नई दिलà¥à¤²à¥€ से टà¥à¤°à¥‡à¤¨ ठीक टाइम पर चली और मैं सकà¥à¤¶à¤² पंजाब पहà¥à¤à¤š जाता हूठ. मितà¥à¤° समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€ मेल मिलाप करने में दो दिन और निकल जाते हैं . आज चंडीगढ़ से शिव à¤à¥‹à¤²à¥‡ की यातà¥à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ करते हैं. जैसा आपने शà¥à¤°à¥€à¤–णà¥à¤¡ महादेव यातà¥à¤°à¤¾ में संदीप जी के साथ शिव à¤à¥‹à¤²à¥‡ के विशाल शिवलिंग के दरà¥à¤¶à¤¨ किये . चंडीगढ़ से सीधे हाथ शिमला जाने पर शà¥à¤°à¥€à¤–णà¥à¤¡ महादेव जी आते हैं पर उलटे हाथ जाने पर रोपड़ नाम का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ आता है. जहाठसे शà¥à¤°à¥€ जटेशà¥à¤µà¤° महादेव जी को बस मिलती है. अगर आप अपने वाहन पर हैं तो à¤à¥€ बहां रोपड़ से जाया जा सकता है. अà¤à¥€ जो आप फोटो देख रहें हैं यह रोपड़ का नया बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड है जो सतलà¥à¤œ नदी हेड वरà¥à¤•à¥à¤¸ के किनारे पर है.पाठक यह जान कर हैरान होंगे रोपड़ का यह नया बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड १९à¥à¥ में बना था पर अà¤à¥€ तक इसका नाम नया बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड ही है और हालत आप खà¥à¤¦ देख सकते हैं. अà¤à¥€ à¤à¤• और बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड टà¥à¤°à¤¾à¤‚सपोरà¥à¤Ÿ नगर में बनाने का विचार है . पाठक नोट करें रेलवे में रोपड़ को रूपनगर लिखते हैं. यह नाम 1974 से कागजों में दरà¥à¤œ है . लोकल लोग रोपड़ ही कहते हैं.
यह मिनी बस है जिस पर बोरà¥à¤¡ लगा है रोपड़ से नà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¬à¥‡à¤¦à¥€ मैं इसी बस में सवार हो जाता हूठ. किराया १५ से २० रूपये के बीच है . २५ किमी की दूरी है

मिनी बस जिस पर बोरà¥à¤¡ लगा है रोपड़ से नà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¬à¥‡à¤¦à¥€
यह बस के चालक और सहचालक हैं. मैंने इनका फोटो लिया इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कोई इतराज नहीं है.
यह आप सड़क देख सकते हैं काफी अचà¥à¤›à¥€ हालत है और इस सड़क पर टोल टैकà¥à¤¸ नहीं है. यह सड़क रोपड़ उना तक सतलà¥à¤œ नदी के लेफà¥à¤Ÿ साइड साथ साथ जाती है इसका नाम सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ हाईवे २५ है . दूसरी सड़क मेन सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ हाईवे २२ है जो रोपड़ उना जाती है पर इस पर ३ टोल टैकà¥à¤¸ बेरिअर हैं और यह सतलà¥à¤œ नदी के राईट साइड जाती है . उना से आगे माता चिनà¥à¤¤à¤ªà¥à¤°à¤¨à¥€ , जवालाजी , बà¥à¤°à¤¿à¤œà¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¥€ देवी काà¤à¤—ड़ा , चामà¥à¤‚डा देवी परसिदà¥à¤§ शकà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥€à¤ हैं . पालमपà¥à¤° और धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ काà¤à¤—ड़ा से थोडा ही आगे हैं. पालमपà¥à¤° ३८ किमी है और धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ २३ किमी काà¤à¤—ड़ा से दूरी पर हैं. माता नैना देवी का शकà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥€à¤ शà¥à¤°à¥€ जटेशà¥à¤µà¤° महादेव जी से पूरà¥à¤µ दिशा में सामने पहाड़ी पर दिखाई देता है जो ४० किमी की दूरी पर है. अगर आप को यह पोसà¥à¤Ÿ पसंद आये तो बता देना मैं आप को माता नैना देवी शकà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥€à¤ और बाबा बालक नाथ जी जो कि शिव à¤à¥‹à¤²à¥‡ के परम à¤à¤•à¥à¤¤ और शिव à¤à¥‹à¤²à¥‡ का बछरेटू पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ शिव मंदिर ले चलूà¤à¤—ा. बछरेटू पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ शिव मंदिर पहाड़ी के बिलकà¥à¤² उपर है और बहां पर पानी का à¤à¤°à¤¨à¤¾ सदीओं से बह रहा है. जो बहां रहने वाले ५०० लोगों और यातà¥à¤°à¤¿à¤—ण क़ी जरà¥à¤°à¤¤ पूरा करता है और साथ में बहां खेतों क़ी सिंचाई à¤à¥€ करता है.
