सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® सà¤à¥€ घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ साथियों को मेरी और से दीपावली की हारà¥à¤¦à¤¿à¤• शà¥à¤à¤•ामनायें। हिंदी में यातà¥à¤°à¤¾ वृतà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥à¤¤ लिखने का ये मेरा पà¥à¤°à¤¥à¤® पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ है, आशा है की मेरे इस पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ को आप सà¤à¥€ पाठकों की और से पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¨ तथा मारà¥à¤— दरà¥à¤¶à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होगा। तो चलिठइस बार आप लोगों को रूबरू कराता हà¥à¤‚ à¤à¤• बहà¥à¤¤ ही पावन तथा रमणीय सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ शेगांव से जो की संत शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के रूप में à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤° में पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है।
पिछले वरà¥à¤· अकà¥à¤Ÿà¥à¤¬à¤° में शà¥à¤°à¥€à¤¸à¥ˆà¤²à¤® जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग तथा तिरà¥à¤ªà¤¤à¤¿ बालाजी की यादगार यातà¥à¤°à¤¾ के बाद बहà¥à¤¤ समय से किसी यातà¥à¤°à¤¾ का योग नहीं बना था, इधर à¤à¤• लमà¥à¤¬à¥‡ अरसे महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के विदरà¥à¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ संत शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज के पवितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ शेगांव के बारे में सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ चले आ रहे थे और पिछले à¤à¤• वरà¥à¤· से वहां जाने का मन बन रहा था, अंततः अपनी इस इचà¥à¤›à¤¾ को मूरà¥à¤¤ रूप देने के पà¥à¤°à¤¥à¤® पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ के रूप में मैंने अपने परिवार के साथ शेगांव जाने के लिठअपने करीबी शहर महू से अकोला के लिठदिनांक 21 अकà¥à¤Ÿà¥à¤¬à¤° का रेलवे का रिजरà¥à¤µà¥‡à¤¶à¤¨ करवा लिया।
अकोला से शेगांव की दà¥à¤°à¥€ करीब 55 किलोमीटर है जो की बस दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤• से सवा घंटे में आसानी से तय की जा सकती है। खैर, नियत तारीख को हम (मैं, पतà¥à¤¨à¥€ कविता, बेटी संसà¥à¤•ृति तथा बेटा वेदांत) शाम 6 बजे अपनी शेवरोले सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥à¤• कार से महू के लिठनिकल पड़े, महू पहà¥à¤‚चकर रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के सामने ही à¤à¤• सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ जगह पर कार पारà¥à¤• करके टà¥à¤°à¥‡à¤¨ में सवार हो गà¤à¥¤ टà¥à¤°à¥‡à¤¨ में हमें अपने सहयातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से पता चला की अकोला से पहले आकोट सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर उतर कर वहां से बस दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शेगांव जाने पर हम लगà¤à¤— 2 घंटे समय की बचत कर सकते हैं अतः हम सà¥à¤¬à¤¹ 6:30 बजे आकोट रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर उतर गठतथा वहां से महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° राजà¥à¤¯ परिवहन की बस में सवार होकर शेगांव के लिठनिकल पड़े।
सà¥à¤¬à¤¹ सà¥à¤¬à¤¹ का यह अनजानी राहों का सà¥à¤¹à¤¾à¤¨à¤¾ सफ़र जो हमें शीत ऋतू के आगमन की मीठी सी अनà¥à¤à¥‚ति दे रहा था, बड़ा ही रोचक लग रहा था। सड़क के दोनों और दूर दूर तक फैले सूरà¥à¤¯à¤®à¥à¤–ी के मनोहारी खेत बड़ा ही मन à¤à¤¾à¤µà¤¨ दृषà¥à¤¯ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कर रहे थे à¤à¤¸à¤¾ लग रहा था मानो वे हमें पास आने के लिठआमंतà¥à¤°à¤£ दे रहे हों।
बस के इस सफ़र को तय कर के हम करीब 8:30 बजे शेगांव पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤
शेगांव:à¤à¤• परिचय
