आज सà¥à¤¬à¤¹ हम आराम से उठे यहाठसे लंच के बाद निकलने का पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® था। आप लोगों को à¤à¤• बताना à¤à¥‚ल गया की जिस दिन हम लेह पहà¥à¤‚चे थे तो राहà¥à¤² ने बताया की वो अपना मोबाइल कहीं à¤à¥‚ल गया है। उसे पकà¥à¤•ा यकीन था की मोबाइल “पैंग” मे ही छूटा था जहाठहमने बिना सोठरात बिताई थी। इसी वजह से हम लोग लेह-मनाली रूट से ही वापस जाने वाले थे। हम लोग फà¥à¤°à¥‡à¤¶ होने के बाद बाज़ार की ओर चल दिà¤à¥¤ मैंने अपनी 2 साल की बेटी के लिठà¤à¤• जैकेट ली। दà¥à¤•ान à¤à¤• कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ यà¥à¤µà¤• की थी और राहà¥à¤² à¤à¥€ कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ है तो अचà¥à¤›à¤¾ मोल-à¤à¤¾à¤µ कर लिया था। अपनी पतà¥à¤¨à¥€ और बहन के लिठनेचà¥à¤°à¤² सà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨ की अंगूठी ली। सबने कà¥à¤› न कà¥à¤› लिया। हरी ने तो खà¥à¤•री (चाकू जैसा होता है) ली। ये चीजें हमने à¤à¤• पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ मे लगी हà¥à¤ˆ दà¥à¤•ानों से ली थी। पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ का नाम याद नहीं आ रहा है। इन लोगों ने यहाठà¤à¥€ फोटो सेशन कर डाला।
यहीं पर हमने नाशà¥à¤¤à¤¾ किया। अब करने को कà¥à¤› नहीं था और अà¤à¥€ 11 बज रहे थे। लंच करने मे अà¤à¥€ देरी थी। हम लोगों ने लेह से निकलने मे ही ठीक समà¤à¤¾à¥¤ अà¤à¥€ हमे “थिकसे” monastary à¤à¥€ जाना था। जलà¥à¤¦à¥€ ही हम monastary पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤ ये बहà¥à¤¤ ऊà¤à¤šà¤¾à¤ˆ पर बनी हà¥à¤ˆ थी। मैंने सोच लिया था कि अगर सीडियाठचà¥à¤¨à¥€ होंगी तो मै नहीं जाऊà¤à¤—ा।

“थिकसे” monastery, इतनी ऊपर पैदल चà¥à¤¨à¥‡ की हिमà¥à¤®à¤¤ नहीं थी।
राह चलते पूछने पर पता चला कि गाड़ी ऊपर तक जाती है वहीं पर पारà¥à¤•िंग की जगह है। पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करते ही à¤à¤• दà¥à¤•ान थी। जहाठकपड़े और chinese आइटमà¥à¤¸ बिक रही थी। सोचा पहले monastary घूम लें फिर इस दà¥à¤•ान में घà¥à¤¸à¥‡à¤‚गे। अंदर बहà¥à¤¤ ही शांति थी और बहà¥à¤¤ ही सकारातà¥à¤®à¤• माहौल था।
यहाठजà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¥€à¥œ-à¤à¤¾à¥œ नहीं थी पर लोगों का आना जाना लगातार लगा हà¥à¤† था। टूरिसà¥à¤Ÿ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ तो यहाठलोकल लोग दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठआ रहे थे। यहाठपूजा लगातार चल रही थी।
यहाठपर दो पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤à¤ थी। à¤à¤• मे बà¥à¤¦à¥à¤§ मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ शांत मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ मे और दूसरी मे गà¥à¤¸à¥à¤¸à¥‡ वाली मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ मे। दोनों ही पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤à¤ देखते ही बनती थी।
ये जगह बहà¥à¤¤ खूबसूरत थी। हमे यहाठबने हर ककà¥à¤· मे गà¤à¥¤ यहाठà¤à¤• संगà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ जैसी जगह à¤à¥€ थी। इसके अंदर बहà¥à¤¤ सी मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ और बहà¥à¤¤ ही सà¥à¤‚दर नकà¥à¤•ाशी की हà¥à¤ˆ थी। मेरे पास कà¥à¤› फोटो है आप à¤à¥€ देख लीजिà¤à¥¤
