बचपन में à¤à¥‚गोल विषय में जब नक़à¥à¤¶à¥‡ में रण ऑफ़ कचà¥à¤› देखते थे तो समठनही आता था यहाठकà¥à¤¯à¤¾ है.उस समय परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤ नही थी तो आम जनमानस à¤à¥€ कचà¥à¤› की यातà¥à¤°à¤¾ नही कर पाते थे.अतः तब अधिक जानकारी à¤à¥€ उपलबà¥à¤§ नही थी..समय गà¥à¤œà¤°à¤¾ और परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ में रूचि जागृत हà¥à¤ˆ तब कचà¥à¤› à¤à¥€ विश लिसà¥à¤Ÿ में आ गया.पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•ता तब à¤à¥€ जाने माने परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° ही रहे.फिर महानायक के विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ आने शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤
“कचà¥à¤› नही देखा तो कà¥à¤› नही देखा”
तब पà¥à¤¨à¤ƒ बचपन की à¤à¥‚गोल की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• याद आ गयी.और इस बार पà¥à¤²à¤¾à¤¨ बन ही गया.
गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ टूरिजà¥à¤® दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित रणोतà¥à¤¸à¤µ अपनी आवशà¥à¤¯à¤•ताओ के अनà¥à¤°à¥‚प नही था (उसमे मांडवी, नारायण सरोवर आदि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° शामिल नही थे)अतः सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° योजना बनायीं. à¤à¥à¤œ तक सीधी टà¥à¤°à¥‡à¤¨ हमारी तारीख पर नही थी अतः à¤à¤• दिन बड़ोदा रà¥à¤• कर वह से सयाजीनगरी à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ ले कर सà¥à¤¬à¤¹ 7 बजे à¤à¥à¤œ पहà¥à¤šà¥‡.
कचà¥à¤› का पहला दिन
काला डोंगर (Black Hill) व सफ़ेद रण
सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ से सीधे हमारे होटल सहारा पैलेस पहà¥à¤šà¥‡.साफ़ सà¥à¤¥à¤°à¤¾ होटल, विनमà¥à¤° सà¥à¤Ÿà¤¾à¤«,और 2 बालकनी वाला हमारा रूम अगले 4 दिन हमारा निवास था। नाशà¥à¤¤à¤¾ आदि निपटा के रिसेपà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ से टैकà¥à¤¸à¥€ बà¥à¤• करने को कहा,टैकà¥à¤¸à¥€ डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤µà¤° सलीम ने सà¥à¤à¤¾à¤µ दिया की सफ़ेद रण दोपहर 3 बजे चलना उचित है ताकि सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ के समय और उसके उपरानà¥à¤¤ रात में रण का जो सौदरà¥à¤¯ निखरता है वो देख पाà¤à¤‚गे।अतः अà¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ कीजिये।
यहाठका à¤à¤• मà¥à¤–à¥à¤¯ आकरà¥à¤·à¤£ “आइना महल” होटल से 2 किमी दूर था.यहाठके महाराजा के इस महल में अचानक परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों की रूचि बढ़ने की à¤à¤• वजह ये थी की इसमें लगान नामक à¤à¤• सिनेमा की शूटिंग की गयी थी.अनà¥à¤¦à¤° जाके देखा तो फिलà¥à¤® के बहà¥à¤¤ सारे दृशà¥à¤¯ याद आ गये.सरà¥à¤ªà¤¾à¤•ार सीढिया चढ़ के टावर पर से à¤à¥à¤œ शहर का दृशà¥à¤¯ देखा,कà¥à¤² मिला के 2 घंटे अचà¥à¤›à¥‡ से वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ हो गये, 

आइना महल
उसके पशà¥à¤šà¥à¤¯à¤¾à¤¤ लंच आदि ले के लगà¤à¤— 2.30 पर इनोवा टैकà¥à¤¸à¥€ आ गयी। पहला पड़ाव था काला डोंगर (बà¥à¤²à¥ˆà¤• हिल)।लगà¤à¤— 90 किमी की दà¥à¤°à¥€ पर,रासà¥à¤¤à¥‡ में सलीम à¤à¤¾à¤ˆ (डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤µà¤°) से बातो बातो में पता चला की वो रिफà¥à¤¯à¥‚जी नाम की हिंदी फिलà¥à¤® में à¤à¤• à¤à¥‚मिका में काम कर चà¥à¤•े थे और लगà¤à¤— à¤à¤• वरà¥à¤· यूनिट के साथ रण का à¤à¥à¤°à¤®à¤£ कर चà¥à¤•े थे.
