काफी दिनों से मै अपनी यातà¥à¤°à¤¾à¤“ं की पोटली खोलना चाह रहा था और आज जाकर समय मिला | अपने दिलà¥à¤²à¥€ में पढ़ाई के दौरान पूरा उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ और टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग à¤à¤µà¤‚ नौकरी में दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ घूम चूका हूठऔर अà¤à¥€ पशà¥à¤šà¤¿à¤® à¤à¤¾à¤°à¤¤ में अनà¥à¤µà¥‡à¤·à¤£ कर रहा हूठ| मेरी यह यातà¥à¤°à¤¾ नवमà¥à¤¬à¤° 2010 माह में कोयमà¥à¤¬à¤Ÿà¥‚र में टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग के दौरान दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के हनीमून सà¥à¤ªà¥‰à¤Ÿ “मà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤°” की है |
हम चार दोसà¥à¤¤ गौरव सचान, सौरठपौल, सौरठसिंह(चैमà¥à¤ª) और मै सà¤à¥€ टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग के बिजी कà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥‡à¤¸ से परेशान हो गये थे और सबको इंतज़ार था वीकेंड के आने का | शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को रात १२ बजे अचानक पौल सबको अपने रूम में बà¥à¤²à¤¾à¤¤à¤¾ है और चलो चलो जलà¥à¤¦à¥€ तैयार हो जाओ सब लोग बस सारी पà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¿à¤‚ग हो चà¥à¤•ी है | हम सबने à¤à¤• साथ पूछा अरे जाना कहाठहै उसने आधे घंटे में बस है छूट गई तो पà¥à¤°à¥‰à¤¬à¥à¤²à¤® हो जाà¤à¤—ी | सचान हमेशा à¤à¤¡à¤µà¥‡à¤‚चर के मूड में रहता है उसने तà¥à¤°à¤‚त हाठकर दी और पैकिंग करने चला गया | मै और चैमà¥à¤ª अà¤à¥€ ढेर सारे पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के साथ खड़े थे और शायद सोच रहे थी की कौन सा पूछे | इससे पहले हम कà¥à¤› बोलते पौल ने कहा à¤à¤¸à¥‡ ही चलोगे कà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤® दोनों ? चलो बढ़िया है मेरा सामान पैक कराओ |
हम जानते थे की अब मà¥à¤¶à¥à¤•िल है पौल को मनाना | मैंने कहा ठीक है कमीने अगर कोई दिकà¥à¤•त हà¥à¤ˆ तो तू ही पिटेगा | चैमà¥à¤ª पढाकू था और हमेशा उसके पढ़ने के पà¥à¤²à¤¾à¤¨ बने रहते हैं | उसको समà¤à¤¾à¤¨à¤¾ मà¥à¤¶à¥à¤•िल था किसी तरह दोसà¥à¤¤ का वासà¥à¤¤à¤¾ देकर समà¤à¤¾à¤¯à¤¾ हमने | आधे घंटे के अंदर अपना अपना बैग लेकर हम बस सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर थे | किसी से कà¥à¤› खाया à¤à¥€ नही था | बस सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर मà¥à¤¶à¥à¤•िल से चार-पांच बसें ही थी | हमने पूछ ताछ पर पता किया तो मà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤° की बस सà¥à¤¬à¤¹ पांच बजे की है | हमने जैसे ही सà¥à¤¨à¤¾ और पीछे तो देखा पौल à¤à¤¾à¤— रहा था हम तीनों मिलकर दौड़ा लिठऔर वहीठगिरा कर मारा उसको | सचान ने कà¥à¤› उपाधियों से नवाजा उसको | आखिरकार हमने निरà¥à¤£à¤¯ लिया की वहीठइंतज़ार किया किया जाठ| वहीठठेले पर हमने à¤à¤—-डोसा खाकर रात गà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ और सà¥à¤¬à¤¹ ही नितà¥à¤¯ करà¥à¤® से निवृत होकर अपनी मà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤° की बस में जाकर बैठगठ|
सà¥à¤¬à¤¹ à¤à¤• अजीब सी उमंग और ऊरà¥à¤œà¤¾ के साथ हम सà¤à¥€ यातà¥à¤°à¤¾ के लिठतैयार थे | पौल ने ढेर सारी खाने की चीजे खरीद कर बैग में रख ली | बस पांच बजे की बजाय छ बजे वहाठसे चली और à¤à¤• दूसरे की खिचाई करते हà¥à¤ हम यातà¥à¤°à¤¾ के मजे ले रहे थे | बस अतà¥à¤¯à¤‚त धीमी गति से चलती हà¥à¤ˆ आठघंटे में मà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤° पहà¥à¤à¤šà¥€ |
पà¥à¤°à¤•ृति की मोहकता में सà¤à¥€ पीड़ा लà¥à¤ªà¥à¤¤ हो जाती है
मà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤° के पहले ही दृशà¥à¤¯ ने हम सबको मोहित कर लिया |
मà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤° नीलगिरी की गोद में बसा पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾ हिल सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ है | नीले पहाड़ों से घिरे इस रमणीय सà¥à¤¥à¤² में चाय की वादियाठलà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¥€ और आनà¥à¤¦à¤¿à¤¤ कर देने वाली थी |