शेगांव महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° राजà¥à¤¯ के विदरà¥à¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के अंतरà¥à¤—त बà¥à¤²à¤¢à¤¾à¤¨à¤¾ जिले में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤• क़सà¥à¤¬à¤¾ है। यहाठकी जनसà¤à¤–à¥à¤¯à¤¾ लगà¤à¤— साठहज़ार है। यहाठके करीबी हवाई अडà¥à¤¡à¥‡ नागपà¥à¤°, अकोला तथा औरंगाबाद हैं। शेगांव पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के लिठसबसे सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤œà¤¨à¤• माधà¥à¤¯à¤® टà¥à¤°à¥‡à¤¨ ही है, यह सेनà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤² रेलवे के मà¥à¤‚बई – à¤à¥à¤¸à¤¾à¤µà¤² – नागपà¥à¤° रूट पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤• रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ है। महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– शहरों जैसे मà¥à¤‚बई, नागपà¥à¤° अकोला, à¤à¤‚डारा, नांदेड, अमरावती, चंदà¥à¤°à¤ªà¥à¤°, वरà¥à¤§à¤¾, यवतमाल, à¤à¥à¤¸à¤¾à¤µà¤² अदि से बस सेवाà¤à¤ à¤à¥€ उपलबà¥à¤§ हैं।
यह क़सà¥à¤¬à¤¾ मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ मंदिर के लिठसंपूरà¥à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ वरà¥à¤· विशेषकर महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° तथा करीबी राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ जैसे मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤, आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ आदि में पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है तथा दिन ब दिन आसà¥à¤¥à¤¾ के केंदà¥à¤° के रूप में अपनी आà¤à¤¾ फैला रहा है। यहाठऔसतन 35000 तीरà¥à¤¥ यातà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठआते हैं।
शेगांव बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड से शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के लिठसंसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संचालित निशà¥à¤²à¥à¤• बसें तथा अनà¥à¤¯ साधन जैसे ऑटो रिकà¥à¤¶à¤¾, तांगा तथा साईकिल रिकà¥à¤¶à¤¾ चौबीस घंटे उपलबà¥à¤§ रहते हैं। यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ शेगांव में ठहरने के लिठसà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤œà¤¨à¤• तथा किफायती होटल à¤à¤µà¤‚ धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾à¤à¤‚ बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में उपलबà¥à¤§ हैं तथापि संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संचालित सरà¥à¤µ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ à¤à¤•à¥à¤¤ निवास (à¤à¤•à¥à¤¤ निवास कà¥à¤°à¤®à¤¾à¤‚क 1 से लेकर 6 तक) यहाठठहरने का सबसे उतà¥à¤¤à¤® विकलà¥à¤ª है, ये à¤à¤•à¥à¤¤ निवास मà¥à¤–à¥à¤¯ मंदिर से कà¥à¤› कदमों की ही दà¥à¤°à¥€ पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं। उचà¥à¤š कोटि की सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾, तथा अतà¥à¤¯à¤‚त किफायती दरें इन à¤à¤•à¥à¤¤ निवासों की मà¥à¤–à¥à¤¯ विशेषता है (हर à¤à¤•à¥à¤¤ निवास में सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं के आधार पर दरें अलग अलग हैं)।
खाने के लिठसंसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के à¤à¤•à¥à¤¤ निवास परिसर में ही संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संचालित à¤à¥‹à¤œà¤¨à¤¾à¤²à¤¯ हैं जहाठ20 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ तथा 40 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ थाली की दर से सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ à¤à¥‹à¤œà¤¨ उपलबà¥à¤§ है। मंदिर परिसर में महा पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦à¥€ के रूप में निःशà¥à¤²à¥à¤• à¤à¥‹à¤œà¤¨ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ 11 बजे से 1 बजे के बीच में है। वैसे संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के बाहर बाज़ार में à¤à¥€ कà¥à¤› निजी होटलà¥à¤¸ हैं जहाठअचà¥à¤›à¤¾ à¤à¥‹à¤œà¤¨ मिलता है।

शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯

संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संचालित निःशà¥à¤²à¥à¤• बस के लिठयातà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾à¤²à¤¯

संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संचालित निःशà¥à¤²à¥à¤• बस सेवा
शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ : à¤à¤• परिचय
शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ महाराज के समाधी लेने के दो वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ सन 1908 में हà¥à¤ˆ थी। संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध 12 टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 2000 करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ तथा 5000 सà¥à¤µà¤¯à¤‚ सेवियों के सहयोग से किया जाता है। इस संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ को अपने उतà¥à¤•ृषà¥à¤Ÿ पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन के लिठदेश के कà¥à¤› चà¥à¤¨à¤¿à¤¨à¥à¤¦à¤¾ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में गिना जाता है।
संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ फ़िलहाल 40 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ लोकोपयोगी संसà¥à¤¥à¤¾à¤à¤‚ संचालित करता है जिनमें शिकà¥à¤·à¤£, सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯,सामाजिक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£, परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£, सांसà¥à¤•ृतिक तथा अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• संसà¥à¤¥à¤¾à¤à¤‚ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– हैं। संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· 3 उतà¥à¤¸à¤µà¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤®à¥à¤–ता से मनाता है- महाराज का पà¥à¤°à¤—ट दिवस, महाराज की पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ तथा रामनवमी। इन उतà¥à¤¸à¤µà¥‹à¤‚ में लाखों की संखà¥à¤¯à¤¾ में à¤à¤•à¥à¤¤ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ होते हैं। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· करीब à¤à¤• करोड़ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ यहाठमंदिर के दरà¥à¤¶à¤¨ करने के लिठआते हैं।
ये तो था शेगांव तथा शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का à¤à¤• संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ परिचय।
अब मैं आपको वापस ले चलता हूठमेरे यातà¥à¤°à¤¾ अनà¥à¤à¤µ की ओर – शेगांव बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड पर उतर कर हमने 5 रà¥. पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सवारी के हिसाब से à¤à¤• साईकिल रिकà¥à¤¶à¤¾ तय किया तथा 10 मिनट में शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पहà¥à¤à¤š गà¤, अब मेरी पहली पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•ता थी à¤à¤•à¥à¤¤ निवास में ठहरने के लिठà¤à¤• कमरा लेना अतः संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के ऑफिस से हमने 175 रà¥. पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ की दर पर à¤à¤•à¥à¤¤ निवास नंबर 4 में अटेचà¥à¤¡ लेट बाथ वाला à¤à¤• कमरा बà¥à¤• करवाया. कमरा काफी अचà¥à¤›à¤¾ तथा सà¥à¤•à¥à¤¨à¤¦à¤¾à¤¯à¤• था, किसी à¤à¥€ कोने में नज़र दौडाओ हर तरफ साफ़ सà¥à¤µà¤šà¥à¤› चमचमाती फरà¥à¤¶à¥‡à¤‚, à¤à¤¸à¤¾ लगता है जैसे साफ़ सफाई का यहाठके लोगों को जूनून है।
कà¥à¤› देर कमरे में आराम फरमाने तथा सफ़र की थकान को मिटाने का असफल पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करने के बाद हम बारी बारी से नहा धो कर कपडे वगैरह बदलकर मंदिर जाने के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ परिसर में आ गà¤, यहाठसे मà¥à¤–à¥à¤¯ मंदिर कà¥à¤› क़दमों की दà¥à¤°à¥€ पर ही है अतः हम पैदल ही मंदिर की ओर चल दिà¤à¥¤
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यातà¥à¤°à¤¾ के इस à¤à¤¾à¤— को अब मैं यहीं विराम देता हूठतथा जलà¥à¤¦ ही उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ होऊंगा इस कड़ी के à¤à¤¾à¤— 2 के साथ जिसमें आपको परिचय करवाऊंगा महान संत शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज से तथा उनके समाधी सà¥à¤¥à¤² यानि शेगांव के मà¥à¤–à¥à¤¯ मंदिर से।
मुकेश भाई हिन्दी में भी छा गये हो, शेगाँव के गजानन बाबा भी किसी मामले में शिर्डी के साई बाबा से कम नहीं है, सुविधा के मामले में तो यहाँ बेहतर स्थिति है। वैसे मैं यहाँ चार साल पहले गया था दिसम्बर के महीने में हम नान्देड के तालुका बसमत के पास कुरुन्दा गाँव से सूमो में यहाँ तक होकर आये थे। ये तब की बात जब अकोला से बसमत होकर जाने वाली छोटी रेलवे लाईन उखाडी जा रही थी अब तो वो भी साल भर पहले शुरु हो चुकी है। वैसे आप तो छोटी लाईन से गये थे जो कि भारत की सबसे लम्बी रेलवे लाईन छोटी वाली हुआ करती थी, जो अजमेर से नान्देड तक थी। अब तो अकोला से रतलाम तक ही बची होगी।
Very well written post.. Awaiting more & my turn to visit this holy place though I visited it with my parents when I was 8 year old.