यहाठपर हमने करीब 2 घंटे बिताà¤à¥¤ कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि पà¥à¤²à¤¾à¤¨ के हिसाब से हम रà¥à¤®à¥à¤¤à¥à¤¸à¥‡ (Rumtse) मे रà¥à¤•ने वाले थे इसीलिठकोई जलà¥à¤¦à¥€-बाजी नहीं थी। आखिर मे हम monastary की छत पर जा पहà¥à¤à¤šà¥‡à¥¤ छत पर बहà¥à¤¤ तेज़ हवा चल रही थी और नीचे का नज़ारा तो देखते ही बनता था। मन करता था की कà¥à¤› दिन इसी जगह पर ही रà¥à¤• जाऊà¤à¥¤ हवा मे à¤à¤• खà¥à¤¶à¤¬à¥‚ सी थी जो मन को मोह लेती थी।
मà¥à¤à¥‡ सà¥à¤²à¤¿à¤ª डिसà¥à¤• है ऊपर से लदà¥à¤¦à¤¾à¤– का टà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥¤ मà¥à¤à¥‡ कमर दरà¥à¤¦ शà¥à¤°à¥‚ हो गया था तà¤à¥€ देखा की यहाठपर à¤à¤• औषधालय है। मे अंदर गया ओर अपनी दिकà¥à¤•त बताई। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ समà¤à¤¨à¥‡ मे थोडा टाइम लगा मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¸à¤¾ लगा कहीं गलत दवाई ना दें। तà¤à¥€ वहां पर à¤à¤• बाà¤à¤¦à¤¾ आया उसने डॉकà¥à¤Ÿà¤° साहब को समà¤à¤¾à¤¯à¤¾à¥¤ तब जाकर उसने मà¥à¤à¥‡ कà¥à¤› गोलियाठदी।
यहाठसे अब हम अगले पड़ाव की ओर निकल पड़े। रासà¥à¤¤à¥‡ मे अब परेशानी कम हो रही थी कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि जिस रासà¥à¤¤à¥‡ से आठथे उसी से वापस जा रहे थे। अब जगह जानी पहचानी सी लग रही थी। अचà¥à¤›à¥€ धà¥à¤ª निकली हà¥à¤ˆ थी शाम होने मे अà¤à¥€ टाइम था। रासà¥à¤¤à¥‡ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कारà¥à¤¯ चल रहा था। रासà¥à¤¤à¥‡ मे बहà¥à¤¤ से चरवाहे अपनी à¤à¥‡à¥œà¥‹ को हाक रहे थे। ये सब à¤à¥‡à¥œ वही थी जिनसे पशà¥à¤®à¥€à¤¨à¤¾ शाल बनती है। इनके बाल à¤à¤• दम मà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤®, हलके और लमà¥à¤¬à¥‡ थे। यहाठके लोग जान बूठकर इस नसà¥à¤² को पालते होंगे ताकि आमदनी अचà¥à¤›à¥€ हो। और ये à¤à¥€ हो सकता है की लदà¥à¤¦à¤¾à¤– मे सिरà¥à¤« ये ही नसà¥à¤² जिंदा रह पाती हो। ये सिरà¥à¤« मेरा अंदाजा है असलियत मà¥à¤à¥‡ नहीं मालूम।
लेकिन आगे चलने पर मौसम à¤à¤•ा-à¤à¤• खराब हो गया। à¤à¤¸ लगा कहीं बारिश ना हो जाà¤à¥¤ बारिश से सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ खतरा था। पर à¤à¤¸ कà¥à¤› नहीं हà¥à¤† पर धूप अब गायब हो गयी थी। आराम से चलते-चलते हम रà¥à¤®à¥à¤¤à¥à¤¸à¥‡(Rumtse) पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤ ये à¤à¤• छोटा सा कसà¥à¤¬à¤¾ है। यहाठपर सड़क के दोनों ओर 3-4 दà¥à¤•ाने हैं। आज की रात हमे यहीं गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¨à¥€ थी। शायद शाम के 5 बजे थे। अà¤à¤§à¥‡à¤°à¤¾ होने मे अà¤à¥€ टाइम था। हम लोग और आगे जा सकते थे पर आगे बहà¥à¤¤ दूर तक कà¥à¤› नहीं था। अगर हम अà¤à¤§à¥‡à¤°à¥‡ मे à¤à¥€ चलते तो à¤à¥€ हम “पैंग” तक ही पहà¥à¤à¤š पाते। दूध का जला छाच à¤à¥€ फूक-फूक कर पीता है इसीलिठ“पैंग” पर रात गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¨à¥‡ का तो कोई मतलब ही नहीं था। लेह से चलते वक़à¥à¤¤ ही तय किया था की आज रात रà¥à¤®à¥à¤¤à¥à¤¸à¥‡ ही रà¥à¤•ना है। गाड़ी को सड़क किनारे लगा दिया। सब लोग उतर कर à¤à¤• दà¥à¤•ान के बाहर जा बैठे। चाय-बिसà¥à¤•à¥à¤Ÿ मà¤à¤—वाया। बातों-बातों मे रात के रहने, खाने के इंतज़ाम का à¤à¥€ पता कर लिया गया।