रासà¥à¤¤à¥‡ का à¤à¤• और मनोहारी दृशà¥à¤¯. आप हरी à¤à¤°à¥€ पहाड़ी देख सकते हैं,
यह जो सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ आप देख रहें हैं इसका नाम गाà¤à¤µ बैंस है. बिलकà¥à¤² रोपड़ उना सड़क पर है. आप हैरान होंगे कि नोरà¥à¤¥ अमेरिका में रोकी परà¥à¤µà¤¤ पर बैंफ नाम का à¤à¤• टूरिसà¥à¤Ÿ पà¥à¤²à¥‡à¤¸ है. बैंस और बैंफ कितनी समानता है . इसी तरह à¤à¤¡à¤®à¤‚टन में à¤à¤• सड़क का नाम à¤à¥€ रोपड़ रोड है. किसी और पोसà¥à¤Ÿ में उस का चितà¥à¤° आप क़ी सेवा में परà¥à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करूंगा.
मेरे पिताशà¥à¤°à¥€ मिलिटरी से रिटायर होने के बाद गाà¤à¤µ बैंस आ जाते हैं. यह हमारा गाà¤à¤µ है. मातà¥à¤° १३ साल क़ी उमà¥à¤° और à¤à¤• हमारे गाà¤à¤µ के सजà¥à¤œà¤¨ के साथ मैं पहली बार शà¥à¤°à¥€ जटेशà¥à¤µà¤° महादेव जी के दरà¥à¤¶à¤¨ करने जाता हूà¤. शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मॉस में देश विदेश से लोग शà¥à¤°à¥€ जटेशà¥à¤µà¤° महादेव जी के मंदिर आते हैं. और आखरी दिन बहà¥à¤¤ बड़े à¤à¤‚डारे का अजोजन होता है. मैं तो बहीं का हो कर रह जाता हूà¤. à¤à¤• सजà¥à¤œà¤¨ बताते हैं कि इस मंदिर में à¤à¤• सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ बलाचोर से जो कि ठीक मंदिर के पीछे घने जंगल को पार कर शà¥à¤°à¥€ जटेशà¥à¤µà¤° महादेव जी के मंदिर में पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ करने पैदल आती थी. à¤à¤—वान ने खà¥à¤¶ हो कर उसको पà¥à¤¤à¥à¤° दिया. जिसका उसको वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से इंतजार था. à¤à¤• तो मनमोहक जगह दà¥à¤¸à¤°à¥‡ à¤à¥‹à¤²à¥‡ शंकर. मेरा तो नियम ही बन गया जब à¤à¥€ टाइम मिले मंदिर पहà¥à¤à¤š जाता था. आस पास के लोगों को à¤à¥€ पता था कि अगर घर पर नहीं है तो बहीं होगा. पाठकगण शà¥à¤°à¥€ जटेशà¥à¤µà¤° महादेव जी का मंदिर हमारे गाà¤à¤µ से ६ किमी क़ी दूरी पर है और चढ़ाई का रासà¥à¤¤à¤¾ है.