sandeep jee
Kaunsi paavan jagah hai Bharat varsha mein Jahaa pe aapke kadam nahin pade???????
aap to sab jagah par pahuch gaye ho…………..
post mukesh jee kaa hai lekin comment aapko kar rahaa hoon ,,,,,,,,,,,,,,,,,,
Salaam………………………..
I never heard this name (Sant Gajanan Maharaj – Shegaonj-) before going through your post, Thanks for sharing unexplored place with us.
Looking forward to see your next post.
शुक्रिया इस जानकारी के लिए इस जगह के बारे में पहली बार सुना…
Hi Mukesh
first of all i would like to congratulate on your first post in Hindi……………………..
it is very well written, i mean the use of pure hindi and most important thing for me is that it is precise……..
pictures are good and the place is as usual as the other ashrams of gajanand maharaj like omkareshwar and trimbakeshwar………………………..
waiting for next………………………….
keep travelling and posting…………………………..
@ संदीप जी ,
इतने ख़ूबसूरत लफ़्ज़ों के साथ हौसला अफजाई करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ. आपने बिलकुल सही कहा है सुविधाओं, स्वच्छता तथा व्यव्हार कुशलता के मामले में शेगांव संस्थान, शिर्डी से कई गुना आगे है.
जैसे विशाल जी ने सोचा, मेरे दिमाग में भी आपकी प्रतिक्रिया पढने के बाद यही बात आई की इस बन्दे ने आखिर हिन्दुस्तान का कौन सा कोना छोड़ा है ?
@ GSK,
Thank you very much for appreciation in so sweet words. May lord call you there very soon.
Thanks.
@ Mahesh Semwal Ji,
Thanks for your lovely comments.
Yes Shegaon is still unexplored by many people, but I assure you if you visit there you’ll definitely like the place. Management of the trust deserves appreciation, The services are excellent. Moreover the Garden Anand Sagar associated with sansthan is worth seeing, Its one of the best gardens in India, I will cover this garden in my subsequent part of this story.
Thanks.
@ मनीष कुमार जी,
शायद आप नहीं जानते की मैं आपका और आपके लेखन का बहुत बड़ा फेन हूँ. आपके ब्लॉग और घुमक्कड़ पर आपकी हर नई पोस्ट का इंतज़ार रहता है. इस नाचीज़ ने थोडा बहुत जो भी लिखा है बस आप ही से सीखा है.
धन्यवाद.
@ vishal,
Thank you very much for your sweet comments. Yes the facilities are almost same in all the sansthans, but being the main and headquarter its bit better than others e.g. in Triyambakeshwar, Omkareshwar and Pandharpur.
मुकेश जी, बडा आनन्द आया इस धार्मिक स्थल के विषय में जान कर। आपकी हिन्दी में पहली पोस्ट बहुत रोचक है। काश हम लोग अपने सारे धार्मिक स्थलों को इतना स्वच्छ रख पाते। वाकई सन्त श्री गजानन महाराज की सन्सथान के सन्चालकों का कार्य सराहनीय है।
विभा जी,
आपको पोस्ट पसंद आई जानकर असीम प्रसन्नता हुई. आपके प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. आपने बिलकुल सही कहा हमें अपने धार्मिक स्थलों की स्वच्छता का पूरा ख्याल रखना चाहिए.
very nice story…..& picture too…
Ritesh,
Thanks you very much for liking the post and commenting in so sweet words.
Thanks.
मुकेश जी,
आपका पोस्ट पढ़कर काफी आनंद आया. मात्रभाषा में लिखने का आपका प्रयास पूरी तरह सफल ही नहीं बल्कि सराहनीय भी है.
शेगांव के बारे में मुझे पहले कोई जानकारी नहीं थी. इस जानकारी के लिए असंख्य धन्यवाद्.
धार्मिक स्थल में स्वछन्न परिवेश जगह की गरिमा और पवित्रता को वाकई बढ़ा देता है.
अगले भाग के इंतजार में,
Auro.