चाय पीते ही मेरा पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° बन गया। दà¥à¤•ान वाले ने बताया की पीछे ही नदी है वहाठजा सकते हो। फिर बोल इतनी दूर कहाठजाओगे, दà¥à¤•ान के बगल से ऊपर सीडी चॠकर टॉयलेट है वहीं चले जाओ। लेकिन मैंने पहला विकलà¥à¤ª चà¥à¤¨à¤¾à¥¤ खà¥à¤²à¥‡ मे मज़ा ही कà¥à¤› और आता है। बाकी तीनों यहाठà¤à¥€ फोटो सेशन पर चल दिà¤à¥¤ यहाठपर लोगों के खेत थे और पशॠà¤à¥€ पाले हà¥à¤ थे।
अब अà¤à¤§à¥‡à¤°à¤¾ होने लगा था सब लोग लौट कर दà¥à¤•ान के पास आ गà¤à¥¤ इसी दà¥à¤•ान मे हमने चार बिसà¥à¤¤à¤° ले लिà¤à¥¤ अंकल तो अपने चलते-फिरते बिसà¥à¤¤à¤° मे ही सोना था। टाइम पास करने के लिठ2 मैगी बनवाई गई। कà¥à¤› देर के बाद वहाठà¤à¤• फिरंगी आया, हमने उससे वारà¥à¤¤à¤¾à¤²à¤¾à¤µ शà¥à¤°à¥‚ कर दिया। पूछने पर पता चला की वो इजराइल(Israel) का रहने वाला है। अपने à¤à¤¾à¤ˆ के साथ India घूमने आया है। हमने उससे बहà¥à¤¤ सारी बाते की जैसे यहाठके लोग, समाज, रहन-सहन, खाना-पीना, राजनीती इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿à¥¤ वो à¤à¥€ यहीं रà¥à¤•ना चाहता था पर à¤à¤• à¤à¥€ बिसà¥à¤¤à¤° खाली नहीं था। वो बाहर चला गया रात को सोने का जà¥à¤—ाड़ करने के लिà¤à¥¤ तà¤à¥€ हमारी वाली दà¥à¤•ान मे 2-3 लोकल लोग आà¤à¥¤ वो दà¥à¤•ानदार को जानते थे और हमारे साथ ही अंदर बैठगà¤à¥¤ इन लोगों से à¤à¥€ अपनी बातचीत शà¥à¤°à¥‚ हो गई। इनमे से à¤à¤• लेह की फà¥à¤Ÿà¤¬à¥‰à¤² टीम का पूरà¥à¤µ कपà¥à¤¤à¤¾à¤¨ रह चà¥à¤•ा था। à¤à¤• à¤à¤•à¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚ट होने के बाद अब वो सà¥à¤•ूल मे बचà¥à¤šà¥‹ को फà¥à¤Ÿà¤¬à¥‰à¤² सिखाता था। दूसरा वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ यहाठसरकारी सà¥à¤•ूल मे टीचर था। दोनों हो बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥‡ सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µ के थे। जलà¥à¤¦à¥€ ही हम लोगो से घà¥à¤²-मिल गठथे। तà¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दà¥à¤•ानदार से बियर माà¤à¤—ी। उसने निकाल कर उनको पकड़ा दी। मैं कà¥à¤› देर चà¥à¤ª रहा पर मà¥à¤à¤¸à¥‡ रहा नहीं गया और मैंने टीचर से पà¥à¤›à¤¾ ये सब à¤à¥€ मिलता है कà¥à¤¯à¤¾ यहाठपर? वो फट से बोला जो चाहिठवो मिलेगा हà¥à¤•à¥à¤® करो। उसको ये जवाब सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ ही मैंने अपने बनà¥à¤¦à¥‹à¤‚ की तरफ देखा, उनके चहरे पर खà¥à¤¶à¥€ फूट-फूट के नज़र आने लगी थी। मैंने दà¥à¤•ानदार से रम के लिठपà¥à¤›à¤¾ उसने कहा बहà¥à¤¤ है जितनी बोलो उतनी मिल जाà¤à¤—ी। à¤à¤• पेग 35 रà¥à¤ªà¤ का था इस वीरान जगह पर इतना ससà¥à¤¤à¤¾ पेग मिल गया और कà¥à¤¯à¤¾ चाहिठथा। हम सब इस काम मे तन-मन-धन सब लेकर जà¥à¤Ÿ गà¤à¥¤ यहाठपर बातचीत का सिलसिला शà¥à¤°à¥‚ हो गया काफी शोर मच रहा था। माहौल रंगीन हो चूका था। टीचर और कोच तो गाने लगे थे। तà¤à¥€ वहाठइसरायली आया उसने à¤à¥€ à¤à¤• बियर मारी और हमारे साथ à¤à¤¨à¥à¤œà¥‰à¤¯ करने लगा। फà¥à¤Ÿà¤¬à¥‰à¤² कोच ने अब अपने मोबाइल पर लदà¥à¤¦à¤¾à¤–ी गाने चला दिठथे। गाने के बोल का मतलब वो हमे हिंदी मे बता रहा था।