खैर, रासà¥à¤¤à¥‡ के मधà¥à¤¯ पहाड़ी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में à¤à¤• जगह मेगà¥à¤¨à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤• पॉइंट है,यहाà¤Â इंजन बंद करने के बाद à¤à¥€ अपने आप कार ऊपर की तरफ बढती रहती है,पà¥à¤°à¤•ृति में अदà¥à¤à¥à¤¤ चमतà¥à¤•ार à¤à¤°à¥‡ है और हम सिरà¥à¤« विसà¥à¤®à¤¯ कर पाते है समठनही पाते। लगà¤à¤— 2 घंटे की यातà¥à¤°à¤¾ के बाद काला डोंगर पहà¥à¤šà¥‡, कचà¥à¤› में ये सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• ऊंचाई (लगà¤à¤— 1500 फीट) पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है.यहाठसे समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ रण कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का दूर दूर तक विहंगम दृशà¥à¤¯ दिखाई देता है। इसके आगे पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की सीमा है अतः आम जन यही तक जा पाता है।
रण कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अगसà¥à¤¤ तक 6 से 8 इंच अरब सागर का पानी à¤à¤°à¤¾ रहता है जो सरà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में धीरे धीरे सूखता है और नमक की अतà¥à¤¯à¤¾à¤§à¤¿à¤•ता के कारण चारो तरफ सफेदी छा जाती है..यहाठसे सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ दिखता है सूखते सागर और नमक की सीमा रेखा जो मई के अंत तक पूरी तरह सूख चूका होता है.
यहाठआप रण को सिरà¥à¤« देख पाते है पर ऊंचाई पर होने के कारण हाथ नही लगा पाते। इसके लिठआपको अगले पड़ाव सफ़ेद रण कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° जाना होता है। 

काला डोंगर से रण का विहंगम दृशà¥à¤¯
यहाठसे लगà¤à¤— 50 किमी दूर की यातà¥à¤°à¤¾ है सफ़ेद रण तक की जहा गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वरà¥à¤· नवमà¥à¤¬à¤° से मारà¥à¤š तक “रणोतà¥à¤¸à¤µ” का आयोजन किया जाता है जिसे टेंट सिटी कहा जाता है । कई पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ à¤à¤œà¥‡à¤‚सी à¤à¥€ है। रासà¥à¤¤à¥‡ में à¤à¤• चेक पॉइंट पर पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• को परमिट लेना होता है (अपना आधार या कोई अनà¥à¤¯ साकà¥à¤· साथ रखे) रà¥.100 पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ शà¥à¤²à¥à¤• à¤à¥€ है।
सारी औपचारिकताये पूरी कर पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° से लगà¤à¤— à¤à¤• किमी अनà¥à¤¦à¤° उस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर पहà¥à¤šà¥‡ जो इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का मà¥à¤–à¥à¤¯ आकरà¥à¤·à¤£ à¤à¤µà¤‚ विशेषता है।
सफ़ेद रण
जैसे ही रण पहà¥à¤šà¥‡ चारो तरफ सफेदी ही सफेदी…
अदà¤à¥à¤¤
आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤œà¤¨à¤•
विसà¥à¤®à¤¯à¤•ारी
अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯
अवरà¥à¤£à¤¨à¥€à¤¯
अकलà¥à¤ªà¤¨à¥€à¤¯
शबà¥à¤¦ कम पड़ रहे थे..