कà¤à¥€ पैदल,  या साइकल है तो à¤à¤• सवारी के साथ. वह मेरी जिंदगी का सब से सà¥à¤¨à¤¹à¤°à¤¾ समय था. कà¤à¥€ इगà¥à¤œà¤¾à¤® हो तो à¤à¥‹à¤²à¥‡ शंकर से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ …. अब शिव साथ हैं तो पास तो हो ही जाना था. पढ़ाई ख़तà¥à¤® होने के बाद तो नियम ही बन गया. वहां पर खूब अचà¥à¤›à¥‡ से सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने के बाद à¤à¤• बालà¥à¤Ÿà¥€ राख से चमकानी. कोई à¤à¥€ कोना à¤à¤¸à¤¾ नहीं जो साफ ना हो. बालà¥à¤Ÿà¥€ à¤à¤° कर à¤à¥‹à¤²à¥‡ शंकर क़ी पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ और à¤à¤• ही पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾… नौकरी. यह नियम कई साल चला. à¤à¥‹à¤²à¥‡ बाबा को तो सब पता है के किसी को कà¥à¤¯à¤¾ जरूरत है. पर हम लोगों का हठ. अब à¤à¥‹à¤²à¥‡ बाबा हमारे हम à¤à¥‹à¤²à¥‡ के, मेरे को १९८५ में सरकारी नौकरी के २ अपोइनà¥à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट लैटर à¤à¤• महीने के अनà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤² पर मिलते हैं. खेर à¤à¤• जगह नौकरी जà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤¨ कर ली. अब à¤à¥‹à¤²à¥‡ बाबा के दरà¥à¤¶à¤¨ मà¥à¤¸à¥à¤•िल हो गà¤. कहाठतो रोज अब लाख यतन से à¤à¥€… जब कà¤à¥€ सावन का महीना आता है तो आà¤à¤–ों से अशà¥à¤°à¥ धारा अपने आप बह निकलती है तब लगता है के कà¥à¤› गलत मांग लिया. मैं à¤à¤• बार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤•ाधीष के मंदिर में गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ में था. à¤à¤• पंडित जी आते हैं कहते हैं पूजा करवा देते हैं मनोकामना पूरà¥à¤£ हो जाà¤à¤—ी. मैं १० रूपये देकर उनको हाथ जोड़ देता हूà¤, महाराज हम तो à¤à¤• बार मनोकामना पूरà¥à¤£ होने से घाटे में है.
यह हमारा घर है, और अब यह परिवार घर में निवास कर रहा है. यह फोटो मैंने उनकी अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ के बाद शूट क़ी थी
यह मंदिर का मà¥à¤–à¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤° है. शीश निवाने के बाद अंदर पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करता हूठ. ठीक सामने पंडित जी मिलते हैं, अरे जूते समेत किधर जा रहा है. जब में आठसाल पहले आया था तो पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण में जूते उतारने क़ी वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ थी. मेन मंदिर तो थोडा आगे है पहले यह रासà¥à¤¤à¤¾ हà¥à¤† करता था. अचà¥à¤›à¤¾ लगा अब पवितà¥à¤°à¤¤à¤¾ पहले से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ है. पर मेरे जैसे कितने सारे आते होंगे और पंडित जी कितने लोगों को यह कहते होंगे जूते समेत…..
वाह कà¥à¤¯à¤¾ खूबसूरत मंदिर और बोरà¥à¤¡. पर यह रोकà¥à¤•ी सलून वाले तो अपना पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° कर रहें हैं. फ़ोन नंबर हैं हो सकता है मंदिर के बारे में à¤à¥€ कà¥à¤› जानकारी दे दें.