कोच ने मेरा हाथ खींचा और डांस करने को कहा। मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ कोई संकोच नहीं हà¥à¤† और मे उसके साथ डांस करने लगा। सब लोग बहà¥à¤¤ à¤à¤¨à¥à¤œà¥‰à¤¯ कर रहे थे। मैंने और लोगों को खींचा और हम सब मिलकर डांस करने लगे।
इसरायली à¤à¥€ बहà¥à¤¤ मजे से हम लोगों को देख रहा था और गाने की धà¥à¤¨ मे à¤à¥‚म रहा था। कोच ने उसका हाथ खीचा लेकिन उसने संकोच किया। कोच ने बोल “डोंट वारी आइ विल टीच यू” और इसरायली तैयार हो गया। बहà¥à¤¤ ही अचà¥à¤›à¤¾ डांस किया था उसने कोच की ताल मे ताल मिला कर। आप लोग à¤à¥€ देख लो।
हम लोगों को साथ मे 3 घंटे हो गठथे। शायद ये सिलसिला जारी रहता तà¤à¥€ दà¥à¤•ानदार की बीवी बोली खाना बन गया है खा लो वरना ठंडा हो जाà¤à¤—ा। मैं सोने जा रही हूठबाद मे कौन गरà¥à¤® करेगा। राहà¥à¤² ने कहा ये सही बोल रही है अब डिनर कर ही लेते हैं। सबने à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ को अलविदा किया। कोच और टीचर ने क़à¥à¤¬à¥‚ल किया की जिंदगी की आज तक उनको इतना मज़ा नहीं आया था जो आज आया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने गले मिलकर हमे धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ दिया और फिर से मिलेंगे ये बोल कर अलविदा कर दिया। हम à¤à¥€ खाकर सो गà¤à¥¤
























वाह, उस्ताद, वाह ! यूं के मज़ा आ गया आपकी मस्ती भरी यात्रा और इस रात्रि के पड़ाव के बारे में देख – पढ़ कर !
धन्यवाद सुशांत जी।
बहुत ही खूबसूरत विवरण चल रहा है
आपकी लेखनी में एक अप्नाइयत है।
शुक्रिया
सुक्रिया स्टोन जी।
आपको लेख पसंद आया अपना काम पूरा हो गया।
Very colourful post :-)
You guys really enjoyed your trip.
Thanks for your comments Mahesh…
So nicely composed and such beautiful pictures. Just loved it. Important thing is pictures inside the monasteries, they allowed. In Himachal, Spiti, they did not allowed that in Tabo, Kye or Dhankar Monasteries normally.
Thanks a lot for sharing.
Regards
Anupam Mazumdar
Thanks Anupam.
I saw a board somewhere “Photography Not Allowed”, but we really didn’t cared. Usually we keep on click till the time someone in person come to us and tell not to click. This is the standard practice we follow. :-)
There are places where camera is not allowed into the premises then we are helpless.
Maan gaye ustaad! your writing touched my heart.
Thanks Gaurav.
You narration makes this hard-travel look like a easy picnic :-). There is always a greater fun when things happen unplanned like the party you guys had in the evening.
I am now heading towards NorthEast tomorrow morning.Thank you Anoop for sharing this with us. Also keep adding things like tariff etc, as appropriate.
Thanks Nandan and All the Best for you forthcoming journey.
yaade taaja kar di dost………….. Hope it was the best & wonderful evening during the trip. really a memorable trip. Great………..