शाम के समय हमने à¤à¤• होटल बà¥à¤• किया और वहीठपर रà¥à¤•े | रात को हम सà¤à¥€ à¤à¤• अनजानी गली की तरफ निकल पड़े और ये पौल का ही पà¥à¤²à¤¾à¤¨ था की हमें à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤²à¥‹à¤° करना चाहिठ| जब लौटने की बारी आई तो किसी को आईडिया नही था की किधर जाना है | हम सà¤à¥€ परेशान हो उठे सबका मन कर रहा था की पौल की कà¥à¤Ÿà¤¾à¤ˆ की जाये | काफी परेशान होने के बाद हम होटल का नाम पूछते पूछते होटल पहà¥à¤šà¥‡à¤‚ |
सà¥à¤¬à¤¹ उठकर हमने गाडी बà¥à¤• की और निकल पड़े वादियों की सैर में | चाय के बागान और दूर तक फैले नीले पहाड़ों की शà¥à¤°à¥ƒà¤–ला ने पलकें à¤à¤ªà¤•ाने तक à¤à¥€ समय नही दिया |
पहाड़ों के बीच से निकली यह टहनी के नीचे सीधा हजारों फीट की खाई है |
देखकर लगता है कैसे बनाया है कà¥à¤¦à¤°à¤¤ ने इतना सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ |
पूरे रासà¥à¤¤à¥‡ में बस यही पेड़ था जिस पर मधà¥à¤®à¤•à¥à¤–ियों ने अपना घर बना रखा था |
शांत जलाशय के किनारे बैठसब कà¥à¤› à¤à¥‚ल जाता है मानव | लगता है पà¥à¤°à¤•ृति कह रही है वापस आओ रहो मेरी गोद में, कहाठतà¥à¤® वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ की उलà¤à¤¨à¥‹à¤‚ में जीवन वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ कर रहे हो |
धीरे धीरे डूबने लगा सूरज घाटियों में और पल पल नठमनोरम दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की बाढ़ सी आ गई |
यातà¥à¤°à¤¾ अपनी समापà¥à¤¤à¤¿ की ओर बढती है | शाम को हमने खरीददारी की, ढेर सारे चोकलेट खरीदे और डिनर करके रवानगी की तैयारी हà¥à¤ˆ | हमारी यातà¥à¤°à¤¾ मौज मसà¥à¤¤à¥€ à¤à¤°à¥€ रही हमने खूब मौज मसà¥à¤¤à¥€ की और उसी रात की बस पकड़कर वापस कोइमबतà¥à¤° आ गठ| इस यातà¥à¤°à¤¾ को २ साल हो गठलेकिन आज याद करने बैठा तो सब कà¥à¤› आखों के सामने से तैर गया | फिलहाल अà¤à¥€ चैमà¥à¤ª IIM B और पौल IIT R से MBA और सचान IBM में और मै जॉब कर रहे हैं |
शिवम,
सिर्फ आप ही नहीं, हमें भी सौरभ को धन्यवाद देना चाहिए क्योंकि उसके ही initiative के चलते हम भी इस खूबसूरत यात्रा का लुत्फ़ उठा सके. यात्रा जितनी रोचक है, वृतांत उतना ही मनभावन.
घुमक्कड़ पर आपका हार्दिक स्वागत है
नमस्कार शिवम।
घुमक्कड़ी के हिंदी लेखक के रूप में आपका स्वागत है. अत्यंत रोचक पोस्ट के लिए धन्यवाद। मनोहारी दृश्यों के चित्र पोस्ट को पूर्णता देते हैं.
विनोद जी और मुनेश जी उत्साह वर्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद |
Welcome aboard Shivam.
I believe Munnar deserved a longer stay but such is the charm of young-days that one can spend the night at the Bus Station and still be able to return the next evening.
More details about the place would have further helped. The photos look heavenly.
Hope to read more from you and your friends. Wishes.
nice post,great pics.
Hello Shivam.
Nice Post. Pictures are saying everything. Beautiful Pics.
Thanks for sharing.
Welcome to Ghumakkar Shivam. Very nice description about Munnar and I can relate it very well of my 2012 visit.
Hi Shivam,
Welcome Aboard!
Great debut post and equally pretty photos. You have a great writing style.
Looking forward to more travel tales from the potla!
Welcome aboard Shivam. Interesting write up and pics. Keep writing on ghumakkar.
Very very thanks to all of you. Very happy to see such a warm welcome for a new member. Mukesh, Upesh, Nirdesh, Nandan, Alok aap sabhi logon ko utsaah badhaane ke liye dhanywaad. Aap logon ke comments ne mujhe aur likhne ki prerana jga di hai.
श्रीराम…..
नमस्ते मुन्न्यार यात्रा का वर्णन और फोटो खुबसुरत है .घर बैठे यात्रा करा दि गई.
मै आपे समान घुमक्कड हु . जिओ यारो जी भरके ..
धन्यवाद
मुकुंद कुलकर्णी धुलिया महाराष्ट्र से
Lovely i love it
Lovely i love it.