मंदिर में गà¥à¤®à¥à¤¬à¤¦ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हो रहा है. यहाठà¤à¤¡à¤®à¤‚टन में à¤à¥€ हमारे मंदिर में गà¥à¤®à¥à¤¬à¤¦ लगने वाले हैं. à¤à¤• बहà¥à¤¤ बड़े महापà¥à¤°à¥à¤· आये तो मंदिर देख कर बोले गà¥à¤®à¥à¤¬à¤¦ कहाठहै, वोह जब à¤à¥€ जहाठà¤à¥€ मंदिर का गà¥à¤®à¥à¤¬à¤¦ देखते हैं, बस, कार में से पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® करते हैं, अब यहाठकैनेडा में पता चला à¤à¤• करोड़ का खरà¥à¤š है अà¤à¥€ अगले साल तक गà¥à¤®à¥à¤¬à¤¦ बनने क़ी संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है. हम धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ को देख कर खà¥à¤¶ हो जाते हैं पर धनà¥à¤¯ हैं वोह लोग जो सेवा संà¤à¤¾à¤² करते हैं. आप à¤à¥‹à¤²à¥‡ शंकर के नंदी बैल के दरà¥à¤¶à¤¨ कर सकते हैं.
à¤à¥‹à¤²à¥‡ शंकर का पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक शिवलिंग. जो महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ काल का है. बताते है à¤à¤• à¤à¤•à¥à¤¤ को à¤à¤—वान शिव ने सà¥à¤µà¤ªà¤¨ में या…. . और उस ने उस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर à¤à¥‹à¤²à¥‡ शंकर का शिवलिंग जमीन खोद कर सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर दिया और पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ करने लगा. लोग à¤à¥€ पूजा के लिठआने लगे. à¤à¤• दिन उस के मन में खà¥à¤¯à¤¾à¤² आया कि शिवलिंग कि सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ अपने गांव तखà¥à¤¤à¤—ढ़ में कर लेते हैं, और उसने खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ शà¥à¤°à¥ कर दी. अब जैसे वह खोदे शिवलिंग बाहर आने कि बजाये जमीन के अंदर जाना शà¥à¤°à¥‚ हो गया अब उसे अपनी à¤à¥‚ल का पता चला तो उसने कà¥à¤·à¤®à¤¾ याचना क़ी . पर अà¤à¥€ à¤à¥‹à¤²à¥‡ शंकर के दरà¥à¤¶à¤¨ उतने ही होते हैं जहाठउसने खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ बंद क़ी थी. खूबसूरत मारà¥à¤¬à¤² का शिव परिवार. इस से पहले का शिव परिवार à¤à¥€ मैंने देखा है. बाद में यह मारà¥à¤¬à¤² का परिवार विधि विधान से सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया गया.
- Â
बलà¥à¤† पतà¥à¤¥à¤° के अवशेष चार नकà¥à¤•ाशीदार सà¥à¤¤à¤‚ठइस साइट पर à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ मंदिर के बारे में पà¥à¤–à¥à¤¤à¤¾ परमाण है. यह आप मंदिर में देख सकते है. जन à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ क़ी मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ को देखते हà¥à¤ नठमंदिर का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ मंदिर क़ी दीवारों के उपर ही किया गया है. नकà¥à¤•ाशीदार सà¥à¤¤à¤‚ठऔर à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मूरà¥à¤¤à¤¿ मंदिर के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के दोरान पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ˆ पर कोई खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ का काम नहीं किया गया. हो सकता है नीचे और à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ मंदिर के अवशेष हों.

