी.. आप ने देखा क्या ।
हां एक अतिश्योक्ति नजर आई… TRH की 3 किमी चढ़ाई वो भी … सामान के साथ वो भी आधे घंटे मे… या तो आप पिछले जनम मे टारजन थे या घड़ी रुक गयी थी
धन्यवाद साइलेंटsoul जी
बोटिंग की सुविधा थी पर हमने उसका आनंद लिया नहीं ।
खैर मैं मूलतः एक आलसी व्यक्ति हूँ सो टार्जन का तो सवाल ही नहीं उठता और घडी भी सही ही चल रही थी । हमने TRH के लिए सीधी सीढ़ियों का प्रयोग किया जो आधा घंटे के आस पास लेती है । वैसे मैं समय का इतना ध्यान देता नहीं हूँ लिखते वक़्त जैसा याद आया वैसा लिख दिया गया ।
Your write up is so minute and lovely and gave me a pleasant feeling as if I have reached there and enjoying as if you were enjoying. Really I would like to read more of your such articles. Please inform how it is possible.
Thanks alot Pankaj. I m very glad to know u liked it and felt it. An author doesn’t need anything more than this.
Thanks again.
For more posts u can log on to…
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Very good post…enjoyed thoroughly. Its always good to leave behind our laptop-life and take some rest in Nature’s lap, specially in hilly areas…
Arun
Thanks Arun.
Hills give new life.
very nicely written post. It feels while reading that reader is present with you,