चारो तरफ सिरà¥à¤« और सिरà¥à¤« नमक की सफेदी। इस जगह से दूर दूर कà¥à¤·à¤¿à¤¤à¤¿à¤œ तक सिरà¥à¤« सफ़ेद नमक।
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कà¥à¤·à¤¿à¤¤à¤¿à¤œ तक कोई à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤µà¤§à¤¾à¤¨ नही,न कोई पेड़ न कोई बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग ।सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ रूप से पृथà¥à¤µà¥€ गोल है ये दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤ किया गया है पà¥à¤°à¤•ृति दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾à¥¤
इस जगह से पकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के सिंध कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° तक फैला हà¥à¤† सà¥à¤¨à¤¸à¤¾à¤¨ निरà¥à¤œà¤¨ उजाड़ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥¤ जिसके आधे से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ हिसà¥à¤¸à¥‡ पर à¤à¤¾à¤°à¤¤ का कबà¥à¤œà¤¼à¤¾ है।
इसकी पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤¤à¤¾ विसà¥à¤®à¤¯à¤®à¥à¤—à¥à¤§ कर देती है और परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों से होने वाली आय ही इसका à¤à¤•मातà¥à¤° उपयोग है।
इसे देखने के बाद आप किसी के इसका वरà¥à¤£à¤¨ नही कर सकते। ये सिरà¥à¤« अनà¥à¤à¤µ की जा सकने वाली जगह है। यहाठआ कर सच में यही लगा जो परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ विà¤à¤¾à¤— का सूतà¥à¤° वाकà¥à¤¯ है:-
“कचà¥à¤› नही देखा तो कà¥à¤› नही देखा”
मैं à¤à¥€ यही कहूà¤à¤—ा पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• पà¥à¤°à¤•ृति पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ ने यहाठअवशà¥à¤¯ ही आना चाहिठकà¥à¤¯à¥‹à¤•ि इस गà¥à¤°à¤¹ पर à¤à¤¸à¥€ ये à¤à¤•मातà¥à¤° जगह है।


रण के फोटो
कà¥à¤› समय बाद सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ का समय हà¥à¤† और à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से आज बादल कम थे तो उमà¥à¤®à¥€à¤¦ थी की सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ खूब सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° यादे दे जाà¤à¤—ा और यही हà¥à¤† à¤à¥€à¥¤ धीरे धीरे आग का वो गोला पृथà¥à¤µà¥€ को गोद में समा रहा था और ऊपर बादलो को अपनी लालिमा से रंग रहा था।
शाम का वक़à¥à¤¤ अकà¥à¤¸à¤° उदासी का अहसास दे जाता है पर अà¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤› नही लग रहा था और चà¥à¤•ी होली का अगला ही दिन था तो अब चंदà¥à¤°à¥‹à¤¦à¤¯ का इंतज़ार था। सà¥à¤¨à¤¾ था चांदनी में यह कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° अदà¥à¤à¥à¤¤ सौदरà¥à¤¯ बिखेरता है और सच ही सà¥à¤¨à¤¾ था। जैसे ही रात 8 बजे चनà¥à¤¦à¥à¤° थोडा ऊपर आया पूरा कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° ही हलà¥à¤•ी सी नीली रौशनी में नहा उठा (ये सिरà¥à¤« अनà¥à¤à¤µ की जा सकने वाली घटना है..अवरà¥à¤£à¤¨à¥€à¤¯)
हमारे पास साधारण कैमेरा था जिसमे इस दृशà¥à¤¯ के फोटो लेना संà¤à¤µ नही था.