बलà¥à¤† पतà¥à¤¥à¤° के अवशेष चार नकà¥à¤•ाशीदार सà¥à¤¤à¤‚à¤
मंदिर में शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास में बहà¥à¤¤ à¤à¥€à¤¡à¤¼ होती है. à¤à¤• सेवा निवृत कैपà¥à¤Ÿà¥‡à¤¨ साहिब ने लोगों क़ी सहूलत के लिठकमरे बनवाने का काम शà¥à¤°à¥‚ किया . कैपà¥à¤Ÿà¥‡à¤¨ साहिब तो अब नहीं हैं पर उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤† काम पूरा हो चà¥à¤•ा है. अà¤à¥€ बहां खूबसूरत राम मंदिर à¤à¥€ बन गया है . शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास में à¤à¤‚डारा हर समय चलता है. और हर सहूलत फà¥à¤°à¥€ है

रामजी, सीताजी, हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€, दà¥à¤°à¥à¤—ामाताजी, शिवजी
मैं आप सà¤à¥€ का बहà¥à¤¤ धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦à¥€ हूठआप ने इसे पढ़ा. पर बहà¥à¤¤ से पाठक यातà¥à¤°à¤¾ में रेसोरà¥à¤Ÿ आदी क़ी सà¥à¤– सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ वाले होंगे उनकी जानकारी के लिठमें बता रहा हूठ. किकà¥à¤•र लोज जहाठपास ही है . मैंने सिरà¥à¤« नेट में देखा है . à¤à¥‹à¤²à¥‡ बाबा के पास तो सब फà¥à¤°à¥€ होता है पर रेसोरà¥à¤Ÿ का आप वेबसाइट से देख सकते हैं, अपने नंदन जी किकà¥à¤•र लोज में रह चà¥à¤•े हैं . सरà¥à¤µà¤¿à¤¸ के बारे में नंदन जी का बà¥à¤²à¥‰à¤— चेक कर सकते हैं. आप को वेब अडà¥à¤°à¥‡à¤¸ à¤à¥€ दे रहा हूठ, रासà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ अचà¥à¤›à¥‡ से बताया गया है , अगर अचà¥à¤›à¤¾ लगे तो बताना वेब à¤à¤¡à¥à¤°à¥‡à¤¸ है:
https://www.ghumakkar.com/2007/06/06/kikar-lodge-a-good-break-from-city
à¤à¥‹à¤²à¥‡ शंकर क़ी जय

















सुरिंदर जी ,
जटेश्वर महादेव के दर्शन के बारे में लिखने के लिए और दर्शन कराने के लिए धन्यवाद. मंदिर के गर्बग्रिह में नकाशी काफी अच्छी लग रही है. विवरण ख़ूबसूरत है लेकिन थोड़े फोटो धुंदले है . लेकिन एक अच्छी पोस्ट है. ऐसे ही लिखते रहिये और घुमते रहो.
धन्यवाद विशाल आप का प्रोत्साहन मिलता रहा तो आगे भी कोशिस जारी रहेगी.
very detailed and informative post about shri jateshwar mahadev.
thanx
Thanks a lot for appriciation.
nice post , good photos.
thanx
Thanks a lot Lakshay.
कभी मौक़ा लगा तो जरुर जाउंगा, लेकिन कब तक? यह कहना मुश्किल है
संदीप आप का बहुत बहुत धन्यवाद
शुक्रिया सुरिंदर, श्री जटेश्वर महादेव और श्रीराम मंदिरों का दर्शन के लिए.
शुक्रिये आपका गाँव और आपके घर से परिचय करवाने के लिए.
शुकर है ऊपरवाले कि अब तक रोपड़ का बस स्टैंड का नाम नया बस स्टैंड ही रहा; अगर यह बस स्टैंड मेरे राष्ट्र में होता तो हरगिज़ इंदिरा गांधी या उनके परिवार के कोई सदस्य के सम्मान में उसका नामकरण कब का हुआ होता.