Bhalse Sir,
Really great style of writing a travelogue especially depicting it with beautiful pics. Most probably i will need your help as iam also planning to have darshan of great almigthy Lord Shiva(Ujjain, Omkareshwar) in coming feb 2012.
Cheers,
`Rohit
नमस्कार मुकेश जी | गत एक दो सप्ताह से आप घुमक्कर पर नहीं दिख रहे थे , शायद आप इस पवन यात्रा की योजना आयोजन में व्यस्त होंगे |
सबसे पहले तो हिंदी में आपका पहला लेख, सौ बटा सौ अंक पाता है , वाकई बहुत ही अच्छा लिखा है आपने, कुछ शब्द तो ऐसे है तो काफी दिनों के बाद पढने को मिले, जैसे की …… “अपनी इस इच्छा को मूर्त रूप देने के प्रथम प्रयास ..”. उम्दा.
अब आगे बढतें हैं, शेगांव के बारे में | मुझे इस जगह के बारे में कोई जानकारी नहीं थी तो औरोजित के साथ मेरा भी असंख्य धन्वाद ग्रहण करें | इस अध्याय में आपने ज्यादा कुछ नहीं बताया तो दूसरा भाग पढने की उत्कट इच्छा है |
@ औरोजित जी,
सबसे पहले तो मेरी पोस्ट को पढने, पसंद करने तथा सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. दूसरी बात यह है की आपके कमेंट्स पढ़े और महसूस किया की आप की भी हिंदी पर बहुत अच्छी पकड़ है. आप भी एक बार हिंदी में पोस्ट लिखिए, हमें बड़ा अच्छा लगेगा.
धन्यवाद.
Rohit,
Thanks a lot for liking the post and appreciation. Secondly I will be very glad if I could help you of any kind in your smooth and comfortable visit to the home of Mahakaal (lord Shiva). Please feel free to contact me in the regard.
Following is the contact information:
mail id : mukeshbhalse74@yahoo.co.in
Cell : 9977316474
नंदन जी ,
आपकी ओर से १०० में से १०० अंक मिल गए मेरे लिए सुबह सुबह इससे बढ़कर और क्या ख़ुशी हो सकती है. वैसे एक बात मैं आपको बताना चाहता हूँ की हिंदी में लिखने का प्रयास मैंने आपकी ओर से प्रोत्साहन मिलने तथा आपकी सलाह पर ही किया. आपने ही मेरे हिंदी के कमेंट्स पढ़कर मुझे प्रेरित किया की मैं अगली पोस्ट हिंदी में ही लिखूं.
रही बात मेरे घुमक्कड़ पर उपस्थित न होने की तो उसका कारण था की पिछले दिनों करीब 25 दिन तक मैं वाइरल बुखार तथा Typhoid की चपेट में था तथा करीब 10 दिन इंदौर में हॉस्पिटल में भरती था, वरना घुमक्कड़ से दुर रहना अब असंभव है. घुमक्कड़ अब हमारे पुरे परिवार की आदत बन चूका है.
Dear Mukesh – I hope you are doing better now. Wishing you good health.
First time he has written in hindi. And that with a bang.
My choice for Ghumakkar of the Year……………………………………………….
मुझे ऐसा लग रहा है कि आपके पोस्ट की तारीफ करने के लिए शब्दों की कमी पड़ रही है . ऐसा लग ही नहीं रहा है कि ये आपकी पहली हिन्दी पोस्ट है , शायद ही इसमें किसी प्रकार की गलती हो .
भाषा मन के साथ प्रवाहमय है , पोस्ट पढते – पढते ऐसा लग रहा था जैसे हम भी आपके साथ ही इस दर्शनीय स्थल को देखने का लाभ ले रहे हों . आप के इन पोस्टो के माध्यम से मै भौतिक रूप से ना सही, पर अंतरमन से भारत के इतने अच्छे दर्शनीय स्थल को देखने का मौक़ा मिल ही जाता है .
बहोत ही सुन्दर एवं पठनीय पोस्ट .
शुभकामनाओं सहित धन्यवाद
आशीष मिश्रा
See some more pics, along with the information on Shegaon here http://www.parkhi.net/2012/01/shegaon-gajanan-maharaj-anand-sagar.html
dear mukesh thanks a lot for this darshan