अंततः मन मार के हर जगह की तरह इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ को à¤à¥€ छोड़ना ही था। यही हर यायावर की नियति है। शाम को उदासी नही थी मन में पर अब मन उदास था। रात लगà¤à¤— 10 बजे होटल पहà¥à¤šà¥‡à¥¤ और थके मांदे सो गये।
कचà¥à¤› का दूसरा दिन

मांडवी बीच
यहाठसे लगà¤à¤— 60 किमी दूर मांडवी नामक जगह है जहा समà¥à¤¦à¥à¤° है। आज वही जाने का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® था। सà¥à¤¬à¤¹ यहाठका पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ नाशà¥à¤¤à¤¾ फाफडा जलेबी कर टैकà¥à¤¸à¥€ सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड से टैकà¥à¤¸à¥€ में बैठलगà¤à¤— डेढ़ घंटे की यातà¥à¤°à¤¾ के बाद मांडवी पहà¥à¤šà¥‡à¥¤ रासà¥à¤¤à¤¾ बेहद रमणीय है। छोटी छोटी पहाडियों के मधà¥à¤¯ से गà¥à¤œà¤°à¤¤à¤¾ हà¥à¤†à¥¤ और गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के रासà¥à¤¤à¥‡ किसी à¤à¥€ विकसित राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‚ को टकà¥à¤•र दे सके इतने अचà¥à¤›à¥‡ है। इसके लिठशासन पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा का पातà¥à¤° है।
मांडवी में बड़ी मछलीमार नौकाठबनाने के कारखाने देख अचमà¥à¤à¤¾ हà¥à¤†à¥¤ छोटी सी जगह में ये कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤¤à¥€à¤¤ उपकà¥à¤°à¤® है। बीच पे पहà¥à¤šà¥‡ तो रविवार के कारण सैलानियों की à¤à¥€à¤¡à¤¼ थी। वाटर सà¥à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤¸ की à¤à¤°à¤®à¤¾à¤°à¥¤ खाने के सà¥à¤Ÿà¤¾à¤²à¥¤ ऊà¤à¤Ÿ गाड़ी। बचà¥à¤šà¥‹ के à¤à¥‚ले। यानी à¤à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ बीच फरà¥à¤• इतना की कचरा पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ होने के कारण वितृषà¥à¤£à¤¾ नही हà¥à¤ˆà¥¤
बीच पर समà¥à¤¦à¥à¤° सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ ना हो तो कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ जाना?? अतः थोडा विशà¥à¤°à¤¾à¤® कर जो समà¥à¤¦à¥à¤° में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ किया तो सà¥à¤§ बà¥à¤§ à¤à¥‚ल गये। लगà¤à¤— डेढ़ दो घंटे बाद याद आया की सामान à¤à¤• सà¥à¤Ÿà¤¾à¤² वाले के à¤à¤°à¥‹à¤¸à¥‡ छोड़ आये है।फिर लहरों के थपेड़ो से थकान à¤à¥€ हो आयी थी अतः बाहर निकले और चेंजिंग रूम में कपडे आदि बदल के à¤à¥‹à¤œà¤¨ किया।
लगà¤à¤— 5 बजे मांडवी छोड़ वापस à¤à¥à¤œ लौटे। इस तरह à¤à¤• और आनंदित दिन पूरà¥à¤£ हà¥à¤†à¥¤

Sanjeev ji, indeed a very beautiful post. The picture of the sunset in Rann is amazing.
It is evident that you had a great time there. hope to visit the place someday.
Kudos!
बेहद रमणीक पोसà¥à¤Ÿ है संजीव सर, पॠकर मजा आ गया। कचà¥à¤› का रण देखा तो नहीं है किनà¥à¤¤à¥ आपकी पोसà¥à¤Ÿ पà¥à¤•र अब देखने का विचार हो आया है। à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ में होगा तो जरूर देखेंगे और आपके यातà¥à¤°à¤¾à¤µà¥ƒà¤¤à¤¾à¤‚त को à¤à¥€ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखेंगे। à¤à¤• अदà¥à¤à¥à¤¤ सफर पर ले चलने के लिठधनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦à¥¤
अरà¥à¤£
Thanks pooja ji..Happy to know that you like it…please read my other tours also
अरà¥à¤£ जी बहà¥à¤¤ बहà¥à¤¤ धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ आपने तारीफ की। à¤à¤• बार अवशà¥à¤¯ जाइà¤à¤—ा कचà¥à¤› के सफ़ेद रण में.
मेरे अनà¥à¤¯ यातà¥à¤°à¤¾ वृतà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥à¤¤ à¤à¥€ पढिये।
Sanjeev ji, thanks for explaining the place and the beauty so instrestingly and yes your travelogue gives me a new destination to head towards. So once again thanks.