Thanks DL for liking post
शर्मा जी जतेश्वर महादेव के दर्शन कराने के लिए धन्यवाद. हर हर महादेव
बहुत बहुत धन्यवाद, हर हर महादेव
शुरिंदर जी…
श्री जटेश्वर महादेव जी और श्री राम जी के दर्शन कराने और मंदिर के बारे में जानकारी देने के लिए आपका आभार |
अब आप हमें अपने अगले लेख से जल्दी ही श्री माता नैना देवी शक्तिपीठ और बाबा बालक नाथ जी के दर्शन भी करा दो |
आपका लेख अच्छा लगा पर कही-कही आपकी अपनी नई और पुरानी बातो में मिश्रित हो गया और लेख अपने यात्रा वृतांत से भटक भी गया था | खैर आपने अच्छी कोशिश की और मंदिर के बारे जानकारी हमारे सामने प्रस्तुत की उसके लिए धन्यवाद……
रितेश जी बहुत बहुत धन्यवाद, पहली पोस्ट होने से कुछ कमी रह गई, हो सकता है अभ्यास से ठीक हो जाए
धन्यवाद शर्मा जी, जटेश्वर महादेव के बारे में ये घुमक्कड़ पर पहली पोस्ट है और हम लोग इस तरह के पोस्ट को FOG (First on Ghumakkar) कहते हैं तो उसके लिए बधाई | रोपड़ और रूपनगर में हम भी चक्कर खा गए थे जब करीब १० साल पहले मैं और धरमपत्नी इस क्षेत्र में सफ़र कर रहे थे, वो तो गनीमत थी की मेरी पत्नी गुरुमुखी पढ़ लेती हैं नहीं तो हम इसी उधेरबुन में थे की आखिर रूपनगर कहाँ से आ गया |
बैन्फ़ के इंतज़ार में |
नंदन जी बहुत बहुत धन्यवाद
Surinder ji,
It was nice to read such informative post. I couldn’t control my feeling while reding that you have asked a blessing for job but now want to be always near to lord Shiva.
Mayank ji,
Really feel great , I just wrote from my heart what I feel. Thanks
Surinderji, tks for sharing this.
– is it on same road which goes from Ropar to Nawanshahir ?
– what is the historical/religious significance of this temple
– Can we visit this temple en-route jwalaji, without extra mileage
photos were very dim in this post did you take them with your mobile ?
Dear SS,
Only few KMS on Ropar Nawanshahr road after crossing Satluj river just take right turn on Roper Nurpur Bedi Road. If driver Knows route then not extra kms for temple en-route jwalaji. Just confirm from Driver if he familier with Roper Nurpur Bedi road and then from Soo Khud or Bains or Nurpurbedi he has to turn towards Village Jatwahar , where this temple situated.
Thanks and regards
हम सबको भी अपने बचपन की यादे ताजा हो गयी । कैसे कैसे काम करते हैं पर अपने बचपन की शरारतो और कामो की याद छूटती नही है ।
जटेश्वर महादेव की जय । पहली बार सुना देखा बढिया लगा
धन्यवाद
Thanks Manu ji
सुरिंदर जी कृपया बताएं यदि बाबा बालक नाथ जी के दर्शन को जाना हो तो पहले नैन देवी जाना सही रहेगा अगर कोई छोटा रास्ता हो तो कृपया मार्ग दर्शन करें दिल्ली सर उन तक टिकट बुक हैं व टाइम भी मात्र दो दिन है
From Delhi Himachal Express depart in night and Jan Shatabdi depart after noon from New Delhi. If you like to travel by bus then drop at Kiratpur Sahib otherwise Anandpur Sahib is better. Mata Naina Devi can be visit in half day then you can proceed to Baba Balak Nath. Two days are enough to visit both temples. From Mata Naina Devi you can go to Nangal Dam or Direct to Baba Balak Nath temple. You can also see Bhakra Dam from Mata Naina Devi to Nangal. Buses going to Dharmshala can drop at Badsar or Saloni and then Baba Balak Nath temple near by. Other option is drop at Anandpur Sahib and hire a Taxi, it will cost around Rs. 3000 for two days and can bring you back at Anandpur Sahib after visit Mata Naina Devi and Baba Balak Nath ji. Jan Shatabdi start from Anandpur Sahib in morning around 7am and reservation easily available and 2nd sitting fare is Rs.180. Otherwise book tickets in Himachal Express, it start from Una Himachal in night 8.45pm and early reservation is recommended. Otherwise buses easily available on this route. Feel free to ask any further question if you have.